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NCERT Class 11 History Chapter 4 तीन वर्ग
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तीन वर्ग
Chapter – 4
विश्व इतिहास के कुछ विषय
अनुभाग तीन – बदलती परंपराएँ
अभ्यास
संक्षेप में उत्तर दीजिए:
1. फ्रांस के प्रारंभिक सामंती समाज के दो लक्षणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: फ्रांस के प्रारंभिक सामंती समाज के दो लक्षण हैं –
(i) संसार में सर्वप्रथम सामंतवाद का उदय फ्रांस में हुआ। किसान अपने खेतों पर श्रम करते थे और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सैनिक सुरक्षा भी प्रदान करनी होती थी।
(ii) फ्रांस में सामंतवाद प्रचलित था, जहां कृषक न केवल अपने खेतों में बल्कि सामंत के खेतों में भी कार्य करते थे। कृषक लॉर्ड को श्रम सेवा प्रदान करते थे और बदले में वे उन्हें सैनिक सुरक्षा देते थे।
2. जनसंख्या के स्तर में होने वाले लंबी अवधि के परिवर्तनों ने किस प्रकार यूरोप की अर्थव्यवस्था और समाज को प्रभावित किया?
उत्तर: कृषि में विस्तार के साथ ही उससे संबद्ध तीन क्षेत्रों जनसंख्या, व्यापार और नगरों का विस्तार हुआ। यूरोप की जनसंख्या जो 1000 में लगभग 420 लाख थी बढ़कर 1200 में लगभग 620 लाख और 1300 में 730 लाख हो गई। बेहतर आहार का अर्थ लंबी जीवन अवधि था। तेरहवीं सदी तक एक औसत यूरोपीय आठवीं सदी की तुलना में दस वर्ष अधिक जी सकता था। पुरुषों की तुलना में स्त्रियों और बालिकाओं की जीवन अवधि छोटी होती थी क्योंकि पुरुष बेहतर भोजन करते थे। ग्यारहवीं सदी में कृषि के विस्तार से जनसंख्या में वृद्धि हुई, जिससे नगरों का भी विकास होने लगा। नगरों में हाट-बाजार और वाणिज्य केंद्र स्थापित हुए, जिससे अर्थव्यवस्था गतिशील बनी। लोग नगरों में बसने लगे, और समय के साथ पश्चिम एशिया के साथ व्यापारिक मार्ग भी विकसित हो गए।
3. नाइट एक अलग वर्ग क्यों बने और उनका पतन कब हुआ?
उत्तर: नाइट एक अलग वर्ग इसलिए बने क्योंकि नौवीं शताब्दी यूरोप में स्थानीय युद्धों का काल था। इन युद्धों के लिए कुशल घुड़सवारों की आवश्यकता थी। इस आवश्यकता को नाइटों ने पूरा किया। और उनका पतन 12 वीं शताब्दी में सामंतवाद के पतन के साथ हो गया। विलियम प्रथम ने भूमि नपवाई, उसके नक्शे बनवाए और उसे अपने साथ आए 180 नॉरमन अभिजातों में बाँट दिए। यही लॉर्ड, राजा के प्रमुख काश्तकार बन गए थे जिनसे वह सैन्य सहायता की उम्मीद करता था। वे राजा को कुछ नाइट देने के लिए बाध्य थे। शीघ्र ही वे नाइटों को कुछ भूमि उपहार में देने लगे जिनसे वे उसी प्रकार सेवा की आशा रखते थे जैसी वे राजा की करते थे। किंतु वे नाइटों का अपने निजी युद्धों के लिए उपयोग नहीं कर सकते थे क्योंकि इस पर इंग्लैंड में प्रतिबंध था। एंग्लो-सैक्सन कृषक विभिन्न स्तरों के भू-स्वामियों के काश्तकार बन गए।
यूरोप में नौवीं सदी के दौरान युद्ध अधिकतर होते रहते थे। शौकिया कृषक सैनिक इस युद्ध के लिए पर्याप्त नहीं थे और कुशल अश्वसेना की आवश्यकता थी। इसने एक नए वर्ग को उत्पन्न किया जिसे नाइट कहा जाता था। वे लार्ड से उस प्रकार संबद्ध थे जैसे लार्ड राजा से संबद्ध था। लार्ड नाइट को जमीन देता था तथा उसकी सुरक्षा का वचन देता था। उसके बदले में नाइट अपने लार्ड को एक निश्चित धनराशि देता था और युद्ध में उसकी तरफ से लड़ने का वचन देता था। बारहवीं सदी के शुरुआती वर्षों में नाइट समूह का पतन हो गया।
4. मध्यकालीन मठों का क्या कार्य था?
उत्तर: मठों का मुख्य कार्य विभिन्न स्थानों पर धर्म का प्रचार-प्रसार करना था। वहाँ अध्ययन के साथ-साथ अन्य कलाएँ भी सिखाई जाती थीं। आबेस हिल्डेगार्ड एक प्रतिभाशाली संगीतज्ञ था, जिसने चर्च की प्रार्थनाओं में सामुदायिक गायन की परंपरा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
संक्षेप में निबंध लिखिए |
5. मध्यकालीन फ्रांस के नगर में एक शिल्पकार के एक दिन के जीवन की कल्पना कीजिए और इसका वर्णन कीजिए।
उत्तर: मध्यकाल में फ्रांस के कारीगर अपने काम में बहुत कुशल थे। वे अपनी-अपनी श्रेणी के सदस्य थे। वे एक निश्चित मानक के अनुसार वस्तुओं का उत्पादन करते थे, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे। वे अपने साथी सदस्यों की सामाजिक एवं आर्थिक आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखते थे।
6. फ्रांस के सर्फ़ और रोम के दास के जीवन की दशा की तुलना कीजिए।
उत्तर: फ्रांसीसी सर्फ़ों और रोमन दासों के जीवन में शोषण प्रमुख था, लेकिन उनकी जीवन शैली में कुछ अंतर थे।
रोमन समाज में तीन प्रमुख वर्ग थे, जिनमें सबसे निचला वर्ग दासों का था। उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्वतंत्रता के किसी भी अधिकार से पूर्णतः वंचित रखा गया था। उन्हें सामाजिक न्याय तक पहुंच नहीं थी। रोमन दासों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था। वे जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं से भी वंचित थे, लेकिन समय के साथ उच्च वर्ग द्वारा उनके प्रति कुछ सहानुभूति दिखाई गई। साथ ही गुलामी का सबसे बुरा प्रभाव वहां के समाज पर पड़ा। रोमन समाज में दासों को लेकर अक्सर झगड़े होते रहते थे। कई बार मनोरंजन के लिए इन्हें जंगली जानवरों के सामने डाल दिया जाता था। गुलामों की हालत बद से बदतर थी।
फ्रांस में भूदास दास किसान थे और यह किसानों का सबसे निचला वर्ग था। समाज में इनकी संख्या बहुत थी। उन पर कई तरह के प्रतिबंध थे, उदाहरण के लिए, उन्हें अपने मालिकों से खेती के लिए भूमि की उपज का एक निश्चित हिस्सा देना पड़ता था। सर्फ़ों को बिना किसी पैसे के अपने जमींदारों के खेतों पर काम करना पड़ता था। दासों से बिना मजदूरी दिए घर बनवाए जाते थे, लकड़ी कटवाई जाती थी और पानी भरने जैसे घरेलू कार्य करवाए जाते थे। यदि वे स्वतंत्र होने का प्रयास करते, तो उन्हें पकड़कर कठोर दंड दिया जाता। इस प्रकार, रोमन दासों और फ्रांस के सर्फ़ों की जीवनशैली में कोई विशेष अंतर नहीं था। दोनों का जीवन अत्यंत कठिन था, मानो वे जानवरों की तरह जीवन व्यतीत कर रहे हों।
INTEX QUESTIONS |
1. विभिन्न मानकों; जैसे – व्यवसाय, भाषा, धन और शिक्षा पर आधारित श्रेणीबद्ध सामाजिक ढाँचे की चर्चा कीजिए। मध्यकालीन फ्रांस की तुलना मेसोपोटामिया और रोमन साम्राज्य से करें।
उत्तर: मध्यकालीन फ्रांस, मेसोपोटामिया और रोमन साम्राज्य में सामाजिक संरचना व्यवसाय, भाषा, धन और शिक्षा जैसे विभिन्न मानकों पर आधारित थी, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी थे। मध्यकालीन फ्रांस में सामंती व्यवस्था का वर्चस्व था, जबकि मेसोपोटामिया और रोमन साम्राज्य की सामाजिक संरचना भिन्न रूप में संगठित थी।

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