NIOS Class 12 Hindi Chapter 13 सुभद्रा कुमारी चौहान: महादेवी वर्मा

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NIOS Class 12 Hindi Chapter 13 सुभद्रा कुमारी चौहान: महादेवी वर्मा

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सुभद्रा कुमारी चौहान: महादेवी वर्मा

Chapter: 13

HINDI

प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 पाठगत प्रश्न 13.1

1. महादेवी वर्मा और सुभद्रा कुमारी के संबंध को किस कोटि में रखा जा सकता है?

(क) रागात्मक मित्र भाव का संबंध।

(ख) फोके संबंध।

(ग) पारिवारिक संबंध।

(घ) स्वतंत्रता सेनानी का संबंध।

उत्तर: (क) रागात्मक मित्र भाव का संबंध।

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2. महादेवी कविता लिखने की बात क्यों नहीं स्वीकार करना चाहती थी?

(क) कविता लिखना अक्षम्य अपराध था।

(ख) सुभद्रा कुमारी से परिचय नहीं था।

(ग) गलत और गैरजरूरी बात मानी जाती थी।

(घ) क्योंकि गणित की कापी में कविता लिखी थी।

उत्तर: (ग) गलत और गैरजरूरी बात मानी जाती थी।

पाठगत प्रश्न 13.2

1. लेखिका ने नारी के वीर भाव को उदात्त इसलिए माना है, क्योंकि?

(क) वह ममता सजल कल्याणी वीर भाव है।

(ख) व्यक्तिगत या समूहगत राग-द्वेष से युक्त होता है।

(ग) अहंकार की तृप्ति मात्र होती है।

(घ) वह चंडी और अम्बा का रूप मानी जाती है।

उत्तर: (क) वह ममता सजल कल्याणी वीर भाव है

2. सुभदा कुमारी घर और कारागार के बीच संतुलन स्थापित करने में कैसे सफल हुईं?

(क) मानसिक हीन भावना के कारण।

(ख) परिस्थितियों से समझौता करक।

(ग) अपनी आर्थिक स्थिति के कारण।

(घ) मानसिक धैर्य और दृढ निश्चय के द्वारा।

उत्तर: (घ) मानसिक धैर्य और दृढ निश्चय के द्वारा।

3. सुभद्रा कुमारी ने अपने घर की छोटी सी सीमा में क्या-क्या संगृहीत किया था?

(क) गोबर-कंडे।

(ख) रंग-बिरंगे फूल और तरकारियाँ।

(ग) गाय-बछड़े।

(घ) उपर्युक्त सभी।

उत्तर: (ग) गाय-बछड़े।

पाठगत प्रश्न 13.3

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. सुभद्रा कुमारी चौहान के जीवन में पत्नी के कौन से स्वरूप को उभारा गया है?

(क) अनुगामिनी के रूप में।

(ख) अर्धांगिनी के प्रचलित रूप में।

(ग) सहयोगी मित्र के रूप में।

(घ) आंदोलनकारी के रूप में।

उत्तर: (ग) सहयोगी मित्र के रूप में।

2. ‘मनुष्य की आत्मा स्वतंत्र है’, इस पंक्ति से क्या अभिप्राय है?

(क) मनुष्य परंपरा पालन से मुक्त है।

(ख) स्त्री-पुरुष अलग-अलग सत्ताएं हैं।

(ग) बंधन व्यक्ति का विकास रोकते हैं।

(घ) परिवार और सामाजिक संस्थाएं बंधन हैं।

उत्तर: (ग) बंधन व्यक्ति का विकास रोकते हैं।

3. इस पाठ के अनुसार बंधन से मुक्ति का स्वरूप कैसा होना चाहिए?

(क) सामाजिक पारिवारिक मान्यताओं और रूढ़ियों से मुक्ति।

(ख) अंग्रेजी शासन से मुक्ति।

(ग) तार्किक और मानवीय।

(घ) उपर्युक्त सभी।

उत्तर: (घ) उपर्युक्त सभी।

13.7 पाठांत प्रश्न

अति लघुत्तरीय प्रश्न

(क) इस पाठ को साहित्य की किस विधा के अंतर्गत रखा जाना चाहिए? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: यह पाठ सुभद्रा कुमारी की जीवन और उनके साहित्यिक योगदान का वर्णन करता है, जो उनकी कवयित्री के रूप में पहचान और उनके सामाजिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। 

(ख) सुभद्रा कुमारी को महादेवी वर्मा की कविताएं किस विषय की कॉपी में मिली?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी को महादेवी वर्मा की कविताएं गणित विषय की कॉपी में मिली।

(ग) सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम क्या था?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान के पति का नाम ठाकुर लक्ष्मण सिंह था।

(घ) लेखिका सुभद्रा कुमारी का वर्णन वीरगीतों की कवयित्री के रूप में क्यों नहीं करना चाहती?

उत्तर: लेखिका सुभद्रा कुमारी का वर्णन वीरगीतों की कवयित्री के रूप में इस लिए नहीं करना चाहती, क्योंकि वे केवल वीरता या युद्ध पर आधारित गीतों की रचनाकार नहीं थीं। सुभद्रा कुमारी की कविताओं में गहरी संवेदनशीलता, मानवीय भावना, और समाजिक मुद्दों पर विचार व्यक्त होते हैं। वे एक ऐसी कवयित्री थीं, जिनकी रचनाओं में प्रेम, पीड़ा, और जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण होता है, न कि सिर्फ वीरता के स्वरूप में। 

(ङ) सुभद्रा कुमारी और लेखिका के आत्मीय संबंध को आप किस शब्द में परिभाषित करना चाहेंगे?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी और लेखिका के आत्मीय संबंध को “स्नेहपूर्ण” शब्द में परिभाषित किया जा सकता है। यह शब्द उनके बीच गहरे सजीव और सजीव संवाद, समझ, और आपसी सम्मान को व्यक्त करता है। यह दर्शाता है कि उनके रिश्ते में सच्चे प्रेम और भावनात्मक जुड़ाव का तत्व था।

लघुउत्तरीय प्रश्न

(क) सुभद्रा कुमारी चौहान के व्यक्तित्त्व की किन विशेषताओं की तरफ लेखिका ने ध्यान आकर्षित किया है?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान के व्यक्तित्त्व की साहस और वीरता, कविता प्रेम, समाज सेवा, मातृत्व और गृहस्थी विशेषताओं की तरफ लेखिका ने ध्यान आकर्षित किया है।

(ख) सुभद्रा कुमारी मरने के बाद भी समाज का अंग क्यों बने रहना चाहती है?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान मरने के बाद भी समाज का अंग इसलिए बने रहना चाहती हैं क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी कविताएँ और विचार समाज में एक प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे, और उनके आदर्श और सिद्धांत हमेशा समाज को दिशा दिखाते रहेंगे।

(ग) जेल-जीवन और गृहस्थी के बीच सुभद्रा कुमारी को क्यों संतुलन साधना पड़ा?

उत्तर: जेल-जीवन और गृहस्थी के बीच सुभद्रा कुमारी को इसलिए संतुलन साधना पड़ा क्योंकि वे एक ओर स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दे रही थीं और दूसरी ओर अपने परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वाहन कर रही थीं।

(घ) गणित की कॉपी में कविता लिखने को लेखिका ने अक्षम्य अपराध क्यों माना है?

उत्तर: गणित की कॉपी में कविता लिखने को लेखिका ने अक्षम्य अपराध इसलिए माना है क्योंकि उनके अनुसार प्रत्येक विषय का अपना महत्व और स्थान होता है। गणित एक गंभीर और व्यवस्थित विषय है, जिसमें ध्यान और मेहनत की आवश्यकता होती है, जबकि कविता एक कला रूप है, जो भावनाओं और रचनात्मकता से जुड़ा है। लेखिका के अनुसार, गणित की कॉपी में कविता लिखना उस विषय की गंभीरता को नज़रअंदाज़ करना और उसकी उपेक्षा करना होगा। यह व्यवहार अनुशासनहीनता और विषयों के प्रति सम्मान की कमी को दर्शाता है, जो उन्हें सही नहीं लगता था।

(ङ) स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सुभद्रा को दुख और पीड़ा का अनुभव क्यों हुआ?

उत्तर: स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सुभद्रा को दुख और पीड़ा का अनुभव इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने खुली आँखों से देश की स्वतंत्रता के सपने देखे थे। उसके लिए संघर्ष किया था। उनके लिए देश की स्वतंत्रता का अर्थ केवल अग्रेजों की गुलामी से ही मुक्ति नहीं थी, अपितु देश के अंदर प्रचलित अनेक बुराइयों जैसे जातिवाद, ऊँच-नीच का भेदभाव, धार्मिक वैमनस्यता इत्यादि से भी मुक्ति थी। तभी सही मायनों में व्यक्ति और देश स्वतंत्र कहा जा सकता है।

दीर्घउत्तरीय प्रश्न

1. लेखिका क्यों नहीं चाहती है कि उनके द्वारा कविता लिखने की बात सबको पता चले?

उत्तर: लेखिका इसलिए नहीं चाहती है कि उनके द्वारा कविता लिखने की बात सबको पता चले क्योंकि उस समय कविता लिखना गलत और गैरजरूरी माना जाता था। कोई तुक जोड़ता है, यह सुनकर ही सुनने वालों के मुख की रेखाएं इस प्रकार वक्रकुंचित हो जाती थी मानो उन्हें कोई कटु-तिक्त पेय पीना पड़ा हो। 

2. सुभद्रा कुमारी के वाह्य रूप और आंतरिक गुणों की चर्चा कीजिए।

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान का वाह्य रूप आकर्षक प्रभावशाली था और आंतरिक गुणों में साहस और दृढ़ता प्रमुख थे। उनके चेहरे पर एक विशेष प्रकार की गंभीरता और सौम्यता थी जो उनके व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाती थी। सुभद्रा कुमारी चौहान का साहस और दृढ़ता उनके व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। उन्होंने अपने जीवन में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उनकी कविताओं में भी यह साहस स्पष्ट रूप से झलकता है। वे अत्यंत संवेदनशील थीं और अपने लेखन के माध्यम से समाज सुधार का प्रयास करती थीं। उनके वेशभूषा और पहनावे में भारतीय संस्कृति की झलक मिलती थी, जिससे उनका रूप और भी मोहक लगता था। उनकी उपस्थिति से ही लोग प्रभावित हो जाते थे और उनकी बातों का असर होता था। उनकी कविताओं में गहरी संवेदनशीलता और मानवता की भावना थी। वे समाज के प्रति अत्यंत संवेदनशील थीं और अपने लेखन के माध्यम से समाज सुधार का प्रयास करती थीं।

3. ‘स्वतंत्रता आन्दोलन में सुभद्रा कुमारी चौहान ने अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं के स्थान पर जनसामान्य की भावनाओं का सम्मान किया।’ इस कथन के परिप्रेक्ष्य में विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान ने स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी व्यक्तिगत आकांक्षाओं को दरकिनार करते हुए जनसामान्य की भावनाओं का सम्मान किया। उनके इस निर्णय के पीछे उनके व्यक्तित्व और समाज के प्रति उनकी गहरी संवेदनशीलता का बड़ा हाथ था। उन्होंने अपने साहित्य और काव्य रचनाओं के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया, जिससे लोग स्वतंत्रता संग्राम के महत्व और उसके आदर्शों से अवगत हो सके। यह निस्वार्थता भारत की स्वतंत्रता के लिए सामाजिक जिम्मेदारी, सहानुभूति और प्रतिबद्धता की उनकी मजबूत भावना का प्रमाण है। उनके कार्य और लेखन पीढ़ियों को प्रेरित करते रहते हैं, जो व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं पर सामूहिक भलाई को प्राथमिकता देने की शक्ति को प्रदर्शित करते हैं। उनके इस साहस और त्याग ने न केवल उन्हें एक महान कवयित्री के रूप में स्थापित किया बल्कि एक सच्चे देशभक्त के रूप में भी उन्हें सम्मानित किया गया। उनका यह दृष्टिकोण दर्शाता है कि वे व्यक्तिगत इच्छाओं से जाकर समाज और राष्ट्र के हित के लिए समर्पित थीं। उनके लिए जनसामान्य की भावनाओं का सम्मान करना और उनके आदर्शों को बढ़ावा देना ही सबसे महत्वपूर्ण था। इस तरह, सुभद्रा कुमारी चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने योगदान के माध्यम से यह सिद्ध किया कि सच्ची देशभक्ति व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर होती है।

4. सुभद्रा कुमारी के मन में अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर कोई हीन भावना क्यों नहीं थी?

उत्तर: सुभद्रा कुमारी के मन में अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर कोई दुख और हीन भावना नहीं थी क्योंकि उन्हें जो मिला वह उससे संतुष्ट थी। वह जिन हाथों से कोमल और ओज भरे छंद लिखती थी, उन्हें हाथों से गोबर के कंधे पाथती थी, जिसे उन्होंने अपनी ममता के जादू से बांध रखा था। अनेक अभावों और कष्ट में वह मुस्कुराती हुई पारिवारिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियां को निभाते रही। उनको विश्वास था कि व्यक्ति की सच्ची पहचान उसके कर्मों और विचारों से होती है, न कि उसकी आर्थिक स्थिति से। उनके मन में समाज सेवा का भाव और देशभक्ति की भावना इतनी प्रबल थी कि आर्थिक स्थिति का महत्व गौण हो गया था। उन्होंने अपनी कविताओं और लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य किया और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे उन्हें समाज में अत्यधिक सम्मान मिला।

5. ‘सुभद्रा कुमारी चौहान ने सार्वजनिक जीवन के बंधनों का सदैव विरोध किया।’ इस तथ्य का मूल्यांकन कीजिए।

उत्तर: सुभद्रा कुमारी चौहान ने हमेशा सार्वजनिक जीवन के बंधनों का विरोध किया, और यह उनके लेखन और जीवन में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वे एक प्रबुद्ध और जागरूक महिला थीं, जिन्होंने अपने समय के सामाजिक और सांस्कृतिक बंधनों को चुनौती दी। उनका मानना था कि महिलाओं को उनके अधिकारों और स्वतंत्रता से वंचित करना गलत है। उन्होंने अपनी कविताओं और लेखों में न केवल समाज की बुराइयों की आलोचना की, बल्कि महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए भी आवाज उठाई। सुभद्रा कुमारी ने नारी स्वतंत्रता, समानता और शिक्षा की अहमियत को उजागर किया।

6. इस पाठ की भाषागत विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: इस पाठ की भाषागत विशेषताएँ सरल, सहज और प्रभावशाली हैं। लेखिका ने शब्दों का चयन इस प्रकार किया है कि वह पाठक के मन को तुरंत छू लें। उनका भाषा उपयोग औपचारिक होते हुए भी भावनाओं और विचारों को गहराई से व्यक्त करता है। साथ ही, भाषा में प्रवाह और सहजता है, जिससे विचार आसानी से समझ में आते हैं। लेखिका ने संवाद और वर्णन में विविधता का उपयोग किया है, जिससे पाठक की रुचि बनी रहती है। इसके अतिरिक्त, उनके द्वारा उपयोग किए गए शब्दों में समृद्धि और स्पष्टता है, जो विचारों को मजबूती से प्रस्तुत करते हैं।

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