NCERT Class 9 Hindi Chapter 3 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा

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NCERT Class 9 Hindi Chapter 3 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा

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एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा

Chapter: 3

स्पर्श भाग – 1 (गघ-भाग)

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(1) हिमपात अपने आप में एक तरह से बर्फ के खड़ों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया है कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ की चट्टानें तत्काल गिर जाया करती थी और अन्य कारणों से भी अचानक प्रायः खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विवर में बदल जाने का मात्र ख्यात ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रवास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कृतियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

प्रश्न- (i) हिमपात क्या है?

(क) बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना 

(ख) बर्फ का पड़ना

(ग) ओले गिराना

(घ) तेज वर्षा होना

उत्तर: (क) बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना।

(ii) हिमपात क्यों होता है?

(क) ग्लेशियर के बहने पर

(ख) बर्फ में हलचल होने पर

(ग) बर्फ की चट्टानों का गिरना 

(घ) उपर्युक्त सभी

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी।

(iii) कौन-सा ख्याल डरावना था?

(क) धरातल पर दरार पड़ने का विचार

(ख) दरार का गहरा चौड़ा होना

(ग) दरार का हिम-विदर में बदलना

(घ) उपर्युक्त सभी

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी।

(iv) यह गद्यांश किस पाठ से अवतरित है?

(क) एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा

(ख) हिमपात

(ग) हिमपात : कारण और प्रभाव

(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (क) एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा।

(v) इस पाठ के रचयिता का नाम है:

(क) यशपाल

(ख) बचेंद्री पाल

(ग) जैनेंद्र

(घ) पर्वतारोही

उत्तर: (ख) बचेंद्री पाल।

(2) एवरेस्ट की तरफ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लूम) देखा, जो पर्वत-शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ का यह ध्वज 10 किलोमीटर या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में यह मुझे डराने के लिए काफी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसको कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।

प्रश्न- (i) फ्लूम कहाँ दिखाई दे रहा था? 

(क) पर्वत-शिखर पर

(ख) बर्फ पर

(ग) ध्यन पर

(घ) चोटी पर

उत्तर: (क) पर्वत-शिखर पर।

(ii) फ्लूम कब बनता है?

(क) तेज गति से हवा चलने पर

(ख) सूखी बर्फ उड़ने पर

(ग) ऊपरी परत सूखने पर

(घ) स्वयं

उत्तर: (क) तेज गति से हवा चलने पर।

(iii) बर्फ का यह ध्वज कितना लंबा हो सकता है?

(क) 5 किमी.

(ख) 10 किमी.

(ग) 151 किमी.

(घ) 20 किमी.

उत्तर: (ख) 10 किमी.।

(iv) कौन एवरेस्ट के प्रति आकर्षित थी?

(क) बचेंद्री पाल 

(ख) हिलेरी

(ग) डोलमा

(घ) तेनसिंग

उत्तर: (क) बचेंद्री पाल।

(v) यह गद्यांश किस पाठ से अवतरित है?

(क) बचेंद्री पाल 

(ख) एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा

(ग) एवरेस्ट की चोटी

(घ) हिमपात

उत्तर: (ख) एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा।

(3) एवरेस्ट शंकु की चोटी पर इतनी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति साथ-साथ खड़े हो सके । चारों तरफ हजारों मीटर लंबी सीधी बलान को देखते हुए हमारे सामने प्रश्न सुरक्षा का था। हमने बर्फ के फावड़े से बर्फ की खुदाई कर अपने आप को सुरक्षित रूप से स्थिर पाया। इसके बाद में अपने घुटनों के बल बैठी, बर्फ पर अपने माथे को लगाकर मैंने ‘सागरमाये’ के ताज का चुंबन किया। बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।

प्रश्न- (i) एवरेस्ट की चोटी पर कितनी जगह नहीं थी? 

(क) कि वह व्यक्ति खड़े हो सके।

(ख) वहाँ झंडा गाड़ा जा सके 

(ग) कि वहाँ बैठा जा सके।

(घ) वहाँ चढ़ा जा सके।

उत्तर: (क) कि वहाँ दो व्यक्ति खड़े हो सकें।

(ii) चोटी पर पहुँचकर लेखिका ने क्या किया? 

(क) फायदे से बर्फ खोदकर अपने आप को सुरक्षित किया।

(ख) चुटनों के बल बैठी।

(ग) सागरमाथे का चुंबन किया।

(घ) वहाँ चढ़ा जा सके।

उत्तर: (घ) वहाँ चढ़ा जा सके।

(iii) लेखिका ने क्या धार्मिक कार्य सम्पन्न किया?

(क) थैले से दुर्गा माँ और हनुमान चालीसा निकाला

(ख) उनों लाल कपड़े में लपेटा

(ग) पूजा-अर्चना की

(घ) उपर्युक्त सभी काम

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी काम।

(iv) आनंद के क्षण में लेखिका को किसका ध्यान आया?

(क) अपने माता-पिता का

(ख) गुरुजनों का

(ग) अभियान की सफलता 

(घ) भविष्य का

उत्तर: (क) अपने माता-पिता का।

(v) सुरक्षित शब्द किस प्रकार बना है?

(क) सुर + क्षित

(ख) सु + रक्षा + इत

(ग) सुरक्षा + त

(घ) सु + रक्षित

उत्तर: (ख) सु + रक्षा + इत।

(4) जब अप्रैल में मैं बेस कैंप में थी, तेनजिंग अपनी छोटी सुपुत्री डेकी के साथ हमारे पास आये थे। उन्होंने इस बात पर विशेष महत्त्व दिया कि दल के प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक शेरपा कुली से बात की जाए। जब मेरी बारी आई, मैंने अपना परिचय यह कहकर दिया कि में बिल्कुल हो नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है। तेनजिंग हँसे और मुझसे कहा कि एवरेस्ट उनके लिए भी पहला अभियान है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि शिखर पर पहुँचने से पहले उन्हें सात बार एवरेस्ट पर जाना पड़ा था। फिर अपना हाथ मेरे कधे पर रखते हुए उन्होंने कहा. “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।” 

प्रश्न- (i) लेखिका के पास बेस कैंप कौन आया था?

(क) तेनसिंग 

(ख) तेनसिंग की पुत्री डेको

(ग) (क) (ख) दोनों

(घ) कोई नहीं

उत्तर: (ग) (क) (ख) दोनों।

(ii) लेखिका ने अपना परिचय क्या कह कर दिया?

(क) में नौसिखिया है

(ख) यह मेरा पहला अभियान है

 (ग) (क) – (ख) दोनों

(घ) सामान्य

उत्तर: (ग) (क) – (ख) दोनों।

(iii) तेनजिंग ने लेखिका से क्या कहा?

(क) तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो

(ख) तम्हें तो पहले प्रयास में ही शिखर पर पहुँच जाना चाहिए

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) तुम कुछ भी कर सकती हो

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(iv) ‘पर्वतीय’ शब्द में कौन-सा प्रत्यय है?

(क) पर्वत

(ख) तीय

(ग) ईय 

(घ) य

उत्तर: (ग) ईय।

(v) तेनजिंग कौन थे?

(क) एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने वाले प्रथम भारतीय 

(ख) बचेंद्री पाल के मार्गदर्शक

(ग) वहाँ के निवासी

(घ) सामान्य व्यक्ति

उत्तर: (क) एवरेस्ट चोटी पर चढ़ने वाले प्रथम भारतीय।

(5) मेरी साँस मानो रुक गई थी। मुझे विचार कौंधा कि सफलता बहुत नजदीक है। 23 मई, 1984 के दिन दोपहर को एक बजकर सात मिनट पर में एवरेस्ट की चोटी पर खड़ी थी। एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचने वाली मैं प्रथम भारतीय महिला थी। एवरेस्ट शकु की चोटी पर इतनी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति साथ-साथ खड़े हो सकें । चारों तरफ हजारों मीटर लंबी सोधी ढलान को देखते हुए हमारे सामने प्रश्न सुरक्षा का था। हमने पहले बर्फ के फावड़े से बर्फ की खुदाई कर अपने आपको सुरक्षित रूप से स्थिर किया। इसके बाद, मैं घुटनों के बल बैठी, बर्फ पर अपने माथे को लगाकर मैंने ‘सागरमाथे के ताज का चुंबन लिया। बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। 

प्रश्न- (1) किसको साँस रुक गई प्रतीत हुई?

(क) बचेंद्रीपाल को

(ख) दर्शक को

(ग) अन्य पर्वतारोही को

(घ) किसी को नहीं

उत्तर: (क) बचेंद्रीपाल को।

(ii) लेखिका कब एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची?

(क) 23 मई, 1984 को

(ख) दोपहर एक बजकर सात मिनट पर

(ग) क-ख दोनों 

(घ) सायंकाल

उत्तर: (ग) क-ख दोनों।

(iii) एवरेस्ट की चोटी कैसी थी?

(क) शंकु

(ख) आयताकार

(ग) गोल

(घ) चपटी

उत्तर: (क) शंकु।

(iv) लेखिका ने वहाँ क्या काम किया?

(क) बर्फ की फावड़े से खुदाई की 

(ख) घुटनों के बल बैठी

(ग) बर्फ को माथे से लगाया

(घ) उपर्युक्त सभी काम

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी काम।

(v) साधरमथे को चूमने के बाद बचेंद्रीपाल ने क्या धार्मिक क्रियाएँ कीं?

(क) थैले से माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीस निकाला

(ख) उन्हें लाल कपडे में लपेटा

(ग) छोटी-सी पूजा-अर्चना की

(घ) ये सभी काम

उत्तर: (घ) ये सभी काम।

(6) ल्हादू एक नायलॉन की रस्सी लाया था। इसलिए अंगदोरजी और मैं रस्सी के सहारे बड़े, जबकि ल्हादू एक हाथ से रस्सी पकड़े हुए बीच में चला। उसने रस्सी अपनी सुरक्षा की बजाय हमारे संतुलन के लिए पकड़ी हुई थी। ल्हादू ने ध्यान दिया कि मैं इन ऊंचाइयों के लिए सामान्यतः आवश्यक चार लीटर ऑक्सीजन की अपेक्षा लगभग बाई लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट की दर से लेकर पड़ रही थी। मेरे रेगूलेटर पर जैसे ही उसने ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई, मुझे महसूस हुआ कि सपाट और कठिन चढ़ाई भी अब आसान लग रही थी।

प्रश्न- (i) ल्हादू क्या चीज लाया था? 

(क) नायलॉन की रस्सी

(ख) चाय

(ग) ऑक्सीजन 

(घ) कुछ नहीं

उत्तर: (क) नायलॉन की रस्सी।

(ii) रस्सी के सहारे कौन चड़े?

(क) अंगदोरजी

(ख) लेखिका बचेंद्रपाल

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) हाटू

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(iii) बचेंद्रीपाल कितनी ऑक्सीजन लेकर बढ़ रही थी?

(क) चार लोटर 

(ख) बाई लीटर

(ग) तीन लीटर

(घ) पाँच लीटर

उत्तर: (ख) बाई लीटर।

(iv) कठिन चढ़ाई कब आसान प्रतीत हुई?

(क) ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने पर

(ख) ऑक्सीजन की आपूर्ति घटाने पर

(ग) ल्हादू की सहायता मिलने पर

(घ) ऊपर जाने पर

उत्तर: (क) ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने पर।

(v) ‘ऑक्सीजन’ शब्द कैसा है?

(क) तत्सम 

(ख) तद्भव

(ग) देशज

(घ) विदेशी

उत्तर: (घ) विदेशी।

(7) ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ की चट्टान नीचे खिसक आई थी। सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई थी और चार घायल हो गए थे। इस समाचार के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरों पर छाए अवसाद को देखकर हमारे नेता कर्नल खुल्लर ने स्पष्ट किया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए। उपनेता प्रेमचंद, जो अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे. 26 मार्च को पैरिच लौट आए। उन्होंने हमारी पहली बड़ी बाधा खुभु हिमपात की स्थिति से हमें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उनके दल ने कंप एक (6000 मी.) जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ कर दिया है। 

प्रश्न- (i) बर्फ की चट्टान खिसकने से क्या हुआ?

(क) एक कुली की मृत्यु हो गई

(ख) 16 शेरपा कुली घायल हो गए

(ग) लोग दुखी हो गए

(घ) कुछ नहीं हुआ

उत्तर: (क) एक कुली की मृत्यु हो गई।

(ii) कर्नल खुल्लर ने क्या स्पष्ट किया? 

(क) ऐसे महान अभियानों में खतरे आते रहते हैं

(ख) कभी-कभी मृत्यु भी हो जाती है।

(ग) इस स्थिति को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए 

(घ) उपर्युक्त सभी बातें 

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी बातें।

(iii) अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहे थे?

(क) उपनेता प्रेमचंद 

(ख) रामचंद

(ग) अंगदोर जो

(घ) कर्नल खुल्लर

उत्तर: (क) उपनेता प्रेमचंद।

(iv) प्रेमचंद ने किस बात से अवगत कराया? 

(क) खुभु हिमपात की स्थिति से

(ख) एक बड़ी बाधा से 

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) एवरेस्ट की स्थिति से

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(v) कैंप-एक कहाँ था?

(क) 6000 मी. पर

(ख) हिमपात के ठीक ऊपर

(क) 6000 मी. पर 

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) बीच में

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(8) अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करने वाला था लेकिन इसके कारण उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे, इसलिए वह ऊंचाई पर लंबे समय तक खुले में और रात्रि में शिखर कैंप पर नहीं जाना चाहता था। इसलिए उसे या तो उसी दिन चोटी तक चढ़कर साउथ कोल पर वापस आ जाना था अथवा अपने प्रयास को छोड़ देना था। वह तुरंत शुरू करना चाहता था और उसने मुझसे पूछा, क्या मैं उसके साथ जाना चाहूंगी? एक ही दिन में साउथ कोल से चोटी पर जाना और वापस आना बहुत कठिन और श्रमसाध्य होगा। इसके अलावा यदि अंगदोरजी के पैर ठंडे पड़ गए तो उसके लौटकर आने का भी जोखिम था। मुझे फिर भी अंगदोरजी पर विश्वास था और साथ-साथ मैं आरोहण की क्षमता पर कर्मठता के बारे में आश्वस्त थी। 

प्रश्न- (i) अंगदोरजी को क्या समस्या थी?

(क) बिना ऑक्सीज चढ़ाई करने पर उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे

(ख) वह लंबे समय तक खुले में नहीं रह सकते थे

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) रात में नहीं जाना चाहता था

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(ii) उनकी क्या योजना थी?

(क) उन्हें उससे दिन चोटी तक चढ़कर साउथ कोल वापस आ जाना था

(ख) अपना प्रयास छोड़ देना था

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) कुछ नहीं

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(iii) कौन-सा काम अम साध्य था?

(क) एक ही दिन में चोटी पर जाना और वापस लौटना 

(ख) साउथ कोल जाना

(ग) नीचे उतरना

(घ) कुछ नहीं

उत्तर: (क) एक ही दिन में चोटी पर जाना और वापस लौटना।

(iv) बचेंद्रीपाल को किस पर विश्वास था?

(क) अंगदोरजी पर

(ख) आरोहण की क्षमता पर

(ग) कर्मठता पर

(घ) इन सभी पर

उत्तर: (ख) आरोहण की क्षमता पर।

(v) ‘श्रमसाध्य’ शब्द कैसा है?

(क) तत्सम

(ख) तद्भव

(ग) देशज

(घ) विदेशी

उत्तर: (क) तत्सम।

(9) जब अप्रैल में बेस कैंप में थी, तेनजिंग अपनी सबसे छोटी सुपुत्री डेकी के साथ हमारे पास आए थे। उन्होंने इस बात पर विशेष महत्त्व दिया कि दल के प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक शेोषा कुली से बातचीत की जाए। जब मेरी बारी आई, मैने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिलकुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है। तेनजिंग हँसे और मुझसे कहा कि एवरेस्ट उनके लिए भी पहला अभियान है, यह भी स्पष्ट किया कि. शिखर पर पहुंचने से पहले उन्हें सात बार एवरेस्ट जाना पड़ा था। फिर अपना हाथ मेरे को पर रखते हुए कहा, ‘तुम पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रवास में पहुँच जाना चाहिए।” 

प्रश्न (i) बेस कैंप में बचद्रीपाल से मिलने कोन आए थे?

(क) तेनजिंग 

(ख) उनकी पुत्री डेकी

(ग) दोनों (क) और (ख))

(घ) कोई नहीं

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(ii) उन्होंने किससे बातचीत की?

(क) दल के प्रत्येक सदस्य से

(ख) प्रत्येक शेरपा कुली से

(ग) बचेंद्री पाल से 

(घ) इन सभी से

उत्तर: (घ) इन सभी से।

(iii) लेखिका ने स्वयं को क्या बताया?

(क) नौसिखिया

(ख) अनुभवी

(ग) जानकार

(घ) पर्वतारोही 

उत्तर: (क) नौसिखिया।

(iv) एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने से पहले तेनजिंग को भी कितनी बार एवरेस्ट जाना पड़ा था?

(क) पाँच बार

(ख) छह बार

(ग) सात बार

(घ) अनेक बार

उत्तर: (ग) सात बार।

(v) ‘पर्वतीय’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?

(क) पर्वत 

(ख) वीय

(ग) ईय 

(घ) य

उत्तर: (ग) ईय।

(10) एवरेस्ट अभियान दल 7 मार्च को दिल्ली से काठमांडू के लिए हवाई जहाज से चल दिया। एक मजबूत अग्रिम दल बहुत पहले ही चला गया था, जिससे कि वह हमारे बेस कैंप’ पहुंचने से पहले दुर्गम हिमपात के रास्ते को साफ कर सके। नमचे बाजार, शेरपालैंड का एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र है। अधिकांश शेरपा इसी स्थान तथा यहाँ के आसपास के गाँवों में होते हैं। यह नमचे बाजार ही था, जहाँ से मैंने सर्वप्रथम एवरेस्ट को निहारा, जो नेपालियों में ‘सागरमाया’ के नाम से प्रसिद्ध है। मुझे यह नाम अच्छा लगा। 

प्रश्न- (i) एवरेस्ट दल दिल्ली से काठमांडू के लिए कब रवाना हुआ?

(क) 5 मार्च को 

(ख) 6 मार्च को

(ग) 7 मार्च को

(घ) 8 मार्च को

उत्तर: (ग) 7 मार्च को।

(ii) अग्रिम दल क्यों भेजा गया था?

(क) ताकि वह हिमपात के रास्ते को साफ कर

(ख) ताकि वह वहीं रसद पहुँचा सके

(ग) ताकि वह बेस कैंप बना सके

(घ) ताकि वह सारी व्यवस्था कर सके

उत्तर: (क) ताकि वह हिमपात के रास्ते को साफ कर सके।

(iii) नमचे बाजार क्या है?

(क) शेरखालैंड का महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र

(ख) एक प्रसिद्ध बाजार

(ग) चढ़ाई-स्थल

(घ) एक कैंप

उत्तर: (ख) एक प्रसिद्ध बाजार।

(iv) बचेंद्री पाल ने सर्वप्रथम कहाँ से एवरेस्ट को निहारा?

(क) सागरमाथा से

(ख) नमचे बाजार से

(ग) नेपाल से

(घ) पहाड़ी से

उत्तर: (ख) नमचे बाजार से।

(v) ‘अग्रिम’ शब्द कैसा है?

(क) तत्सम

(ख) तद्भभव 

(ग) देशन

(घ) विदेशी

उत्तर: (ख) तद्भभव।

(11) दोपहर बाद मैंने अपने बल के दूसरे सदस्यों की मदद करने और अपने एक घरमस को जूस से और दूसरे को गरम चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया। मैंने बर्फीली हवा में ही तंबू से बाहर कदम रखा। जैसे ही मैं कैंप क्षेत्र से बाहर आ रही थी मेरी मुलाकात मीनू से हुई की और जय अभी कुछ पीछे थे। मुझे जय जेनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे मिला। उसने कृतज्ञतापूर्वक चाय वगैरह पी लेकिन मुझे और आगे जाने से रोकने की कोशिश की मगर मुझे ‘की’ से भी मिलना था। थोड़ा-सा और आगे नीचे उतरने पर मैंने ‘की’ को देखा। वह मुझे देखकर हक्का-बक्का रह गया।

प्रश्न- (i) लेखिका ने क्या निश्चय किया?

(क) एक धरमस को जूस से भरने का

(ख) दूसरे थरमस को गरम चाय से भरने का

(ग) नीचे जाने का

(घ) इन सभी का

उत्तर: (घ) इन सभी का।

(ii) तंबू से बाहर निकलते ही लेखिका की मुलाकात किससे हुई?

(क) मीनू से 

(ख) अगरोजी से

(ग) सोनू से

(घ) मोनू से

उत्तर: (क) मीनू से।

(iii) लेखिका को जय कहाँ मिला? 

(क) जेनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे

(ख) लेखिका को रोकने की

(ग) कैंप के पास

(घ) चढ़ने की कोशिश की

उत्तर: (ख) लेखिका को रोकने की।

(iv) जय ने क्या कोशिश की?

(क) की 

(ख) जय 

(ग) मीनू

(घ) अंगदोर जो

उत्तर: (क) की।

(12) अंगतोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करने वाला था। लेकिन इसके कारण उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे। इसलिए वह ऊंचाई पर लंबे समय तक खुले में और रात्रि में शिखर कैंप पर नहीं जाना चाहता था। इसलिए उसे या तो उसी दिन चोटी तक चढ़कर साउथ कोल पर वापस आ जाना था अथवा अपने प्रयास को छोड़ देना था। यह तुरंत ही चढ़ाई शुरू करना चाहता था और उसने मुझसे पूछा, क्या में उसके साथ जाना चाहूंगी? एक ही दिन में साउथ कोल से चोटी तक जाना और वापस आना बहुत कठिन और श्रमसाध्य होगा। इसके अलावा यदि अंगदोरजी के पैर ठंडे पड़ गए तो उसके लौटकर आने का भी जोखिम था। मुझे फिर भी अगदरोजी पर विश्वास था और साथ-साथ में आरोहण की क्षमता और कर्मठता के बारे में भी आश्वस्त थी। 

प्रश्न- (i) बिना ऑक्सीजन चढ़ाई के कारण अंगदोरजी की क्या हालत हो जाती थी?

(क) साँस फूल जाता 

(ख) नीला पड़ जाता

(ग) पैर ठंडे पड़ जाते

(घ) बोहोश हो जाता

उत्तर: (ग) पैर ठंडे पड़ जाते।

(ii) बिना ऑक्सीजन के कौन चढ़ाई करने वाला था?

(क) की

(ख) जय

(ग) अंगदोरजी

(घ) बचद्री

उत्तर: (ग) अंगदोरजी।

(iii) कितने समय में वे सभी शिखर कैंप पर पहुँच गए?

(क) पाँच घटे

(ख) दो घंटे 

(ग) सात घंटे

(घ) तीन घंटे

उत्तर: (ग) सात घंटे।

(iv) बचेद्री को अंगदोरजी के साथ जाने में कौन-सी कठिनाई का सामना करना पड़ा?

(क) साय कोल से चोटी तक पहुँच

 (ख) रात्रि पर शिखर कैंप पर नहीं जाना।

(ग) (क) और (ख) दोनों

(घ) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: (ग) (क) और (ख) दोनों।

(v) प्रस्तुत कहानी का लेखक कौन हैं?

(क) बचेंद्री पाल

(ख) शरद जोशी

(ग) स्वामी आनंद

(घ) रहीम

उत्तर: (क) बचेंद्री पाल।

(13) ल्हादू हमारे पीछे-पीछे आ रहा था और जब हम दक्षिणी शिखर के नीचे आराम कर रहे थे, वह हमारे पास पहुंच गया। थोड़ी-थोड़ी चाय पीने के बाद हमने फिर चढ़ाई शुरू की। लहादू एक नायलॉन की रस्सी लाया था। इसलिए अंगदोरजी और मैं रस्सी के सहारे चढ़े जबकि लादू एक हाथ में रस्सी पकड़े हुए बांध में चला। उसने रस्सी अपनी सुरक्षा की बजाय हमारे संतुलन के लिए पकड़ी हुई थी। ल्हादू ने ध्यान दिया कि मैं इन ऊंचाइयों के लिए सामान्यतः आवश्यक चार लीटर ऑक्सीजन की अपेक्षा, लगभग ढाई लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट की दर से लेकर चढ़ रही थी। मेरे रेगुलेटर पर जैसे ही उसने ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई, मुझे महसूस हुआ कि सपाट और कठिन चढ़ाई भी अब आसान लग रही थी।

प्रश्न (i) ल्हाटू कौन था? 

(क) अध्यापक

(ख) दोस्त

(ग) अभियान दल का सदस्य

(घ) चाय वाला

उत्तर: (ग) अभियान दल का सदस्य।

(ii) ल्हादू ने रस्सी को किस उद्देश्य से पकड़ा हुआ था? 

(क) सुरक्षा के लिए

(ख) संतुलन के लिए

(ग) (क) और (ख) दोनों

(घ) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: (ख) संतुलन के लिए।

(iii) ऊँचाई पर चढ़ने के लिए कितने लीटर आक्सीजन की आवश्यकता पड़ती हैं।

(क) दो लीटर

(ख) पाँच लीटर

(ग) चार लीटर

(घ) एक लीटर

उत्तर: (ग) चार लीटर।

(iv) ल्हादू ने आक्सीजन की अपूर्ति क्यों बढ़ाई।

(क) चढ़ाई चढ़ने के लिए 

(ख) लेखिका हाफ रहो भी

(ग) चढ़ाई आसान करने के लिए

(घ) (क) और (ख) दोनों

उत्तर: (ग) चढ़ाई आसान करने के लिए।

(v) निम्न में से कौन सा शब्द कठिन का पर्यायवाची नहीं है?

(क) मुश्किल 

(ख) दूभर

(ग) सख्त

(घ) सपाट

उत्तर: (घ) सपाट।

(14) मेरी साँस मानो रूक गई थी। मुझे विचार कांधा कि सफलता बहुत नजदीक है। 23 मई 1984 के दिन दोपहर के एक बजकर सात मिनट पर मैं एवरेस्ट की चोटी पर खड़ी थी। एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली में प्रथम भारतीय महिला थी। एवरेस्ट शकु थी चोटी पर इतनी जगह नहीं थी कि वो व्यक्ति साथ-साथ खड़े हो सके। चारों तरफ हजारों मीटर लंबी सीधी ढलान को देखते हुए हमारे सामने प्रश्न सुरक्षा का था। हमने पहले बर्फ के फावड़े से बर्फ की खुदाई की और अपने आपको सुरक्षित रूप से स्थिर किया।

प्रश्न- (i) लेखिका को क्या कौंधा?

(क) सफलता बहुत नजदीक है

(ख) सफलता बहुत दूर है

(ग) साँस रुक रही है

(घ) रास्ता कठिन हैं

उत्तर: (क) सफलता बहुत नजदीक है।

(ii) बचेंद्रीपाल कब एवरेस्ट की चोटी पर पहुंची?

(क) 23 मई, 1984 को

(ख) दोपहर एक बजकर सात मिनट पर 

(ग) दोनों (क) और (ख)

(घ) 25 मई को

उत्तर: (ग) दोनों (क) और (ख)।

(iii) बचेंद्रपाल कौन-सी महिला बन गई? 

(क) एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला

(ख) दूसरी महिला

(ग) सफल महिला

(घ) कोई नहीं

उत्तर: (क) एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला।

(iv) उस समय कौन-सा प्रश्न सामने था?

(क) बचाव का

(ख) सुरक्षा का

(ग) सफलता का 

(घ) अन्य

उत्तर: (ख) सुरक्षा का।

(v) ‘सुरक्षित’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?

(क) सु

(ख) रक्षा

(ग) इत

(घ) त

उत्तर: (ग) इत।

प्रश्न-अभ्यास 

(पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर)

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- 

प्रश्न 1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उत्तर: अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहे थे।

प्रश्न 2. लेखिका को ‘सागरमाथा’ नाम क्यों अच्छा लगा?

उत्तर: ‘सागरमाथा’ नाम बहुत प्रसिद्ध है। लेखिका को यह नाम अधिक अच्छा प्रतीत होता था । नेपाली एवरेस्ट को ‘सागरमाथा’ नाम से ही पुकारते हैं।

प्रश्न 3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?

उत्तर: लेखिका को एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लूम) पर्वत-शिखर पर लहराता हुआ ध्वज-जैसा लगा।

प्रश्न 4. हिम-स्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?

उत्तर: हिम-स्खलन से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई और चार लोग घायल हुए। 

प्रश्न 5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

उत्तर: मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर कहा- ‘एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों और कभी-कभी तो मृत्यु को भी सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।’ अर्थात् मृत्य से विचलित नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

उत्तर: जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई।

प्रश्न 7. कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया? 

उत्तर: कैंप-चार 29 अप्रैल, 1984 को साउथ कोल में लगाया गया था। वहाँ अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा भी पहुँच गए थे। उन्होंने 7900 मीटर पर यह कैंप लगाया।

प्रश्न 8. लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?

उत्तर: लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय देते हुए कहा कि मैं भी औरों की तरह एक पर्वतारोही हूँ। मैं शारीरिक रूप से ठीक हूँ, अतः मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद करनी ही चाहिए।

प्रश्न 9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

उत्तर: लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने बधाई दी- “मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा। देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।”

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ( 25-30 ) शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

उत्तर: नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भौंचक्की रह गई। उसने बेस कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन एवरेस्ट पर्वत और उसकी अन्य श्रेणियों को देखा। वह इसके सौंदर्य को देखकर अभिभूत हो गई। वह ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।

प्रश्न 2. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं? 

उत्तर: डॉ. मीनू मेहता ने निम्न जानकारियाँ दीं- 

– अल्यूमीनियम की सीढ़ियों से अस्थाई पुल बनाना होगा। 

– लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करना होगा। 

– बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना होगा। 

– अग्रिम दल के अभियांत्रिक कार्यों के बारे में।

प्रश्न 3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में क्या कहा?

उत्तर: तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”

अर्थात् तेनजिंग को लेखिका में पर्वतीय लड़की के सारे गुण दिखाई दिए तथा उसकी सफलता के प्रति भी वे आश्वस्त थे। उनकी भविष्यवाणी सच सिद्ध हुई।

प्रश्न 4. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी? 

उत्तर: लेखिका को अपने दल के सदस्यों के साथ चढ़ाई करनी थी। उसे जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी। वे धीरे-धीरे आ रहे थे, क्योंकि वे भारी बोझ लेकर बिना ऑक्सीजन के चल रहे थे।

प्रश्न 5. लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ किया? 

उत्तर: लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की मदद से तंबू का रास्ता साफ किया। तंबू के रास्ते पर एक लंबा बर्फ का पिंड गिर गया था। इससे एक विशाल हिमपुंज बन गया था। इसने कैंप को तहस-नहस कर दिया था। लोपसांग ने छुरी से जमी बर्फ की खुदाई की और उसने लेखिका को बर्फ की कब्र से बाहर खींच निकाला।

प्रश्न 6. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरू की? 

उत्तर: साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू की। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए। लेखिका अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने के विचार से एक थरमस में जूस तथा दूसरे में चाय भरने के लिए नीचे उतर गई।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- 

प्रश्न 1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?

(निबंधात्मक प्रश्न)

उत्तर: अभियान दल के उपनेता प्रेमचंद अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे। वे 26 मार्च को पैरिच लौट आए और आकर उन्होंने पहली बड़ी बाधा खुभु हिमपात की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि कैंप-एक 6000 मीटर ऊपर है, जो हिमपात के ठीक ऊपर ही है। वहाँ तक जाने का रास्ता साफ कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर तथा झंडियों से रास्ता चिह्नित कर सभी बड़ी बाधाओं का जायजा ले लिया गया है। यह भी बताया गया कि ग्लेशियर बर्फ की नदी है और अभी बर्फ का गिरना जारी है। हिमपात के कारण सारा काम व्यर्थ भी हो सकता है तथा हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा भी करना पड़ सकता है।

प्रश्न 2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?

उत्तर: हिमपात में बर्फ गिरती है। कभी-कभी बर्फ के भारी टुकड़े भी गिरते हैं। हिमपात अनिश्चित और अनियमित होता है। इससे अनेक प्रकार के परिवर्तनत आते रहते हैं। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ में हलचल हो जाती है, जिससे बर्फ की चट्टानें तत्काल गिर जाती हैं। इससे ध पर दरारें पड़ जाती हैं और ये दरारें गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाती हैं। कभी-कभी स्थिति खतरनाक रूप धारण कर लेती है।

प्रश्न 3. लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ-पिंड का वर्णन किस तरह किया गया है? 

(निबंधात्मक प्रश्न) 

उत्तर: लेखिका के तंबू में गिरे बर्फ पिंड का वर्णन इस प्रकार किया गया है-

15-16 मई, 1984 को बुद्ध पूर्णिमा की रात लगभग 12.30 बजे लेखिका के कैंप-तीन के नायलॉन के तंबू के ऊपर एक भारी बर्फ पिंड आ गिरा। यह लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराया। उसकी नींद खुल गई। यह बर्फ पिंड कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था। उसका विशाल हिमपुंज बन गया था। हिमखंड़ों, बर्फ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण गर्जना के साथ, सौधी ढलान से नीचे आते हुए कैंप को तहस-नहस कर दिया था। इससे प्रत्येक व्यक्ति को चोट तो लगी, पर मरा कोई नहीं।

प्रश्न 4. जय लेखिका को देखकर हक्का-बक्का क्यों रह गया?

उत्तर: लेखिका अपने दल के सदस्यों की मदद करने की दृष्टि से एक थरमस में जूस तथा दूसरे थरमस में चाय लेने के लिए नीचे चली गई थी। तब बर्फीली हवा चल रही थी और नीचे जाना खतरनाक था। लेखिका को जय जेनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे मिला। वह लेखिका के नीचे उतरने पर हक्का-बक्का रह गया। उसे यह काम जोखिम भरा लगा। उसने लेखिका से पूछा भी “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री?”

जय के विचारानुसार बचेंद्री को नीचे उतरने की जोखिम नहीं लेनी चाहिए थी।

प्रश्न 5. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए। 

(निबंधात्मक प्रश्न) 

उत्तर: एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए निम्नलिखित छह कैंप बनाए गए थे-

1. बेस कैंप : यहाँ से असली चढ़ाई शुरू होनी थी। यहाँ सारी सुविधाएँ एकत्रित की गई थी। यहाँ तेनजिंग भी मिलने आए थे।

2. कैंप-एक : इस कैंप में लेखिका और एक अन्य महिला पहले पहुँची। 

3. कैंप-दो : 16 मई को प्रातः सभी लोग इस कैंप पर पहुँचे। जिस शेरपा की टाँग टूट गई थी, उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया।

4. कैंप-तीन : इसमें 10 व्यक्ति थे। यह नायलॉन से बना तंबू था। यहीं रात 12.30 को बर्फ का खंड टूटकर आ गिरा था।

5. कैंप-चार : यह कैंप 29 अप्रैल, 1984 को अंगदोरजी, लोपसांग और गगन विस्सा ने 7900 मीटर की ऊँचाई पर लगाया।

6. शिखर कैंप : इस कैंप में लेखिका और अंगदोरजी केवल दो घंटे में पहुँच गए। अब ‘सागरमाथा’ नजदीक था।

प्रश्न 6. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: चढ़ाई के समय एवरेस्ट पर जमी बर्फ सीधी और ढलाऊ थी। चट्टानें इतनी सख्त और भुरभुरी थीं मानो शीशे की चादर बिछी हो। अभियान दल के सदस्यों को बर्फ काटने के लिए फावड़े का प्रयोग करना पड़ा।

दक्षिणी शिखर के ऊपर हवा की गति बढ़ गई थी। उस ऊँचाई पर तेज हवा के झोंके भुरभुरी बर्फ के कणों को चारों ओर उड़ा रहे थे। सामने कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। एवरेस्ट की चोटी शंकु आकार की थी। वहाँ दो व्यक्ति एक साथ खड़े नहीं हो सकते थे । ढलान सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक थी।

प्रश्न 7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?

उत्तर: सम्मिलित अभियान में सहयोग और सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के इस काम से मिलता है लेखिका ने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने का निश्चय किया। इसके लिए उसने एक थरमस को जूस से तथा दूसरे थरमस को गरम चाय से भरने का विचार किया। वह बर्फीली हवा में अपने तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी। जय ने इस प्रयास को खतरनाक बताया तो बचेंद्री ने जवाब दिया- “मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ, इसलिए इस दल में आई हूँ, शारीरिक रूप से मैं ठीक हूँ इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए ?” यह भावना उसकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाती है। 

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

1. एवरेस्ट जैसे महान् अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

उत्तर: यह कथन कर्नल खुल्लर का है। इस कथन का आशय यह है कि एवरेस्ट (पहुँचना) एक महान् अभियान है। इसमें खतरे तो रहते ही हैं। कभी-कभी किसी सदस्य की मृत्यु भी हो जाती है। इससे हमें विचलित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे स्वाभाविक रूप से मान लेना चाहिए।

2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।

उत्तर: इस कथन का आशय यह है कि हिमपात के कारण बर्फ के खंडों के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड़ जाती है। यह दरार गहरी और चौड़ी होती चली जाती है। यह हिम-तरेड़ में बदल जाती है। ऐसा होने का ख्याल आना भी काफी डरावना होता है। इससे भी ज्यादा खतरनाक बात तब होती है जब आपको पता रहे कि पूरे प्रयासों के बावजूद यह भयंकर हिमपात पर्वतारोहियों व कुलियों को छूकर परेशान करता रहेगा।

3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।

उत्तर: लेखिका (बचेंद्री पाल) ने एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल और वहाँ की बर्फ पर अपना माथा लगाकर उस ‘सागरमाथा’ का चुंबन लिया। इसके बाद उसने बिना उठे ही अपने थैले में दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकालकर लाल कपड़े में लपेटा तथा वहाँ छोटी सी पूजा-अर्चना की। उसने इन सब चीजों को बर्फ में दबा दिया। तब वह आनंदावस्था में थी। इस घड़ी में उसे अपने माता-पिता का स्मरण हो आया।

भाषा-अध्ययन

1. इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर समझाइए-

निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायजा लेना, नौसिखिया।

उत्तर: निहारा है : यह पाठ एवरेस्ट की चोटी को बचेंद्रीपाल द्वारा निहारने के संदर्भ में आया है।

धसकना : खिसकना : ये दोनों शब्द हिम-खंडों के गिरने के संदर्भ में प्रयुक्त हुए हैं।

सागरमाथा : लेखिका बचेंद्रीपाल को एवरेस्ट का नाम ‘सागरमाथा’ अच्छा लगता है, क्योंकि नेपालियों में यही नाम प्रसिद्ध है।

जायजा लेना : यह शब्द प्रेमचंद ने कैंप-एक के मार्ग का निरीक्षण कर वहाँ की स्थिति के बारे में प्रयुक्त किया था। 

नौसिखिया : बचेंद्री पाल ने तेनजिंग के सम्मुख स्वयं को नौसिखिया बताया था।

2. निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए- 

(क) उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।

उत्तर: उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”

(ख) क्या तुम भयभीत थी

उत्तर: “क्या तुम भयभीत थीं?”

(ग) तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री

उत्तर: “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों लीं, बचेंद्री?” 

3. नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए- 

उदाहरण : हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था। 

टेढ़ी-मेढ़ी, हक्का-बक्का, गहरे-चौड़े, इधर-उधर, आस-पास, लंबे-चौड़े। 

उत्तर: 

टेढ़ी-मेढ़ी : यह सड़क टेढ़ी-मेढ़ी है।

गहरे-चौड़े : वहाँ गहरे-चौड़े गड्ढे थे। 

आस-पास : मेरे आस-पास कोई रास्ता नहीं होता। 

हक्का-बक्का : वह मुझे देखकर हक्का-बक्का रह गया। 

इधर-उधर : इधर-उधर झाँकने की आदत ठीक नहीं है।

लंबे-चौड़े : इस लंबे-चौड़े मैदान को ढकना कठिन है।

4. उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए- 

उदाहरण : अनुकूल-प्रतिकूल

नियमित- ____ विख्यात- ____

आरोही- ____ निश्चित- _____

सुंदर- _____

उत्तर: नियमित – अनियमित

आरोही – अवरोही

सुंदर – असुंदर

विख्यात – अविख्यात

निश्चित – अनिश्चित

5. निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए- 

जैसे : पुत्र – सपुत्र

वास, व्यवस्थित, कूल, गति, रोहण, रक्षित

उत्तर: 

वास – प्रवास        

कूल – प्रतिकूल     

रोहण – आरोहण  

व्यवस्थित – अव्यवस्थित

गति – प्रगति

रक्षित – आरक्षित

6. निम्नलिखित क्रियाविशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. मैं_____ यह कार्य कर लूँगा।

उत्तर: मैं अगले दिन यह कार्य कर लूँगा।

2. बादल घिरने के____ ही वर्षा हो गई।

उत्तर: बादल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।

3. उसने बहु____ इतनी तरक्की कर ली। 

उत्तर: उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।

4. रहीम को____ गाँव जाना था।

उत्तर: रहीम को सुबह तक गाँव जाना था।

योग्यता विस्तार

1. इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनका अर्थ लिखिए।

उत्तर: अंग्रेजी शब्द : बेस कैंप, प्लूम, किलोमीटर, अल्यूमिनियम, साउथ कोल, ग्लेशियर, नाइलॉन, ऑक्सीजन, सिलिंडर, जूस।

2. पर्वतारोहण से संबंधित दस चीजों के नाम लिखिए। 

उत्तर: पर्वतारोहण से संबंधित चीजें : रस्सी, ऑक्सीजन सिलिंडर, कीलवाले जूते, कुल्हाड़ी, छुरी, शीत एवं बर्फरोधक वस्त्र, रस्सी-सीढ़ी, दूरबीन आदि।

3. तेनजिंग शेरपा की पहली चढ़ाई के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर: तेनजिंग की पहली चढ़ाई : तेनजिंग ने 1953 में एवरेस्ट पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की थी। उनके अन्य साथी थे एडमंड हिलेरी।

4. इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ क्यों पड़ा इसकी जानकारी प्राप्त कीजिए।

उत्तर: एवरेस्ट : एक अंग्रेज सर्वेयर एवरेस्ट ने इस चोटी की ऊँचाई को मापा था। उसी के नाम पर इस चोटी का नाम एवरेस्ट पड़ा।

परियोजना कार्य

1. आगे बढ़ती भारतीय महिलाओं की पुस्तक पढ़कर उनसे संबंधित चित्रों का संग्रह कीजिए एवं संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करके लिखिए-

(क) पी.टी. उषा, (ख) आरती साहा, (ग) किरन बेदी 

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

2. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का लेख ‘हिम्मत और जिंदगी’ पुस्तकालय से लेकर पढ़िए।

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

3. ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’ इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

परीक्षा उपयोगी अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(क) लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. एवरेस्ट पर पहुँचकर लेखिका ने क्या किया? अंगदोरजी ने उसकी सफलता पर क्या प्रतिक्रिया प्रकट की? 

उत्तर: जैसे ही लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पूजा-अर्चना करके उठी, उसने अपने हाथ जोड़े और अपने -नेता अंगदोरजी रज्जु के प्रति आदर भाव से झुकी। अंगदोरजी जिन्होंने उसे प्रोत्साहित किया और लक्ष्य तक पहुँचाया। लेखिका ने उन्हें बिना ऑक्सीजन के एवरेस्ट की दूसरी चढ़ाई चढ़ने पर बधाई भी दी। उन्होंने भी लेखिका को गले से लगाया और उनके कानों में फुसफुसाया, “दीदी, तुमने अच्छी चढ़ाई की। मैं बहुत प्रसन्न हूँ।” 

प्रश्न 2. लेखिका के कैंप के ऊपर क्या वस्तु आ गिरी थी? इसका क्या बुरा परिणाम हुआ? 

उत्तर: एक बड़ा-सा बर्फ का पिंड लेखिका के कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था और उसका विशाल हिमपुंज बन गया था। हिमखंडों, बर्फ के टुकड़ों तथा जमी हुई बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने एक एक्सप्रेस रेलगाड़ी की तेज गति और भीषण गर्जना के साथ सीधी ढलान से नीचे आते हुए लेखिका के कैंप को तहस-नहस कर दिया। वास्तव में हर व्यक्ति को चोट लगी थी। यह एक आश्चर्य था कि किसी की मृत्यु नहीं हुई थी।

प्रश्न 3. बेस कैंप से लेखिका ने किसे निहारा?

उत्तर: एवरेस्ट शिखर को लेखिका ने पहले दो बार देखा था, लेकिन एक दूरी से बेस कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन उसने एवरेस्ट पर्वत तथा इसकी अन्य श्रेणियों को देखा। वह भौंचक्की होकर खड़ी रह गई और एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।

प्रश्न 4. लेखिका ने साउथ कोल कैंप पहुँचते ही क्या करना शुरू कर दिया?

उत्तर: जैसे ही लेखिका साउथ कोल कैंप पहुँची, उसने दिन की अपनी महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए। तब दोपहर डेढ़ बजे बिस्सा आया, उसने लेखिका को चाय के लिए पानी गरम करते देखा। जय और मीनू अभी बहुत पीछे थे। लेखिका चिंतित थी क्योंकि उसे अगले दिन उनके साथ ही चढ़ाई करनी थी। वे धीरे-धीरे आ रहे थे, क्योंकि वे भारी बोझ लेकर और बिना ऑक्सीजन के चल रहे थे।

प्रश्न 5. अंगदोरजी कैसे चढ़ाई करने वाला था ? उसे क्या करना था?

उत्तर: अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करने वाला था, लेकिन इसके कारण उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे। वह ऊँचाई पर लंबे समय तक खुले में और रात्रि में शिखर कैंप पर नहीं जाना चाहता था। इसलिए उसे या तो उसी दिन चोटी तक चढ़कर साउथ कोल पर वापस आ जाना था अथवा अपने प्रयास को छोड़ देना था। 

प्रश्न 6. प्लूम अर्थात् भारी बर्फ का बड़ा फूल कैसे बनता है?

उत्तर: एक भारी बर्फ का बड़ा फूल (प्लम) पर्वत शिखर पर लहराता एक ध्वज लगता है। यह फूल शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 150 किमी. या इससे भी अधिक गति से हवा चलने के कारण बनता है क्योंकि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता है। बर्फ का यह ध्वज 10 किमी. या इससे भी अधिक लंबा हो सकता है।

प्रश्न 7. लेखिका किसे देखकर भौंचक्की रह गई और देर तक निहारती रही?

उत्तर: लेखिका बेस कैंप पहुँचकर एवरेस्ट पर्वत और उसकी अन्य श्रेणियों को भौंचक्की होकर देखती रह गई। वह एवरेस्ट, ल्होत्से तथा नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी बर्फीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।

प्रश्न 8. रात में हुए अचानक हादसे से बचेंद्री पाल को कैसे बचाया गया ?

उत्तर: 15-16 मई, 1984 को बचेंद्रीपाल नाइलॉन से बने एक तंबू के कैंप में गहरी नींद में सोई हुई थी कि रात 12.30 बजे एक हादसा हो गया। उसके सिर के पिछले हिस्से में कोई सख्त चीज टकराई। तभी सारा कैंप तहस-नहस हो गया । लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी की मदद से बचेंद्रीपाल के तंबू का रास्ता साफ किया और तुरंत बचेंद्री को बचाने में लग गए। वे बचेंद्री को बर्फ की कब्र से बाहर निकालने में सफल हो गए।

प्रश्न 9. बेस कैंप में लेखिका की मुलाकात किससे हुई? उसने लेखिका का उत्साहवर्धन कैसे किया?

उत्तर: बेस कैंप में लेखिका की मुलाकात तेनजिंग और उनकी छोटी सुपुत्री डेकी से हुई। तेनजिंग ने लेखिका का यह कहकर उत्साहवर्धन किया- “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”

प्रश्न 10. ‘बिना सहयोग एवं सहायता की भावना से सम्मिलित अभियान संभव नहीं है।’

– लेखिका बचेंद्रीपाल ने ऐसा क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: किसी भी अभियान में साथियों के सहयोग एवं सहायता की आवश्यकता होती है। आपस में सहयोग एवं सहायता की भावना के अभाव में सम्मिलित अभियान संभव ही नहीं हो सकता। दल के सभी सदस्यों का आपस में तालमेल होना अति आवश्यक है। इसी बात को लेखिका बचेंद्री पाल ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया।

प्रश्न 11. अंगदोरजी के साथ यात्रा करने के लिए लेखिका को क्या शर्त माननी पड़ी और क्यों? 

अथवा 

उसके साथ चढ़ाई करने का लेखिका का अनुभव कैसा था?

उत्तर: अंगदोरजी लेखिका के कैंप के बाहर खड़ा था। अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के ही चढ़ाई करने वाला था। उसने लेखिका के साथ चलने के लिए पूछा, अंगदोरजी की यह शर्त लेखिका को माननी पड़ी कि एक ही दिन में साउथ कोल की चोटी तक जाना पड़ेगा और उसी दिन वापस आना होगा। यह जोखिम भरा काम था, पर अन्य कोई व्यक्ति उसके साथ चलने को तैयार नहीं था।

प्रश्न 12. एवरेस्ट अभियान आरंभ होने से पूर्व अभियान दल को क्या जानकारी दी गई?

उत्तर: एवरेस्ट अभियान आरंभ होने से पूर्व अभियान दल को यह जानकारी दी गई कि हिमपात में अनियंत्रित और अनिश्चित बदलाव के कारण किए गए कार्य व्यर्थ हो सकते हैं। अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल बनाना पड़ सकता है, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करने के बारे में भी बताया गया। अभियान दल को अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी गई।

प्रश्न 13. बचेंद्री की एवरेस्ट यात्रा में किन-किन लोगों का योगदान था? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: बचेंद्री की एवरेस्ट यात्रा में निम्नलिखित लोगों कायोगदान था- 

• नेता – कर्नल खुल्लर

• उपनेता – प्रेमचंद

• डॉ. मीनू मेहता

• अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा

• तेनजिंग का प्रोत्साहन

• कैंप के साथी – लोपसांग नशरिंग, एन.डी. शेरपा और आठ अन्य शेरपा

• ल्हाटू

प्रश्न 14. बचेंद्री की एवरेस्ट यात्रा में ल्हाटू ने रेगुलेटर में क्या परिवर्तन किया?

उत्तर: लेखिका चार लीटर ऑक्सीजन की अपेक्षा लगभग ढाई लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट की दर से लेकर चढ़ रही थी। ल्हाटू ने रेगुलेटर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ा दी। इससे लेखिका को महसूस हुआ कि सपाट और कठिन चढ़ाई भी आसान लग रही थी।

प्रश्न 15. डॉ. मीनू का सामान्य परिचय देते हुए स्पष्ट कीजिए कि उन्होंने पर्वतारोही दल को क्या जानकारी दी?

उत्तर: डॉ. मीनू बचेंद्री पाल के अभियान दल की सदस्या थी। उसे पर्वतारोहण की बारीकियों का काफी ज्ञान था। उसने पर्वतारोही दल के सदस्यों को अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल बनाने, लट्ठों और रस्सियों का उपयोग करने, बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना और अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

प्रश्न 16. एवरेस्ट यात्रा में क्या-क्या तैयारियाँ करनी पड़ती हैं? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: एवरेस्ट यात्रा के लिए निम्नलिखित तैयारियाँ करनी पड़ती हैं- 

• पर्याप्त शेरपा कुलियों की व्यवस्था करनी पड़ती है

• अल्यूमिनियम की सीढ़ियाँ

• लट्टे एवं रस्सियाँ

• कुकिंग गैस

• ऑक्सीजन के सिलिंडर

• थरमस

• बिस्कुट चॉकलेट

• नाइलॉन के तंबू- रस्सी

• चोटी पर रखने के लिए सामग्री।

प्रश्न 17. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी कभी तो मृत्यु को भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए। – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: एवरेस्ट का अभियान सदा खतरों से भरा होता है। इसमें कभी भी कहीं भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। कभी-कभी तो मृत्यु तक हो जाती है। शेरपा कुलियों की मृत्यु तो प्रायः होती रहती है। जब लेखिका को 26 मार्च को हिम-स्खलन से एक शेरपा कुली की दुखद मृत्यु का समाचार मिला तब कर्नल खुल्लर ने स्पष्ट करते हुए उपर्युक्त बात कही थी। उनके अनुसार किसी भी दुखद घटना को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए। ऐसा प्रायः होता रहता है।

प्रश्न 18. एवरेस्ट पर पहुँचकर लेखिका ने क्या-क्या किया?

उत्तर: एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर लेखिका ने सबसे पहले फावड़े से बर्फ की खुदाई करके अपने आपको सुरक्षित कर स्थिर किया। इसके बाद वह घुटनों के बल बैठी, बर्फ पर अपना माथा लगाया और सागरमाथे के ताज का चुंबन लिया। फिर उसने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाल कर लाल कपड़ों में लपेटा और पूजा-अर्चना करके बर्फ में दबा दिया। इसके बाद उसने अपने हाथ जोड़े और नेता अंगदोरजी के प्रति आदर भाव दर्शाया।

प्रश्न 19. तेनजिंग से मिलने पर लेखिका ने अपना परिचय कैसे दिया और तेनजिंग ने उसकी तारीफ में क्या कहा?

उत्तर: तेनजिंग से मिलने पर लेखिका ने अपना परिचय यह कहकर दिया कि “मैं बिल्कुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है।”

तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ करते हुए कहा “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”

प्रश्न 20. बचेंद्रीपाल कौन थी? उसे किनके साथ चढ़ाई करनी थी?

उत्तर: बचेंद्रीपाल उत्तराखंड के चमोली जिले में बपां गाँव की रहने वाली हैं। बचेंद्री को पहाड़ों पर चढ़ने का शौक बचपन से ही था। वह पहली भारतीय महिला थी जो एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची थी। 

उसे अभियान दल के सदस्यों के साथ चढ़ाई करनी थी। उसके नेता कर्नल खुल्लर थे। साथ में 16 शेरपा कुली थे। अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचंद कर रहे थे। आगे उसे जय और मीनू के साथ चढ़ाई करनी थी।

प्रश्न 21. नजदीक से एवरेस्ट को देखकर बचेंद्रीपॉल को कैसा लगा?

उत्तर: लेखिका ने जब एवरेस्ट को नजदीक से देखा तो उसे भारी बर्फ का एक फूल (प्लूम) पर्वत-शिखर पर लहराते हुए एक ध्वज-सा लग रहा था। लेखिका बताती है कि ऐसा दृश्य शिखर के ऊपरी सतह के आसपास 150 कि.मी. अथवा इससे भी अधिक गति से हवा चलने के कारण बनता है। इसका कारण यह है कि तेज हवा से सूखा बर्फ पर्वत पर उड़ता रहता है। इस रूप में देखकर लेखिका एवरेस्ट के इस विचित्र रूप के प्रति आकर्षित हो गई।

प्रश्न 22. एवरेस्ट की चढ़ाई में नमचे बाजार का क्या महत्त्व है?

उत्तर: नमचे बाजार, शेरपालैंड का एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र है। एवरेस्ट पर जाने वाले अधिकांश शेरपा इसी स्थान तथा यहीं के आसपास के गाँवों के होते हैं। यह नमचे बाजार ही था, जहाँ से बचेंद्री पाल ने सर्वप्रथम एवरेस्ट को निहारा (देखा) था। यह एवरेस्ट नेपालियों में ‘सागरमाथा’ नाम से प्रसिद्ध है। यह नाम बचेंद्री पाल भी अच्छा लगा।

प्रश्न 23. जब बचेंद्रीपाल 26 मार्च को पैरिच पहुँची तब उसे क्या समाचार मिला?

उत्तर: जब बचेंद्रीपाल 26 मार्च को पैरिच पहुँची तब उसे एक शेरपा कुली की मृत्यु का दुःखद समाचार मिला। वह शेरपा कुली हिम-स्खलन (landslide) के कारण मर गया था। यह दुर्घटना खुभु हिमपात पर जाने वाले अभियान दल के रास्ते के बाई तरफ सीधी पहाड़ी के धसकने से हुई थी। ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ की चट्टान नीचे खिसक गई थी। इसी दुर्घटना में 16 शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई थी और चार घायल हो गए थे।

प्रश्न 24. हिमपात क्या होता है?

उत्तर: हिमपात अपने आप में एक तरह से बर्फ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को कहते हैं। ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ में हलचल हो जाती है, जिससे बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें तत्काल गिर जाती हैं। अन्य कारणों से भी अचानक खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 25. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारी दी? 

उत्तर: डॉ. मीनू मेहता ने अभियान दल को कई बातों की जानकारी दी; जैसे-

• अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुल बनाने के बारे में।

• लट्ठों और रस्सियों के उपयोग के बारे में।

• बर्फ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधने का तरीका।

• अग्रिम दल के अभियांत्रिक कार्यों (Technical) के बारे में जानकारी दी।

(ख) निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 15 मई की रात को कैंप तीन में क्या घटना घटी और एक अन्य साथी ने लेखिका की जान कैसे बचाई?

(निबंधात्मक प्रश्न)

उत्तर: 15-16 मई, 1984 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन लेखिका और उसके 10 अन्य साथी कैंप नं. 3 में थे। सभी गहरी नींद में सो रहे थे कि रात 12.30 बजे के लगभग एक जोरदार धमाका हुआ। एक लंबा बर्फ पिंड कैंप के ठीक ऊपर ल्होत्से ग्लेशियर से टूटकर नीचे आ गिरा था। बर्फ के इस विशालकाय पुंज ने भीषण गर्जना के साथ कैंप को तहस-नहस कर दिया था।

एक साथी ने लेखिका की जान बचाने का काम किया। पहले लोपसांग ने अपनी स्विस छुरी से तंबू का रास्ता साफ किया, फिर वह लेखिका को बचाने के प्रयासों में लग गया। उसने बड़े-बड़े हिमपिंडों को हटाया। इसके बाद उसने लेखिका के चारों ओर की जमी कड़ी बर्फ की खुदाई की और लेखिका को उस बर्फ की कब्र से बाहर निकाल लाने में सफलता मिल गई। इस प्रकार लेखिका की जान बच गई।

प्रश्न 2. साउथकोल से चोटी तक की चढ़ाई, उसकी कठिनाइयों एवं सफलतापूर्वक उन्हें पार कर चोटी तक पहुँचने के घटनाक्रम का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर: जैसे ही लेखिका साउथ कोल कैंप पहुँची, उसने अगले दिन अपनी महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा सिलैंडर इकट्ठे किए। जय और मीनू भारी बोझ लेकर नीचे से धीरे-धीरे आ रहे थे। लेखिका दूसरे सदस्यों की मदद के लिए नीचे चली गई। अगले दिन वह सुबह चार बजे उठ गई। बर्फ को पिघलाकर चाय बनाई और साढ़े पाँच बजे तंबू से निकल पड़ी। अंगदोरजी बाहर खड़ा था। 6.20 पर लेखिका  अंगदोरजी के साथ साउथकोल से बाहर निकली। ठंड बहुत अधिक थी। जमी बर्फ को काटते हुए वे दो घंटे से कम समय में शिखर कैंप तक पहुँच गए। ल्हाटू द्वारा लाई गई नॉयलान की रस्सी को पकड़ कर वह आगे बढ़ी। ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने पर चढ़ाई आसान लगने लगी। 23 मई, 1984 के दिन दोपहर एक बजकर सात मिनट पर वह चोटी पर चढ़ने सफल हो गई।

इस प्रकार लेखिका अनेक कठिनाइयों को पार करके एवरेस्ट चोटी पर पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बन गई। चोटी पर पहुँचकर उसने स्वयं को स्थिर किया।

प्रश्न 3. अंगदोरजी कौन थे? उनके पर्वतारोहण की क्या

विशेषता थी? उनके साथ चोटी तक चढ़ाई करने का बचेंद्री का निर्णय जोखिम भरा क्यों था और लेखिका इस कसौटी पर खरी उतरी या नहीं?

उत्तर: अंगदोरजी लेखिका के अभियान दल का एक सदस्य था। उसने 29 अप्रैल को 7900 मीटर की ऊँचाई पर कैंप-4 लगाया था।

लेखिका ने उनके साथ साउथ कोल से चोटी तक चढ़ाई करने का निर्णय किया था। यह निर्णय इसलिए जोखिम भरा था क्योंकि एक ही दिन में साउथ कोल से चोटी तक जाना और वापस आना बहुत कठिन था। अंगदोरजी बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई करने के इच्छुक थे। इसके कारण उसके पैर ठंडे पड़ जाते थे। पैर ठंडे पड़ने पर उनके वापस लौटने का जोखिम था, पर लेखिका का अंगदोरजी पर विश्वास था तथा वह अपनी आरोहण क्षमता और कर्मठता के प्रति भी आश्वस्त थी।

लेखिका इस कसौटी पर खरी उतरी। वह अनेक बाधाओं को पार करके दो घंटे से भी कम समय में शिखर कैंप तक पहुँच गई। अब उसे सफलता निकट जान पड़ी। अंततः दोपहर एक बजकर सात मिनट पर (23 मई, 1984) वह एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने में सफल रही।

प्रश्न 4. बेस कैंप-चार में बचेंद्री पाल से मिलने कौन आया ? उससे बचेंद्रीपाल को क्या प्रेरणा मिली?

उत्तर: जब 29 अप्रैल को बचेंद्रीपाल बेस कैंप-4 में थी, तब तेनसिंग (एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले प्रथम पर्वतारोही) अपनी सबसे छोटी सुपुत्री डेकी के साथ बचेंद्रीपाल के दल से मिलने आए। उन्होंने एक बात पर विशेष बल दिया कि दल के प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक शेरपा कुली से बातचीत की जाए। इसी क्रम में बचेंद्रीपाल की बारी आई। बचेंद्री पाल ने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिल्कुल नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है। यह सुनकर तेनजिंग हँसे और उन्होंने बचेंद्री पाल से कहा कि एवरेस्ट उनके लिए भी पहला अभियान है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि शिखर पर पहुँचने से पहले उन्हें सात बार एवरेस्ट पर जाना पड़ा था। यह कहकर तेनजिंग ने बचेंद्रीपाल के कंधों पर हाथ रखते हुए कहा- “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।” इसको सुनकर बचेंद्रीपाल का आत्मविश्वास बढ़ा और उसका इरादा पक्का हो गया।

प्रश्न 5. साउथ कोल कैंप में बचेंद्रीपाल ने क्या-क्या काम किए?

उत्तर: जैसे ही बचेंद्रीपाल साउथ कोल कैंप पहुँची, उसने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा कुछ ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठे किए। जब दोपहर डेढ़ बजे बिस्सा आया तो उसने बचेंद्री को चाय के लिए पानी गरम करते देखा । की, जय और मीने अभी बहुत पीछे थे। बचेंद्री इसलिए चिंतित थी क्योंकि उसे अगले दिन उन्हीं के साथ चढ़ाई करनी थी। वे लोग धीरे-धीरे आ रहे थे क्योंकि वे भारी बोझ लेकर और बिना ऑक्सीजन के चल रहे थे। दोपहर को बचेंद्री ने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने और अपने एक थरमस को जूस से भरने तथा दूसरे थरमस को चाय से भरने के लिए नीचे जाने का निश्चय किया। जैसे ही वह कैंप से बाहर निकली, उसकी मुलाकात मीनू से हुई। की और जय अभी पीछे थे। बचेंद्री को जय जनेवा स्पर की चोटी के ठीक नीचे मिला। उसने चाय पी। उसने बचेंद्री को आगे जाने से रोकने की कोशिश की।

प्रश्न 6. 23 मई, 1984 को क्या हुआ?

उत्तर: 23 मई, 1984 को बचेंद्रीपाल को दोपहर एक बजकर सात मिनट पर एवरेस्ट की चोटी पर जा खड़ी हुई। एवरेस्ट की चोटी पर चहुँचने वाली वह प्रथम भारतीय महिला थी।

एवरेस्ट की चोटी शंकु आकार की थी। वहाँ इतनी भी जगह नहीं थी कि दो व्यक्ति भी साथ-साथ खड़े हो सकें। उसके सामने सुरक्षा का प्रश्न भी था। बचेंद्री पाल ने सबसे पहले बर्फ के फावड़े से बर्फ हटाई और स्वयं को सुरक्षित किया। इसके बाद वह अपने घुटनों के बल वहाँ बैठ गई, बर्फ को अपने माथे से लगाया। इस प्रकार उसने सागरमाथा का चुंबन लिया। फिर उसने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। उन्हें एक लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और उन्हें वहीं बर्फ में दबा दिया। उस आनन्द की घड़ी में बचेंद्री को अपने माता-पिता की याद हो आई। फिर वह उठी, हाथ जोड़े और अपने रज्जु-नेता अंगदोर जी के प्रति आदर भाव से झुकी। उन्होंने उसे प्रोत्साहित किया। उन्होंने बचेंद्री को गले से लगाया और अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।

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