NCERT Class 11 History Chapter 6 मूल निवासियों का विस्थापन

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NCERT Class 11 History Chapter 6 मूल निवासियों का विस्थापन

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Chapter – 6

विश्व इतिहास के कुछ विषय

अनुभाग तीन – बदलती परंपराएँ

अभ्यास

संक्षेप में उत्तर दीजिए:

1. दक्षिणी और उत्तरी अमरीका के मूल निवासियों के बीच के फ़र्कों से संबंधित किसी भी बिन्दु पर टिप्पणी करिए।

उत्तर: दक्षिणी अमेरिका के मूल निवासी अधिकतर संगठित साम्राज्यों, जैसे इंका और माया, का हिस्सा थे, वहां के मूल निवासियों की कृषि आधारित सभ्यताएँ विकसित हुईं, मक्का की फसल प्रमुख उपज थी और वे जानवरों का शिकार करते थे वे मछलियाँ भी पकड़ते थे। जबकि उत्तर में शिकारी-संग्राहक परंपराएँ अधिक प्रचलित थीं। उन्होंने कभी बड़े पैमाने पर खेती करने का प्रयास नहीं किया और न ही अनाज का भंडारण किया। वे मुख्य रूप से जंगली जानवरों, जैसे भैंस आदि, की सवारी करते थे और उनका शिकार करते थे।

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2. आप उन्नीसवीं सदी के संयुक्त राज्य अमरीका में अंग्रेज़ी के उपयोग के अतिरिक्त अंग्रेज़ों के आर्थिक और सामाजिक जीवन की कौन-सी विशेषताएँ देखते हैं?

उत्तर: उन्नीसवीं शताब्दी का संयुक्त राज्य अमेरिका एक लघु इंग्लैंड की तरह प्रतीत होता था। वर्ष 1763 में, अंग्रेज़ों ने कनाडा पर भी अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। वे व्यापार, रेलवे निर्माण, और कृषि के विस्तार में सक्रिय थे। साथ ही, सामाजिक रूप से वे अपने विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के प्रयास में थे, जबकि अमेरिकी समाज बहुसांस्कृतिक हो रहा था। उनका रहन-सहन और खान-पान के स्तर पर दोनों देशों में काफी समानता देखी जा सकती थी। मदिरा का सेवन भी यहाँ के निवासियों द्वारा इंग्लैंड की तरह समान रूप से किया जाता था। संयुक्त राज्य अमेरिका में भी ईसाई धर्म का वर्चस्व था, जहाँ ईसाई अनुयायी रोमन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट जैसे दो वर्गों में विभाजित थे। संयुक्त राज्य अमरीका व अंग्रेज़ों की अर्थव्यवस्था पूर्णतः एक जैसी थी। दोनों देशों में पूँजीवादी अर्थव्यवस्था आज भी विद्यमान है। अंग्रेज़ों द्वारा शुरू की गई अंग्रेज़ी भाषा आज भी संयुक्त राज्य अमरीका की राजभाषा है, हालांकि, इंग्लैंड की अंग्रेज़ी और संयुक्त राज्य अमेरिका की अंग्रेज़ी भाषा में कुछ अंतर पाए जाते हैं। इसी कारण, यहाँ के निवासियों और अंग्रेज़ी को एक ही सिक्के के दो पहलू माना जा सकता है।

3. अमरीकियों के लिए ‘फ्रंटियर’ के क्या मायने थे?

उत्तर: ‘फ्रंटियर’ अमेरिकी विस्तारवाद और नई भूमि पर बसने की अवधारणा को दर्शाता था। यह न केवल भौगोलिक सीमा थी, बल्कि एक विचार भी था, जो अमेरिकी आत्मनिर्भरता और अवसरों के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। उसने दक्षिण में फ्रांस, रूस और लुइसियाना से अलास्का का क्रय किया तो इस तरफ मैक्सिको से युद्ध करके उसके विशाल भू-भाग पर अपना आधिपत्य स्थापित किया। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमरीका का अधिकांश दक्षिणी भाग मैक्सिको से जबरन हथियाया गया है। यह ध्यान देने योग्य है कि क्रय-विक्रय के दौरान क्रेता या विक्रेता स्थानीय निवासियों की राय लेना आवश्यक नहीं समझते थे। यही कारण था कि संयुक्त राज्य अमेरिका की पश्चिमी सीमा (फ्रंटियर) के विस्तार के साथ-साथ वहाँ के स्थानीय सरहदवासी पीछे हटने के लिए विवश होते गए।

4. इतिहास की किताबों में ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को शामिल क्यों नहीं किया गया था?

उत्तर: इतिहास की पारंपरिक किताबों में ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को इसलिए शामिल नहीं किया गया था क्योंकि उन्हें नजरअंदाज किया गया। यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने उन्हें ‘सभ्य’ समाजों का हिस्सा नहीं माना। औपनिवेशिक इतिहास में केवल यूरोपीय विजयों और बस्तियों पर ध्यान दिया गया, जिससे मूल निवासियों की कहानियाँ हाशिए पर चली गईं।

संक्षेप में निबंध लिखिए

5. लोगों की संस्कृति को समझाने में संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित चीज़ें कितनी कामयाब रहती हैं? किसी संग्रहालय को देखने के अपने अनुभव के आधार पर सोदाहरण विचार करिए।

उत्तर: किसी देश के संग्रहालय की गैलरी में प्रदर्शित वस्तुओं को देखकर हम उसकी सभ्यता और संस्कृति के साथ-साथ वहाँ के निवासियों के रीति-रिवाज, खान-पान और वेश-भूषा को आसानी से समझ सकते हैं। कभी-कभी वे केवल विजेता पक्ष का दृष्टिकोण दर्शाती हैं और हाशिए पर पड़े समुदायों की वास्तविकता को कम महत्व देती हैं। धार्मिक जीवन के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन प्रदर्शित चीजों से यह स्पष्ट है कि हड़प्पा सभ्यता के लोगों की शिल्प तथा उद्योग संबंधी प्रतिभा उच्च-कोटि की थी। यह स्पष्ट होता है कि वे चाक की सहायता से मिट्टी के सुंदर और कलात्मक बर्तन बनाते थे, जिन्हें लाल और काले रंगों से सजाया जाता था। संग्रहालय में प्रदर्शित छोटी-बड़ी तकलियाँ और फूलदार रंगीन वस्त्रों के टुकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि वस्त्र-निर्माण इस सभ्यता का एक महत्वपूर्ण व्यवसाय था।

6. कैलिफ़ोर्निया में चार लोगों के बीच 1880 में हुई किसी मुलाकात की कल्पना करिए। ये चार लोग हैं: एक अफ़्रीकी गुलाम, एक चीनी मज़दूर, गोल्ड रश के चक्कर में आया हुआ एक जर्मन और होपी कबीले का एक मूल निवासी। उनकी बातचीत का वर्णन करिए।

उत्तर: कैलिफ़्रीर्निया में 1880 में एक अफ्रीकी गुलाम, एक चीनी मज़दूर, एक जर्मन गोल्ड रश प्रवासी और एक होपी कबीले का मूल निवासी मिले। उनकी बातचीत अमेरिकी समाज में नस्लीय असमानता, श्रम शोषण, और भूमि के अधिकारों पर केंद्रित हो सकती थी। चीनी मजदूर रेल निर्माण में भेदभाव का सामना कर रहा था, अफ्रीकी गुलाम स्वतंत्रता के बाद भी सामाजिक असमानता से जूझ रहा था, जर्मन प्रवासी नया जीवन बसाने के लिए संघर्ष कर रहा था, और मूल निवासी अपनी भूमि पर अधिकार खोने की पीड़ा झेल रहा था।

INTEX QUESTIONS

1. यूरोपीय लोगों और अमरीकी मूल निवासियों के मन में एक-दूसरे की जो छवि थी तथा प्रकृति को देखने के जो उनके अलग-अलग तरीके थे, उन पर विचार करें।

उत्तर: यूरोपीय लोगों और अमरीकी मूल निवासियों की एक-दूसरे के प्रति धारणा और प्रकृति के प्रति उनके दृष्टिकोण में गहरा अंतर था। जब यूरोपीय पहली बार अमरीका पहुंचे, तो उन्होंने वहां की स्थानीय जनजातियों को असभ्य और पिछड़ा समझा। वे उन्हें अपने धर्म और रीति-रिवाजों में ढालने की कोशिश करने लगे। दूसरी ओर, अमरीकी मूल निवासी यूरोपीय लोगों को लालची और आक्रामक मानते थे, क्योंकि वे उनकी भूमि पर कब्जा करने लगे थे और उनके प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर रहे थे।

प्रकृति को देखने के उनके तरीके भी पूरी तरह अलग थे। यूरोपीय लोग प्रकृति को एक संसाधन के रूप में देखते थे, जिसका उपयोग वे अपनी आर्थिक और औद्योगिक प्रगति के लिए करना चाहते थे। वे वनों की कटाई, खनन और बड़े पैमाने पर कृषि को बढ़ावा देने लगे। इसके विपरीत, अमरीकी मूल निवासी प्रकृति को पवित्र मानते थे और उसके साथ संतुलन बनाकर जीते थे। वे प्राकृतिक संसाधनों का केवल उतना ही उपयोग करते थे, जितना उनकी आवश्यकता होती थी, और भूमि को अपनी माता की तरह पूजनीय मानते थे।

इस विचारधारा के टकराव के कारण संघर्ष उत्पन्न हुआ, जिसने मूल निवासियों की संस्कृति, जीवनशैली और अस्तित्व पर गंभीर प्रभाव डाला। यूरोपीय विस्तारवाद ने न केवल उनके समाज को कमजोर किया बल्कि उनकी परंपराओं और प्राकृतिक संसाधनों को भी नुकसान पहुंचाया। यह ऐतिहासिक घटनाक्रम हमें आधुनिक समय में पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विविधता के महत्व को समझने की सीख देता है।

2. 1911 में यह घोषणा हुई कि नयी दिल्ली और कैनबरा को क्रमशः ब्रिटिश भारत और ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रमण्डल की राजधानी बनाया जाएगा। उस समय में इन देशों के मूल निवासियों की राजनीतिक स्थितियों की तुलना कीजिए और उसकी विषमता को रेखांकित कीजिए।

उत्तर: 1911 में, जब नई दिल्ली और कैनबरा को नई राजधानियाँ घोषित किया गया, तब ब्रिटिश भारत और ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों की राजनीतिक स्थिति में गहरी असमानता थी। भारत में मूल निवासी (भारतीय जनता) औपनिवेशिक शासन के अधीन थे और स्वशासन के अधिकारों से वंचित थे, हालांकि राष्ट्रीय आंदोलन धीरे-धीरे तेज हो रहा था। दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया में ब्रिटिश बसने वालों को राजनीतिक अधिकार प्राप्त थे, लेकिन वहाँ के मूल निवासी एबोरिजिनल्स को नागरिक अधिकारों से पूरी तरह वंचित रखा गया था। इस प्रकार, जबकि भारतीय स्वशासन की माँग कर रहे थे, ऑस्ट्रेलियाई मूल निवासी अपने अस्तित्व और पहचान के लिए संघर्ष कर रहे थे, जिससे दोनों की राजनीतिक स्थितियों में गहरी विषमता स्पष्ट होती है।

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