Niketan Class 4 Hindi Chapter 3 महात्मा गाँधी Question Answer, Sankardev Sishu Niketan Chapter 3 महात्मा गाँधी Class 4 Hindi Solutions to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Board শংকৰদেৱ শিশু নিকেতন Class 4 হিন্দী Notes can be of great value to excel in the examination.
महात्मा गाँधी
Chapter – 3
SANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN
प्रश्न उत्तर
मूलभाव :- गाँधीजी हमारे देश भारत के एक महान नेता थे। उन्हें प्यार से बापु भी कहते हैं। उनका जन्म २ अक्टूबर सन १८६९ ई. को गुजरात राज्य में काठियावाड़ जिले के पोरबन्दर नामक स्थान में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहन दास करमचन्द गाँधी था।
राजकोट में हाईस्कुल की शिक्षा प्राप्त करने के वाद वे कानून पढ़ने इंग्लैण्ड गये। इसके बाद वे अफ्रीका गये। वहाँ पर उन्होने भारतीय काले लोगों के प्रति खराब व्यवहार देखा। उन्होने अफ्रीका सरकार के विरूद्ध सत्याग्रह आन्दोलन चलाया। फिर भारत आये, और यहाँ अंग्रेजी-सरकार के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी और अन्त में भारत १५ आगस्त १९४७ को स्वतंत्र हुआ। गाँधीजी सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। गाँधीजी बन्दरों की तीन मुर्तियाँ रखे थे। एक का आँख बन्द था, इससे बुरा नही देखने की सीख मिलती है। एक का कान बन्द था, इससे बुरा नहीं सुनने की सीख मिलती है। एक का मुँह बन्द था, इससे बुरा नहीं बोलने की सीख मिलती है । सन् १९४८ ई. ३० जनवरी को इनकी हत्या कर दी गई। वे अमर हो गये। उन्हें राष्ट्रपिता का सम्मान दिया गया।
মূলভাৱ :- গান্ধীজী আমাৰ দেশ ভাৰতবৰ্ষৰ মহান নেতা আছিল । তেখেতক মৰমেৰে বাপুও কোৱা হয়। তেখেতৰ জন্ম ২ অক্টোবৰ ১৮৬৯ ইং চনত গুজৰাত ৰাজ্যৰ কাঠিয়াবাড় জিলাৰ পোৰবন্দৰ নামৰ ঠাইত হৈছিল। তেখেতৰ সম্পূর্ণ নাম মোহনদাস কৰ্মচান্দ গান্ধী।
ৰাজকোট হাইস্কুলৰ শিক্ষা সমাপ্ত কৰি তেওঁ আইন পঢ়াৰ কাৰণে ইংলণ্ডলৈ গৈছিল। তাৰপিছত আফ্ৰিকালৈ গৈছিল। তাত তেওঁ ভাৰতীয় আৰু ক’লা মানুহৰ দুৰ্দশা দেখি, আফ্রিকা চৰকাৰৰ বিৰুদ্ধে সত্যাগ্রহ আন্দোলন চলালে। তাৰ পিছত ভাৰতত আহি ইংৰাজ চৰকাৰৰ বিৰুদ্ধে সত্যাগ্রহ আন্দোলন কৰিলে। শেষত ১৯৪৭ চনৰ ১৫ আগষ্টত ভাৰত স্বাধীন হ’ল। গান্ধীজীয়ে অহিংসা আৰু সত্যৰ শিক্ষা দিলে। তেখেতৰ লগত বান্দৰৰ তিনিটা ছবি আছিল। তাৰ জৰিয়তে তিনিটা শিক্ষা দিছিল- বেয়া বস্তু নাচাবা, বেয়া কথা নুশুনিবা আৰু বেয়া কথা নকবা। ১৯৪৮ ইং চনৰ ৩০ জানুৱাৰীত তেখেতক হত্যা কৰা হল। তেওঁ অমৰ হ’ল। তেখেতক জাতিৰ পিতা উপাধি দিয়া হ’ল।
शबदर्थ
स्वतंत्रता — স্বাধীনতা; संग्राम – সংগ্রাম; विरुद्ध– বিপক্ষে;
दासता –গোলামী, পৰাধীন; भारतीय – ভাৰতত বাস কৰা;
सत्यग्रह – সত্যাগ্রহ, অসহযোগ; हत्या – মাৰি পেলোৱা।
अभ्यास
1. प्रशनों के उत्तर दो –
(क) महात्मा गाँधी कौन थे ?
उत्तर: महात्मा गाँधी भारत के महान नेता थे।
(ख) हम गँधीजी को किस नाम से पुकारते हैं ?
उत्तरः हम गाँधीजी को राष्ट्रपिता’ बापु नाम से पुकारते हैं।
(ग) गाँधीजी के बन्दरों से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर: गाँधीजी के बन्दरों से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी की बुराई मत देखो, किसी की बुराई मत सुनो और किसी की बुराई मत करो।
(घ) गाँधीजी का पुरा नाम क्या था ?
उत्तर: गाँधीजी का पुरा नाम – मोहनदास करमचन्द गाँधी था।
(ङ) गाँधीजी का जन्म कब हुआ था ?
उत्तरः गाँधीजी का जन्म २ अक्टूबर १८६९ ई. को हुआ था।
(च) गाँधी जी की हत्या कब हुयी थी ?
उत्तर: गाँधीजी की हत्या ३० जनवरी सन् १९४८ ई. को हुयी थी।
(छ) भारत छोड़ो आन्दोलन कब हुआ था ?
उत्तरः सन् १९४२ ई. को भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ था।
2. खाली स्थान भरो :
(क) महात्मा गाँधी हमारे –––– नेता थे।
उत्तरः महात्मा गाँधी हमारे महान नेता थे।
(ख) महात्मा गाँधी का जन्म –––– में हुआ।
उत्तरः महात्मा गाँधी का जन्म २ अक्टूबर, १८६९ ई. को गुजरात में काठियावाड़ जिले के पोरबन्दरनामक स्थान में हुआ।
(ग) उनको –––– के नाम से बी पुकारते है।
उत्तरः उनको बापुजी के नाम से भी पुकारते है।
(घ) सन् १९४२ में उन्होंने –––– अन्दोलन चलाया।
उत्तरः सन् १९४२ में उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन चलाया।
(ङ) गाँधीजी ने हमें –––– और –––– का पाठ पढ़ाया।
उत्तर: गाँधीजी ने हमें सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया।
3. वाक्य बनाओ ― स्वतंत्रता, आन्दोलन, अहींसा, सत्याग्रह, शिक्षा l
उत्तरः स्वतंत्रता – स्वतंत्रता के लिए आन्दोलन करना परा।
आन्दोलन – आन्दोलन से ही भारत आजाद हुआ।
अहींसा – अहींसा के पथ पर चलना चाहिये।
सत्याग्रह – अफ्रीका में गाँधी जी सत्याग्रह अन्दोलन चलाये थे।
शिक्षा – शिक्षा हमारा अधिकार है।
4. बापु के तीन बन्दरों का चित्र बनाओ।
उत्तर: खुद बनाओ।
5. पढ़ो और समझो l
त् + म = त्म – महात्मा
न् + ह = न्ह – उन्होंने
क् + ट = क्ट – अक्टूबर
न् + द = न्द – बन्दर, आन्दोलन
स् + क = स्क – स्कूल
स् + त = स्त – कस्तूरबा
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