NCERT Class 7 Hindi Chapter 12 कंचा

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NCERT Class 7 Hindi Chapter 12 कंचा

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कंचा

Chapter: 12

वसंत भाग – 2 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1. कौन, कहाँ पहुँचा?

उत्तर: अप्पू नामक लड़का स्कूल की ओर जाते जाते रास्ते में एक दुकान के सामने जा पहुँचा।

2. उसने वहाँ क्या देखा?

उत्तर: वहाँ उसने देखा कि एक अलमारी में काँच के बड़े-बड़े जार कतार में रखे हैं। उन जारों में चॉकलेट, पिपरमेंट और बिस्कुट थे। उसकी नजर उन पर नहीं थी।

3. उसका ध्यान किसने आकृष्ट किया?

उत्तर: अप्पू का ध्यान एक नए जार ने आकृष्ट किया। उस जार में कांचे भरे थे। यह जार नया-नया ला कर रखा गया था।

4. कंचे कैसे थे?

उत्तर: जार के कंचे हरी लकीरवाले बढ़िया सफेद गोल थे। ये बड़े आंवले जैसे दिखाई देते थे।

5. जॉर्ज कौन है? वह स्कूल क्यों नहीं आया?

उत्तर: जॉर्ज अप्पू की कक्षा में ही पढ़ता है। वह कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी है। उसे आज बुखार है इसलिए वह स्कूल नहीं आया।

6. मास्टर जी कौन सा पाठ पढ़ा रहे थे?

उत्तर: मास्टर जी ‘रेलगाड़ी’ का पाठ पढ़ा रहे थे। 

7. मास्टर जी किस मुद्रा में बच्चों को समझा रहे थे? 

उत्तर: मास्टर जी के हाथ में बेंत थी। उस बेंत से वे मेज़ को ठोककर ऊँची आवाज़ में बच्चों को पाठ समझा रहे थे।

8. मास्टरजी ने रेलगाड़ी के बारे में क्या बताया?

उत्तर: मास्टर जी ने बच्चों को रेलगाड़ी के बारे में यह बताया कि इसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि इसका यंत्र (इंजन) भाप की शक्ति से चलता है। भाप पानी से निकलती है। यह घरों के चूल्हों पर भी निकलती है।

9. कौन रो रहा था और क्यों?

उत्तर: अप्पू रो रहा था। उसे मास्टर जी ने सभी के सामने बेंच पर खड़ा कर दिया था। सभी बच्चे उस पर हँस रहे थे।

10. बेंच पर खड़े-खड़े किसने, क्या सोचा?

उत्तर: बेंच पर खड़े-खड़े अप्पू ने सोचा कि सब को कंचे दिखा दूँगा। जॉर्ज के आने पर ही वह कंचे खरीदेगा। इन हँसने वालों में से किसी को कंचे खेलने के लिए नहीं बुलाएगा।

11. कंचे किस प्रकार के थे?

उत्तर: कंचे खूबसूरत थे। वे हरी लकीरवाले सफेद गोल कंचे थे। ये आँवले जैसे बड़े थे।

15. मास्टर जी ने बच्चों से क्या पूछा?

उत्तर: मास्टर जी ने बच्चों से कहा कि यदि पाठ के बारे में किसी बच्चे को कोई भी शक हो तो वह पूछ ले। इसके बाद पाठ समाप्त हो गया।

16. दफ्तर के बाहर भीड़ क्यों थी?

उत्तर: दफ्तर के बाहर फीस जमा करने वालों की भीड़ जमा थी।

17. क्लर्क बाबू ने क्या कहा?

उत्तर: क्लर्क बाबू ने यह कहा सभी बच्चे एक-एक करके आएँ।

18. किस-किसने फीस जमा की?

उत्तर: रामन, मल्लिका तथा अन्य बच्चों ने फीस जमा कराई।

19. अप्पू क्या सोच रहा था?

उत्तर: अप्पू यह सोच रहा था कि मैं जॉर्ज को साथ ले जाकर दुकानदार से कंचे खरीद कर लाऊँगा। पता नहीं वह देगा भी या नहीं।

20. कागज की पोटली में क्या था?

उत्तर: कागस की पोटली (पुड़िया) में कचे थे। ये वे कचे थे जो अप्पू ने दुकानदार से खरीदे थे।

21. पोटली को लिए कौन, कहाँ चला जा रहा था?

उत्तर: कंचों की पोटली लिए हुए अप्पू नीम के पेड़ों की छाँव के नीचे चला जा रहा था।

22. उसका जी क्या चाहता था?

उत्तर: अप्पू का जी हो रहा था कि उसे कंचों का पूरा जार मिल जाता तो कितना अच्छा होता। वह जा को छूना चाहता था।

24. पोटली खुलने पर क्या हुआ?

उत्तर: कागज की पोटली खुलने पर सारे कचे बिखर गए और सड़क के बीचोंबीच फैल गए।

बहुविकल्पी प्रश्न

सही उत्तर चुनकर लिखिए–

1. दुकान के सामने कौन पहुँचा? 

(क) अप्पू।

(ख) रामन।

(ग) जॉर्ज।

(घ) कोई लड़का।

उत्तर: (क) अप्पू।

2. लड़के की नजर किस जार पर थी?

(क) चॉकलेट।

(ख) विस्कुट।

(ग) पिपरमेंट।

(घ) कंचे।

उत्तर: (घ) कंचे।

3. जार में कैसे कचे हैं?

(क) हरी लकीर वाले।

(ख) गोल।

(ग) आँवले जैसे।

(घ) ये सभी।

उत्तर: (घ) ये सभी।

4. जॉर्ज को क्या है?

(क) बुखार।

(ख) पेटदर्द।

(ग) सिरदर्द।

(घ) कुछ नहीं।

उत्तर: (क) बुखार।

5. पुस्तक में कौन-सा पाठ खुला था?

(क) रेलगाड़ी का।

(ख) भाप का।

(ग) यंत्रों का।

(घ) चूल्हे का।

उत्तर: (क) रेलगाड़ी का।

6. मास्टर जी बीच-बीच में क्या कर रहे थे?

(क) बेंत से मेज ठोक रहे थे। 

(ख) ऊँची आवाज में बोल रहे थे।

(ग) रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।

(घ) ये सभी काम कर रहे थे।

उत्तर: (घ) ये सभी काम कर रहे थे।

7. रामन, मल्लिका किसकी हँसी उड़ा रहे थे?

(क) जॉर्ज की।

(ख) अप्पू की।

(ग) कंचों की।

(घ) सभी की।

उत्तर: (ख) अप्पू की।

8. अप्पू जॉर्ज के आने पर क्या खरीदेगा?

(क) कंचे।

(ख) किताबें।

(ग) पेंसिले।

(घ) कुछ नहीं।

उत्तर: (क) कंचे।

9. अप्पू किसके बारे में सोच रहा था? 

(क) बच्चों के बारे में।

(ख) कंचों के बारे में।

(ग) मास्टर जी के बारे में।

(घ) अपने बारे में।

उत्तर: (ख) कंचों के बारे में।

10. दफ्तर में भीड़ किनकी थी? 

(क) फीस जमा करने वालों की।

(ख) किताबें खरीदने वालों को।

(ग) नौकरी पाने वालों की।

(घ) बच्चों की।

उत्तर: (क) फीस जमा करने वालों की।

11. दूर कौन खड़ा था?

(क) अप्पू।

(ख) रामन।

(ग) जार्ज।

(घ) अन्य।

उत्तर: (क) अप्पू।

12. अप्पू अभी भी किसके बारे में सोच रहा था? 

(क) फीस के बारे में।

(ख) कंचों के बारे में।

(ग) लड़कों के बारे में।

(घ) किसी के बारे में नहीं।

उत्तर: (ख) कंचों के बारे में।

13. अब कंचे कहाँ थे?

(क) कागज की पोटली में।

(ख) जेब में।

(ग) जार में।

(प) मुँह में।

उत्तर: (क) कागज की पोटली में।

14. अप्पू का जी क्या चाहता था?

(क) पूरा जार उसे मिल जाता। 

(ख) उसे सारे कंचे मिल जाते।

(ग) कंचों को छूना चाहता था।

(घ) ये सभी काम।

उत्तर: (क) पूरा जार उसे मिल जाता।

15. अप्पू को क्या शक हुआ?

(क) क्या मेरे पास पूरे कंचे हैं? 

(ख) क्या सभी कचों में लकीर होगी?

(ग) क्या जॉर्ज मुझे कचे देगा?

(घ) क्या कोई मेरे कंचे छोन लेगा?

उत्तर: (ख) क्या सभी कचों में लकीर होगी?

प्रश्न-अभ्यास

>> कहानी से

प्रश्न 1. कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है? 

उत्तर: कंचा जब जार से निकलकर अप्पू के दिमाग में घुस आता है तो वह ये खेल दिखाता है-

उसके देखते-देखते जार बड़ा होने लगा। वह आसमान सा हो गया तो वह भी उसके भीतर आ गया। वह कंचे चारों बड़ा तरफ बिखेरता मजे में खेलता रहा।

जब अप्पू के दिमाग में कंचा घुस जाता है तब मास्टर जी के द्वारा बना रेलगाड़ी का बॉयलर भी उसे काँच का जार नजर आता है। उसमें हरी लकीरवाले सफेद गोल कंचे भरे लगने लगे। वह इनसे जॉर्ज के साथ खेलने की कल्पना से खुश था।

प्रश्न 2. दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।

उत्तर: दुकानदार, ड्राइवर तथा माँ अप्पू की अजीब हरकतों एवं मनःस्थिति को देखकर खीझते हैं और परेशान होते हैं। दुकानदार को लगता है कि अप्पू कंचों के जार को गिराकर तोड़ देगा। ड्राइवर उसे बीच सड़क पर कंचे चुगता देखता है। वह हॉर्न की आवाज भी नहीं सुन रहा था। माँ भी अप्पू के बस्ते में कंचे-हो-कंचे देखती है। ये तीनों व्यक्ति पहली बार में उसकी दशा देखकर परेशान होते हैं, फिर वस्तुस्थिति समझ कर हँसते हैं। बाद में वे उसकी दशा को समझ जाते हैं। तीनों जान जाते हैं कि अप्पू का कंचों के साथ बहुत लगाव है।

प्रश्न 3. “मास्टर जी की आवाज अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।” मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।

उत्तर: जब मास्टर जी ने कक्षा के बच्चों को रेलगाड़ी का पाठ पढ़ाना शुरू किया था तब उनकी आवाज ऊँची थी वे रेलगाड़ी के बारे में काफी बातें कह चुके तब उनकी आवाज़ कुछ धीमी हो गई। अब वे समझाने की मुद्रा में थे अतः उनकी आवाज धीमी हो गई होगी।

>> कहानी से आगे

1. कंचे, गिल्ली-डंडा, गवतड़ी (पिट्टू) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? उनकी एक सूची बनाइए।

* कंचे खेलना, गुल्ली-डंडा, गेंद खेलना आदि। 

2. किसी एक खेल को खेले जाने की विधि का वर्णन भी कीजिए।

* गुल्ली-डंडा : एक जगह गड्ढा-सा बना लिया जाता है। उस पर गुल्ली रख दी जाती है। एक नुकीले डंडे से उसे ऊपर की ओर उछाला जाता है। कोई बच्चा उसे लपकता है और खिलाड़ी को आउट कर देता है।

>> अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. जब मास्टर जी अप्पू से सवाल पूछते हैं तो वह कौन-सी दुनिया में खोया हुआ था ? क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी दिन क्लास में रहते हुए भी क्लास से गायब रहे हो? ऐसा क्यों हुआ और आप पर उस दिन क्या गुजरी? अपने अनुभव लिखिए।

उत्तर: हाँ. एक दिन मेरे साथ भी ऐसा हुआ। उस दिन मेरी मी काफी बीमार थी। मुझे स्कूल जाना पड़ा था। मेरा मन घर पर ही लगा हुआ था। मास्टर जी पाठ पढ़ा रहे थे, पर मैं तो अपने विचारों में खोया हुआ था। में उनके किसी भी प्रश्न का सही उत्तर नहीं दे पाया। मुझे कक्षा में शर्मिंदा होना पड़ा।

प्रश्न 2. आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे? 

उत्तर: हम इस कहानी का यह शीर्षक देना चाहेंगे ‘अप्पू और कंचे।’

प्रश्न 3. गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ समानता है और कुछ अंतर। बताइए, कौन-सी समानताएँ हैं और क्या-क्या अंतर हैं?

उत्तर: गुल्ली-डंडा खेल में एक खिलाड़ी गुल्ली फेंकता है और दूसरा डंडे से उसे दूर तक फेंकने का प्रयास करता है। अन्य खिलाड़ी उस गुल्ली को कैच करने के लिए प्रयासरत रहते हैं। क्रिकेट में भी ऐसा ही होता है। बल्लेबाज द्वारा बल्ले से मारी गई। गेंद को कैच करने का प्रयास किया जाता है। गुल्ली-डंडा में क्षेत्र और समय की कोई सीमा नहीं होती। यह प्रायः ग्रामीण क्षेत्रों में खेला जाता है जबकि क्रिकेट का क्षेत्र (मैदान) की लंबाई-चौड़ाई और फेंके जाने वाले ओवरों की संख्या को निश्चित करके खेला जाता है, और यह देश-विदेश में खेला जाने वाला एक लोकप्रिय खेल है।

>> भाषा की बात

1. नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित मुहावरे किन भावों को प्रकट करते हैं। इन भावों से जुड़े दो-दो मुहावरे बताइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

• माँ ने दाँतों तले उँगली दबाई ।

• सारी कक्षा साँस रोके हुए उसी तरफ देख रही है।

उत्तर: • दाँतों तले उँगली दबाना = आश्चर्य प्रकट करना अन्य मुहावरे- 

1. हक्का-बक्का रह जाना – मित्र की अचानक मृत्यु का समाचार सुनकर मैं हक्का-बक्का रह गया। 

2. मुँह खुला रह जाना – उसके करतब देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया।

• साँस रोके हुए = दम साधे, भयभीत से अन्य मुहावरे- 1. सारे विद्यार्थी दम साधे हुए रिज़ल्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

2. कंठ सूखना = डर लगना-पोल खोलने पर राम का कंठ सूखने लगा।

2. विशेषण कभी-कभी एक से ज्यादा शब्दों के भी होते हैं। नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित हिस्से क्रमशः रकम और कंचे के बारे में बताते हैं, इसीजिए वे विशेषण हैं। 

पहले कभी किसी ने इतनी बड़ी रकम से कंचे नहीं खरीदे। बढ़िया सफेद गोल कंचे।

• इसी प्रकार के कुछ विशेषण नीचे दिए गए हैं इनका प्रयोगकर वाक्य बनाएँ- 

ठंडी अंधेरी रात            

खट्टी-मीठी गोलियाँ

ताजा स्वादिष्ट भोजन    

स्वच्छ रंगीन कपड़े 

उत्तर: 1. इस ठंडी अंधेरी रात में मेरा डर बढ़ता जा रहा है।

2. बस में खट्टी-मीठी गोलियाँ बेची जा रही थीं।

3. इस होटल में ताजा स्वादिष्ट भोजन मिलता है।

4. बच्चे आज स्वच्छ रंगीन कपड़े पहनकर स्कूल आए हैं। 

कुछ करने को:

1. मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ खोजकर पढ़िए। ‘ईदगाह’ कहानी में हामिद चिमटा खरीदता है और ‘कंचा’ कहानी में अप्पू कंचे। इन दोनों बच्चों में से किसकी पसंद को आप महत्त्व देना चाहेंगे? हो सकता है, आपके कुछ साथी चिमटा खरीदनेवाले हामिद को पसंद करें और कुछ अप्पू को। अपनी कक्षा में इस विषय पर वाद-विवाद का आयोजन कीजिए।

* ‘ईदगाह’ कहानी में ‘चिमटा’ खरीदना इसलिए आवश्यक बन गया था क्योंकि हामिद की दादी आग से रोटियाँ हाथ से निकालती थी और प्रायः उनके हाथ जल जाते थे। हामिद का अपनी दादी के प्रति असीम प्रेम था अतः उसने मेले में से खिलौनों की जगह वह चिमटा खरीद लिया।

* अप्पू का मन कंचों में रमता था। वह रंगीन कंचों को देखकर उन्हें लेने का मोह न छोड़ सका। यही प्रोत्साहन छिपा है।

चित्र बनाइए–

कंचों से खेलते दो बालकों का चित्र।

उत्तर: छात्र-छात्री स्वयं करें।

परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पी प्रश्न

1. इस कहानी के लेखक का क्या नाम है?

(क) पी० रामास्वामी।

(ख) पी० गोपालस्वामी।

(ग) टी० सुब्रह्मण्यम। 

(घ) टी० पद्मनाभान।

उत्तर: (घ) टी० पद्मनाभान।

2. काँच के बड़े-बड़े जार कहाँ रखे थे?

(क) दुकान में।

(ख) मेज पर।

(ग) अलमारी में।

(घ) काउंटर पर।

उत्तर: (ग) अलमारी में।

3. रामन मल्लिका किसकी हँसी उड़ा रहे थे?

(क) जॉर्ज की।

(ख) अप्पू की।

(ग) कचों की।

(घ) उपर्युक्त सभी।

उत्तर: (ख) अप्पू की।

4. अप्पू के विद्यालय के रास्ते में किसके पेड़ों की घनी छाँव थी? 

(क) पीपल के।

(ख) नीम के।

(ग) आम के।

(घ) शीशम के।

उत्तर: (ख) नीम के।

5. अप्पू का ध्यान किसकी कहानी पर केंद्रित था?

(क) सियार और कौआ की।

(ख) लोमड़ी और कौए की।

(ग) लोमड़ी और सारस की।

(घ) सियार और ऊँट की।

उत्तर: (क) सियार और कौआ की।

6. अप्पू को कंचा आकार में किस प्रकार का लग रहा था? 

(क) बाल की तरह।

(ख) आँवले की तरह।

(ग) अंगूर की तरह।

(घ) नींबू की तरह।

उत्तर: (ख) आँवले की तरह।

7. अप्पू ने कौए के लिए कौन-सा विशेषण प्रयोग किया?

(क) मूर्ख।

(ख) नादान

(ग) नासमझ।

(घ) बुद्ध।

उत्तर: (घ) बुद्ध।

8. अप्पू के पिता जी उसे क्या लाकर नहीं देते थे?

(क) पिपरमेंट।

(ख) बिस्कुट।

(ग) आइसक्रीम।

(घ) चॉकलेट।

उत्तर: (ग) आइसक्रीम।

9. अप्पू बिना कंचे लिए स्कूल की ओर क्यों दौड़ गया?

(क) जॉर्ज की आवाज़ सुनकर।

(ख) स्कूल में प्रार्थना की आवाज सुनकर।

(ग) दुकानदार की डाँट सुनकर।

(घ) स्कूल की घंटी सुनकर।

उत्तर: (घ) स्कूल की घंटी सुनकर।

10. उस दिन कक्षा में पढ़ाया जाने वाला ‘रेलगाड़ी’ नामक पाठ पृष्ठ पर था।

(क) सैंतीस।

(ख) छत्तीस।

(ग) उनतालीस।

(घ) अड़तीस।

उत्तर: (क) सैंतीस।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अप्पू को दुकान के जारों में रखे कंचे ही क्यों आकर्षित करते हैं, अन्य चीजें क्यों नहीं?

उत्तर: अन्य चीजें तो उसके पिताजी ला देते थे, कंचे उसने पहली बार देखे थे।

प्रश्न 2. कंचों को देखकर सबसे पहले अप्पू क्या सोचता है?

उत्तर: पहले ये कंचे दुकान में नहीं थे। शायद दुकानदार ने इन्हें तुरंत ही यहाँ रखा है। 

प्रश्न 3. कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी कौन है?

उत्तर: लड़कों के बीच जॉर्ज ही कंचों का अच्छा खिलाड़ी है।

प्रश्न 4. मास्टर जी किसके बारे में समझा रहे थे? 

उत्तर: मास्टर जी रेलगाड़ी के हर एक हिस्से के बारे में समझा रहे थे।

प्रश्न 5. पानी रखने की खास जगह को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

उत्तर: बॉयलर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. इस कहानी का शीर्षक ‘कंचा’ क्यों रखा गया है?

उत्तर: इस कहानी में चर्चा का मुख्य विषय ‘कंचा’ ही है। कहानी का मुख्य पात्र अप्पू का मन कंचों में उलझ जाता है। वह हर समय कंचों के बारे में ही सोचता रहता है। सारी कहानी कंचे के इर्द-गिर्द ही घूमती है। अतः इस कहानी का शीर्षक ‘कंचा’ रखा गया है।

प्रश्न 2. कंचा खरीदने में अप्पू किसकी मदद लेना चाहता है और क्यों?

उत्तर: कंचा खरीदने में अप्पू जार्ज की मदद लेना चाहता है। जॉर्ज कंचों के खेल का सबसे अच्छा खिलाड़ी माना जाता है। उसे कोई हरा नहीं पाता। जार्ज हारे हुए खिलाड़ी की बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी को तोड़ देता है।

प्रश्न 3. माँ ने अप्पू के बस्ते में क्या पाया?

उत्तर: माँ को अप्पू के बस्ते में कंचे-ही-कंचे मिले। उसे यह देखकर हैरानी हुई। वह सोचने लगी कि यह इतने कंचे कहाँ से लाया?

प्रश्न 4. इस कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

उत्तर: इस कहानी के माध्यम से लेखक बालमन की कामना दर्शाना चाहता है। बालक के मन में जो बात एक बार बैठ जाए, उसे वह पूरी करके रहता है। बालक का मन भोला होता है।

प्रश्न 5. जॉर्ज के कंचा खिलाड़ी के बारे में क्या बताया गया है?

उत्तर: जॉर्ज कंचे का अच्छा खिलाड़ी है। चाहे कितना भी बड़ा लड़का उसके साथ कंचा खेले, उससे मात खाएगा। हारे हुए खिलाड़ी को अपनी बंद मुट्ठी ज़मीन पर रखनी पड़ती थी। तब जॉर्ज कंचा चलाकर बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी तोड़ता है।

प्रश्न 6. मास्टर जी पाठ पढ़ाते हुए क्या समझा रहे थे? 

उत्तर: मास्टर जी पाठ में रेलगाड़ी के बारे में समझा रहे थे। वे बता रहे थे कि इसे भाप की गाड़ी भी कहते हैं क्योंकि यह यंत्र भाप की गाड़ी से चलता है। भाप का मतलब पानी से निकलती भाप से है। यह गाड़ी छुक-छुक करती है। 

प्रश्न 7. अप्पू के कंचे क्यों बिखर गए?

उत्तर: कंचे कागज़ की पोटली में थे। अप्पू को शक हुआ कि क्या सभी कंचों में लकीर होगी? उसने यह देखने के लिए धीरे-से पोटली खोली तो सारे कंचे बिखर गए। बिखर कर ये सड़क के बीचोंबीच पहुँच गए। वह कंचों को चुनने लगा।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. अप्पू ने जिस तरह से कंचे खरीदे उसे तुम कितना उचित मानते हो और क्यों? विस्तार से लिखो।

उत्तर: कंचे से उसे कुछ अप्पू की कल्पना में समा गए थे। उसे जब से दुकानदार के यहाँ जार में भरे कंचे दिखाई दिए थे तब सूझ ही नहीं रहा था। विद्यालय में अध्यापक के पढ़ाने पर भी उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था। अध्यापक के पूछने पर कि अप्पू कक्षा में क्या पढ़ाया जा रहा है, वह कहता है, ‘कंचा’। अप्पू का दिल-दिमाग कंचे खरीदने में ही लगा था। पिताजी द्वारा दिए गए फ़ीस के पैसों से वह कंचे खरीद लाया। इस तरह कंचों के लिए लालायित होना, हम उचित नहीं मानते हैं। क्योंकि किसी भी वस्तु को खरीदने के लिए उसकी आवश्यकता को अपने दिमाग में लाना होता है। उसने बिना सोचे-समझे ही कंचे लाना अच्छा समझा जो कि ठीक नहीं था।

प्रश्न 2. ‘कंचा’ कहानी में अप्पू ने बार-बार जॉर्ज को याद किया है। इसका क्या कारण था? 

उत्तर: जॉर्ज अप्पू का सहपाठी था। अप्पू ने स्कूल में सबको देखा, लेकिन उसे जॉर्ज नज़र नहीं आया। जॉर्ज ही विद्यालय में कंचों का सबसे अच्छा खिलाड़ी था। अप्पू का मन तो कंचों में ही लगा हुआ था, इसलिए वह जॉर्ज को ढूँढ रहा था। जॉर्ज से बड़े-बड़े लड़के भी हार जाते थे। हारे हुए लड़कों की बंद मुट्ठी के जोड़ों को जॉर्ज कंचा चलाकर तोड़ता था। अप्पू सोचता है कि जॉर्ज के आते ही वह उसे लेकर कंचे खरीदने जाएगा और उसके साथ खेलेगा। अप्पू की इस सोच के पीछे शायद यह कारण था कि जॉर्ज के साथ रहने से उसे हार का सामना नहीं करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, कक्षा में सजा मिलने पर जब बच्चे उसकी हँसी उड़ाते हैं तो वह मन-ही-मन सोचता है कि जॉर्ज के अतिरिक्त किसी अन्य को वह अपने साथ नहीं खेलने देगा।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न: क्या तुम्हें कंचे अच्छे लगते हैं? क्या तुम उनसे कभी खेले हो?

उत्तर: हमें भी कंचे अच्छे लगते हैं, विशेषकर रंगीन धारियों वाले। बचपन में मैं तरह-तरह के कंचे एकत्रित करता था। हम सब बच्चे मिलकर कंचों से खेलते थे। यह हमें बहुत अच्छा लगता था।

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