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NCERT Class 7 Hindi Durva Chapter 12 शहीद झलकारीबाई
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शहीद झलकारीबाई
Chapter: 12
दूर्वा भाग–२ |
1. पढ़ो, समझो और करो:
नमूना चिंता – चिंतित
1. जीवन –
उत्तर: जीवन – जीवित।
2. पीड़ा –
उत्तर: पीड़ा – पीड़ित।
3. उपेक्षा –
उत्तर: उपेक्षा – उपेक्षित।
4. सुरक्षा –
उत्तर: सुरक्षा – सुरक्षित।
5. पराजय –
उत्तर: पराजय – पराजित।
2. मुहावरे:
अपने प्राणों के बलिदान का अवसर आ गया है। इस वाक्य में “प्राणों का बलिदान देना” मुहावरे का प्रयोग हुआ है। नीचे कुछ और मुहावरे दिए गए हैं। इनका अपने वाक्यों में प्रयोग करो।
टूट पड़ना, निढाल होना, वीरगति पाना, शहीद हो जाना, प्राणों की बाज़ी लगाना, मौत के मुँह में जाना, मैदान में उतरना।
उत्तर: टूट पड़ना – शेर ने शिकार देखा, वह उस पर टूट पड़ा।
निढाल होना – पर्वत चढ़ने के बाद वह इतनी थक गई कि निढाल होकर ज़मीन पर बैठ गई।
वीरगति पाना – देश की रक्षा करते हुए वह सैनिक वीरगति को प्राप्त हुआ।
शहीद हो जाना – स्वतंत्रता संग्राम में भगत सिंह और उनके साथी देश के लिए शहीद हो गए।
प्राणों की बाज़ी लगाना – आग से घिरे बच्चों को बचाने के लिए उस फायरमैन ने प्राणों की बाजी लगा दी।
मौत के मुँह में जाना – बर्फीले तूफान के दौरान पर्वतारोहण करना मौत के मुँह में जाने जैसा था।
मैदान में उतरना – प्रतियोगिता जीतने के लिए हर खिलाड़ी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरा।
3. पाठ से:
(क) झलकारीबाई ने लक्ष्मीबाई से किस चीज़ की माँग की और क्यों?
उत्तर: झलकारीबाई ने रानी से उनके वस्त्र, पगड़ी और कलगी की माँग की थी क्योंकि अपनी रानी को झाँसी से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उसके पास इसके अलावा कोई और उपाय नहीं था। वह निर्णायक युद्ध लड़ने जा रही थी, और इस कठिन परिस्थिति में उसने यह योजना बनाई। अपनी रानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसने रानी के वस्त्र धारण करने का निर्णय लिया और साहस के साथ इस योजना को अमल में लाने के लिए तैयार हो गई।
(ख) ‘जनरल! झाँसी की रानी को ज़िंदा पकड़ना तुम्हारे बूते की बात नहीं है।’ यह किसने, किससे और क्यों कहा?
उत्तर: ‘जनरल! झाँसी की रानी को ज़िंदा पकड़ना तुम्हारे बूते की बात नहीं है।’ यह पंक्ति झलकारीबाई ने अंग्रेज़ों के जनरल रोज़ को कहा था। उसने यह इसलिए कहा ताकि जनरल रोज़ को समझा सके कि झाँसी की रानी को पकड़ना कोई बच्चों का खेल नहीं है।
(ग) झलकारीबाई का क्या हुआ?
उत्तर: झलकारीबाई ने युद्ध के मैदान में वीरगति प्राप्त की थी। वह अपनी रानी के स्थान पर युद्ध करने के लिए गई थीं और अदम्य साहस के साथ अंग्रेज़ों का सामना किया। झलकारीबाई ने अपनी अंतिम साँस तक अंग्रेजी सेना को धोखा देने की योजना पर अमल किया, ताकि रानी लक्ष्मीबाई सुरक्षित रूप से किले से बाहर निकल सकें। अपनी निष्ठा और बलिदान के बल पर उन्होंने रानी को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई और देश के प्रति अपने कर्तव्य को निभाते हुए प्राणों की आहुति दे दी। उनका यह बलिदान इतिहास में हमेशा अमर रहेगा।
4. खोजबीन:
(क) आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लेने वाली कुछ महिलाओं के नाम बताओ।
उत्तर: रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेनम्मा, सरोजिनी नायडू, भीकाजी कामा और कस्तूरबा गांधी।
(ख) रानी लक्ष्मीबाई के बारे में सुभद्रा कुमारी चौहान की एक प्रसिद्ध कविता तुमने पढ़ी या सुनी होगी। उसकी कुछ पंक्तियाँ कॉपी में लिखो।
उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान की रानी लक्ष्मीबाई पर लिखी प्रसिद्ध कविता “झांसी की रानी” की कुछ पंक्तियाँ इस प्रकार हैं:
“सिंहासन हिल उठे, राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी।
गुमी हुई आज़ादी की क़ीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।”
5. तुम्हारी समझ:
तुमने इस एकाँकी को अच्छी तरह से अवश्य समझ लिया होगा। अब इस पाठ के आधार पर स्वयं कुछ प्रश्न बनाकर लिखो। उनके उत्तर भी लिखो। यदि तुम चाहो तो उत्तर देने के लिए अपने साथी से प्रश्नों की अदला-बदली भी कर सकते हो।
उत्तर: विद्यार्थियों सोयम करे।
प्रश्न1. झलकारीबाई ने अंग्रेजों को चकमा देने के लिए क्या योजना बनाई थी?
उत्तर: झलकारीबाई की योजना बहुत साहसिक और रणनीतिक थी। उन्होंने निश्चय किया कि वह अंग्रेजों को किले के मुख्य द्वार पर उलझा कर रखेंगी, ताकि रानी लक्ष्मीबाई अपने बेटे दामोदरदास और वीर सैनिकों के साथ महल से सुरक्षित बाहर निकल सकें। झलकारीबाई ने अपने अदम्य साहस और सूझबूझ से अंग्रेज़ों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, जिससे रानी लक्ष्मीबाई को सुरक्षित रूप से बच निकलने का अवसर मिल सका। यह योजना न केवल रानी की रक्षा के लिए थी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में झलकारीबाई के अतुलनीय बलिदान और निष्ठा को भी दर्शाती है।
प्रश्न2. झलकारीबाई का परिचय दें।
उत्तर: झलकारीबाई रानी लक्ष्मीबाई की नारी सेना की सेनापति थीं। वह अत्यंत साहसी, वीर और निष्ठावान महिला थीं, जिन्होंने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। झलकारीबाई ने झाँसी की रानी की रक्षा के लिए न केवल अपनी जान की परवाह किए बिना युद्ध किया, बल्कि संकट के समय रानी के समान वेश धारण कर अंग्रेज़ों को भ्रमित भी किया। उनके साहस, बलिदान और देशभक्ति ने उन्हें भारतीय इतिहास में अमर बना दिया है।
6. हमशक्ल:
झलकारीबाई, लक्ष्मीबाई की हमशक्ल थी। तुम्हारे विचार से हमशक्ल होने के क्या-क्या लाभ या हानि हो सकते हैं?
उत्तर: हमशक्ल होने के कुछ लाभ और हानि हो सकते हैं:
लाभ:
1. सुरक्षा: हमशक्ल होने के कारण झलकारीबाई ने रानी लक्ष्मीबाई का रूप धारण करके अंग्रेज़ों को धोखा दिया, जिससे रानी को सुरक्षित बाहर निकलने का मौका मिला।
2. युद्ध में मदद: किसी रणनीतिक स्थिति में हमशक्ल होने से दुश्मन को भ्रमित किया जा सकता है, जिससे सैनिकों को फायदा होता है।
3. रक्षा की योजना: किसी के हमशक्ल होने से उसे पहचानने में कठिनाई हो सकती है, जिससे युद्ध के मैदान में सुरक्षा बढ़ सकती है।
हानि:
1. गलत पहचान का खतरा: कभी-कभी हमशक्ल होने से गलत पहचान हो सकती है, जिससे व्यक्ति के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।
2. भावनात्मक तनाव: लगातार हमशक्ल के रूप में जीवन जीने से मानसिक और भावनात्मक दबाव हो सकता है, क्योंकि व्यक्ति अपनी असली पहचान को खो सकता है।
3. कानूनी समस्या: हमशक्ल के कारण कुछ मामलों में गलत आरोप भी लग सकते हैं, खासकर यदि किसी अपराध के लिए आरोपी को गलत तरीके से पहचाना जाए।
7. अभिनय:
इस एकाँकी का कक्षा में अभिनय करो। तुम बिना किसी अतिरिक्त सामग्री के भी नाटक का मंचन कर सकते हो।
उत्तर: विद्यार्थियों सोयम करे।

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