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SEBA Class 10 Elective Hindi 2019 Paper Solved
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HSLC HINDI 2019 QUESTION PAPER
2019
ELECTIVE HINDI PAPER
ALL QUESTION ANSWER
Group – A
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दो :
(क) धर्मराज का क्या काम है ?
उत्तर : धर्मराज लोगों को कर्म और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास स्थान अलॉट करते हैं। यही उनका मुख्य काम है।
(ख) ‘सड़क की बात’ के लेखक का नाम क्या है ?
उत्तर : ‘सड़क की बात’ के लेखक का नाम है- कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर ।
(ग) कबीरदास ने किस भाषा में कविता लिखी थी ?
उत्तर : कबीरदास ने सधुक्कड़ी भाषा में कविता लिखी थी।
(घ) कबीरदास ने किसको पण्डित कहा था ?
उत्तर : कबीरदास ने उन्हें पंडित कहा था, जो प्रेम के ढाई अक्षर का अर्थ समझता है।
(ङ) ‘दिनकर’ जी की कौन-सी कविता अपने पाध्यक्रम में दी गई है ?
उत्तर : ‘दिनकर’ जी की ‘कलम और तलवार’ कविता पाठ्यक्रम में दी गई है।
(च) ‘जब तुम
मुझे पैरों से रौंदते हो’ – यह काव्यांश किस पाठ से उद्धृत है ?
उत्तर : उक्त काव्यांश ‘मृत्तिका’ पाठ से उद्धृत है ।
(छ) कवि के अनुसार सबसे बड़ा देवत्य क्या है ?
उत्तर : कवि के अनुसार पुरुषार्थ ही सबसे बड़ा देवत्व है ।
2. निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या करो :
जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान ।
जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्राण ।।
अथवा
जानि न पुछो साधु की, पुछि लीजिए ज्ञान ।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।।
उत्तर : संकेत : जा घट…………बिनु प्रान
प्रसंग : प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक आलोक भाग-२ के अंतर्गत संत कबीरदास के ‘साखी’ से ली गई है ।
संदर्भ : यहाँ प्रेम के महत्व के बारे में बताया गया है ।
व्याख्या : कबीरदास जी कहते है कि जिस मनुष्य में भक्ति-प्रेम नहीं है, वह वास्तव में मृत समान है। जिस प्रकार लोहार की भट्टी निष्प्राण होकर भी साँस लेती हुई दीखती है, उसी प्रकार जिस मनुष्य के हृदय में भक्ति-प्रेम नहीं है, वह मृतप्राय: है।
निम्नलिखित प्रश्नों (प्रश्न संख्या 3 से 8) के उत्तर संक्षेप में लिखो:
3. छोटे जादूगर के (आज) खेल न जमने का क्या कारण है ?
उत्तर : ‘छोटा जादूगर’ जयशंकर प्रसाद जी की एक ऐसी मनोरम कहानी है, जिसमें आर्थिक विपन्नता और प्रतिकूल परिस्थितियों से संघर्ष करते हुए तेरह-चौदह साल के एक लड़के के चरित्र को आदर्शात्मक रूप में उभारा गया है। उस लड़के का नाम है छोटा जादूगर सड़क के किनारे कपड़े पर सजे रंगमंच पर खेल दिखाते समय छोटे जादूगर की वाणी में स्वभावसुलभ प्रसन्नता नहीं थी, क्योंकि उसकी माँ की मृत्यु की घड़ी समीप थी। छोटे जादूगर के (आज) खेल न जमने का मुख्य कारण है।
4. छोटे जादूगर ने अपने परिचय के रूप में क्या कहा था ?
उत्तर : कलकत्ते के बोटानिकल उद्यान में श्रीमान ने जब छोटे जादूगर को ‘लड़के’ कहकर संबोधित किया, तो उत्तर में उसने कहा- ‘छोटा जादूगर कहिए। यही मेरा नाम है। इसी से मेरी जीविका है।’ छोटे डादूगर ने अपने परिचय के रूप में यही कहा था।
5. यमदूत के लिए भोलाराम संबंधी परेशानी क्या थी ?
उत्तर : ‘भोलाराम का जीव’ नामक व्यंग्यात्मक कहानी में हरिशंकर परसाई जी ने पौराणिक युग के परिप्रेक्ष्य में आधुनिक समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार को मार्मिकता के साथ पेश किया है। भोलाराम के जीव ने पाँच दिन पहले देह त्यागी थी, लेकिन अभी तक वह धर्मराज के पास नहीं पहुँचा। यमदूत ने भोलाराम के जीव को पकड़ा और स्वर्ग लोक की यात्रा आरंभ की। नगर के बाहर जब यमदूत ने उसे लेकर एक तीव्र वायु-तरंग पर सवार हुआ, उसी समय ही वह उसके चंगुल से छुटकर गायब हो गया और उसका कहीं पता नहीं चला। यमदूत के लिए भोलाराम संबंधी परेशानी यही थी ।
6. ‘इसलिए सड़क के न हँसी है, न रोना।’ इसके पीछे क्या-क्या कारण हो सकते है ?
उत्तर : अमीर और गरीब, जन्म और मृत्यु सबकुछ सड़क पर एक ही सांस में धूल के स्त्रोत की तरह उड़ता चला जाता है। उसे घड़ी भर भी किसी के लिए शोक या संताप करने की छुट्टी नहीं मिलती। इसलिए सड़क के न हँसी है, न रोना ।
7. मीराबाई ने ‘ताहि के रंग में भीजी’ के जरिए क्या उपदेश दिया है ?
उत्तर : कवयित्री मीराँबाई मनुष्य मात्र से राम (कृष्ण) नाम का रस पीने का आह्वान करते हुए कहती हैं कि सभी मनुष्य कुसंग छोड़ें और सस्तंग में बैठकर कृष्ण का कीर्तन सुनें, वे काम-क्रोधादि छः रिपुओं को चित्त से निकाल दें और प्रभु कृष्ण प्रेम-रंग-रस से सशबोर हो उठें ।
8. कलम विचारों के अंगारे कैसे पैदा करती है ?
उत्तर : कलम में बड़ी शक्ति होती है। यह लोगों में ज्ञान का दीपक जलाता है तथा विचारों को पुष्ट करता है। इसके द्वारा लिखे गए हर शब्द चिनगारी की तरह जलकर लोगों के दिल-दिमाग में आग लगा सकती है अर्थात लोगों को सक्रिय बना सकती है ।
9. ‘नींव की ईंट’ शीर्षक लेख का संदेश क्या है ? स्पष्ट करो।
अथवा
‘नीव की ईंट’ और ‘कंगूरे की ईंट’ के प्रतीकार्थों को स्पष्ट करो ।
उत्तर : ‘नींव की ईंट’ बेनीपुरी जी के रोचक एवं प्रेरक ललित निबंधों में अन्यतम है। ‘नींव की ईंट’ का प्रतीकार्थ है- समाज का अनाम शहीद, जो – बिना किसी यह लोभ के समाज के नव-निर्माण हेतु आत्म-बलिदान के लिए प्रस्तुत है। ‘कंगूरे की ईंट’ का प्रतीकार्थ है- समाज का यश-लोभी सेवक, जो प्रसिद्धि प्रशंसा अथवा अन्य किसी स्वार्थवश समाज का काम करना चाहता है। निबंधकार रामवृक्ष बेनीपुरी जी के अनुसार भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के सैनिकगण नींव की ईंट की तरह थे, जबकि स्वतंत्र भारत के शासकगण कंगूरे की इँट निकले ।
10. ( क ) निम्नलिखित में से किन्ही दो मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग करो ।
पीठ थपथपाना, नमक खाना, मुँह की ओर देखना, नौ-दो ग्यारग होना ।
उत्तर : पीठ थपथपाना : माँ ने अपने बेटे को पीठ थपथपाया तो नींद आ गया ।
नौ-दो-ग्यारह होना : चोर सामान लेकर नौ दो ग्यारह हो गया।
(ख) निम्नलिखित में से किन्ही चार के स्त्रीलिंग रूप लिखो :
बन्दर, महाराज, नायक, सभापति, माली, बनिया, बूढ़ा।
उत्तर : महाराज – महाराणी
नायक – नायिका
सभापति – सभानेत्री
माली – मालिन
बूढ़ा – बुढ़ी / बुढ़िया
(ग) निम्नलिखित में से किन्ही दो की संधि करो :
गिरि + इंद्र, सदा + एव, अति + उत्तम, उत + लास ।
उत्तर : गिरि + इंद्र = गिरिन्द्र
सदा + एव = सदैव
अति + उत्तम = अतिउत्तम
(घ) निम्नलिखित में से किन्हीं चार के विपरीतार्थक शब्द लिखो :
आगामी, कटु, उत्तीर्ण, आलोक, स्थावर, भक्षक, निर्गुण ।
उत्तर : उत्तीर्ण = अनुतीर्ण
कटु = मधुर
स्थावर = अस्थावर
आलोक = अंधकार
भक्षक = रक्षक
निर्गुण = सगुण
(ङ) निम्नलिखित में से किन्ही चार के एक-एक पर्यायवाची शब्द लिखो :
रात्रि, पण्डित, तालाब, वृक्ष, सरस्वती, समूह, विष्णु ।
उत्तर : रात्रि = निशा
तालाब = पोखर/जलाशय
वृक्ष = तृण
विष्णु = नारायण
समूह = दल
(च) निम्नलिखित उपसर्ग/प्रत्ययों को जीड़कर एक-एक शब्द बनाओ :
उप, अति, परा, त्व
उत्तर : उप – उपाशना
अति – अतिशय
परा – पराधीन
त्व – महत्व
(छ) निम्नलिखित में से किन्ही चार अनेक शब्दों के स्थान में एक-एक शब्द लिखो :
जिसकी उपमा न हो, जिसके शेखर पर चन्द्र हो, स्वेद से उत्पन्न होनेवाला, शिव का उपासक, जो संगीत जानता है, बिना वेतन के, वह जो भू धारण करता है।
उत्तर : जिसकी उपमा न हो – अनुपम
जिसके शेखर पर चन्द्र हो – चन्द्रशेखर
स्वेद से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज
शिव का उपासक – शैव
जो संगीत जानता हो – संगीतज्ञ
बिना वेतन के – अवैतनिक
वह जो भू धारण करता है – भूधर
(ज) निम्नलिखित में से किन्ही दो वाक्यों को शुद्ध करो :
(i) तुम वापस लौटो ।
(ii) तीन लड़कियों के साथ एक लड़का जा रही है ।
(iii) मेरे पास दो ग्रंथ है ।
(iv) आपके जाना हो तो जाओ ।
उत्तर : (i) तुम लौटो
(ii) तीन लड़कियों के साथ एक लड़का जा रहा है ।
(iii) मेरे दो ग्रंथ है ।
(iv) आपको जाना है तौ जाइए ।
Group – B
11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दो :
(क) चिड़ीमार ने बड़े मियाँ से मोर जोड़े के कितने नकद रूपए लिए थे ?
उत्तर : चिड़ीमार ने बड़े मियाँ से मोर के जोड़े के लिए तीस रूपए लिए थे।
(ख) मयूर किसका युद्ध-वाहन है ?
उत्तर : मयूर कार्तिकेय का युद्ध वाहन है ।
(ग) पत्र को कन्नड़ भाषा में क्या कहा जाता है ?
उत्तर : पत्र को कन्नड़ भाषा में ‘कागद’ कहा जाता है ।
(घ) ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता के कवि कौन है ?
उत्तर : ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता के कवि है- हरिवंश राय बच्चन।
(ङ) ‘युद्ध देहि’ कहे जब पामर,
दे न दुहाई पीठ फेर कर। – यहाँ प्रयुक्त ‘पीठ फेरना’ मुहावरे का क्या अर्थ है ?
उत्तर : यहाँ प्रयुक्त ‘ पीठ फेरना’ मुहावरे का अर्थ है चुनौती से भागना ।
(च) महात्मा गांधी के नाम पर आने वाले तमाम पत्रों में क्या पता लिखा रहता था ?
उत्तर : महात्मा गाँधी के नाम पर आने वाले तमाम पत्रों में महात्मा गाँधी इंडिया’ पता लिखा रहता था ।
12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दो :
(क) नीलकंठ की कौन-कौन सी चेष्टाएँ लेखिका को बहुत भाती थी ?
उत्तर : लेखिका महादेवी वर्मा जी को नीलकंठ का नृत्य बहुत भाता था। एक दिन वह झूले से उतरकर नीचे आ गया और पंखों का सतरंगी मंडलाकार छाता तानकर नृत्य की भंगिमा में खड़ा हो गया, जिससे लेखिका अभिभूत हो गयी। इसके अलावा वह लेखिका के हथेली से धीरे-धीरे उठाकर खाता था कि इससे हँसी भी आती थी और विस्मय भी होता था ।
(ख) ‘दूर देहात में लाखों गरीब घरें में चूल्हे मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही चलते है।’
उत्तर : पत्र व्यवहार की परंपरा भारत में बहुत पुरानी है। पर इसका असली विकास आजादी के बाद ही हुआ है। तमाम सरकारी विभागों की तुलना में सबसे ज्यादा गुडविल डाक विभाग की ही है। इसकी एक खास वजह यह भी है कि यह लोगों को जोड़ने का काम करता है। संचार के तमाम उन्नत साधनों के बाद भी चिट्टी-पत्रों की हैसियत बरकरार है। दूर गाँवों में लाखों गरीब घरों में चूलहे तथा खाने-पीने की चीजें मनीआर्डर अर्थव्यवस्था से ही चलते हैं।
(ग) कवि के दृष्टि में जीवन के सत्य का सही माप क्या है ?
उत्तर : कवि ने माना है कि हिंसा के बदले में की जाने वाली हिंसा मनुष्य की कमजोरी को दर्शाती है, परंतु कायरता उससे अधिक अपवित्र है। कवि ने कहा है कि मानवता अमूल्य है, उसकी रक्षा के सामने व्यक्ति की सुरक्षा का कोई मोल है। सत्य तो यह है कि व्यक्ति के आत्म-बलिदान से मानवता अमर बनती है। युगों से संचित मानवता व्यक्ति को खून-पसीने से सीचती है। अतः मनुष्य के लिए उचित यही है कि वह कभी कायर न बने और अपना सब कुछ मानवता पर न्योछावर कर दे।
(घ) ‘जो बीत गई’ शीर्षक कविता में मानव-जीवन की तुलना किन किन चीजों से की गई है ?
उत्तर : ‘जो बीत गई’ कविता हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित बड़ी ही रोचक और शिक्षाप्रद है। जिस प्रकार अपने टूटे हुए तारों पर अंबर शोक नहीं मनाता अथवा अपने प्रिय फूलों के सूखने अथवा मुरझा जाने पर मधुवन कभी शोर नहीं बचाता, उसी प्रकार मनुष्य को अपने बीते हुए दुख को भूलाकर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए। इसलिए कवि ने मानव जीवन की तुलना आकाश, तारे, फूल, डाल, मधूवन, कलियाँ, मधु, मदिरालय, प्याले, घट से की गई है।
13. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो :
(क) नीलकंठ के मरने के बाद उसका प्रभाव दूसरे पक्षियों पर किस रूप में पड़ा था ?
अथवा
नीलकंठ की प्रवृत्तियों को रेखांकित करो।
उत्तर : नीलकंठ का सवभाव बहुत ही शांत प्रकृति का था। लेकिन समय आने पर वह अन्य जीव-जन्तुओं की रक्षा करने में पीछे नहीं हटता था। वह अपने आपको चिड़िया घर के निवासी जीव-जन्तुओं का सेनापति और संरक्षक नियुक्त कर लिया था। सबेरे ही वह सबको एकत्र कर उस ओर ले जाता, जहाँ दाना दिया जाता है और घूम-घूमकर मानो सबकी रखवाली करता रहता। किसी ने कुछ गड़बड़ की और वह अपने तीखे चंचु-प्रहार से उसे दंड देने दोड़ता।
नीलकंठ में उसकी जातिगत विशेषताएँ तो थी ही, उनका मानवीकरण भी हो गया था। मेघों की साँवली छाया में अपने इन्द्रधनुष के गुच्छे जैसे पंखों को मंडलाकार बनाकर जब वह नाचता था, तब उस नृत्य में एक सहजात लय ताल रहता था।
(ख) ‘जो बीत गई’ कविता के सन्देश को स्पष्ट करे।
अथवा
‘अर्पण कर सर्वस्व मनुज को’- मनुष्य को सर्वस्व अर्पण करने का आहवान कवि ने क्यों किया है ? स्पष्ट करो ।
उत्तर : ‘जो बीत गई’ कविता हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित बड़ी ही रोचक और शिक्षाप्रद है। जिस प्रकार अपने टूटे हुए तारों पर अंबर शोक नहीं मनाता अथवा अपने प्रिय फूलों के सूखने अथवा मुरझा जाने पर मधुवन कभी शोर नहीं मचाता, उसी प्रकार मनुष्य को अपने बीते हुए दुख को भूलाकर वर्तमान की चिंता करनी चाहिए। अपने दुखों को याद कर शोक मनाने से अच्छा हे कि जीवन के बाकी बचे समय को सुखपूर्वक बिताया जाए, जीवन का भरपूर आनंद उठाया जाए ।
14. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबंध लिखो :
(क) मोबाइल फोन ।
(ख) प्रदूषण की रोकथाम ।
(ग) स्वतंत्रता दिवस ।
(घ) अनुशासन और विद्यार्थी ।
उत्तर : खुद करे।
15. सन २०१८ के एशियाई खे में स्वर्ण पदक जीतकर श्रीमती हिमा दास ने देश का सम्मान बढ़ाया। उसके बधाई देते हुए उन्हें एक (बधाई) पत्र लिखो।
अथवा
किसी विशेष कारण से विद्यालय की कक्षाओं में अनुपस्थित रहने के कारण छुट्टी की मंजूरी हेतु विद्यालय के प्राचार्य/प्रधान शिक्षक के नाम पर एक प्रार्थना पत्र लिखो।
उत्तर : सेवा में,
प्रधान शिक्षक महोदय,
………..विद्यालय
…………स्थान,
जिला…………
विषय : छुट्टी के लिए आवेदन
महोदय,
विनीत निवेदन है कि मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ। लेकिन कई दिनों से हो रहे बुखार तथा सर्दी के कारण दिनांक- 23/3/19 से 27/3/19 तक विद्यालय में उपस्थित न रह पायी। डॉक्टर ने भी इन दिनों मुझे विश्राम लेने की सलाह दी है। इसलिए आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप मेरे इन दिनों की छुट्टी मंजूर करने की कृपा करें।
आपकी आज्ञाकारी छात्रा
‘क’
…………….विद्यालय
16. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, समाज में रहना पसंद करता है। समाज के सुखी रहने पर ही वह सुखी रह सकता है। अतः उसे समाज को सुखी रखने को भरसक चेष्टा करनी चाहिए। कुछ लोग कहते है कि उनके पास समय नहीं है कि वे समाज की सेवा करें। यह थोथी दलील है। अगर हममें समाज-सेवा की आंतरिक इच्छा है, तो हम जीवन की हरेक स्थिति में समाज-सेवा कर सकते है। पड़ीसियों के सुख-दुःख में साथ देना हमारा कर्तव्य है।
प्रश्नावली :
(क) आदमी कैसे सुखी रह सकता है ?
उत्तर : आदमी समाज की सेवा करके सुखी रह सकता है।
(ख) लोगों की थोथी दलिल किसे कहा गया है ?
उत्तर : लोगों की थोथी दलील उसे कहा गया है जिसके पास समाज की सेवा करने के लिए समय नहीं है।
(ग) मनुष्य का कर्तव्य क्या है ?
उत्तर : पड़ोसियों के सुख-दुःख में साथ देना मनुष्य का कर्तव्य है।
(घ) प्रस्तुत गद्यांश का एक उपयुक्त शीर्षक दो।
उत्तर : प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है- ‘हमारा कर्तव्य’।
(ङ) समाज-सेवा के लिए किसकी आवश्यकता है ?
उत्तर : समाज-सेवा के लिए आंतरिक इच्छा की आवश्यकता है।
17. निम्नलिखित वाक्यों का अनुवाद हिन्दी में करो :
(a) I shall have to go Shillong today.
(b) Shillong is the capital of Meghalaya.
(c) Do you know how to swim?
(d) It is a good exercise for all.
(e) Out of twenty-five students only eleven were present yesterday.
उत्तर : (a) आज मैं श्विलंग जाने वाला हूँ।
(b) शिवलंग मेघालय की राजधानी है।
(c) क्या तुम्हें तैरना आता है ?
(d) यह सबके लिए एक अच्छा व्यायाम है।
(e) पच्चीम विद्यार्थीयों में से केवल ग्यारह विद्यार्थी कल उपस्तित थे।
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