NCERT Class 11 Biology Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन

NCERT Class 11 Biology Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन Solutions Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 11 Biology Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन Solutions and select need one. NCERT Class 11 Biology Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन Question Answers Download PDF. NCERT Class 11 Biology Texbook Solutions in Hindi.

NCERT Class 11 Biology Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 11 Biology Textual Solutions in Hindi Medium are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 11 Biology Notes, CBSE Class 11 Biology in Hindi Medium Textbook Solutions for All Chapters, You can practice these here.

Chapter: 10

अभ्यास

1. स्तनधारियों की कोशिकाओं की औसत कोशिका चक्र अवधि कितनी होती है?

उत्तर: 24 घण्टे के समय में मनुष्य की कोशिको अथवा स्तनधारियों की कोशिका में कोशिका विभाजन पूर्ण होने में केवल एक घण्टा लगता है।

2. जीवद्रव्य विभाजन व केंद्रक विभाजन में क्या अंतर है?

उत्तर:

जीवद्रव्य विभाजनकेंद्रक विभाजन
(i) जीवद्रव्य कोशिका के कोशिकाद्रव्य का विभाजन है।(i) केन्द्रक एक कोशिका के केंद्रक का विभाजन है।
(ii) यह परमाणु विभाजन समाप्त होने के बाद, M-चरण के अंत में होता है।(ii) यह साइटोकाइनेसिस के आगे बढ़ने से पहले कोशिका चक्र के M-चरण के दौरान होता है।
(iii) जीवद्रव्य में पूर्वावस्था, मध्यावस्था, पश्चावस्था और अंत्यावस्था जैसे चरण मौजूद नहीं होते हैं।(iii) इसे चार चरणों में विभाजित किया गया है: पूर्वावस्था, मध्यावस्था, पश्चावस्था और अंत्यावस्था।

3. अंतरावस्था में होने वाली घटनाओं का वर्णन कीजिए।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: यह अवस्था कोशिका की विश्राम अवस्था (resting phase) मानी जाती है क्योंकि इस अवस्था में कोशिका वृद्धि करती है, अगले विभाजन की तैयारियां पूर्ण होती हैं तथा DNA का द्विगुणन होता है। इस अवस्था के तीन चरण हैं :

(i) G1 – फेज (Gap 1)।

(ii) S – फेज (संश्लेषण अवस्था)।

(iii) G2– फेज (Gap 2)।

G1-फेज माइटोसिस तथा DNA द्विगुणन प्रारम्भ होने का मध्यावकाश है।  S-फेज में DNA संश्लेषण व द्विगुणन होता है। DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है परन्तु गुणसूत्र संख्या में वृद्धि नहीं होती है। यदि G1 में 2n गुणसूत्र संख्या हो, तो S में भी 2n ही होगी। जन्तु कोशिका में DNA द्विगुणन के साथ-साथ सेन्ट्रिओल विभाजन भी होता है।

G2-फेज में प्रोटीन संश्लेषण होता है तथा कोशिका टोसिस (mitosis) के लिए तैयार होती है।

4. कोशिका चक्र का Go (प्रशांत प्रावस्था) क्या है?

उत्तर: कुछ कोशिकाओं में विभाजन की क्रिया नहीं होती है। कोशिका की मृत्यु होने पर दूसरी कोशिका उसका स्थान ले लेती है। अत: G1 – प्रावस्था एक अक्रिय अवस्था में प्रवेश करती है, इसे शान्त प्रावस्था (GO) कहते हैं। इस अवस्था में कोशिका केवल उपापचयी रूप से सक्रिय रहती है।

5. सूत्री विभाजन को सम विभाजन क्यों कहते हैं?

उत्तर: सूत्री विभाजन कोशिका विभाजन की वह प्रक्रिया है जिसमें गुणसूत्र दोहराए जाते हैं और समान रूप से दो संतति कोशिकाओं में वितरित हो जाते हैं। प्रत्येक संतति कोशिका में गुणसूत्र संख्या जनक कोशिका के बराबर होते हैं, अर्थात द्विगुणित। इसलिए, सम सूत्री विभाजन को समतुल्य विभाजन के रूप में जाना जाता है।

6. कोशिका चक्र की उस अवस्था का नाम बताएं, जिसमें निम्न घटनाएं संपन्न होती हैं-

(i) गुणसूत्र तर्क मध्यरेखा की तरफ गति करते हैं।

उत्तर: गुणसूत्र तर्क मध्यरेखा की तरफ गति करते हैं।

(ii) गुणसूत्रबिंदु का टूटना व अर्धगुणसूत्र का पृथक् होना।

उत्तर: गुणसूत्रबिंदु का टूटना व अर्धगुणसूत्र का पृथक् होना।

(iii) समजात गुणसूत्रों का आपस में युग्मन होना।

उत्तर: समजात गुणसूत्रों का आपस में युग्मन होना।

(iv) समजात गुणसूत्रों के बीच विनिमय का होना।

उत्तर: समजात गुणसूत्रों के बीच विनिमय का होना।

7. निम्न के बारे में वर्णन करें।

(i) सूत्रयुग्मन।

उत्तर: समरूप गुणसूत्रों की जोड़ी को सूत्रयुग्मन कहा जाता है। यह पूर्वावस्था या युग्मसूत्रावस्था के दूसरे चरण के दौरान होता है।

(ii) युगली।

उत्तर: द्विसंयोजी या चतुष्कोण अन्तर्ग्रथित समरूप गुणसूत्रों की एक जोड़ी है। वे अर्धसूत्रीविभाजन के पूर्वावस्था। या युग्मसूत्रावस्था चरण के दौरान बनते हैं।

(iii) काएज्मेटा।

उत्तर: काएज्मेटा वह स्थान है जहां दो बहन क्रोमैटिड (sister chromatids) एक दूसरे को पार करते हैं। यह विनिमय के स्थल को प्रदर्शित करता है। यह अर्थसूत्रीविभाजन के पूर्वावस्था। के डिप्लोटीन चरण के दौरान बनता है।

8. पादप व प्राणी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य विभाजन में क्या अंतर है?

उत्तर: 

पादप कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य विभाजनप्राणी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य विभाजन
(i) कोशिका द्रव्य का विभाजन कोशिका प्लेट निर्माण के माध्यम से होता है।(i) कोशिका द्रव्य का विभाजन विदलन द्वारा होता है।
(ii) कोशिका प्लेट का निर्माण कोशिका के केंद्र से शुरू होता है और बाहर की ओर, पार्श्व दीवारों की ओर बढ़ता है।(ii) दरार परिधि से शुरू होती है और फिर अंदर की ओर बढ़ती है, जिससे कोशिका दो भागों में विभाजित हो जाती है।
(iii) यह आमतौर पर सेल प्लेट विधि द्वारा होता है।(iii) यह विदलन द्वारा होता है।
(iv) कोशिका प्लेट केन्द्रापसारक रूप से बढ़ती है।(iv) दरार केन्द्रापसारक रूप से आगे बढ़ती है
(v) गॉल्जीकाय तंत्र के पुटिकाएँ नई कोशिका झिल्ली का स्रोत हैं।(v) अंतर्द्रव्यी जालिका आमतौर पर नई कोशिका झिल्ली का स्रोत होता है।

9. अर्धसूत्री विभाजन के बाद बनने वाली चार संतति कोशिकाएं कहाँ आकार में समान व कहाँ भिन्न आकार की होती हैं?

उत्तर: अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) के माध्यम से युग्मकों का निर्माण होता है। शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) की प्रक्रिया में मातृ कोशिका के विभाजन से चार पुत्री कोशिकाएँ बनती हैं, जो आकार एवं संरचना में एक समान होती हैं। ये सभी कोशिकाएँ शुक्र कायांतरण (spermiogenesis) द्वारा परिपक्व शुक्राणु में परिवर्तित होती हैं। इसके विपरीत, अंडजनन (Oogenesis) के दौरान मातृ कोशिका से उत्पन्न संतति कोशिकाएँ आकार में असमान होती हैं। इस प्रक्रिया के अंत में एक बड़ा परिपक्व अंडाणु और तीन छोटी ध्रुवीय कोशिकाएँ (polar bodies) बनती हैं। ध्रुवीय कोशिकाएं निष्क्रिय रहती हैं और प्रजनन में भाग नहीं लेतीं।

पौधों में, बीजांड के भीतर गुरुबीजाणुजनन के समय अर्धसूत्री विभाजन से चार कोशिकाएं उत्पन्न होती हैं, जिनमें से एक आधारीय कोशिका (functional megaspore) सक्रिय रहती है और वही विभाजित होकर भ्रूणकोष (embryo sac) का निर्माण करती है। इसके विपरीत, लघुबीजाणुजनन के दौरान बनने वाले चार लघुबीजाणु (microspores) एक जैसे होते हैं और यही आगे चलकर परागकण (pollen grains) बनाते हैं।

10. सूत्री विभाजन की पश्चावस्था अर्थसूत्री विभाजन की पश्चावस्था I में क्या अंतर है?

उत्तर: 

सूत्री विभाजन की पश्चावस्थाअर्थसूत्री विभाजन की पश्चावस्था I
(i) पश्चावस्था वह चरण है जिसके दौरान गुणसूत्रबिंदु विभाजित हो जाता है और क्रोमैटिड अलग हो जाते हैं। गुणसूत्र अलग-अलग ध्रुवों की ओर बढ़ते हैं। ये गुणसूत्र आनुवंशिक रूप से समान होते हैं।(ii) पश्चावस्था। के दौरान, समरूप गुणसूत्र अलग हो जाते हैं, जबकि क्रोमैटिड अपने गुणसूत्रबिंदु से जुड़े रहते हैं। इसलिए, पश्वावस्था। में, प्रत्येक द्विसंयोजक जोड़ी के गुणसूत्र अलग हो जाते हैं, जबकि बहन क्रोमैटिड एक साथ रहते हैं।
(i) बहन क्रोमैटिड्स समान आनुवंशिक सामग्री के होते हैं।(ii) अलग हुए समरूप गुणसूत्र आनुवंशिक रूप से भिन्न होते हैं क्योंकि क्रॉसिंग ओवर हो चुका होता है।

11. सूत्री व अर्धसूत्री विभाजन में प्रमुख अंतरों को सूचीबद्ध करें?

उत्तर: 

सूत्री विभाजनअर्धसूत्री विभाजन
(i) यह सभी दैहिक कोशिकाओं में होता है और जीवन भर जारी रह सकता है।(i) यह प्रजनन कोशिकाओं में और विशिष्ट समय पर होता है।
(ii) इसमें एक ही विभाजन होता है, जिसके परिणामस्वरूप केवल दो संतति कोशिकाएँ बनती हैं।(ii) इसमें दो क्रमिक विभाजन होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप चार संतति कोशिकाएँ बनती है।
(iii) बाद के समसूत्री विभाजन पहले वाले के समान हैं।(iii) दो अर्धसूत्री विभाजन असमान हैं: पहला न्यूनीकरणीय है, जबकि दूसरा समीकरणीय है।
(iv) समजातीय गुणसूत्रों का कोई युग्मन नहीं होता।(iv) समजातीय गुणसूत्र युग्मित होते हैं और प्रायः प्रोफ़ेज़ 1 में क्रॉसिंग ओवर से गुजरते हैं।
(v) कोई सिनैप्टोनेमल कॉम्प्लेक्स नहीं बनता।(v) सिनैप्टोनेमल कॉम्प्लेक्स सिनेप्सड समजातीय गुणसूत्रों के बीच बनता है।
(vi) एक जनक कोशिका से दो पुत्री कोशिकाएँ (daughter cells) बनाते हैं।(vi) एक जनक कोशिका से चार पुत्री कोशिकाएँ (daughter cells) बनाते हैं।
(vii) पुत्री कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या जनक कोशिका के समान ही होती है।(vii) पुत्री कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या जनक कोशिकाओं की ठीक आधी (half) रह जाती है।
(viii) पश्चावस्था में गुणसूत्र के दोना हिस्से अलग-अलग ध्रुवों की ओर चलते हैं।(viii) पश्चावस्था-1 म पहल छोटे कम किएज्मा वाले गुणसूत्र तथा फिर लम्बे अधिक किएज्मा वाले गुणसूत्र अलग होते हैं।

12. अर्धसूची विभाजन का क्या महत्व है?

उत्तर: अर्द्धसूत्री विभाजन का निम्नलिखित महत्त्व हैं:

(i) अर्धसूत्रीविभाजन गुणसूत्र संख्या को पीढ़ी दर पीढ़ी बनाए रखता है। यह गुणसूत्रों की संख्या को आधा कर देता है ताकि निषेचन की प्रक्रिया युग्मनज में मूल संख्या को पुनः स्थापित हो सके।

(ii)  इस विभाजन के दौरान गुणसूत्रों का यादृच्छिक वितरण और क्रॉसिंग ओवर (विनिमय) के कारण संतति कोशिकाओं में आनुवंशिक विविधता उत्पन्न होती है। यह विविधता विकास और जातीय विविधता के लिए आवश्यक है।

(iii) गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन कुछ असमानताओं की शुरूआत के कारण होता है। ये गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन किसी व्यक्ति के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।

13. अपने शिक्षक के साथ निम्न के बारे में चर्चा करे-

(i) अगुणित कीटों व निम्न श्रेणी के पादपों में कोशिका विभाजन कहाँ संपन्न होता है?

उत्तर: नर मधुमक्खियाँ, जिन्हें ड्रोन (Drones) कहा जाता है, अगुणित (haploid) होती हैं। ये अनिषेचित अगुणित अंडों से उत्पन्न होती हैं, जिनमें केवल सूत्री विभाजन (mitosis) होता है। दूसरी ओर, निम्न श्रेणी के पादपों जैसे  एककोशिकीय क्लैमिडोमोनास (Chlamydomonas) और बहुकोशिकीय यूलोथ्रिक्स (Ulothrix) में जनन की प्रक्रिया समसूत्री विभाजन के माध्यम से होती है। इन पादपों में अगुणित युग्मक (haploid gametes) बनते हैं, जो आपस में संयोग कर युग्माणु (zygote) बनाते हैं। यह युग्माणु अर्धसूत्री विभाजन (meiosis) द्वारा विभाजित होकर अगुणित बीजाणु उत्पन्न करता है, जो आगे चलकर समसूत्री विभाजन द्वारा नए पादपों का निर्माण करते हैं।

(ii) उच्च श्रेणी पादपों की कुछ अणुणित कोशिकाओं में कोशिका विभाजन कहाँ नहीं होता है?

उत्तर: उच्च श्रेणी के पादपों में स्थित द्विगुणित बीजाण्डकाय (diploid ovule tissue) की गुरुबीजाणु मात्र कोशिका (megaspore mother cell) में अर्धसूत्री विभाजन (meiosis) होता है, जिससे चार अगुणित गुरुबीजाणु (haploid megaspores) बनते हैं। इनमें से केवल एक ही सक्रिय रहता है, जबकि शेष तीन में कोई कोशिका विभाजन नहीं होता और वे नष्ट हो जाते हैं। सक्रिय गुरुबीजाणु विभाजित होकर भ्रूणकोष (embryo sac) का निर्माण करता है। भ्रूणकोष की कुछ कोशिकाएँ जैसे प्रतिमुख कोशिकाएं (antipodal cells) और सहायक कोशिकाएं (synergids) भी अगुणित होती हैं, परंतु इनमें कोई कोशिका विभाजन नहीं होता।

साइकस (Cycas) जैसे नग्नबीजी पौधों में, लघुबीजाणु (परागकण) के अंकुरण से नर युग्मकोभिद (male gametophyte) विकसित होता है। इसमें बनने वाली प्रोथैलियल कोशिका (prothallial cell) और लिखा कोशिका (tube cell) भी अगुणित होती हैं और इनमें कोई विभाजन नहीं होता।

14. क्या S प्रावस्था में बिना डीएनए प्रतिकृति के सूत्री विभाजन हो सकता है?

उत्तर: नहीं, S (सिंथेसिस) अवस्था में बिना DNA प्रतिकृति के सूत्री विभाजन (Mitosis) नहीं हो सकता। S अवस्था का मुख्य कार्य ही DNA की प्रतिकृति (DNA replication) करना होता है। यदि DNA की प्रतिकृति नहीं होती, तो कोशिका के पास दो समान जीनोमिक सेट नहीं होंगे, जिन्हें दो पुत्र कोशिकाओं में बाँटा जा सके। इससे विभाजन त्रुटिपूर्ण होगा या कोशिका विभाजित ही नहीं होगी।

15. क्या बिना कोशिका विभाजन के डीएनए प्रतिकृति हो सकती है?

उत्तर: कोशिका विभाजन के बिना भी DNA प्रतिकृति हो सकती है। सामान्यतः DNA से RNA का निर्माण प्रकृति के फलस्वरूप ही होता रहता है।

16. कोशिका विभाजन की प्रत्येक अवस्थाओं के दौरान होने वाली घटनाओं का विश्लेषण करें और ध्यान दें कि निम्न लिखित दो प्राचलों में कैसे परिवर्तन होता है?

(i) प्रत्येक कोशिका की गुणसूत्र संख्या (N)।

उत्तर: प्रत्येक कोशिका की गुणसूत्र संख्या (N):

(i) अंतरावस्था की G₁ प्रावस्था में कोशिका उपापचयी रूप से सक्रिय होती है।

(ii)  इसमें निरन्तर वृद्धि होती रहती है। S-प्रावस्था में DNA की प्रतिकृति होती है। इसके फलध्विरूप DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है। यदि DNA की प्रारम्भिक मात्रा 20 से प्रदर्शित करें तो इसकी मात्रा 4C हो जाती है, जबकि गुणसूत्रों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता।

(iii) यदि G₁ प्रावस्था में गुणसूत्रों की संख्या 2N है। तो G₂ प्रावस्था में भी इनकी संख्या 2N रहती है।

(ii) प्रत्येक कोशिक में डीएनए की मात्रा ( C)।

उत्तर: प्रत्येक कोशिका में डीएनए की मात्रा (C):

(i) अर्द्धसूत्री विभाजन की पूर्वावस्था प्रथम की युग्मपट्ट (जाइगोटीन) अवस्था में समजात गुणसूत्र जोड़े बनाते हैं।

(ii) पश्चावस्था प्रथम में गुणसूत्रों का बँटवारा होता है। यदि गुणसूत्रों की संख्या 2N है तो अर्द्धसूत्री विभाजन के पश्चात् गुणसूत्रों की संख्या N रह जाती है।

(iii) जननांगों (2N) में युग्मकजनन अर्द्धसूत्री विभाजन के फलस्वरूप होता है। इसके फलस्वरूप युग्मकों में गुणसूत्रों की संख्या घटकर अगुणित (आधी-N) रह जाती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds

Scroll to Top