NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 आओ, मिलकर बचाएँ

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NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 16 आओ, मिलकर बचाएँ

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Chapter: 16

आरोह

काव्य-खंड

अभ्यास

कविता के साथ

1. माटी का रंग प्रयोग करते हुए किस बात की ओर संकेत किया गया है?

उत्तर: “माटी का रंग” आदिवासी पहचान, उनकी संस्कृति, और उनकी जड़ों का प्रतीक है। कवि इस प्रयोग के माध्यम से यह दर्शाना चाहते हैं कि भाषा, परंपरा, और जीवनशैली में आदिवासी अस्मिता बनी रहनी चाहिए जैसे संथाल परगने के लोगों में जुझारूपन, अक्खड़ता, नाच-गान, सरलता आदि विशेषताएँ जमीन से जुड़ी हैं। कवयित्री चाहती हैं कि आधुनिकता के प्रभाव में आकर हम अपनी संस्कृति को हीन न समझें। हमें अपनी पहचान बनाए रखते हुए गौरव के साथ उसे संजोकर रखना चाहिए।

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2. भाषा में झारखंडीपन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: “झारखंडीपन” से तात्पर्य झारखंड की स्थानीय भाषाओं, बोलियों, और सांस्कृतिक पहचान से है। यह क्षेत्र की लोकभाषाओं, लोकगीतों, और पारंपरिक अभिव्यक्तियों को संरक्षित करने की ओर इशारा करता है। कवयित्री का मानना है कि यहाँ के लोगों को अपनी क्षेत्रीय भाषा को बाहरी भाषा के प्रभाव से मुक्त रखना चाहिए। उसके विशिष्ट उच्चारण व स्वभाव को बनाए रखना चाहिए।

3. दिल के भोलेपन के साथ-साथ अक्खड़पन और जुझारूपन को भी बचाने की आवश्यकता पर क्यों बल दिया गया है?

उत्तर: दिल का भोलापन सच्चाई और ईमानदारी के लिए जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही अक्खड़पन (स्वाभिमान) और जुझारूपन (संघर्षशीलता) भी आवश्यक हैं। यदि समाज सिर्फ भोला बना रहा और अन्याय के खिलाफ नहीं लड़ा, तो उसकी संस्कृति और अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगेगा। अतः कवयित्री भोलेपन, अक्खड़पन  व जुझारूपन-तीनों गुणो को बचाने की आवश्यकता पर बल देती है।

4. प्रस्तुत कविता आदिवासी समाज की किन बुराइयों की ओर संकेत करती है?

उत्तर: प्रस्तुत कविता में आदिवासी समाज में व्याप्त जड़ता, काम से अरुचि, बाहरी संस्कृति और शहरीकरण का अंधानुकरण, शराबखोरी, अकर्मण्यता, अशिक्षा, मातृभाषा से दूरी और परंपराओं के प्रति विरक्ति जैसी बुराइयों का उल्लेख मिलता है।

5. इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है – से क्या आशय है?

उत्तर: इस दौर में भी बचाने को बहुत कुछ बचा है” से यह आशय है कि आधुनिकता और विकास के प्रभावों के बावजूद भी समाज की सांस्कृतिक धरोहर, लोकगीत, परंपराएँ, और प्रकृति से जुड़ा जीवन आज भी बचा हुआ है। लोगों का विश्वास, उनकी टूटती उम्मीदों को जीवित करना, सपनों को पूरा करना आदि ऐसे तत्व हैं, जिन्हें सामूहिक प्रयासों से बचाया जा सकता है।

6. निम्नलिखित पंक्तियों के काव्य सौंदर्य को उद्घाटित कीजिए—

(क) ठंडी होती दिनचर्या में 

जीवन की गर्माहट।

उत्तर: यह पंक्ति दिनचर्या की नीरसता और एकरसता को दर्शाती है, जिसमें जीवन की ऊष्मा धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। ‘गर्माहट’ उमंग, उत्साह और सक्रियता का प्रतीक है, जिससे गंभीरता का भाव उत्पन्न हुआ है। इसमें शांत रस की उपस्थिति है और अभिव्यक्ति अतुकांत शैली में है।

(ख) थोड़ा-सा विश्वास

थोड़ी-सी उम्मीद

थोड़े से सपने

आओ, मिलकर बचाएँ।

उत्तर: कवयित्री अपने प्रयासों से लोगों की उम्मीदें, विश्वास व सपनों को जीवित रखना चाहती है। वह यह कहती हैं कि अगर समाज में थोड़ा भी विश्वास, उम्मीद, और सपने बचे हैं, तो उन्हें मिलकर संरक्षित किया जा सकता है। अतः अनुप्रास अलंकार है। दूर्द (उम्मीद), संस्कृत (विश्वास) तथा तद्‌भव (सपने) शब्दो को मिला-जुला प्रयोग किया है। तुक, छंद और संगीत विहीन होते हुए कथ्य में आकर्षण है। खड़ी बोली है।

7. बस्तियों को शहर की किस आबो-हवा से बचाने की आवश्यकता है?

उत्तर: बस्तियों को शहरीकरण के नकारात्मक प्रभावों, जैसे प्रदूषण, औद्योगीकरण, अनियंत्रित विकास, नैतिक पतन, और सांस्कृतिक ह्रास से बचाने की जरूरत है। शहरी जिंदगी में उमंग, उत्साह व अपनेपन का अभाव होता है। शहर के लोग अलगाव भरी जिंदगी व्यतीत करते हैं।

कविता के आस-पास

1. आप अपने शहर या बस्ती की किन चीज़ों को बचाना चाहेंगे?

उत्तर: मैं अपने शहर या बस्ती की सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक रीति-रिवाज, स्वच्छ पर्यावरण, और सामाजिक समरसता को बचाना चाहूँगा। साथ ही, स्थानीय भाषा, लोकगीत, और कला को संरक्षित करने का प्रयास करूंगी।

2. आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति पर टिप्पणी करें।

उत्तर: आदिवासी समाज की वर्तमान स्थिति में निरंतर परिवर्तन आ रहा है। जिनमें भूमि अधिग्रहण, शोषण, अशिक्षा, और बेरोजगारी प्रमुख हैं। हालांकि, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता बढ़ रही है, जिससे आदिवासी समाज पर विज्ञान के चमत्कारों का भी प्रभाव पड़ रहा है। वहाँ यातायात के साधन पहुँच रहे हैं, डाक व्यवस्था में सुधार आया है।

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