NCERT Class 6 Social Science Chapter 12 आधारभूत लोकतंत्र – भाग 3: नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय सरकार

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NCERT Class 6 Social Science Chapter 12 आधारभूत लोकतंत्र – भाग 3: नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय सरकार

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Chapter: 12

शासन और लोकतंत्र

महत्वपूर्ण प्रश्न

1. नगरीय स्थानीय निकाय क्या है और इनके कार्य क्या हैं?

उत्तर: नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय सरकार की संरचनाओं को ‘नगरीय स्थानीय निकाय’ कहा जाता है। इसका अर्थ है कि ये शीर्ष प्राधिकरण के अंतर्गत कार्य नहीं करते हैं। इन स्थानीय समुदायों को अपने क्षेत्रों के प्रबंधन या अपने सामने उपस्थित मुद्दों या समस्याओं का हल ढूंढने की स्वायत्तता रहती है। यह एक क्षेत्र में रह रहे नागरिकों के साथ आने और उनके लिए सर्वोत्तम क्या है, इस पर निर्णय लेने का एक तंत्र है।

नगरों एवं कस्बों को छोटी-छोटी इकाइयों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें ‘वार्ड’ कहते हैं। वार्ड समितियाँ स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन, एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के विरुद्ध अभियान जैसी गतिविधियों में सहायता करती हैं। ये हर उस विषय पर दृष्टि रखती हैं, जिनमें समस्या आ सकती है। जल रिसाव, नाली का जाम होना, किसी सड़क का टूट जाना और इन जैसी सभी समस्याओं के बारे में वे अधिकारियों को अवगत कराती हैं। हालांकि, वाडों की निश्चित कार्यप्रणाली अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न है, जो उनके द्वारा बनाए गए नियमों पर निर्भर करती है।

2. ये नगरीय स्थानीय निकाय सरकार और लोकतंत्र में क्यों महत्वपूर्ण हैं?

उत्तर: नगरीय स्थानीय निकाय सरकार और लोकतंत्र में इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये माध्यम से केंद्र व राज्य सरकारों के मध्य स्थानीय समस्याओं को विभाजित कर उनका समाधान अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकता है। यह नागरिकों के अधिकारों और कल्याण को प्राथमिकता देता है। लोगों को अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने और निर्णय प्रक्रियाओं में शामिल होने का अवसर देता है। 

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प्रश्न, क्रियाकलाप और परियोजनाएँ

1. विद्यालय आते हुए आप और आपके मित्र पाते हैं कि जल के एक पाइप में रिसाव हो रहा है। इस रिसाव से बहुत सारा जल व्यर्थ हो रहा है। इस स्थिति में आप और आपके मित्र क्या करेंगे?

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

2. आप अपने निकट रहने वाले नगरीय स्थानीय निकाय के किसी सदस्य को अपनी कक्षा में आमंत्रित कीजिए। उनके साथ उनकी भूमिका और उत्तरदायित्वों पर विचार-विमर्श कीजिए। उनसे पूछने के लिए प्रश्नों की एक सूची तैयार कीजिए ताकि यह  परिचर्चा उपयोग कीजिए।

उत्तर: प्रश्नों की सूची है–

(i) भूमिका और उत्तरदायित्व:

आपके नगरीय स्थानीय निकाय में आपकी मुख्य भूमिका क्या है?

आपके कार्यक्षेत्र में कौन-कौन सी जिम्मेदारियां आती हैं?

(ii) कार्य संचालन:

नगर में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आप क्या प्रयास करते हैं?

जल आपूर्ति और सड़क मरम्मत जैसे मुद्दों को हल करने की प्रक्रिया क्या है?

(iii) जनता से संवाद:

जनता की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए क्या-क्या माध्यम उपलब्ध हैं?

आपकी भूमिका में जनता की भागीदारी कितनी महत्वपूर्ण है?

(iv) चुनौतियां और समाधान:

आपको अपने कार्यक्षेत्र में कौन-कौन सी प्रमुख चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

उन चुनौतियों से निपटने के लिए आपकी रणनीतियां क्या हैं?

(v) स्थानीय योजनाएं और विकास कार्य:

आपकी स्थानीय निकाय ने हाल ही में कौन-कौन से विकास कार्य किए हैं?

पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं हैं?

(vi) शिक्षा और युवाओं का योगदान:

शिक्षा के क्षेत्र में स्थानीय निकाय का क्या योगदान है?

युवाओं को समाज की सेवा में भागीदारी के लिए प्रेरित करने के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?

(vii) अनुभव और दृष्टिकोण:

इस पद पर रहते हुए आपका सबसे यादगार अनुभव क्या रहा है?

आप युवा पीढ़ी को नगर के विकास में क्या योगदान देने का संदेश देना चाहेंगे?

3. अपने परिवार एवं पड़ोस के वयस्क लोगों के साथ चर्चा कीजिए और नगरीय स्थानीय निकायों से उनकी अपेक्षाओं की एक सूची बनाइए।

उत्तर: वयस्क शहरी निकायों से अपेक्षा कर सकते हैं कि वे साफ-सफाई बनाए रखें, विश्वसनीय पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करें, कचरे का प्रभावी प्रबंधन करें और बुनियादी ढांचे का उचित रखरखाव करें।

4. एक अच्छे नगरीय स्थानीय निकाय की विशेषताओं की सूची बनाइए।

उत्तर: एक अच्छे नगरीय स्थानीय निकाय में लोकतांत्रिक संरचना, पारदर्शी, जवाबदेह, कुशल, समावेशी, टिकाऊ होना चाहिए, जन भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए और प्रभावी ढंग से सेवाएँ प्रदान करनी चाहिए। 

5. ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय स्थानीय निकायों के बीच क्या समानताएँ एवं क्या विभिन्नताएँ हैं?

उत्तर: ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय स्थानीय निकायों के बीच समानताएँ कुछ इस प्रकार हैं–

(i) संवैधानिक प्रावधान: दोनों ही व्यवस्थाएँ संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत स्थापित हैं।

(ii) नगरीय निकाय में नगर पंचायत, नगर पालिका, और नगर निगम होते हैं।

(iii) राज्य सरकार दोनों पर निगरानी रखती है और उनके कामकाज में मार्गदर्शन करती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज व्यवस्था और नगरीय स्थानीय निकायों के बीच विभिन्नताएँ हैं–

पंचायती राज व्यवस्थानगरीय स्थानीय निकाय
ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद।नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम।
ग्रामीण स्तर पर न्यूनतम सुविधाएँ।शहरी स्तर पर उन्नत नागरिक सुविधाएँ।
कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों के लिए।अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों के लिए।

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