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Class 8 Hindi Chapter 2 कश्मीरी सेब
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कश्मीरी सेब
पाठ – 2
अभ्यास–माला |
1. ‘कश्मीरी सेब’ कहानी को पढ़कर अपने शब्दो में सुनाओ।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
2. किसने कहा, किस्से कहा?
(क) “बाबूजी, बड़े मजेदार सेब आए है।”
उत्तर: दुकानदार ने बाबूजी से कहा।
(ख) “सेब चुन–चुन कर रखना।”
उत्तर: बाबूजी ने दुकानदार से कहा।
3. एक वाक्य में उत्तर लिखो:
(क) दुकान पर किस रंग के सेब सजे हुए थे?
उत्तर: दुकान पर गुलाबी रंग के सेब सजे हुए थे।
(ख) बनारस किस आम के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: बनारस के लंगड़े आम के लिए प्रसिद्ध है।
(ग) लेखक ने दुकानदार से कितने सेब मांगे?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से आध सेर सेब मांगे।
(घ) लेखक ने दुकानदार को कितने पैसे दिए?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार को चार आने पैसे दिए।
(ङ) फल खाने का उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर: फल खाने का उपयुक्त समय प्रात: काल है।
4. संक्षेप में उत्तर लिखो:
(क) हमारे बदले हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक का क्या विचार है?
उत्तर: हमारे बदलते हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक का विचार है कि आए दिन लोग उन्ही खाद्य को खाना चाहते हैं जिस खाद्य में प्रचुर मात्रा में विटामिन तथा प्रोटीन पाया जाता है। टमाटो कों पहले कोइ खेत में थी न पूछता था। लेकिन टमाटो अब भोजन का अवस्यक अंग बन गया हैं। गाजर भी गरीबो की पेट भरने की चीज थी, अमीर लोग तो उसका हलवा ही खाते थे। सेकिन जब से पता चला हैं कि गाजर में प्रतीन होता हैं तो गाजर को भी अब मेंजो पर स्थान मिलने लगा हैं।
(ख) सेब खाने का क्या–क्या लाभ है?
उत्तर: सेब में विटामिन-सी और विटामिन-बी पाया जाता है। कहा जाता है कि अगर हम रोज एक सेब खाए तो हमें डॉक्टर के पास जाना नहीं पड़ेगा। अर्थात सेब खाने से हमें शक्ति मिलती है और कई बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
(ग) लेखक ने प्रातः काल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वे किस हालत में मिले?
उत्तर: लेखक ने प्रातः काल खाने के लिए जब सेब निकाले तो सड़ा हुआ मिला।
(घ) दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर: लेखक ने प्रातः काल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वह सब सड़े हुए निकले। पहला सेब निकालने पर देखा कि सेब में एक रुपए के आकार का चिल्का गर्ल गया था। दूसरा आधा सड़ा हुआ था। तीसरा दबगर बिल्कुल पिचक गया था। चौथा बेदाग था, मगर उसमें एक काला सुराग था जैसा अकसर वैरो में होता हैें।
(ङ) खोमचेवाले को ईमानदारी के बारे में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर: खोमचेवाले को ईमानदारी के बारे में लेखक ने यह कहा की खोमचेवाले से एक पैसे की रेवड़ियाँ ली थीं और पैसे की जगह अठन्नी दे आया था। घर आकर जब अपनी भूल मालूम हुई तो खोमचेवाले के पास दौड़ा गया। आशा नहीं थी कि वह अठन्नी लौटाएगा, लेकिन उसने प्रसन्नचित से अठन्नी लौटा दी और उलटे मुझसे क्षमा माँगी।
(च) इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर: कश्मीरी सेब कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कोई भी वस्तु दुकानदार से खरीदने से पहले अच्छे से सामग्रियों की जांँच करनी चाहिए। तथा दुकानदार की मीठी मीठी बातों मैं न आकर सतर्क रहना चाहिए। पैसे देते वक्त भी सावधानी बरतनी चाहिए।
5. “चार पैसों का इतना गम न हुआ, जितना समाज के इस चारित्रिक पतन का ।”- लेखक ने किस परिस्थिति में ऐसा कहा है ?
उत्तर: लेखक ने प्रातः काल में मुंँह हाथ धोकर लिफाफा में से एक सेब निकालकर खाना चाहा, तो देखा कि सारे सेब खराब एवं सड़े हुए थे। तब उन्हें ज्ञात हुआ कि दुकानदार ने उन्हें जानबूझकर ठगा है। उन्हें इस बात की चिंता नहीं थी कि उनका पैसा चला गया। उन्हें इस बात की चिंता थी कि दुकानदार किस प्रकार ग्राहकों के भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हें ठग लेते हैं।
6. सत्य कथन के सामने ✓ और असत्य कथन के सामने x का निशान लगाओ:
(i) गाजर में अधिक विटामिन पाया जाता है।
उत्तर: ✓
(ii) अल्फासो सेब की एक किस्म है।
उत्तर: x
(iii) फल खाने का समय रात है।
उत्तर: x
(iv) चौथे सेब में एक काला सुराख था।
उत्तर: ✓
(v) दुकानदार ने लेखक को बढ़िया सेब दिए थे।
उत्तर: x
(vi) आदमी बेईमानी तभी करता है, जब उसे अवसर मिलता है।
उत्तर: x
(vii) लेखक ने दुकानदार को सेब की कीमत के रूप में चार आने पैसे दिए थे।
उत्तर: ✓
(viii) एक सेब वी खाने लायक नहीं था।
उत्तर: ✓
(ix) सभी दुकानदार बेईमानी करते है।
उत्तर: x
(x) खोमचेवाली ने लेखक की अठन्नी नहीं लौटायी।
उत्तर: x
पाठ के आस पास |
1. बाजार में बिकनेवाले सामानों के दाम हमेशा घटते–बढ़ते रहते हैं। तुम इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हो? इसे रोकने के लिए तुम क्या करोगे, आपस में चर्चा करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
2. हमारे खान–पान, रहना–सहना और परिधानों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष–वीपक्ष में बात–चित करो और उसके आधार पर एक लेख तैयार करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
3. क्या तुम कभी कोई सामान खरीदते समय ठगे हो? यदि हांं तो कब और कैसे? लगभग 100 शब्दों में अपने अनुभव लिखो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
4. दुकानदार ग्राहोको को किस प्रकार ठगता है? लगभग पांच छ: वाक्यों में लिखो।
उत्तर: (i) अगर हम कोई भी समान को ठीक से नहीं देखते।
(ii) दुकानदार अपने तराजू के जरिए भी हम थकते है।
(iii) अगर कोई चीज खराब हो तो उसे साफ करके।
(iv) कोई वस्तु खराब हो तो झूट बोलकर दे देता है।
(v) दुकानदार समान देते समय ठीक से नहीं देखते तब वो हमे ठकते है।
5. कोई वस्तु खरीदते समय हम ठगे न जाएं–इसके लिए हमें क्या सावधानियां वरतनी चाहिए।
उत्तर: कोई वस्तु खरीदते समय हम ठगे न जाएं–इसके लिए हमें समान लेते समय बहुत ध्यान से देखना चाहिए ताकि हम घर जाकर देखते है तो समान खराब ना निकले और दुकानदार से थोड़ी कड़वी से बात करना चाहिए ताकि दुकानदार कमजोर सोचकर हमे न ठगे।
भाषा–अध्ययन |
1. दिए गए उदाहरण को देखकर निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाओ:
सुबह, अमीर, पश्चिम, हानि, आशा
उत्तर: (i) सुबह = करीम शाम को घर लौटता है।
(ii) अमीर = रिया ने एक गरीब परिवार में जन्म ली है।
(iii) पश्चिम = सूर्य हमेशा पूरब से निकलता है।
(iv) हानि = रिया बहुत भाग्यशाली है।
(v) आशा = हमे कभी भी किसी को निराशा नहीं करना चाहिए।
2. आओ, एक बार फिर याद करे:
तुमलोग जानते हो की संज्ञाओं के मूलत: तीन भेद माने जाते है–
(i) व्यक्तिवाचक।
(ii) जातिवाचक।
(iii) भाववाचक।
वस्तुतः संज्ञा शब्दों के अन्य दो भेद वस्तुवाचक और समूहवाचक संज्ञा शब्द जातिवाचक संज्ञा शब्दों के अंतर्गत आते हैं।
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा: जिन संज्ञा के द्वारा किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, प्राणी आदि का बोध होता है उन्हे। व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे – जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधान मंत्री थे।
दिल्ली भारत की राजधानी है।
(ii) जातिवाचक संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों से किसी प्राणी, वस्तु आदि को पूरी जाति का बोध होता है उन्हे जातिवाचक संज्ञा कहते है।
जैसे – गाय उपकारी जानवर है।
पुस्तक से हमें ज्ञान प्राप्त होता है।
(iii) भाववाचक संज्ञा: जिन संज्ञा शब्दों से किसी भाव, गुण, दशा, कार्य आदि का बोध होता है, उन्हे भाववाचक संज्ञा कहते है।
जैसे – दोस्तों की सहायता अवश्य करनी चाहिए।
फुलवारी की सुंदरता मन मोह लेती है।
अब निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़ो और उसमें से संज्ञाएँ छाँटकर दी गई तालिका में लिखोः रामू का गाँव गंगा नदी के किनारे था। एक दिन रामू शहर से अपने गाँव लौट रहा था। रास्ते में उसे जोरों की भूख और प्यास लगी। कुछ दूरी पर उसे एक बड़ा-सा पेड़ दिखाई दिया। पेड़ के नीचे लोगों की भीड़ लगी थी। एक आदमी पके-पके आम बेच रहा था। आम की मिठास से रामू की भूख तेज हो गई। उसके पास कुछ सिक्के थे। उसने दो बड़े आम खरीदकर खाए। उसने पास ही में रखे पीतल के घड़े से पानी लेकर पीया और चल पड़ा।
उत्तर:
व्यक्तिवाचक संज्ञा | जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
रामू, गंगा। | नदी, शहर, गांव, आम, पेड़, आदमी। | भूख, प्यास, मिठास। |
इसी तरह तुम संज्ञा शब्दों से एक अन्य तालिका बनाओ और शिक्षक- शिक्षिका को दिखाओ।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
3. इन वाक्यों को ध्यान से पढ़ो:
काला कुत्ता दौड़ रहा है। मेरे विद्यालय में पंद्रह कमरे हैं। यह ऊँचा पेड़ है। गिलास में थोड़ा दूध है। वह लड़का खेल रहा है।
ऊपर के वाक्यों में रेखांकित शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहे हैं। जैसे- ‘काला’ कुत्ते की विशेषता बता रहा है। उसी तरह ‘ऊँचा’ पेड़ की विशेषता बता रहा है। ‘थोड़ा’ दूध की मात्रा या परिमाण बता रहा है। उसी प्रकार ‘वह’ शब्द लड़के की विशेषता बता रहा है। इन्हें विशेषण कहते हैं। विशेषण के मुख्यतः चार भेद हैं- गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सर्वनामवाचक या सार्वनामिक विशेषण।
अब निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ो और उसमें से विशेषण शब्दों को छाँटकर फिर से लिखो। प्रत्येक विशेषण शब्द के भेद का भी साथ में उल्लेख करो:
रोहन एक अच्छा लड़का है। वह मधुर स्वर से गीत गाता है। उसके पास गीतों के बारह संकलन हैं। सरिता भी अच्छी लड़की है। वह बढ़िया नाचती है। उसका नृत्य देखकर लोग मोहित हो जाते हैं। दोनों को कई पुरस्कार भी मिले हैं।
4. ‘चुन–चुनकर सेब रखना’ – इस वाक्य में एक ही क्रिया पद ‘चुनना’ दो बार आया है अब उदाहरण देखकर निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाओ:
खा–खाकर = राम खा–खाकर मोटा हो गया है।
उत्तर: (i) रो–रोकर = मीरा ने रो–रोकर अपना बुरा हाल बनाई।
(ii) दौड़–दौड़कर = राम ने दौड़–दौड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
(iii) बोल–बोलकर = रिया बोल–बोलकर सबके कान पकाती है।
(iv) मार–मारकर = पापा ने हमे मार–मारकर स्कूल भागा दिया।
(v) रह–रहकर = घर में रह–रहकर थक चुकी हूं।
5. पास के वृत्त में दिए गए विशेषण शब्दों से खाली स्थानों को भरो:
पांँच, घने, बड़े, छोटा, बहुत, बड़ा, थोड़ी, ऊंचे
(i) पांडव ……….. भाई थे।
उत्तर: पांडव पांँच भाई थे।
(ii) एक दिन ……. गर्मी थी।
उत्तर: एक दिन बहुत गर्मी थी।
(iii) वन में पांडवो को ………. जोर की प्यास लगी। आस–पास जल का अभाव था।
उत्तर: वाण में पांडवो को बहुत जोर की प्यास लगी।आस–पास जल का अभाव था।
(iv) ………… ब्रिचा के कारण दूर तक देखना मुश्किल था।
उत्तर: बड़े ब्रीचा के कारण दूर तक देखना मुश्किल था।
(v) तब नकुल ने एक ……….. पेड़ पर चढ़कर देखा की …………. दूर पर जल से भरा एक ……….. तालाब है।
उत्तर: तब नकुल ने एक बड़ा पेड़ पर चढ़कर देखा की थोड़ी दूर पर जल से भरा एक छोटा तालाब है।
(vi) उसे दूर से उड़कर आता एक ……….. पक्षी दिखाई दिया।
उत्तर: उसे दूर से उड़कर आता एक ऊंचे पक्षी दिखाई दिया।
योग्यता–विस्तार |
1. प्रेमचन की परीक्षा कहानी का संग्रह करके पढ़ो और शिक्षक की सहायता से उसे समझने का प्रयास करे।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
2. ‘ग्राहक सुरक्षा’ विषय पर अपने सहपाठियों के साथ चर्चा करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
3. आम की तरह सेब और केले की भी कई किस्में होती है।शिक्षक की सहायता से उनकी जानकारी प्राप्त करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
4. दुकानदार वस्तु की नाप–तौल, संख्या या गिनती में कम देकर अथवा बढ़िया वस्तु के स्थान पर घटिया वस्तु देकर पैकिंग करके ग्राहकों को ठगता है। कुछ ऐसी वस्तुओ की एक तालिका बनाओ जिनमें दुकानदार ग्राहकों को ठग सकता है।
उत्तर:
(i) अगर हम दुकानदार की नाप–तौल ठीक तरह से नहीं देखते है तब। |
(ii) बिस्कुट की पैकेट अगर चूहे ने काटा हो तब। |
(iii) जैसे सेब खरीदते वक्त अच्छी सेब की जगह खराब सेब तक देते है। |
(iv) कोई भी सामन खरीद ते वक्त अच्छी तरह नही देखते तब। |
(v) दुकानदार हमे तरोजे के जरिए भी थकते है। |
(vi) कोई भी सामन ठीक तरीके से न देखे तब। |
ऐसी सावधानियां रखें:
1. ‘ग्राहक अधिकार’ एवं ‘ग्राहक सुरक्षा’ पर ध्यान दें।
2. वस्तुओं के पैकेट पर छपे वजन, निर्माण की तारीख, गुणवत्ता, समाप्त होने की तारीख और मूल्य देख लें।
3. दवाओं के पैकेटों या बोतलों पर छपे वजन, बैच नंबर, निर्माण तिथि, गुणवत्ता समाप्ति तिथि और अधिकतम खुदरा मूल्य देखकर ही खरीदें।
4. फल-सब्जियों को खरीदते समय यह देख लें कि वे ताजे है या नहीं। स्थानीय हैं या बाहर से मंगाए गए हैं। वे सड़े हुए न हों और दुकानदार सही तौल रहा है अथवा नहीं।
5. कुछ वस्तुएँ संख्या के हिसाब से बिकते हैं। अतः ऐसी वस्तुएँ खरीदते समय उनकी सही संख्या गिनकर ही लें।
परियोजना कार्य |
आजकल उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने के लिए टी.वी. पर अनेक विज्ञापन प्रसारित होते हैं। उनमें से ‘जागो ग्राहक जागो’ ऐसा ही एक विज्ञापन है। तुम किसी एक अन्य विज्ञापन के बारे में अपने सहपाठियों से चर्चा करो और संक्षेप में एक प्रतिवेदन प्रस्तुत करो।
शब्द | अर्थ |
चौक | |
मेवाफरोश | |
टमाटो | |
सेंत | |
नीमकौड़ी | |
आध | |
तबियत खुश होना | |
लौड़ा | |
कायदा | |
सुराख | |
गम | |
चौकस | |
छटाँक | |
तराजू | |
किड़हे | |
निगाह | |
भाँप | |
दुर्गता | |
साख |
उत्तर:
शब्द | अर्थ |
चौक | चौराहा |
मेवाफरोश | सूखे या ताजे फल बेचने वाला |
टमाटो | टमाटर |
सेंत | मुफ्त |
नीमकौड़ी | नीम का फल |
आध | आधा |
तबियत खुश होना | बहुत आनंद आना |
लौड़ा | दुकान में काम करने वाला लड़का |
कायदा | नियम, व्यवस्था |
सुराख | छेद |
गम | दुःख |
चौकस | सावधान |
छटाँक | सेर के सोलहवें भाग की एक तौल ( अब यह प्रचलन में नहीं है) |
तराजू | वस्तु का वजन मापने या तौलने का एक उपकरण |
किड़हे | कीड़े लगे हुए |
निगाह | नजर |
भाँप | समझ लिया |
दुर्गता | दुर्दशा |
साख | श्रेय, महत्व |
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