NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर

NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर Solutions, to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर and select need one. NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर Question Answers Download PDF. NIOS Study Material of Class 12 Hindi Notes Paper 301.

NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर

Join Telegram channel

Also, you can read the NIOS book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per National Institute of Open Schooling (NIOS) Book guidelines. These solutions are part of NIOS All Subject Solutions. Here we have given NIOS Class 12 Hindi Chapter 16 रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर, NIOS Senior Secondary Course Hindi Solutions for All Chapter, You can practice these here.

रीढ़ की हड्डी: जगदीशचन्द्र माथुर

Chapter: 16

HINDI

प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 बोध प्रश्न 16.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए:

1. एकांकी के आरंभ में रामस्वरूप और प्रेमा किसलिए तैयारी कर रहे थे-

(क) अपने रिश्तेदारों के आने के लिए।

(ख) बहुत दिनों के लिए बाहर जाने के लिए।

(ग) उमा को देखने के लिए लड़केवालों के आने के लिए।

(घ) उमा की सहेलियों के आने के लिए।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: (ग) उमा को देखने के लिए लड़केवालों के आने के लिए।

2. उमा के अनुसार शंकर की ‘बैंक बोन’ क्यों नहीं थी, क्योंकि-

(क) वह झुककर बैठता था।

(ख) वह पढ़ाई में कमजोर था।

(ग) वह पिता के सामने बोलता नहीं था।

(घ) वह लड़‌कियों के हॉस्टल में ताक झाँक करता था।

उत्तर: (घ) वह लड़‌कियों के हॉस्टल में ताक झाँक करता था।

पाठगत प्रश्न 16.1

1. इस एकांकी से संबंधित विषय नहीं है-

(क) विवाहोपरांत स्त्री-पुरुष का झगड़ा।

(ख) समाज का स्त्रियों के प्रति दृष्टिकोण।

(ग) लड़की का विवाह निश्चित होने में रुकावटें।

(घ) पुरुषवादी समाज में महिलाओं की स्थिति।

उत्तर: (क) विवाहोपरांत स्त्री-पुरुष का झगड़ा।

2. उमा गाते-गाते अचानक क्यों रुक जाती है, क्योंकि

(क) वह गाना भूल जाती है।

(ख) वह अब और नहीं गाना चाहती।

(ग) वह शंकर को पहचान लेती है।

(घ) रामस्वरूप उसे रुकने का संकेत करते हैं।

उत्तर: (ग) वह शंकर को पहचान लेती है।

पाठगत प्रश्न 16.2

1. ‘क्या लड़कियों का दिल नहीं होता’ यह वाक्य है-

(क) रामस्वरूप का।

(ख) प्रेमा का।

(ग) उमा का।

(घ) गोपाल प्रसाद का।

उत्तर: (ग) उमा का।

2. ‘अच्छा तो साहब, फिर बिजनेस की बातचीत हो जाए’ इससे पता चलता है कि-

(क) रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद व्यापार करना चाहते थे।

(ख) गोपाल प्रसाद की नजर में विवाह भी बिजनेस है।

(ग) शंकर और उमा का विवाह बिजनेस है।

(घ) उमा बिजनेस करना चाहती थी।

उत्तर: (ख) गोपाल प्रसाद की नजर में विवाह भी बिजनेस है।

3. ‘झुको कमर इनकी खासियत है।’ किसके बारे में कहा गया है-

(क) शंकर के।

(ख) रामस्वरूप के।

(ग) गोपाल प्रसाद के।

(घ) रतन के।

उत्तर: (क) शंकर के।

4. निम्नलिखित कथनों में से सही के आगे सही (√) और गलत के आगे गलत (x) का चिह्न अंकित कीजिए-

(i) शंकर हॉस्टल में ताकझाँक करते पकड़ा गया था इसलिए उससे उमा विवाह नहीं करना चाहती।

उत्तर: सही।

(ii) प्रेमा को गाने बजाने से चिढ़ है।

उत्तर: ग़लत।

(iii) गोपाल प्रसाद की आँखों से चतुराई टपकती है।

उत्तर: सही।

(iv) अधिक पढ़ी-लिखी लड़की गीत-संगीत में कमजोर होता हैं।

उत्तर: ग़लत।

(v) पढ़ना-लिखना और काबिल होना केवल मर्दों का काम है।

उत्तर: ग़लत।

(vi) दुनिया की बहुत सारी बातें/नियम केवल मर्दों के लिए है।

उत्तर: सही।

16.6 पाठांत प्रश्न

1. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर, “एक हमारा जमाना था…” कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?

उत्तर: इस तरह की तुलना करना बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि समय के साथ समाज में, जलवायु में, खान-पान में सब में परिवर्तन होता रहता है। जैसे – उस वक्त की वस्तुओं की गुणवत्ता हमें आज प्राप्त नहीं होती। उस समय का स्वच्छ वातावरण या जलवायु हमें आज प्राप्त नहीं होता, तो हम कैसे कल की तुलना आज से कर सकते हैं? समय परिवर्तनशील है वह सदैव एक सा नहीं रहता समय के साथ हुए बदलाव को स्वीकार करने में ही भलाई है न कि उसकी तुलना बीते हुए कल से करने में।

2. रामस्वरूप द्वारा अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और उसे छिपाना – यह विरोध भास उनकी किस विवशता को उजागर करता है?

उत्तर: रामस्वरूप एक प्रगतिशील सोच और लड़कियों को शिक्षा दिलवाने के पक्षपाती हैं किंतु अपनी बेटी की शादी के लिए उसकी शिक्षा को छुपाते हैं। समाज में ऐसे लोग जो लड़कियों के पढ़े-लिखे होने को उनकी परंपरागत भूमिकाओं के खिलाफ मानते हैं। उन्हें डर है कि उनकी बेटी की उच्च शिक्षा उसके विवाह में बाधा बन सकती है, क्योंकि समाज के कुछ लोग इसे अनावश्यक या अनुचित समझते हैं। यह विरोधाभास रामस्वरूप की प्रगतिशीलता और समाज के रूढ़िवादी सोच के बीच के संघर्ष को उजागर करता है।

3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं वह उचित क्यों नहीं है?

उत्तर: बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरुप अपनी बेटी उमा से सीधी-साधी, कम पढ़ी लिखी और कम बोलने वाली लड़की की तरह व्यवहार करने की अपेक्षा कर रहे थे। उनका ऐसा सोचना उचित नहीं है क्योंकि लड़की कोई भेड़-बकरी या मेज़-कुर्सी नहीं होती है। वो कोई कठपुतली भी नहीं होती, जिसे हम अपने इशारों पर नचा सकें। उनका भी दिल होता है। उच्च शिक्षा पाना कोई अपराध नहीं है जिसकी वज़ह से उसे शर्मिंदा होना पड़े और अपनी योग्यता को छुपाना पड़े।

4. गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते है। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी है? अपने विचार लिखिए।

उत्तर: गोपाल प्रसाद विवाह जैसे पवित्र बंधन को ‘बिजनेस’ मानते हैं, वे इस तरह के आचरण से इस सम्बन्ध की मधुरता, तथा सम्बन्धों की गरिमा को भी कम कर रहे हैं। रामस्वरूप जहाँ आधुनिक सोच वाले व्यक्ति होने के बावजूद कायरता का परिचय दे रहे हैं। वे चाहते तो अपनी बेटी के साथ मजबूती से खड़े होते और एक स्वाभिमानी वर की तलाश करते न की मज़बूरी में आकर परिस्तिथि से समझौता करते।

5. “….आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं…” तमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?

उत्तर: “….आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं…” तमा के इस कथन में शंकर की कमियों को तीखे व्यंग्य के माध्यम से उजागर किया गया है।

यह कथन शंकर की नैतिक, शारीरिक और मानसिक कमजोरियों को इंगित करता है:

(i) शंकर एक चरित्रहीन व्यक्ति था। जो हमेशा लड़कियों का पीछा करते हुए होस्टल तक पहुँच जाता था। इस कारण उसे शर्मिंदा भी होना पड़ा था।

(ii) इसके अलावा, तमा शंकर की शारीरिक कमजोरी की ओर भी संकेत करती है। वह गोपाल जी को इस बात का आभास कराती है कि उनका बेटा अक्सर बीमार रहता है और अपनी रीढ़ की समस्या के कारण सीधा बैठने में असमर्थ है।

(iii) शंकर अपने पिता पर पूरी तरह आश्रित है। उसकी रीढ़ की हड्डी नहीं है अर्थात् उसकी अपनी कोई मर्ज़ी नहीं है।

6. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को किस प्रकार के व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर: समाज को उमा जैसे व्यक्तित्व की जरूरत है, जो साहसी, आत्मनिर्भर, और समाज के स्थापित रूढ़िवादी ढांचों को चुनौती देने का साहस रखते हैं। उमा अपनी दृढ़ता और आत्मसम्मान से एक ऐसी छवि प्रस्तुत करती है, जो न केवल अपनी गरिमा बनाए रखती है, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करती है। ऐसे व्यक्तित्व समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और लोगों को सही दिशा दिखाने में सक्षम होते हैं।

इसके विपरीत, शंकर जैसे व्यक्ति, जो नैतिक रूप से कमजोर और अपने जीवन के प्रति गंभीर नहीं है, समाज में केवल नकारात्मकता और गैर-जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है। ऐसे व्यक्तित्व से न तो समाज को कोई लाभ होता है और न ही वे स्वयं जीवन में कोई महत्वपूर्ण उद्देश्य प्राप्त कर पाते हैं।

7. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह शीर्षक एकांकी की भावना को व्यक्त करने के लिए बिल्कुल सही है। इस शीर्षक में समाज की सड़ी-गली मानसिकता को व्यक्त किया गया है तथा उस पर प्रहार किया है क्योंकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता है, वही उसको सीधा रखने में मदद करता है। उसमें लचीलापन होता है, जो शरीर को मुड़ने, बैठने, झुकने कूदने में मदद करता है। इस लचीलेपन के कारण ही शरीर हर कार्य करने में सक्षम है। व्यायाम के माध्यम से रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन को बनाए रखते हैं। उसी तरह समय के अनुसार पुरानी रीतियों और परंपराओं का बदलना आवश्यक है। यह समय की माँग होती है। जब यह रीतियाँ या परंपराएँ मनुष्य के हित के स्थान पर उसका अहित करने लगे, तो वे विकार बन जाती हैं। यह एंकाकी समाज में व्याप्त इन विकारों पर कटाक्ष करता है। हमारा समाज इन मानसिकताओं का गुलाम बनकर बिना रीढ़ वाला शरीर हो जाता है। दूसरी तरफ़ यहाँ शंकर जैसे लड़कों से भी यही तात्पर्य है बिना रीढ़ का। इस प्रकार के लड़कों का अपना कोई व्यक्तित्व नहीं होता और न ही इनका कोई चरित्र होता है। ये सारी उम्र दूसरों के इशारों पर ही चलते हैं। ये लोग समाज के ऊपर सिवाए बोझ के कुछ नहीं होते। इसलिए उमा ने इसे बिना रीढ़ की हड्डी वाला कहा है।

8. कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?

उत्तर: कथावस्तु के आधार पर, इस एकांकी का मुख्य पात्र उमा है, क्योंकि उसकी भावनाएँ और संघर्ष कहानी का केंद्रीय बिंदु हैं। रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद जैसे पात्र उपकेंद्रित हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य उमा का विवाह तय करना है, लेकिन उमा के भीतर का संघर्ष और उसके प्रतिरोध ही कहानी को गति प्रदान करते हैं।

उमा की उच्च शिक्षा, उसके समाज और परिवार के दबाव, और लड़के वालों के आक्षेपों के प्रति उसकी प्रतिक्रिया कहानी का मुख्य तत्व बनती है। एकांकी में उसके आक्रोश, विवशता और विद्रोह को प्रमुखता से दिखाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वह केवल एक साधारण लड़की नहीं, बल्कि एक ऐसे समय की प्रतिनिधि है जहाँ शिक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को लेकर सवाल उठाए जाते हैं।

9. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर: एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ है–

रामस्वरूप: 

(i) रामस्वरूप एक ऐसे पिता हैं जो आधुनिक सोच रखते हैं एवं अपनी पुत्री को पढ़ाना चाहते हैं परंतु उसके व्यवहार में उसकी उच्च शिक्षा को छुपा रहे हैं जो उनकी कायरता एवं विवशता को प्रदर्शित करता है। 

(ii) रामस्वरूप समाज की मान्यताओं और दबावों के अनुसार चलते हैं, जैसे लड़के वालों के सवालों और व्यवहार को सहना, भले ही वे उमा के लिए उचित नहीं हों।

गोपाल:

(i) गोपाल प्रसाद एक रूढ़िवादी व्यक्ति हैं, जो पुरुष और नारी की समानता में विश्वास नहीं रखते।

(ii) गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं।

10. इस एकांकी का क्या मुख्य उद्देश्य क्या है? लिखिए।

उत्तर: इस एकांकी का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह एकांकी वैवाहिक संबंधों में व्याप्त कुरीति की ओर संकेत करती है इसके अंतर्गत विवाह में स्त्रियों को महत्व प्रदान न करना और पुरुषप्रधान समाज का वर्चस्व शामिल है। समाज की इस मानसिकता में बदलाव लाकर स्त्रियों के प्रति संवेदनशील बनना इस एकांकी का मुख्य उद्देश्य है। विभिन्न पात्रों के संवादों के माध्यम से विसंगति को उभारा गया है। उमा के माध्यम से एकांकीकार ने स्त्री के आक्रोश को भी अभिव्यक्त किया है और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक दिखाया है।

11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन-कौन से प्रयास कर सकते हैं?

उत्तर: समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु हम कुछ प्रयास कर सकते हैं–

(i) उनकी शिक्षा के हेतु कार्य कर सकते हैं ताकि समाज में वह सर उठा कर अपना जीवन व्यतीत कर सकें।

(ii) महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ और बेहतर बनाना।

(iii) अपने समय की महान एवं विदुषी स्त्रियों का उदाहरण समाज में प्रस्तुत करना चाहिए।

(iv) महिलाओं को उचित सम्मान देना चाहिए।

12. इस एकांकी में विवाह को किस समस्या को प्रस्तुत किया गया है?

उत्तर: इस  एकांकी में स्त्री-पुरुष समानता की पक्षधर है। लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना। बेटियों के विवाह के समय माता-पिता की परेशानियों को उजागर करना। विवाह के नाम पर होने वाली सामाजिक अन्याय और मानसिक तनाव को उकेरा गया है।

13. उमा की किन्हीं दो चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: उमा की दो चारित्रिक विशेषताएं है–

(i) उमा एक बहादुर लड़की है।

(ii) उसके व्यक्तित्व में साहस और हिम्मत है।

14. गोपाल प्रसाद व शंकर महिलाओं के उच्च शिक्षित होने का विरोध करते हैं? आप इस विचार से कहाँ तक सहमत है?

उत्तर: गोपाल प्रसाद व शंकर महिलाओं की उच्च शिक्षा के घोर विरोधी है। वे मानते है कि महिलाओं की जगह केवल चौके-चूल्हे तक ही होनी चाहिए। अगर महिलाएँ भी ‘राजनीति’ पर बहस करने लगेगी तो अनर्थ हो जाएगा। वे यह भी मानते हैं कि पढ़ना-लिखना और काबिल होना केवल मर्दों का ही काम है। गोपाल प्रसाद के अनुसार कुछ चीजों पर केवल पुरुषों का ही एकाधिकार है शिक्षा उनमें से एक है। इसके लिए वे कई तर्क देते हैं। एक अनुशासि पिता हैं जिनके आगे उनका बेटा दबकर रहता है और सही बात भी बोल नहीं पाता। गोपाल प्रसाद मुँह के मीठे हैं किंतु नजरों के तेज और चालाक। विवाह उनके लिए एक ‘बिजनेस’ है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top