Class 7 Hindi Chapter 3 एक तेजस्वी और दयावान बालक The answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter Assam Board Class 7 Hindi Chapter 3 एक तेजस्वी और दयावान बालक and select needs one.
Class 7 Hindi Chapter 3 एक तेजस्वी और दयावान बालक
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एक तेजस्वी और दयावान बालक
पाठ – 3
पाठ से
अभ्यासमाला
1. निम्नलिखित प्रशनों के उतर दो :
( क ) वीरेशवर ने साहस का परिचय कैसे दिया ?
उत्तर : वीरेश्वर ने एक छोटे बच्चे की एक तीव्र गति से चलने वाले धोड़ा गाड़ी के नीचे से निकाल कर अपने साहस का परिचय दिया था।
(ख) नरेंद्रनाथ के गुरु कौन थे ? गुरु से वह कैसे मिला ?
उत्तर : नरेंन्द्रनाथ के गुरु रामकृष्ण परमहंस थे। अपने मन में उठे तरह तरह के प्रशनों के उत्तर खोजते खोजते नरेन्द्रनाथ अपने गुरु से मिला था।
(ग) नरेंद्रनाथ ने सन्यास लेने के बाद क्या किया ?
उत्तर : सन्यास लेने के बाद नरेंद्रनाथ ने पूरे भारतवर्ष की यात्रा की थी।
(घ) विश्व धर्म सम्मेलन कब और कहाँ आयोजित हुआ था ?
उत्तर : विश्व धर्म सम्मेलन वर्ष १८९३ में अमरीका के शिकागो शहर में आयोजित हुआ था।
(ङ) “रामकृष्ण मिशन” नामक संस्था का प्रधान उद्देश्य क्या है ?
उत्तर : “रामकृष्ण मिशन” नामक संस्था का प्रधान उद्देश्य है समस्त पृथवी के गरीब, बेसहारे लोगों की सेवा करना।
(च) स्वामीजी ने युवा शक्ति का आहवान किसलिए किया था ?
उत्तर : स्वामीजी ने युवा शक्ति को तन मन से स्वस्थ होकर देश के भविष्य को बदलने की दिशा में काम करने को लिए आहवान किया था।
1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :
( क ) वीरेश्वर रास्ते से गुजरते हुए भिखरियों को बुलाकर क्या करता था ?
उत्तर : वीरेश्वर रास्ते से गुजरते हुए भिखारयों को बुलाकर खिड़की से कमरे का समान दे देता था।
(ख) स्कूल में वीरेश्वर का नाम का रखा गया था ?
उत्तर : स्कूल में वीरेश्वर का नाम नरेंद्रनाथ रखा गया था।
(ग) संन्यास लेने के बाद नरेंद्रनाथ किस नाम से लोकप्रिय हुए ?
उत्तर : सन्यास लेने के बाद नरेंद्रनाथ स्वामी विवेकानंद के नाम से लोकप्रिय हुए थे।
(घ) अमेरीकी मीडिया ने स्वामीजी को किस नाम से नवाजा था ?
उत्तर : अमरीकी मीडिया ने स्वामीजी को “साईक्लोनिक हिंदु” (Cyclonic Hindu) नाम से नवाजा था।
Sl. No. | Contents |
Chapter 1 | नन्हा मुन्ना राही हूँ |
Chapter 2 | चार मित्र |
Chapter 3 | एक तेजस्वी और दयावान बालक |
Chapter 4 | मेरी राजस्थान यात्रा |
Chapter 5 | जीना, जिलाना मन भूलना |
Chapter 6 | चाय: असम की एक पहचान |
Chapter 7 | हार की जीत |
Chapter 8 | अपनों के पत्र |
Chapter 9 | सुमन एक उपवन के |
Chapter 10 | स्वाधीनता संग्राम में पूबेौत्तर की वीरांगनाएँ |
Chapter 11 | कागज की कहानी |
Chapter 12 | असोक का शस्त्र त्याग |
Chapter 13 | भगतिन मौसी |
Chapter 14 | आओ स्कूल चलें |
Chapter 15 | तुम कव जाओगे, अतिथि |
Chapter 16 | अमृत वाणी |
भाष अध्ययन
आओ, जानें :
1. संधि शब्द का अर्थ है मेल। परस्पर निकटस्थ दो शब्दों के प्रथम की अंत्यर्ध्वान और दूसरे की आद्यध्वनि के बीच जो मेल होता है उसे संधि कहते हैं ।
विद्या + आलय = विद्यालय।
पूर्व + उत्तर = पूर्वोत्तर।
2.निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद करो :
हिमालय = हिम + आलयमेघालय = मेघ + आलय।
विद्यार्थी = विद्या + अर्थी।
महोत्सव= महा + उत्सव।
सूर्योदय = सूर्य + उदय।
आओ, जानें :
उपसर्ग = जो शब्दांश शब्द के आदि में जुड़कर उसके अर्थ को बदल देता है, उसे उपसर्ग कहते हैं।
‘अ’ उपसर्ग जोड़कर तीन शब्द बनाए गए हैं-
प्रसन्न – अप्रसन्न।
भाव – अभाव।
सुविधा – असुविघा।
3. आओ, समूह में बैठ कर ‘प्र’, ‘कु’, ‘अ’, ‘वि’ उपसर्ग युक्त एक एक शब्द पाठ से छाँटकर लिखे :
जैसे- प्र + गति
उत्तर : प्र + भाव = प्रभाव।
अ + भाव = अभाव।
कु + संस्कार = कुसंस्कार।
वि + भाग = विभाग।
4. रेखांकित उपसर्ग का प्रयोग करके इन्य दो शब्द बनाओ :
विरोध = विभाग, विदेश।
सूयोग्य = सुदौल, सुदर्शन।
उपकार = उपयोग, उपनाम।
प्रदीप = प्रभाव, प्रगति।
अभिमान = अभियोग, अभिघान।
आओ, जानें :
प्रतय = जो शब्दांश शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने के साथ साथ उसके अर्थ में विशेषता पैदा कर देता है, उसे प्रत्यय कहते हैं।
जैसे – भला + ई = भलाई
5. अब तुम लोग ‘ईय’ एवं ‘इत’ प्रत्यय लगाकर कुछ नए शब्द बनाओ:
जैसे: राष्ट्र + ईय = राष्ट्रीय प्रभाव+ इत= प्रभावित
\’ईय’ ‘इत’
जातीय संभावित
गणितीय विवेचित
6. प्रत्यय जोड़कर शब्द बनाओ :
स्वाधीन + ता = स्वाधीनता।
पत्र + कार पत्रकार।
दूध + वाला = दूधवाला।
आओ, जानें :
यह मौहन का घर है।
वे रमेश के मित्र हैं ।
रीना की घड़ी सुन्दर है।
‘उपर के वाक्यों में आए ‘का’, ‘के’, ‘की’ का प्रयोग इनके बाद आने वाले शब्दों के लिंग तथा वचन के अनुसार हुआ है। पुलिंग एकवचन में ‘का’, पुलिंग ‘बहुवचन में ‘के’ तथा स्त्रीलिंग के दोनों वचनों में ‘की’ का प्रयोग किया जाता है।
इसे भी जानो :
में, हम, तु और तुम सर्वनाम शब्दों के साथ का, के, की, के स्थान पर रा रे री का प्रयोग होता है। जैसा मैं, मेरा, मेरे, मेरी, हम हमारा, हमारे हमारी, तू – तेरा, तेरे, तेरी, तुम तुम्हारा, तुम्हारे, तुम्हारी। निजवाचक आप सर्वनाम के साथ ना तन ती का प्रयोग होता है:
अपना, अपने, अपनी ।
7. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखो।
(क) मेरा / मेरी नाम दीपिका है।
उत्तर : मेरा नाम दीपिका है।
(ख) हमारा / हमारे पिताजी आ रहे हैं।
उत्तर : हमारे पिताजी आ रहे हैं।
(ग) तुम्हारे / तुम्हारा दोस्त बाजार जा रहा है।
उत्तर : तुम्हारा दोस्त बाजार जा रहा है।
(घ) भारत का / की / के इतिहास गौरवमय है।
उत्तर : भारत का इतिहास गौरवमय है।

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