Niketan Class 4 Hindi Chapter 6 वीर अभिमन्यु Question Answer, Sankardev Sishu Niketan Chapter 6 वीर अभिमन्यु Class 4 Hindi Solutions to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Board শংকৰদেৱ শিশু নিকেতন Class 4 হিন্দী Notes can be of great value to excel in the examination.
वीर अभिमन्यु
Chapter – 6
SANKARDEV SISHU VIDYA NIKETAN
प्रश्न उत्तर
मूलभाव :- यह कहानी महाभारत से लिया गया है। पाँडु के पांच पुत्र थे। इनके नाम- युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, और सहदेव थे। इनमें अर्जुन बहुत पराक्रमी और बीर थे। उन्हीं का पुत्र अभिमन्यु था अभिमन्यु भी पिता के समान पराक्रमी और वीर था। महा भारत का युद्ध चल रहा था। कौरवों के सेनापति द्रोणाचार्य ने एक दिन चक्रव्युह की रचना की। कौरवों ने चालाकी से अर्जुन को युद्ध-भूमि से बहुत दूर युद्ध में फँसा रखा था। चक्रव्यूह का भेदन करना केवल अर्जुन ही जानते थे। पाँडव सेना परेसान थी । युधिष्ठिर चिन्तित थे, तभी अभिमन्यु आकर युधिष्ठिर से आज्ञा माँगी। युधिष्ठिर ने अभिमन्यु से बोले चक्रव्यूह तो अर्जुन ही तोड़ सकता है। अभिमन्यु ने बताया, मैं चक्रव्यूह में घुस सकता हूँ। पर निकलने के लिए संसय है। इस पर सबने आज्ञा दे दी। दूसरे दिन युद्ध सुरु हुआ और अभिमन्यु चक्रव्यूह में घुस गया, लेकिन निकल नहीं सका सात महारथी मिल कर अकेले अभिमन्यु को चारों तरफ से घेलकर मार डाला । अभिमन्यु बीर-गति को प्राप्त हो गया। वीर अभिमन्यु के नाम से प्रशिद्ध हुआ।
মূলভাৱ :- এই কাহিনীটো মহাভাৰতৰ পৰা লোৱা হৈছে। পাণ্ডুৰ পাঁচ পুত্ৰ আছিল । তেওঁলোক হ’ল— যুধিষ্ঠিৰ, ভীম, অৰ্জুন, নকুল আৰু সহদেৱ। তাৰ ভিতৰত অর্জুন বহুত পৰাক্ৰমী আৰু বীৰ আছিল। তেওঁৰ পুত্ৰ অভিমন্যু আছিল। অভিমন্যুও দেউতাকৰ নিচিনা পৰাক্ৰমী আৰু বীৰ আছিল। মহাভাৰতৰ যুদ্ধত কৌৰৱৰ সেনাপতি দ্রোণাচার্যই চক্রবেহু ৰচনা কৰিছিল। কৌৰৱসকলে চক্রান্ত কৰি অর্জুনক যুদ্ধক্ষেত্ৰৰ পৰা কিছু দূৰলৈ লৈ গৈছিল। চক্ৰবেহু ভেদ কৰাটো অকল অর্জুনেহে জানিছিল। পাণ্ডৱৰ সেনা চিন্তাত পৰিল। যুঠিষ্ঠিৰো চিন্তাত পৰিল তেতিয়া অভিমন্যুই আহি ক’লে— মই চক্ৰবেহুত সোমাব পাৰো কিন্তু বাহিৰ হ’বলৈ নোৱাৰো তেতিয়া সকলোৱে অভিমন্যুক সাহস দিলে। ৰাতিপুৱা যুদ্ধ আৰম্ভ হ’ল অভিমন্যু চক্ৰবেহুৰ ভিতৰত সোমাই গ’ল। বাহিৰ হ’ব নোৱাৰা হ’ল। সাত মহাৰথী মিলি অভিমন্যুক ঘেৰি ধৰিলে। অভিমন্যু অৱস হৈ গ’ল। সকলোৱে মিলি অভিমন্যুক বধ কৰিলে। অভিমন্যু শ্বহীদ হ’ল আৰু বীৰ অভিমন্যু নাম পালে।
शब्दार्थ :- युद्ध – যুদ্ধ, घुसना – সোমোৱা, पुत्र — পুতেক বা ল’ৰা
आज्ञा :- আদেশ, विर-गति:- অমৰ, শ্বহীদ,
चक्रव्युह :- চক্রবেহু (চাৰিওপিনে ঘেৰি থকা যোদ্ধাৰ এটা চক্ৰৰ নিচিনা)
अभ्यास
1. प्रश्नों के उत्तर दो :
(क) अभिमन्यु किसका पत्र था ?
उत्तरः अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था।
(ख) अभिमन्यु की युद्ध के समय उम्र कितनी थी ?
उत्तरः अभिमन्यु की युद्ध के समय उम्र १६ साल थी।
(ग) अभिमन्यु चक्रव्यूह में क्यों फँसा ?
उत्तर: क्योंकि चक्रव्यूह से बाहर निकलना नहीं जानता था, इसलिए अभिमन्यु चक्रव्यूह में फैसा गया।
(घ) महा भारत का युद्ध किस-किस के बीच हुआ ?
उत्तरः महाभारत का युद्ध पाण्डव और कौरव के बीच हुआ।
2. वाक्य बनाओ – अभिमन्यु, चक्रव्यूह, अभिमन्यु- अभिमन्यु पराक्रमी और वीर था। वीर गति ।
चक्रव्यूह – द्रोणाचार्य युद्ध क्षेत्र में चक्रव्यूह रचे ।
वीर – गति – अभिमन्यु ने युद्धं करते वीर गति पाया।
3. खाली स्थान भरो :
(क) महाभारत का युद्ध ––––– और ––––– के बीच हुआ।
उत्तरः महाभारत का युद्ध कौरव और पाण्डव के बीच हुआ।
(ख) अभिमन्यु ––––– में फँस गया लेकिन ––––– न सका।
उत्तरः अभिमन्यु चक्रव्यूह में फँस गया लेकिन निकल न सका ।
(ग) चक्रव्यूह में घुसकर लड़ना केवल ––––– ही जनता था l
उत्तरः चक्रव्यूह में घुसकर लड़ना केवल अर्जुन ही जनता था l
4. पढ़ो और समझो :
व् + य = व्य – व्यूह, चक्रव्यूह ।
ष् + ट = ष्ट ― कष्ट, दुष्ट ।
न् + य = न्य – न्याय, अभिमन्यु ।
5. सही पर ✓और गलत पर X निशान लगाओ।
(क) अभिमन्यु अर्जुन का बेटा था। ✓
(ख) अभिमन्यु चक्रव्यूह में नहीं घुस सका। X
(ग) द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की। ✓
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