Class 7 Hindi Chapter 2 चार मित्र

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Class 7 Hindi Chapter 2 चार मित्र

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चार मित्र

पाठ – 2

अभ्यास–माला

1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) चारों मित्र कहाँ रहते थे?

उत्तर: चारों मित्र एक झील के किनारे रहते थे।

(ख) कौवा किसकी खोज में उड़ चला?

उत्तर: कौवा हिरन के खोज में उड़ चला।

(ग) जाल में फँसे हिरन को छुड़ाने का उपाय किसने किस रूप में निकाला?

उत्तर: जाल में फँसे हिरन को छुड़ाने का उपाय कछुवे ने चूहा को जाल काटकर आजाद कर सकता है।

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(घ) कछुवे को किसने पकड़ा और उसे अहजादी किसने किया?

उत्तर: कछुवे को बहेलिये ने पकड़ा और चूहा अहजादी किया।

(ङ) बहेलिए ने अपने किस्मत को खराब क्यों कहा?

उत्तर: बहेलिए को एक दिन हाथ में आए दो शिकार हिरण और कछुए को गवाना पड़ा था। इसीलिए उसने अपनी किस्मत को खराब कहा था।

2. आओ, चित्रों को आवाजों के साथ मिलाएँ:

(क) मिमियाना।  

(ख) चिघाड़ना।    

(ग) रेंकना।    

(घ) भौंकना।

उत्तर: (क) रेंकना।

(ख) भौंकना।

(ग) मिमियांना।

(घ) चिघाड़ना।

3. किसने किस्से कहा, बताओ:

(क) “बचाओ, मुझे बचाओ।”

उत्तर: हिरन ने कौवा से कहा।

(ख) “चिंता की कोई बात नहीं।”

उत्तर: कछुवे ने कौवे और चूहे से कहा।

(ग) “यहाँ तो कछुवेराम दिखाई दे रहे हैं।”

उत्तर: बहेलिये ने अपने आप से कहा।

(घ) “ बहेलिए के घर पहुँचने से पहले ही कर डालना चाहिए।”

उत्तर: चूहे ने कौवे और हिरन से कहा।

पाठ के आस–पास

1. तुम्हारा प्रिय मित्र कौन है? उसके बारे में पांँच वाक्य लिखो।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।

2. सच्ची मित्रता की किन्हीं पांँच विशेषताओ का उल्लेख करो।

उत्तर: (i) दोनो मित्र के बीच हमेशा प्यार होना चाहिए।

(ii) एक दूसरे से कभी झूठ नहीं बोलना चाहिए।

(iii) किसी भी समस्याओं को एक साथ समाधान करना चाहिए।

(iv) एक दूसरे को समझे।

(v) दोनो के बीच कभी लड़ाई नहीं होनी चाहिए।

योग्यता–विस्तार

1. ‘पंच’ का अर्थ है पांँच और ‘तंत्र’ का मतलब है आचरण के सिद्धांत– आत्मविश्वास, दृढ़ता, लगन, मैत्री, और ज्ञान–प्राप्ति। ‘पंचतंत्र’ पशु–पक्षियों की कहानियों के जरिए नीति की शिक्षा दी जाती है। तुम भी पुस्तकालय अथवा अन्य स्रोत से ‘पंचतंत्र’ की कहानियों का संग्रह करके पढ़ो और कक्षा में उनकी चर्चा करो।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

2. आओ, पशु और पक्षियों नाम अलग–अलग लिखें:

चूहा, हाथी, कौवा, बाघ, कछुवा, घोड़ा, हंस, तोता, हिरन, मुर्गा, कबूतर, गाय, कोयल, बगुला।

उत्तर:

पशुपक्षी
चूहाकौवा
हाथीहंस
बाघतोता
घोड़ाकबूतर
कछुवाकोयल
हिरन बगुला
मुर्गा
गाय 
भाषा-अध्ययन

1. में, मैं का प्रयोग:

(क) एक घने जंगल में एक झील थी।

(ख) कौवा नीचे आया तो देखा कि हिरन एक जाल में फैसा है।

(ग) मैं तुम्हारी मदद के लिए दोस्तों के पास जाता हूँ।

(घ) मैं यहाँ हूँ, यहाँ।

(ङ) मैं तुम्हें अपनी पीठ पर बैठा कर ले जाऊँगा।

अब में/मैं से रिक्त स्थानों की पूर्ति करो:

(क) एक, वर्ष …….  बारह महीने होते हैं।

उत्तर: एक, वर्ष में बारह महीने होते है।

(ख) गांँव ……. मेला लगा था।

उत्तर: गांँव में मेला लगा था।

(ग) ……. अपने घर ……. हमेशा सफाई रखता हूंँ

उत्तर: मैं अपने घर में हामेश सफाई रखता हूंँ।

2. र के प्रयोग:

र के विविध रूप हैं। जैसे- र, रेफ, रकार।

ये भी देखो–

^<^
रसचर्चामित्रट्रेन
रस्सीवर्षाप्रकारड्रम

आओ, जानें:

जब ‘र’ किसी व्यंजन के साथ संयुक्त रूप से आता है तब वह  कभी संयुक्त व्यंजन से पहले आता है और कभी बाद में आता है। जब ‘र’ पहले आता है, जैसे, र् + च तो रेफ (‘) होता है है, ‘र्च’, चर्चा। वैसे ही जब ‘र’ बाद में आता है, जैसे– प् + र् रकार होता है – प्रा प्रकार, ड्र, ड्रम।

ड् + र् + अ + म् + अ = ड्रम

प् + र् + अ + म् + आ + म् + अ = प्रणाम

ट् + र् + ए + न् + अ = ट्रेन

द् + र् + उ + त् + अ = द्रुत

अब निम्नलिखित शब्दों को निर्देशानुसार अलग-अलग करके लिखो:

ग्रह, दर्पण, क्रम, पर्ण, मद्रास, ड्रम।

उत्तर: 

र (^)र (, ^)
दर्पणक्रम
पर्ण मद्रास
ग्रहड्रम

3. अनुनासिक स्वर और अनुस्वार में अंतर है:

जब किसी स्वर का उच्चारण मुख और नाक दोनों से होता है, तब उसे अनुनासिक स्वर कहा जाता है। ऐसे स्वर के ऊपर चंद्रबिंदु (*) लगाया जाता है। जैसे गँवार, आँख, ईंट ऊँट, भैंस, गोंद आदि। अनुस्वार नाक से उच्चारित होने वाले वर्ग के पंचम वर्ण (ङ, ञ, ण, न, म) के स्थान पर विकल्प से बिंदु () के रूप में आता है। जैसे-

ङ + ग  = गडगा/गंगा

न +  त  = अन्त/अंत

ञ + च  = चञ्चल/चंचल

म + प =  सम्पर्क/संपर्क

ण + ड = खण्ड खंड

आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:

शब्दअर्थ 
झील
काला–कलूटा
सुनहरे 
इंतजार
पुकार
फँसना
फौरन
आजाद
यकीन
झाड़ी 
चौकड़ी

उत्तर: 

शब्दअर्थ 
झीलबड़ा प्राकृतिक जलाशय, सरोवर
काला–कलूटाकुरूप
सुनहरे सोने के रंगवाले
इंतजारअपेक्षा
पुकारजोर से बुलाना
फँसनाकैद हो जाना
फौरनजल्द
आजादमुक्त
यकीनविश्वास 
झाड़ी कँटीला पौधा
चौकड़ीउछाल, उछल–कूद

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