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NCERT Class 11 History Chapter 5 बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ
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बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ
Chapter – 5
विश्व इतिहास के कुछ विषय
अनुभाग तीन – बदलती परंपराएँ
अभ्यास
संक्षेप में उत्तर दीजिए:
1. चौदहवीं और पंद्रहवीं शताब्दियों में यूनानी और रोमन संस्कृति के किन तत्वों को पुनर्जीवित किया गया?
उत्तर: चौदहवीं और पंद्रहवीं शताब्दियों में यूनानी और रोमन संस्कृति के धार्मिक, साहित्यिक और कलात्मक तत्वों का पुनर्जागरण हुआ। नवीन कला शैली का जन्म हुआ। वास्तु कला एवं साहित्य का विकास हुआ। साहित्यकारों तथा कलाकारों को स्वतंत्र रूप से अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला। शेक्सपियर और दांते जैसे साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में ईश्वर के स्थान पर मानव को केंद्र में रखा। वहीं, रफेल और माइकल एंजेलो द्वारा निर्मित चित्रों का प्रमुख आधार भी मानव थे।
2. इस काल की इटली की वास्तुकला और इस्लामी वास्तुकला की विशिष्टताओं की तुलना कीजिए?
उत्तर: (i) इटली की पुनर्जागरण वास्तुकला: यह ग्रीक और रोमन शैली से प्रभावित थी। इसमें संतुलन, अनुपात और समरूपता पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसे फ्लोरेंस के डुओमो और लियोन बटिस्टा अलबर्टी के कार्यों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
(ii) इस्लामी वास्तुकला: इसमें जटिल ज्यामितीय डिज़ाइनों, मेहराबों, गुंबदों और इस्लामी कैलीग्राफी का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता था। इसकी शैली अधिक अलंकरण प्रधान थी और इसका केंद्र बिंदु आध्यात्मिकता था। तुर्की, ईरान और भारत में इस्लामी वास्तुकला के कई शानदार उदाहरण मिलते हैं।
3. मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों में क्यों हुआ?
उत्तर: मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों में इसलिए हुआ क्योंकि वहाँ की सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियाँ इसके लिए अनुकूल थीं। इटली के शहर-राज्य, जैसे फ्लोरेंस, वेनिस और मिलान, व्यापार और वाणिज्य के केंद्र थे। इस संपन्नता ने कला, साहित्य और शिक्षा को बढ़ावा दिया। इसके अलावा, रूम तथा यूनानी विद्वानों ने कई क्लासिक ग्रंथ लिखे थे। परंतु शिक्षा के प्रसार के अभाव में इन ग्रंथों को पढ़ना संभव नहीं था। इन्हीं ग्रंथों तथा इन पर लिखी गई टिप्पणियों ने इटली के लोगों को मानवतावादी विचारों से परिचित करवाया।
4. वेनिस और समकालीन फ्रांस में ‘अच्छी सरकार’ के विचारों की तुलना कीजिए?
उत्तर: इटली में 13वीं सदी में स्वतन्त्र नगर-राज्यों के समूह बन गए थे। इन महत्त्वपूर्ण नगरों में फ्लोरेन्स और वेनिस भी थे। ये विचार एक गणराज्य प्रणाली पर आधारित था, जहाँ व्यापारिक और कुलीन वर्ग के लोगों की भागीदारी थी। नगर के समृद्ध व्यापारी और महाजन नगर प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभाते थे। इसके परिणामस्वरूप लोगों में नागरिकता की भावना विकसित होने लगी थी। इसके विपरीत, फ्रांस में नगर राज्य तो थे किन्तु वहाँ निरंकुश शासन तन्त्र का बोलबाला था। शासक अधिकारी और लॉर्ड राजनीतिक रूप से अत्यंत शक्तिशाली थे, जिससे नागरिकों का शोषण आम बात थी। इसी कारण फ्रांस के नगर-राज्यों को क्रांति का सामना करना पड़ा।
संक्षेप में निबंध लिखिए |
5. मानवतावादी विचारों के क्या अभिलक्षण थे?
उत्तर: मानवतावादी विचारों के प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित थे:
(i) व्यक्तिवाद: हर व्यक्ति की स्वतंत्र सोच और उसकी क्षमताओं पर जोर।
(ii) धर्मनिरपेक्षता: धर्म से स्वतंत्र होकर विज्ञान और तर्क पर बल।
(iii) प्राचीन ग्रंथों का पुनरुद्धार: ग्रीक और रोमन साहित्य एवं दर्शन का अध्ययन।
(iv) प्राकृतिक विज्ञान का विकास: वैज्ञानिक चिंतन और अवलोकन को बढ़ावा।
(v) कला और साहित्य में नवाचार: मानव केंद्रित कला और यथार्थवादी चित्रण।
6. सत्रहवीं शताब्दी के यूरोपियों को विश्व किस प्रकार भिन्न लगा? उसका एक सुचिंतित विवरण दीजिए।
उत्तर: सत्रहवीं शताब्दी में आए सांस्कृतिक परिवर्तन में रोमन और यूनानी शास्त्रीय सभ्यता का ही केवल योगदान नहीं था। पुनर्जागरण ने प्रत्येक तथ्य को तर्क की कसौटी पर कसने की जिस अवधारणा को उत्पन्न किया उसके परिणामस्वरूप विज्ञान के क्षेत्र में विशेष रूप से प्रगति हुई। इसके अतिरिक्त रोमन संस्कृति के पुरातात्विक और साहित्यिक पुनरुद्धार के द्वारा भी इस सभ्यता के प्रति बहुत अधिक प्रशंसा के भाव व्यक्त किए गए। इससे यूरोप के लोगों को अन्य महाद्वीपों की भौगोलिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विविधताओं की जानकारी मिली। वैज्ञानिक क्रांति के कारण ब्रह्मांड और प्रकृति को समझने के नए दृष्टिकोण विकसित हुए। इस समय तक यूरोप में उपनिवेशवाद की नींव पड़ चुकी थी, जिससे व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में वृद्धि हुई।
INTEX QUESTIONS |
1. सोलहवीं शताब्दी ई. के इटली के कलाकारों की कृतियों के विभिन्न वैज्ञानिक तत्वों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सोलहवीं शताब्दी में इटली के कई पुनर्जागरण कलाकार अपनी कला में यथार्थवाद हासिल करना चाहते थे, इसके लिए उन्होंने कई वैज्ञानिक तत्वों का इस्तेमाल किया।
(i) कई कलाकारों ने अपनी कला में अधिक यथार्थवादी होने के लिए ज्यामिति का उपयोग किया और गणितीय परिप्रेक्ष्य अपनाया, जिससे चित्रों में गहराई आई। उन्होंने अपने काम को तीन आयामी रूप में चित्रित करने के लिए ज्यामिति का उपयोग किया।
(ii) मानव शरीर और हड्डियों के बारे में सर्वोत्तम जानकारी प्राप्त करने के लिए कई कलाकार मानव स्वायत्तता का अध्ययन करने हेतु मेडिकल स्कूल गए। शव विच्छेदन के अध्ययन से कलाकारों ने यथार्थवादी आकृतियाँ बनाईं। माइकल एंजेलो की “डेविड” और लियोनार्डो की “विट्रुवियन मैन” प्रमुख उदाहरण हैं।
2. महिलाओं की आकांक्षाओं के संदर्भ में एक महिला (फेदेले) और एक पुरुष (कास्टिल्योनी) द्वारा अभिव्यक्त भावों की तुलना कीजिए? उन लोगों की सोच में क्या महिलाओं का एक निर्दिष्ट वर्ग ही था?
उत्तर: महिलाओं की आकांक्षाओं के संदर्भ में फेदेले और कास्टिल्योनी के विचारों की तुलना है–
फेदेले | कास्टिल्योनी |
फेदेले महिलाओं की शिक्षा की समर्थक थीं और मानती थीं कि महिलाओं को बौद्धिक विकास के समान अवसर मिलने चाहिए। | कास्टिल्योनी ने अपनी कृति “द बुक ऑफ द कोर्टियर” में महिलाओं की भूमिका को पारंपरिक रूप में प्रस्तुत किया। |
उन्होंने महिलाओं की शिक्षा को केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए नहीं, बल्कि समाज में उनकी सार्थक भूमिका के लिए आवश्यक बताया। | उन्होंने महिलाओं को सौम्यता, सुंदरता और शिष्टता का प्रतीक माना, जबकि बौद्धिक चर्चाओं में उनकी भूमिका सीमित रखी। |
फेदेले मुख्यतः उच्च वर्ग की महिलाओं की शिक्षा की बात करती थीं, जबकि कास्टिल्योनी महिलाओं को कुलीन समाज में मर्यादित और आकर्षक व्यक्तित्व तक सीमित रखते थे। इस प्रकार, उनके विचारों में सामान्य वर्ग की महिलाओं की आकांक्षाएँ शामिल नहीं थीं।
3. वे कौन से मुद्दे थे जिनको लेकर प्रोटेस्टेंट धर्म के अनुयायी कैथलिक चर्च की आलोचना करते थे?
उत्तर: प्रोटेस्टेंट अनुयायियों ने कैथलिक चर्च की पापमुक्ति पत्रों की बिक्री, धनलोलुपता, लैटिन में बाइबिल की बाध्यता और आडंबरपूर्ण अनुष्ठानों की आलोचना की। वे सादगी, स्थानीय भाषाओं में धर्मग्रंथों और ईश्वर से सीधा संबंध बनाने पर जोर देते थे। परन्तु पाप के परिणाम नष्ट नहीं होते, उन परिणामों को दूर करने के लिए मनुष्य को तपस्या करनी पड़ती है या दण्ड भोगना पड़ता है।

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