Sankardev Class 5 Hindi Chapter 6 एकता का लाभ

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एकता का लाभ

Chapter – 7

HINDI

SANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN

मूलभाव : एकता महान शक्ति है। एकता से रहने पर हम आसानी से विपत्ति का सामना कर सकते हैं तथा उसका समाधीन भी निकाल सकते हैं। प्रस्तुत पाठ में इसी बात की ओर संकेत किया गया है। भारत के इतिहास में भी एकता के अनेक उदाहरण भरे पड़े हैं।

মূলভাৱঃ একতা মহান শক্তি। একতাৰে থাকিলে আমি সহজেই বিপদৰ সন্মুখীন হ’ব পাৰোঁ তাৰ সমাধানো উলিয়াব পাৰোঁ। এই পাঠটিত এই কথাটোৰ ওপৰতে অধিক গুৰুত্ব দিয়া হৈছে। ভাৰতৰ ইতিহাসতো একতাৰ বহুতো উদাহৰণেৰে ভৰি পৰি আছে।

शब्दार्थ:

आकाश — आसमान (আকাশ)

लोभ — लालच (লালস)

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सहित — समेत, साथ (সংগ, সৈতে)

खोज — तलाश, ढूंढ़ना (অনুসন্ধান)

अवश्य — जरूर (নিশ্চয়)

हेरान — अचरज, अचंभा (আচৰিত)

अभ्यास

1. (क) कबूतर कहाँ उड़ रहे थे? वे कहाँ जा रहे थे?

उत्तरः कबूतर आकाश में उड़ रहे थे। वे भोजन की खोज में जा रहे थे।

(ख) किनके मन में लोभ आया और क्यों?

उत्तरः कबूतरों के मन में लोभ आया क्योंकि एक स्थान पर चावल के दाने बिखरे पड़े थे।

(ग) कबूतरों के राजा ने उनको क्या सलाह दी और क्यों? 

उत्तरः कबूतरों के राजा ने उनको नीचे न उतरने की सलाह दी। क्योंकि उसे संदेह था कि अवश्य ही वन में किसी शिकारी ने दाने बिखेर कर रखे होंगे। शिकारी कबूतरों को पकड़ने के लिए पास ही कहीं छिपा बैठा होगा।

(घ) सलाह न मानने पर कबूतरों पर क्या बीती?

उत्तरः सलाह न मानने पर कबूतरों पर मुसीबत आ गई। जैसे ही कबूतर नीचे उतरे और चावल खाने लगे, शिकारी ने कबूतरों पर अपना जाल फेंका। सब कबूतर जाल में फँस गए।

(ङ) राजा ने सबकी जान बचाने के लिए क्या सलाह दी?

उत्तरः राजा ने सबकी जान बचाने के कबूतरों को जाल सहित उड़ने की सलाह दी।

(च) शिकारी हैरान क्यों हुआ?

उत्तरः जाल सहित कबूतरों को उड़ता देखकर शिकारी हैरान रह गए।

2. सही कथन के सामने √ और गलत के सामने X निशान लगाओ:

(क) चावल के दाने जमीन पर पड़े देखकर कबूतर उड़ गये। X

(ख) जाल में फँसे कबूतरों को राजा ने एक साथ उड़ने की सलाह दी।✔

(ग) कबूतरों ने राजा की सलाह नहीं मानी।✔

(घ) कबूतर जाल को आसमान में उड़ा ले गये।✔

3. इस पाठ का नामाकरण ‘एकता का लाभ’ क्यों किया गया है? यहाँ कैसी एकता है?

उत्तरः प्रस्तुत पाठ का नामाकरण ‘एकता का लाभ है’, जो बिल्कुल सही है। कहानी के अनुसार यह नामाकरण उपयुक्त हुआ है। इस कहानी में वर्णित है कि कबूतरों पर मुसीवत छा जाने पर कैसे शिकारी के जाल सहित अपने को मुक्त किया। यह सब संभव हुआ है सिर्फ उनकी एकता के कारण। विपत्ति आने पर कबूतरों ने एकता से उसका मुकाबला किया और उसका समाधान भी निकाला। यहाँ कबूतरों की एकता के बारे में बताया गया है।

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