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NCERT Class 7 Hindi Durva Chapter 5 थोड़ी धरती पाऊँ
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थोड़ी धरती पाऊँ
Chapter: 5
दूर्वा भाग–२ |
1. कविता संबंधी प्रश्न।
(क) कवि बाग-बगीचा क्यों लगाना चाहता है?
उत्तर: कवि बाग-बगीचा लगाना चाहता है क्योंकि उसे फूल-फल, चिड़ियाँ, प्यारी खुशबू और ताजगी बहुत अच्छी लगती है। बाग-बगीचा लगाकर वह अपने आस-पास हरियाली भर देना चाहता है। कवि के अनुसार, इमारतें बनाने के लिए मनुष्य ने सभी वृक्षों को काट दिया है। अब कवि वृक्षों को लगाकर फिर से हरियाली भरा वातावरण बनाना चाहता है।
(ख) कविता में कवि की क्या विनती है?
उत्तर: कविता में कवि की यह विनती है की यह वृक्षों को ना काटे और कोई काटता है तो उसे भी रोके।
(ग) कवि क्यों कह रहा है कि
‘आज सभ्यता वहशी बन,
पेड़ों को काट रही है।’
इस पर अपने विचार लिखो।
उत्तर: कवि इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि मनुष्य अपने काम या अपने स्वार्थ के लिए वृक्षों को काट कर हरियाली साफ कर रहे हैं। वृक्षों की कटाई कर क्रूरता की सारी हदें पार कर चुके है। इस वजह से हमे बहुत नुकसान हो रहा है।
(घ) कविता की इस पंक्ति पर ध्यान दो-
“बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।”
अब तुम यह बताओ कि पेड़ों और बच्चों में क्या कुछ समानता है? उसे अपने ढंग से लिखो।
उत्तर: पेड़ों और बच्चों में समानता है। दोनों को अपनपने और बढ़ने के लिए पोषण, देखभाल और समय की आवश्यकता होती है। जैसे पेड़ों को पानी, धूप, और मिट्टी की जरूरत होती है, वैसे ही बच्चों को भी पोषण, प्यार, और शिक्षा की जरूरत होती है। पेड़ और बच्चे दोनों ही हमारी सांस्कृतिक और पारिस्थितिक धरोहर का हिस्सा होते हैं। पेड़ों से हमारी सांस्कृतिक परंपराएँ जुड़ी होती हैं और बच्चों में हमारी सांस्कृतिक धरोहर जीवित रहती है।
2. कैसी लगी कविता।
कविता पढ़ो और जवाब दो-
(क) कविता की कौन-सी पंक्तियाँ सबसे अच्छी लगीं?
उत्तर: कविता की सबसे अच्छी पंक्ति है:
“बच्चे और पेड़ दुनिया को हरा-भरा रखते हैं।”
यह पंक्तिक में पेड़ और बच्चे दोनों ही दुनिया को सुंदर और शांत बनाते हैं। पेड़ अपनी हरियाली और छाया से पर्यावरण को सुंदर बनाते हैं, और बच्चों की मुस्कान और मासूमियत से जीवन में शांति और खुशी आती है।
(ख) वे पंक्तियाँ क्यों अच्छी लगीं?
उत्तर: क्योंकि इसमें यह बताया गया है कि मनुष्य का भला तभी होगा जब वह पेड़-पौधे नहीं काटेगा। पेड़-पौधों को मनुष्य के समान सम्मान देना मनुष्य का कर्तव्य है। इससे हम प्रेम और आदर प्राप्त कर सकते हैं।
3. बातचीत।
नीचे एक लकड़हारे और एक बच्ची की बातचीत दी गई है। इसे अपनी समझ से पूरा करो।
बच्ची | ओ भैया! आप इस पेड़ को क्यों काट रहे हो? |
लकड़हारा | यह तो मेरा काम है। |
बच्ची | पर यह तो गलत है। |
लकड़हारा | यह कैसे गलत है? इसी से तो मेरे परिवार का भरण-पोषण होता है। |
बच्ची__________________________________
लकड़हारा______________________________________________________________________________________________________________________________________________
उत्तर: बच्ची और लकड़हारा:
बच्ची: काका, क्या आपने कभी सोचा है कि आपके इस काम से पृथ्वी और मानव जाति को कितना नुकसान हो रहा है?
लकड़हारा: बिटिया, मुझे नहीं समझ आ रहा कि मेरे पेड़ काटने से आखिर नुकसान कैसे हो सकता है?
बच्ची: काका, जब आप पेड़ काटते हैं, तो हमारे पर्यावरण और पृथ्वी पर गहरा असर पड़ता है। पेड़ मिट्टी को बांधकर रखते हैं, जिससे बाढ़ आने पर मिट्टी का नुकसान नहीं होता। लेकिन पेड़ कटने से मिट्टी की उर्वरता खत्म हो जाती है और बाढ़ में उपजाऊ मिट्टी बह जाती है। इसके अलावा, पेड़ हवा को शुद्ध करते हैं। वे कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो हमारे जीवन के लिए बेहद जरूरी है। यदि पेड़ समाप्त हो जाएंगे, तो एक दिन हम भी समाप्त हो जाएंगे।
लकड़हारा: (चौंककर) मुझे तो इन बातों का जरा भी अंदाजा नहीं था। अब मैं समझ गया कि मेरे काम का पर्यावरण पर कितना गलत असर पड़ता है। बिटिया, मैं आज से प्रण लेता हूँ कि अब पेड़ नहीं काटूँगा। इसके बजाय जो पेड़ मैंने काटे हैं, उनकी जगह नए पेड़ लगाऊँगा और उनकी देखभाल करूंगा।
बच्ची: (खुशी से) धन्यवाद काका! यदि हर कोई आपकी तरह सोचने लगे, तो हमारी पृथ्वी हमेशा हरियाली से भरी रहेगी और मानव सभ्यता फलेगी-फूलेगी।
लकड़हारा: (मुस्कुराते हुए) यह तो मैंने अब सीखा है कि पेड़ों की रक्षा करना ही असली मानव धर्म है।
बच्ची: काका, आपकी यह सोच कई लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी। धन्यवाद!
4. बाग-बगीचा।
(क) तुम पेड़ों को बचाने के लिए क्या कुछ कर सकते हो? बताओ।
उत्तर: पेड़ों को बचाने के लिए हम निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
1. वृक्षारोपण करें: नए पेड़ लगाएं और उनकी देखभाल करें।
2. पेड़ों को कटने से रोकें: अवैध कटाई के खिलाफ आवाज उठाएं।
3. कागज का उपयोग कम करें: कागज का पुनर्चक्रण करें और डिजिटल विकल्पों को अपनाएं।
4. प्लास्टिक का उपयोग कम करें: प्लास्टिक कचरे से पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, जिससे पेड़ों पर भी असर पड़ता है।
5. स्थानीय अभियानों में भाग लें: पर्यावरण से जुड़े जागरूकता अभियानों में सक्रिय योगदान दें।
6. पानी बचाएं: पेड़ों को स्वस्थ रखने के लिए पानी का संरक्षण करें।
7. जैविक उत्पादों का उपयोग करें: रसायनों और कीटनाशकों का उपयोग कम करें, जिससे मिट्टी और पेड़ों को नुकसान न हो।
(ख) कविता में कवि ने बगीचे के बारे में बहुत कुछ बताया है। बताओ, नीचे लिखी चीज़ों में से कौन-सी चीज़ों बगीचे मैं होंगी?
कार | फूल |
क्यारियाँ | चिड़ियाँ |
सड़क | फल |
खेत | तालाब |
कारखाने | पेड़ |
कुर्सी | कागज़ |
पत्ता | टहनी |
उत्तर: फूल, क्यारियाँ, चिड़ियाँ, फल, पेड़, टहनी, पत्ता।
5. यह भी करो:
(क) तुम्हारे घर के पास कौन-कौन से पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आमतौर पर नज़र आते हैं? उनकी सूची बनाओ।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) अपने आस-पास पता करके ऐसे किसी व्यक्ति से बात करो जिसने कोई पेड़ या पौधा लगाया है। उससे पूछकर निम्नलिखित जानकारी प्राप्त करो-
पेड़ / पौधे का नाम
कब लगाया था?
देखभाल की या नहीं?
क्या वह पेड़/ पौधा अब भी मौजूद है?
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
6. खोजबीन:
हमारे देश में पुराने समय से ही पेड़-पौधों को लगाने और उन्हें कटने से बचाने की परंपरा रही है। कई बार लोगों ने मिलकर पेड़ों को बचाने के लिए आंदोलन भी किया। ऐसे ही किसी आंदोलन के बारे में जानकारी इकट्ठी करके कॉपी में लिखो। इसके लिए तुम्हें पुस्तकालय, समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं, शिक्षिका या माता-पिता और इंटरनेट से भी सहायता मिल सकती है।
उत्तर: चिपको आंदोलन:
चिपको आंदोलन 1973 में उत्तराखंड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के गढ़वाल के चमोली जिले में शुरू हुआ। इसका उद्देश्य पेड़ों को कटने से बचाना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना था। इस आंदोलन का नेतृत्व पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा और चंडी प्रसाद भट्ट ने किया, लेकिन इसमें महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक थी।
ग्रामीण महिलाएं पेड़ों को कटने से बचाने के लिए उन्हें गले लगाकर खड़ी हो गईं। उनकी साहसिक सजगता और दृढ़ता के कारण लकड़हारों को पेड़ों को काटने से रोक दिया गया। सत्याग्रह और अहिंसा पर आधारित यह आंदोलन पर्यावरण संरक्षण के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुआ।
चिपको आंदोलन ने पूरे उत्तराखंड में जागरूकता फैलाई और हजारों पेड़ों को कटने से बचाया। यह आंदोलन न केवल भारत, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध हुआ और इसे पर्यावरणीय आंदोलनों की प्रेरणा माना गया। स्त्रियों की सक्रियता और अदम्य साहस ने इसे सफल बनाया।
7. इन शब्दों के समान अर्थ वाले कुछ शब्दों को लिखो:
धरती ……………………………………………।
उत्तर: धरती: भूमि, पृथ्वी, वसुंधरा, धरातल, भूगोल।
चिड़िया ………………………………………….।
उत्तर: चिड़िया: पक्षी, खग, पंछी, विहंग, गगनचारी।
हवा ……………………………………………..।
उत्तर: हवा: वायु, समीर, पवन, अनिल, वात।
पेड़ ……………………………………………..।
उत्तर: पेड़: वृक्ष, तरु, लता, पौधा, विरूध।
दुनिया …………………………………………..।
उत्तर: दुनिया: संसार, जगत, विश्व, पृथ्वी, लोक।
8. जंगल, पेड़-पौधों और प्रकृति से संबंधित कुछ कविताओं के बारे जानकारी प्राप्त करो।
“जंगल” शीर्षक से दी गई कविता को पढ़ो और अपने दोस्तों को सुनाओ।
उत्तर: (i) ‘शाम-एक किसान’ (सर्वेश्वरदयाल सक्सेना):
यह कविता प्रकृति का अद्भुत और संवेदनशील चित्रण प्रस्तुत करती है। कवि ने किसान की शाम को प्रकृति के साथ जोड़ा है और उसकी दिनभर की मेहनत के बाद का दृश्य दिखाया है। इसमें खेत, सूरज, और गांव की सौंदर्यता को बड़ी खूबसूरती से व्यक्त किया गया है।
(ii) ‘ग्राम श्री’ (सुमित्रानंदन पंत):
इस कविता में कवि ने गांव और प्रकृति के सौंदर्य का मनोहारी चित्रण किया है। खेतों की हरियाली, पक्षियों का कलरव, और ग्रामीण जीवन के साथ प्रकृति का सजीव संबंध इस कविता का मुख्य विषय है। इसमें प्रकृति की सुंदरता और उसके प्रति कृतज्ञता झलकती है।
(iii) ‘चंद्र गहना से लौटती बेर’ (केदारनाथ अग्रवाल):
इस कविता में कवि ने पौधों को मानवीय गुणों से युक्त दिखाया है। पेड़ों और पौधों को कवि ने इस तरह प्रस्तुत किया है जैसे वे मनुष्यों की तरह मेहनत कर रहे हों। यह कविता प्रकृति और मानव के बीच गहरे रिश्ते को उजागर करती है।