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Sankardev Class 5 Hindi Chapter 1 वंदना
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वंदना
Chapter – 1
HINDI
SANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN
मूलभाव : प्रस्तुत कविता में कवि ने छोटे बच्चों के माध्यम से सृष्टिकर्ता ईशवरवर से अपने ऊपर सदा उनकी कृपा दृष्टि बनाए रखने का आग्रह किया है। बच्चे नादान है तथा उन्हें रीति-नीति का विशेष ज्ञान नहीं है। इसलिए भगवान से प्रार्थना किया है कि उन्हें इस योग्य बनाए कि देश, जाति का मान रखते हुए सब पर दया करना सीखें तथा ऊँच – नीच का भेद – भाव भुलाकर सबको प्यार से गले लगाना सीखें। उनको इतनी शक्ति दे कि वे बुरे लोगों की संगत छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान देना सीखें तथा कभी झूठ का सहारा न लेकर सत्य पर मर जाना सीखे। बालक ईशवर से प्रार्थना करते हैं कि हमें इतनी शक्ति दो कि तुमसे प्रेम करना सीखें तथा तुम्हारी जयगान करते हुए तुम्हारे सामने हमेशा शीश झुकाना सीखें।
মূলভাৱঃ উক্ত কবিতাটিত কবিয়ে সৰু ল’ৰা -ছোৱালীবোৰৰ মাজেৰে সৃষ্টিকর্তা ঈশ্বৰক নিজৰ ওপৰত সদায় তেওঁৰ কৃপা-দৃষ্টি ৰাখিবলৈ প্ৰাৰ্থনা কৰিছে। ল’ৰা-ছোৱালীবোৰ অবোধ আৰু তেওঁলোকৰ ৰীতি – নীতিৰ বিশেষ জ্ঞান নাই। সেয়েহে ভগৱানক প্রার্থনা কৰিছে যাতে তেওঁলোক যোগ্য হৈ দেশ, আৰু জাতিৰ মান ৰাখি সকলোৰে ওপৰত দয়া কৰিবলৈ শিকে। উচ্চ-নীচৰ ভেদ ভাৱ আঁতৰাই সকলোকে মৰমেৰে আকোঁৱালি ল’বলৈ শিকে। তেওঁলোকক যাতে শক্তি নিয়ে, কু – সংগ পৰিত্যাগ কৰি পঢ়া -শুনাত মন দিব পাৰে আৰু কেতিয়াও মিছা কথাৰ আশ্ৰয় নলয় আৰু সত্যৰ বাবে মৰিবলৈ সাজু থাকে। সৰু ল’ৰা-ছোৱালীবোৰে ঈশ্বৰক প্ৰাৰ্থনা কৰিছে আমাক শক্তি দিয়া যাতে তোমাক ভাল পাব পাৰোঁ আৰু তোমাৰ জয়গান গাই তোমাৰ সন্মুখত সদায় নতশিৰ হ’বলৈ শিকোঁ।
शब्दार्थ :
नादान — अबोध, अज्ञानी (অবোধ, অজ্ঞানী)
रीति — काम करने का ढंग (কাম কৰাৰ ধৰণ)
नीति — व्यवहार करने का ढंग (ব্যৱহাৰ কৰাৰ ধৰণ)
ज्ञान — जानकारी (পৰিচয়, জ্ঞান, তথ্য)
योग्य — लायक (উপযুক্ত)
मान — बढ़ाई, इज्जत (সন্মান)
रख लें —बजा लें (বচোৱা, ৰক্ষা কৰা)
संगत — साथ (সংগতি)
बातों पर मर जाना सीखें — जो बात कह दें उसे पूरा करने के लिए अपनी जान भी दे दें। (যি কথা কোৱা হয়, সেয়া পূৰণ কৰিবলৈ নিজৰ প্ৰাণ পৰ্যন্ত দি দিয়া)
नेह — प्रेम, स्नेह (মৰম, স্নেহ)
सादर — आदर के साथ (सন্মানেৰে, আদৰৰ সৈতে)
अभ्यास
1. (क) किन लोगों का कहना मानना चाहिए?
उत्तरः बड़े लोगों का कहना मानना चाहिए।
(ख) कैसे लोगों की संगत छोड़ देनी चाहिए?
उत्तरः बुरे लोगों की संगत छोड़ देनी चाहिए।
(ग) झूठ बोलने वाले बच्चे अच्छे होते हैं या सच बोलने वाले?
उत्तरः सच बोलने वाले बच्चे अच्छे होते हैं।
2. अधूरी पंक्तियों को पुरा करो :
(क) सदा बड़ों का कहना मानें।
(ख) बुरे जनों की छोड़े संगत।
(ग) बातों पर मर जाना सीखें।
3. नीचे की जो पंक्तियाँ सही लगे उन पर सही का चिह्न लगाओ।
(क) सबको दूर भगाना सीखे। X
(ख) सदा बड़ों का कहना मानें।✔
(ग) कभी न बोले झूठ किसी सी।✔
(घ) झूठों की मत छोड़े संगत। X
(ङ) सब पर दया दिखाना सीखें।✔
(च) झगड़ – झगड़ मर जाना सीखें। X