Class 8 Hindi Chapter 10 गोकुल लीला

Class 8 Hindi Chapter 10 गोकुल लीला answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters SEBA Class 8 Hindi Chapter 10 गोकुल लीला and select need one.

Class 8 Hindi Chapter 10 गोकुल लीला

Join Telegram channel

Also, you can read the SCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. These solutions are part of SCERT All Subject Solutions. Here we have given Assam Board Class 8 Hindi Chapter 10 गोकुल लीला Solutions for All Subject, You can practice these here.

गोकुल लीला

पाठ – 10

अभ्यास–माला

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:

1. दोनों पदों में से तुम्हें कौन-सा पद अधिक अच्छा लगा और क्यों?

उत्तर: दोनो पदों में से हमे पहला पद अधिक अच्छा लगा क्योंकि शिशु कृष्ण किलकारी करते हुए नंद के आँगन में घुटनों के बल चल रहा है। नंद का आँगन स्वर्णिम और मणियों से जड़ा हुआ है। कृष्ण आँगन में अपनी परछाई को देखकर उसे पकड़ने के लिए आगे बढ़ता चलता है। कभी-कभी वह अपनी छाया को देखता रहता है और कभी-कभी उसे हाथों से पकड़ना चाहता है (जब कृष्ण किलकारी करते हुए हँसता है तब दूध के दो दाँत निकल पड़ते हैं। परछाई में इसी दृश्य को वह बार-बार देखता है। कवि सूरदास कल्पना करते हैं कि नंद के आँगन की स्वर्णिम भूमि पर कृष्ण के हाथ और चरणों की छाया देखकर ऐसा लगता है मानो पृथ्वी प्रत्येक चरण और हाथ की प्रतिमा बनाकर उसके लिए कमलासन सजा रही है। (कृष्ण के हाथ तथा चरण प्रतिमा हैं तथा उनकी परछाई कमलासन है।) / कृष्ण की इस बाल अवस्था देखकर यशोदा को अत्यंत सुख मिल रहा है और वह नंद को बार-बार बुलाती है) फिर वह कृष्ण को गोद में उठा लेती है और आँचल से ढककर दूध पिलाने लगती है।

2. दूसरे पद को पढ़कर बताओ कि तुम्हारे अनुसार उस समय कृष्ण की उम्र क्या रही होगी?

उत्तर: दूसरे पद के अनुसार कृष्ण की उम्र लगभग एक से दो साल रही होगी।

3. पहले पद में घुटनों के बल चलने वाले कृष्ण का जो वर्णन किया गया है – उसे अपनी हिंदी में प्रस्तुत करो।

उत्तर: पहले पद में घुटनों के बल चलने वाले कृष्ण का जो वर्णन किया गया है क्योंकि इस पद में कृष्ण जी के बाल लीला का वर्णन् हुआ है। बालक कृष्ण जब किलकारी मारते हुए घुटनों के बल अपनी परछाई को पकड़ने के लिए दौड़ने लगते है। तब उसे देखकर बहुत मजा आता है। जब कृष्ण किलकारी करते हुए हसँता है तब दूध के दो दाँत निकल पड़ते है। माता यशोदा को इस बाल अवस्था देखकर अत्यन्त सुख मिलती है और वह दृश्य को देखने के लिए नंद को बार-बार बुलाती है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

4. मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से कैसे मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से मांँ का मन मोह लेता है- उसका वर्णन अपने शब्दों में करो।

उत्तर: मक्खन चुराकर भी कृष्ण अपनी चतुराई से अपनी मांँ यशोदा के सामने उसने मुंह से दधि पोंछकर दोना पीछे छुपा लिया कृष्ण के इस भोलेपन को देखकर योशोदा ने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे गले से लगा लिया।

5. सही उत्तर में ✓ निशान लगाओ:

(क) श्रीकृष्ण घुटनों के बल चलते हुए –

(i) रो रहा था।

(ii) हँस रहा था।

(iii) किलकारी कर रहा था।

(iv) कुछ बोल रहा था।

उत्तर: (iii) किलकारी कर रहा था।

(ख) नंद का आंँगन–

(i) मणियों से जड़ा हुआ था।

(ii) मिट्टी से लीपा हुआ था।

(iii) संगमरमर का बना था।

(iv) इट का बना हुआ था।

उत्तर: (i) मणियों से जड़ा हुआ था।

(ग) कृष्ण के मुँह पर मक्खन लगा हुआ था, क्योंकि-

(i) ग्वाल बालकों ने उसके मुँह पर मक्खन लगा दिया था।

(ii) खिलाते समय माँ के हाथों से मक्खन लगा था।

(iii) वह मक्खन चुराकर खा रहा था।

(iv) उसके साथ और भी बच्चे थे, जिनके कारण चोरी करना संभव नहीं था।

उत्तर: (i) ग्वाल बालकों ने उसके मुँह पर मक्खन लगा दिया था।

6. उत्तर दो:

(क) नन्द के आँगन में कृष्ण किसका प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था?

उत्तर: नन्द के आँगन में कृष्ण अपनी परछाई प्रतिबिंब पकड़ने के लिए दौड़ता था।

(ख) कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने क्या किया?

उत्तर: कृष्ण के झूठ पकड़े जाने पर यशोदा ने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुरा कर उसे गले लगा लिया।

(ग) यशोदा बार-बार नंद को क्यों बुलाती है?

उत्तर: कृष्ण की इस बाल–अवस्था देखकर यशोदा को अत्यंत सुख मिल रही थी इसलिए वह नंद को बार–बार बुलाती है।

(घ) माता यशोदा बालक कृष्ण को किस तरह दूध पिलाती है?

उत्तर: माता यशोदा बालक कृष्ण को गोद में उठाकर अपनी आंँचल से ढककर दूध पिलाती है।

(ङ) किलकारी मारकर हँसते हुए कृष्ण का मुख कैसा दिखता है?

उत्तर: किलकारी मारकर हँसते हुए कृष्ण का मुख दूध के दाँत निकल पड़ते थे।

(च) ‘मैया मैं नहिं माखन खायौ’ इसके समर्थन में कृष्ण क्या सफाई देता है?

उत्तर: ‘मैया मैं नहिं माखन खायौ’ इसके समर्थन में कृष्ण ने यह सफाई दी कि ये सभी मेरे साथी मेरे पीछे पड़ गए और मेरे मुंँह में मक्खन लपेट दिया।

(छ) बालक कृष्ण ने माखन चोरी के आरोप से बचने के लिए क्या चालाकी की?

उत्तर: बालक कृष्ण ने माखन चोरी के आरोप से बचने के लिए कहा माँ मेरे साथीओं ने मेरे मुख पर दही का लेप लगा दिया। वे सभी मिलकर माखन चुराकर चले गए और मुझ पर दोषो का भार दिलाने के लिए चालाकी की।

(ज) क्या बालक कृष्ण माखन चोरी के आरोप से बच पाया? यदि नहीं तो माता यशोदा ने साथ कैसा व्यवहार किया?

उत्तर: नहीं बालक कृष्ण माखन चोरी के आरोप से नही बच पाया। कृष्ण के झुठ पकड़े जाने पर यशोदा ने हाथ से छड़ी फेंक दी और मुस्कुराकर उसे गले से लगा लिया।

(झ) घुटनों के बल चलते हुए बालक कृष्ण के रूप-सौदर्य का अपने शब्दों में वर्णन करो।

पाठ के आस-पास

1. सूरदास की तरह असम के श्रीश्री माधवदेव भी श्रीकृष्ण के बाल-वर्णन के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। बालकृष्ण पर आधारित माधवदेव के निम्नलिखित बरगीत को पढ़ो और कक्षा में सुनाओ:

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

ध्रु. गोविन्द दुग्ध पिउ दुग्ध पिउ बोलेरे यशोवा

दुग्ध नाखाया हरि कान्दे उवा-उवा।।

पद – अरुण अधर मुरि कान्दे यदुमणि। 

चान्द मुखेर बालाई लओं बोलेरे जननी।। 

कान्दिते नेत्रेर नीर धारे बहि परे। 

कमल पत्रेर जेन शिशिर निगरे।। 

जननीर मुख चाया कान्दे यदुपति। 

मञि जाओं तोमार हुया बले यशोमती।। 

पाये धरो शिरे धरो दुग्ध पिउ हरि।

मुखे स्तन लैया कान्दे फोंकारि फोंकारि।। 

जगतर गुरु भाव लैया मानवीर। 

कान्दिते आकुलमति कोला जननीर।। 

कहय माधव दास बर अगियान। 

ओहि भाव सुमरि छुटोक मेरि प्राण।।

भाषा–अध्ययन

1. कुछ शब्द उच्चारण की दृष्टि से इतने मिलते-जुलते हैं कि प्रयोगकर्ता उन्हें एक ही मान बैठते हैं, जबकि उनका अर्थ एक-दूसरे से पूर्णतः भिन्न होता है। उदाहरण के लिए इन्हें देखो –

(i) अंश – भाग

(ii) क्रीत – खरीदा हुआ

(iii) तरणि – सूर्य

(iv) अंस – कंधा

(v) कृत – किया हुआ

(vi) तरणी – नौका

अब, निम्नलिखित शब्द-युग्मों के अंतर जानने की कोशिश करो और कॉपी में लिखकर शिक्षक/ शिक्षिका को दिखाओ:

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

(i) अन्न, अन्य:

(ii) अणु, अनु:

(iii) आदि, आदी:

(iv) कुल, कूल:

(v) जलद, जलज:

(vi) नीर, नीड:

(vii) चिर, चीर:

(viii) सुत, सूट:

(ix) बात, वाट:

(x) दिन, दीन:

(xi)) पानी, पाणि:

इस प्रकार के जितने हो सके शब्द-युग्मों का संग्रह करो और कक्षा में सुनाओ।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

2. ‘कृष्ण’ शब्द के पाँच पर्यायवाची शब्द लिखो।

उत्तर: (i) वासुदेव।

(ii) सारथी।

(iii) मुरलीधर।

(iv) हरी।

(v) नन्दलाल।

आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:

शब्दअर्थ 
किलकत
कान्हा
घुटुरुवनि
मनिमय 
कनक
बिंब
धावत 
निरखी
हरी
कर
दतियाँ
प्रतिपद 
प्रतिमनि 
बसुधा
ढाँकि
सुर
सखा
सीके
भाजन 
बुद्धि
दोना
पीठी दुरिया 
डारि–साँटि
स्यामहिँ
कंठ
मोद 
सिव
बिरंची 

उत्तर: 

शब्दअर्थ 
किलकतकिलकारी मारते हैं
कान्हाकृष्ण
घुटुरुवनिघुटनों के बल
मनिमय मणि जड़ित
कनकसोना, स्वर्ण
बिंबछाया
धावत दौड़ता है
निरखीदेखकर
हरीश्रीकृष्ण, भगवान
करहाथ
दतियाँदाँत
प्रतिपद प्रत्येक पद (पैर
प्रतिमनि प्रतिमा, मूर्ति
बसुधाधरती, पृथ्वी
ढाँकिढककर
सुरकवि सूरदास
सखामित्र
सीकेसिकिया, सिकहर, जिस पर दही या मक्खन के मटके छत से लटका कर रखे जाते हैं।
भाजन पात्र 
बुद्धिचालाकी, बुद्धिमानी
दोनापत्तों से बना हुआ पात्र, जिसमें दही मक्खन या मिठाई रखकर खाते हैं।
पीठी दुरिया पीछे छुपा लिया
डारि–साँटिछड़ी
स्यामहिँकृष्ण को 
कंठगला, ग्रीवा
मोद आनंद
सिवशिव, शंकर
बिरंची ब्रह्मा

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top