NCERT Class 11 History Chapter 3 यायावर साम्राज्य

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NCERT Class 11 History Chapter 3 यायावर साम्राज्य

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Chapter – 3

विश्व इतिहास के कुछ विषय

अनुभाग दो – साम्राज्य

अभ्यास

संक्षेप में उत्तर दीजिए:

1. मंगोलों के लिए व्यापार क्यों इतना महत्त्वपूर्ण था?

उत्तर: स्टेपी क्षेत्रों में संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण, मंगोल और मध्य-एशियाई यायावर व्यापार एवं वस्तु-विनिमय के लिए अपने पड़ोसी चीनवासियों पर निर्भर रहते थे। यह व्यवस्था दोनों पक्षों के लिए लाभकारी थी। यायावर कबीलेवासी खेती से प्राप्त उत्पादों और लोहे के उपकरणों को चीन से लाते थे और घोड़े, फ़र (यह एक प्रकार की रेज़ या खाल है जो पशुओं के शरीर को ढकती है) व स्टेपी (यह एक प्रकार की घास का मैदान है जो मुख्य रूप से शुष्क, समतल क्षेत्रों में पाया जाता है) में पकड़े गए शिकार का विनिमय करते थे। उन्हें वाणिज्यिक क्रियाकलापों में काफी तनाव का सामना करना पड़ता था। इसका मुख्य कारण यह था कि दोनों पक्ष अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करना चाहते थे। स्टेपी प्रदेशों में अत्यधिक ठंडे या गर्म जलवायु के कारण कृषि केवल कुछ ही ऋतुओं में संभव थी। हालांकि, सुदूर पश्चिम के तुर्कों के विपरीत, मंगोलों ने कृषि कार्य नहीं किया। परिणामस्वरूप, खाद्य उत्पादों और लोहे के उपकरणों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्हें चीन पर निर्भर रहना पड़ा। इस प्रकार, एक पशुपालक और आखेटक समाज के लिए व्यापार अनिवार्य था, क्योंकि इसके बिना उनका जीवनयापन संभव नहीं था।

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2. चंगेज़ खान ने यह क्यों अनुभव किया कि मंगोल कबीलों को नवीन सामाजिक और सैनिक इकाइयों में विभक्त करने की आवश्यकता है?

उत्तर: चंगेज़ खान ने यह अनुभव इसलिए किया कि मंगोलों और अन्य अनेक घुमक्कड़ समाजों में प्रत्येक जवान सदस्य हथियारबंद होते थे। यह इसीलिए आवश्यक था क्योंकि स्टेपी क्षेत्र में कई मंगोल कबीले रहते थे। विभिन्न मंगोल जनजातियों के एकीकरण और उसके पश्चात विभिन्न लोगों के खिलाफ अभियानों से चंगेज़ खान की सेना में नए सदस्य शामिल हुए। इस प्रकार उसकी सेना जोकि अपेक्षाकृत छोटी और अविभेदित समूह थी, वह अविश्वसनीय रूप से एक विशाल विषमजातीय संगठन में परिवर्तित हो गई। इसमें उसकी सत्ता को अपनी इच्छा से स्वीकार करने वाले तुर्कीमूल के उड्गुर समुदाय के लोग शामिल थे। केराइटों द्वारा पराजित शत्रुओं को भी महासंघ में शामिल कर लिया गया था। इसके साथ ही उसने स्टेपी क्षेत्र की पारंपरिक सामाजिक व्यवस्था में भी बदलाव किया और विभिन्न वंशों एवं कुलों को एकीकृत कर उन्हें एक नई पहचान दी। चंगेज़ खान ने मंगोलियाई कबीलों को नई सामाजिक और सैन्य इकाइयों में विभाजित किया। इसका मुख्य कारण यह था कि उसे आशंका थी कि यदि ये सभी कबीले संगठित हो गए, तो वे उसकी सत्ता को चुनौती देकर अपने-अपने स्वतंत्र साम्राज्य स्थापित कर सकते हैं।

3. यास के बारे में परवर्ती मंगोलों का चिंतन किस तरह चंगेज़ खान की स्मृति के साथ जुड़े हुए उनके तनावपूर्ण संबंधों को उजागर करता है?

उत्तर: परवर्ती मंगोलों ने “यास” (चंगेज़ खान द्वारा प्रतिपादित कानूनों) को सत्ता और शासन के वैध आधार के रूप में देखा। हालाँकि, चंगेज़ खान के वंशजों में सत्ता के लिए संघर्ष किया, और इस दौरान “यास” की व्याख्या अलग-अलग ढंग से की गई। कुछ शासकों ने इसे कठोरता से लागू किया, जबकि अन्य ने इसे अपनी जरूरतों के अनुसार बदला। 1221 में बुखारा पर विजय प्राप्त करने के बाद चंगेज़ खान ने वहाँ के अमीर मुसलमान निवासियों को ‘उत्सव मैदान’ में एकत्रित कर उनकी भर्त्सना की। उसने उनको पापी कहा और चेतावनी दी कि इन पापों के प्रायश्चितस्वरूप उनको अपना छिपा हुआ धन उसे देना पड़ेगा। यह वर्णन करने योग्य एक नाटकीय घटना थी जिसको लोगों ने लंबे समय तक याद रखा और उस पर चित्र बनाए। इस प्रकार, “यास” चंगेज़ खान की स्मृति से जुड़ा एक विवादास्पद विषय बन गया, क्योंकि इससे उनके उत्तराधिकारियों के बीच तनावपूर्ण संबंध उजागर होते हैं।

4. यदि इतिहास नगरों में रहने वाले साहित्यकारों के लिखित विवरणों पर निर्भर करता है तो यायावर समाजों के बारे में हमेशा प्रतिकूल विचार ही रखे जाएँगे। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्या आप इसका कारण बताएँगे कि फ़ारसी इतिवृत्तकारों ने मंगोल अभियानों में मारे गए लोगों की इतनी बढ़ा-चढ़ा कर संख्या क्यों बताई है?

उत्तर: हाँ मैं इस कथन से सहमत हुँ क्योंकि यह अधिकांश ऐतिहासिक विवरण स्थायी समाजों के लेखकों द्वारा लिखे गए हैं, जो यायावर समाजों को अराजक, हिंसक और विध्वंसकारी के रूप में चित्रित करते हैं। इन साहित्यकारों ने यायावरों के समाज सम्बन्धी जो सूचनाएँ प्रस्तुत की हैं, वे पक्षपातपूर्ण और विभिन्न दोषों से परिपूर्ण हैं। 

फ़ारसी इतिहासकारों ने मंगोल अभियान में मारे गए लोगों की संख्या निम्नलिखित कारणों से–

(i) इतिहासकारों की सोच मंगोलों के प्रति गलत थी। वह उन्हें लुटेरे और हत्यारों के रूप में ही देखते थे।

(ii) मारे गए लोगों की संख्या केवल अनुमान पर आधारित थी। उदाहरण के लिए, इल्खान साम्राज्य के फ़ारसी इतिवृत्तकार जुबैनी के अनुसार, मर्व में 13,00,000 लोगों का वध हुआ। उसने इस संख्या का अनुमान इस आधार पर लगाया कि तेरह दिनों तक प्रतिदिन 1,00,000 शवों की गिनती की गई।

संक्षेप में निबंध लिखिए

5. मंगोल और वेदोइन समाज की यायावरी विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए, यह बताइए कि आपके विचार में किस तरह उनके ऐतिहासिक अनुभव एक दूसरे से भिन्न थे? इन भिन्नताओं से जुड़े कारणों को समझाने के लिए आप क्या स्पष्टीकरण देंगे?

उत्तर: मंगोल और वेदोइन (अरब बेडुइन) समाज दोनों ही यायावर जीवनशैली अपनाते थे, लेकिन उनके ऐतिहासिक अनुभव अलग थे। मंगोलों ने एक विशाल साम्राज्य का निर्माण किया, जो उनकी सैन्य शक्ति, संगठन और प्रशासनिक क्षमता पर आधारित था। दूसरी ओर, वेदोइन समाज छोटे-छोटे जनजातीय समूहों में संगठित रहा और अधिकतर व्यापार और सीमित संघर्षों में संलग्न रहा। इन भिन्नताओं का मुख्य कारण भूगोल, जलवायु और संसाधनों की उपलब्धता थी – मंगोलों को अपनी जीवनशैली बनाए रखने के लिए आक्रामक विस्तार करना पड़ा, जबकि वेदोइन समाज मरुस्थलीय क्षेत्रों में आपसी संघर्षों तक सीमित रहा।

6. तेरहवीं शताब्दी के मध्य में मंगोलिया द्वारा निर्मित ‘पैक्स मंगोलिका’ का निम्नलिखित विवरण उसके चरित्र को किस तरह उजागर करता है?

एक फ्रेन्सिसकन भिक्ष, रूनुक निवासी विलियम को फ्रांस के सम्राट लुई IX ने राजदूत बनाकर महान खान माँके के दरबार में भेजा। वह 1254 में मौके की राजधानी कराकोरम पहुंचा और वहाँ वह लोरेन, फ्रांस को एक महिला पकेट (Paquette) के संपर्क में आया जिसे हंगरी से लाया गया था। यह महिला राजकुमार की पत्नियों में से एक पत्नी की सेवा में नियुक्त थी जो नेस्टोरियन ईसाई थी। वह दरबार में एक फ़ारसी जौहरी ग्वीयोम् दूशेर के संपर्क में आया, ‘जिसका भाई पेरिस के ग्रेड पोन्ट’ में रहता था। इस व्यक्ति को सर्वप्रथम रानी सोरगकतानी ने और उसके उपरांत मोंके के छोटे भाई ने अपने पास नौकरी में रखा। विलियम ने यह देखा कि विशाल दरबारी उत्सवों में सर्वप्रथम नेस्टोरिन पुजारियों को उनके चिह्नों के साथ तथा इसके उपरांत मुसलमान बौद्ध और ताओं पुजारियों का महान खान को आशीर्वाद देने के लिए आमंत्रित किया जाता था।

उत्तर: ‘पैक्स मंगोलिका’ (Pax Mongolica) मंगोल साम्राज्य द्वारा तेरहवीं और चौदहवीं शताब्दी के दौरान स्थापित शांति और स्थिरता की अवधि को संदर्भित करता है, जिसने विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और व्यापारियों के बीच संपर्क को सुगम बनाया।

उपरोक्त विवरण से निम्नलिखित विशेषताएँ उजागर होती हैं:

(i) सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता – मंगोल शासन के अंतर्गत विभिन्न धर्मों को सह-अस्तित्व की अनुमति थी। इसका प्रमाण यह है कि नेस्टोरियन ईसाई, मुसलमान, बौद्ध और ताओ पुजारियों को समान रूप से दरबार में बुलाया जाता था।

(ii) व्यापार और वाणिज्य का विस्तार – फ़ारसी जौहरी ग्वीयोम् दूशेर और उसके भाई का पेरिस से संबंध यह दर्शाता है कि मंगोल शासन के अंतर्गत व्यापारिक मार्ग सुरक्षित और विस्तृत थे।

(iii) साम्राज्य के भीतर लोगों की आवाजाही – एक फ्रांसीसी महिला (पकेट) का हंगरी से लाया जाना और मंगोल दरबार में कार्यरत होना यह दिखाता है कि मंगोल साम्राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को एक-दूसरे के साथ घुलने-मिलने का अवसर मिला।

(iv) राजनयिक संबंधों का विकास – फ्रांस के राजा लुई IX द्वारा विलियम को राजदूत के रूप में भेजना यह दर्शाता है कि यूरोपीय शक्तियाँ मंगोल साम्राज्य के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करने की इच्छुक थीं।

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