NCERT Class 11 History Chapter 2 तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य

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NCERT Class 11 History Chapter 2 तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य

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Chapter – 2

विश्व इतिहास के कुछ विषय

अनुभाग दो – साम्राज्य

अभ्यास

संक्षेप में उत्तर दीजिए:

1. यदि आप रोम साम्राज्य में रहे होते तो कहाँ रहना पसंद करते नगरों में या ग्रामीण क्षेत्र में? कारण बताइये।

उत्तर: यदि मैं रोम साम्राज्य में रह रहा होता तो नगरों में रहना अधिक पसंद करता क्योंकि रोम में कार्थेज, सिकंदरिया, एंटिऑक आदि नगरों में लोगों को जीवन ग्रामीण इलाकों में जीवन अपेक्षाकृत सरल था, लेकिन कृषि पर निर्भर था, और वहाँ सामाजिक सुविधाएँ कम थीं। रोम के बड़े जमींदारों के पास विशाल फार्म होते थे, जहाँ दासों और मजदूरों के सहारे कृषि कार्य किया जाता था। इस प्रकार, यह मेरी प्राथमिकताओं पर निर्भर करता कि मैं रोम के नगर क्षेत्र में रहता या ग्रामीण क्षेत्र में।

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2. इस अध्याय में उल्लिखित कुछ छोटे शहरों, बड़े नगरों, समुद्रों और प्रांतों की सूची बनाइये और उन्हें नक़्शों पर खोजने की कोशिश कीजिए। क्या आप अपने द्वारा बनाई गई सूची में संकलित किन्हीं तीन विषयों के बारे में कुछ कह सकते हैं?

उत्तर: कुछ छोटे शहर, बड़े नगर, समुद्र और प्रांतों की सूची–

छोटे शहरबड़े नगरसमुद्रप्रांतों
विन्डोनिस्सारोमभूमध्य सागरगॉल
ऑस्टियाकार्थेजकाला सागरब्रिटानिया
अलेक्ज़ान्ड्रियाएशिया माइनर

तीन विषयों के बारे में:

(i) रोम: यह रोमन साम्राज्य की राजधानी थी, जहाँ कोलोसियम, विशाल महल और बाजार थे।

(ii) कार्थेज: यह उत्तरी अफ्रीका में स्थित एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था, जिसे रोम ने नष्ट कर पुनर्निर्मित किया था।

(iii) गॉल: आधुनिक फ्रांस का एक हिस्सा, जहाँ रोमन संस्कृति और स्थानीय गॉल जनजातियों के बीच मिश्रण हुआ।

3. कल्पना कीजिए कि आप रोम की एक गृहिणी हैं जो घर की ज़रूरत की वस्तुओं की खरीदारी की सूची बना रही हैं। अपनी सूची में आप कौन सी वस्तुएँ शामिल करेंगी?

उत्तर: अगर मैं एक रोमन गृहिणी होती तो घर के लिए खरीदारी की सूची में बेड शीट, कुशन, रसोई के उपकरण, रोमन पेंटिंग, पर्दे, पौधे, गेहूं, जौ, फल (अंगूर, अंजीर), सब्जियाँ (गोभी, प्याज), मांस, मछली, जैतून का तेल, दालें, मसाले, शराब (वाइन), मिट्टी/धातु के बर्तन, लकड़ी/कोयला, दीपक, कपड़े (ट्यूनिका, स्टोला), इत्र, साबुन, स्नान स्पंज, शेविंग/संवारने के उपकरण, मोम की पट्टियाँ (लेखन के लिए), सैंडल, गुलामों के लिए कपड़े और भोजन (यदि आवश्यक) आदि।

4. आपको क्या लगता है कि रोमन सरकार ने चाँदी में मुद्रा को ढालना क्यों बंद किया होगा और वह सिक्कों के उत्पादन के लिए कौन-सी धातु का उपयोग करने लगे?

उत्तर: परवर्ती साम्राज्य में प्रथम तीन शताब्दियों से प्रचलित चाँदी-आधारित मौद्रिक प्रणाली समाप्त हो गई क्योंकि स्पेन को खानों से चाँदी मिलनी बंद हो गयी थी, और सरकार के पास चाँदी की मुद्रा के प्रचलन के लिए पर्याप्त चाँदी नहीं रह गई थी। रोमन सरकार सिक्कों के उत्पादन के लिए चांदी के स्थान पर सोने का उपयोग करने लगे।

संक्षेप में निबंध लिखिए

5. अगर सम्राट त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने में वास्तव में सफल रहे होते और रोमवासियों का इस देश पर अनेक सदियों तक कब्ज़ा रहा होता, तो क्या आप सोचते हैं कि भारत वर्तमान समय के देश से किस प्रकार भिन्न होता?

उत्तर: यदि सम्राट त्राजान भारत पर विजय प्राप्त करने में सफल हो जाता और रोमवासियों का इस भूमि पर कई सदियों तक शासन रहता, तो भारत का स्वरूप आज के भारत से बिल्कुल भिन्न होता। वह भारत वैसा होता जैसा ब्रिटिश शासनकाल में था। रोम के निवासी एक गुलाम देश के समान व्यवहार करते और भारत के संसाधनों का दोहन करते। भारतीयों को किसी प्रकार का अधिकार प्रदान नहीं किया जाता उन्हें अपमानजनक दशाओं में जीवन व्यतीत करना पड़ता। उल्लेखनीय है कि उस काल में रोम से सोना भारत आता था, जिससे भारत एक समृद्ध देश था। यदि भारत रोमवासियों के अधीन हो जाता, तो यह संभवतः प्रभावित होता, और देश के विभिन्न क्षेत्रों में विकास बाधित हो सकता था।

6. अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसमें से रोमन समाज और अर्थव्यवस्था को आपकी दृष्टि में आधुनिक दर्शाने वाले आधारभूत अभिलक्षण चुनिए।

उत्तर: रोमन समाज की अपेक्षाकृत आधुनिक विशेषताओं में एक प्रमुख विशेषता यह थी कि उस समय समाज में एकल परिवार का प्रचलन व्यापक रूप से देखा जाता था। वयस्क पुत्र अपने पिता के परिवार में नहीं रहता था। वयस्क भाई भी ज्यादातर अलग ही रहते थे। दूसरी तरफ दासों को परिवार में सम्मिलित किया जाता था।

INTEX QUESTION

1. रोमन साम्राज्य के राजनीतिक इतिहास में कौन तीन मुख्य ‘खिलाड़ी’ थे? प्रत्येक के बारे में एक-दो पंक्तियाँ लिखिए। रोमन सम्राट अपने इतने बड़े साम्राज्य पर शासन कैसे कर लेता था? इसके लिए किसका सहयोग महत्त्वपूर्ण था?

उत्तर: रोमन साम्राज्य के राजनीतिक इतिहास में तीन मुख्य खिलाड़ी जूलियस सीज़र, ऑगस्टस और मार्कस ऑरेलियस थे। 

(i) जूलियस सीज़र: जूलियस सीज़र एक रोमन जनरल और राजनेता थे, जिन्होंने रोमन गणराज्य के पतन और साम्राज्य के उदय में अहम भूमिका निभाई। गॉल की विजय और गृह युद्ध में पोम्पी पर जीत के बाद वे आजीवन तानाशाह बने। उन्होंने प्रशासनिक सुधारों के साथ जूलियन कैलेंडर लागू किया, लेकिन सत्ता केंद्रीकरण के कारण 44 ई.सा. पूर्व में उनकी हत्या कर दी गई।

(ii) ऑगस्टस: ऑगस्टस जी को पहले ऑक्टेवियन के नाम से जाना जाता था, वे रोमन साम्राज्य का पहला सम्राट और उसका संस्थापक थे। जूलियस सीज़र के दत्तक पुत्र के रूप में, उन्होंने गृह युद्ध में विजय प्राप्त कर सत्ता स्थापित की। उन्होंने प्रशासन, अर्थव्यवस्था और सेना में सुधार किए, जिससे “पैक्स रोमाना” नामक शांति और समृद्धि का युग शुरू हुआ। ऑगस्टस जी ने रोम के पुनर्निर्माण और भव्य स्मारकों के निर्माण को बढ़ावा दिया, जिससे उनकी विरासत भविष्य के सम्राटों के लिए मिसाल बनी।

(iii) मार्कस ऑरेलियस: मार्कस ऑरेलियस (161-180 ई.) रोमन सम्राट और स्टोइक दार्शनिक थे, जिन्हें उनके दार्शनिक लेखन और चुनौतीपूर्ण शासनकाल के लिए जाना जाता है। उन्होंने जर्मनिक जनजातियों के आक्रमणों और पूर्वी सीमा पर संघर्षों का सामना किया। उनकी प्रसिद्ध कृति “ध्यान” नैतिकता, आत्म-अनुशासन और सद्गुण पर उनके विचारों को दर्शाती है। उनका शासन पैक्स रोमाना के अंत और साम्राज्य के पतन की शुरुआत का संकेत था, लेकिन उनकी दार्शनिक विरासत आज भी प्रभावशाली बनी हुई है।

2. रोमन साम्राज्य में स्त्रियाँ कहाँ तक आत्मनिर्भर थीं? रोमन-परिवार की स्थिति की तुलना आज के भारतीय परिवार की स्थिति से करो।

उत्तर: रोमन साम्राज्य में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और परिवार की तुलना–

रोमन समाज में महिलाओं की स्थिति:

रोमन समाज में महिलाओं को आमतौर पर पुरुषों की तुलना में निम्न दर्जा प्राप्त था, और उनकी सामाजिक भूमिका सीमित थी। उन्हें राजनीतिक या सार्वजनिक पदों पर कार्य करने की अनुमति नहीं थी, और उनका प्रमुख दायित्व पत्नी और माँ के रूप में माना जाता था। हालांकि, कुछ अपवाद थे, जैसे कि वेस्टल वर्जिन, जो देवी वेस्टा की पुजारिन होती थीं और विशेष सम्मान प्राप्त करती थीं।

रोमन परिवार की संरचना:

रोमन परिवार पितृसत्तात्मक था, जहाँ पिता घर का मुखिया होता था और उसका निर्णय अंतिम माना जाता था। परिवार समाज की मूल इकाई था, और पिता का दायित्व परिवार के कल्याण की देखभाल करना था। माँ का प्रमुख कार्य बच्चों की परवरिश, घर का प्रबंधन और अपने पति का सहयोग करना था।

आज के भारतीय परिवार से तुलना:

आज के भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति रोमन काल से काफी अलग है। भारतीय महिलाएँ अब कानूनी अधिकारों के साथ सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय भूमिका निभा सकती हैं। हालाँकि, लैंगिक असमानता और भेदभाव अभी भी मौजूद हैं। भारतीय परिवार भी पितृसत्तात्मक होते हैं, लेकिन आज महिलाओं की भूमिका घर के साथ-साथ शिक्षा, रोजगार और समाज में भी महत्वपूर्ण हो गई है। भारत में पारिवारिक मूल्य और परंपराएँ आज भी समाज का एक मजबूत आधार बनी हुई हैं।

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