NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हता

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NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 12 चंपा काले काले अच्छर नहीं चीन्हता

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Chapter: 12

आरोह

काव्य-खंड

अभ्यास

कविता के साथ

1. चंपा ने ऐसा क्यों कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे?

उत्तर: चंपा ने ऐसा इसलिए कहा कि कलकत्ता पर बजर गिरे क्योंकि चंपा यद्यपि पढ़ी लिखी नहीं है फिर भी उसके मन में भविष्य के प्रति आशंका उत्पन्न हो जाती है। आर्थिक तंगी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में पलायन करते हैं, जहाँ वे शोषणकारी व्यवस्था का शिकार बनते हैं। कवि का यह कहना कि उसका पति थोड़े समय के लिए साथ रहेगा और फिर कलकत्ता चला जाएगा, इसी स्थिति को दर्शाता है। इसके कारण वह घर टूटने की आशका से भयभीत हो जाती है और कलकत्ता पर वच गिरने की कामना करती है।

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2. चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?

उत्तर: चंपा को यह विश्वास नहीं होता क्योंकि समाज में लड़कियों की शिक्षा को महत्व नहीं दिया जाता था। चंपा के मन में यह बात बैठी हुई है कि शिक्षित व्यक्ति अपने घर को छोड़कर बाहर चला जाता है। वह सोचती है कि गांधी बाबा ने ऐसी बात कही ही नहीं होगी, क्योंकि लड़कियों को पढ़ाना उस समय आम नहीं था।

3. कवि ने चंपा की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?

उत्तर: कवि ने चंपा की इन विशेषताओं का उल्लेख किया है–

(i) चंपा निरक्षर है। उसे अक्षर मात्र काले चिहन लगते हैं।

(ii) चंपा का स्वभाव नटखट, चंचल और शरारती है।

(iii) चंपा कवि को पढ़ते हुए हैरानी से देखती रहती है।

(iv) चंपा कवि की कलम और कागज को चुराकर छिपा देती है।

(v) वह स्पष्ट वादिनी है। वह अपनी बात को घुमा-फिराकर नहीं कहती।

(vi) चपा में परिवार के साथ मिलकर रहने की भावना है। वह परिवार को तोड़ना नहीं चाहती।

(vii) वह कभी-कभी वह शरारतवश खूब ऊधम मचाती है।

4. आपके विचार में चंपा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मैं तो नहीं पढ़ूँगी?

उत्तर: मेरे विचार में चंपा ने ऐसा इसलिए कहा होगा क्योंकि उसके मन में शिक्षा के प्रति कोई जागरूकता नहीं थी। स्वभाव से नटखट है और कवि को दिन भर बैठकर लिखते-पढ़ते देखती है। जिससे उसने मान लिया था कि पढ़ना-लिखना केवल पुरुषों के लिए ही आवश्यक है। वह सोचती होगी कि पढ़ना-लिखना स्वच्छंदता में बाधक है। दूसरे, पढ़े-लिखे लोग अपनों को छोड़कर कलकत्ता चले जाते थे, इसलिए वह पढ़ना नहीं चाहती।

कविता के आस–पास

1. यदि चंपा पढ़ी-लिखी होती तो कवि से कैसे चातें करती?

उत्तर: यदि चपा पढ़ी-लिखी होती तो वह कवि से सहजता से बात नहीं करती। वह हर बात को घुमा-फिराकर कहती, जिसमें बनावटीपन झलकता। उसमें विद्रोह का स्वर भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता। इसके अलावा, वह कवि की योग्यता का सम्मान करती और वह शिक्षा के महत्व को समझती और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होती।

2. इस कविता में पूर्वी प्रदेशों की स्त्रियों को किस विडवनात्मक स्थिति का वर्णन हुआ है?

उत्तर: पूर्वी प्रदेश में स्त्रियों को ऐसा वातावरण ही नहीं मिलता कि वे पढ़ाई-लिखाई के सही महत्व को समझ सके। वे कूपमंडूक की तरह अपने कार्यों में ही व्यस्त रहती हैं और बाहरी दुनिया से अनजान बनी रहती हैं। इससे उनकी सोच और समझ का समुचित विकास नहीं हो पाता। कई बार अपनी इस कमजोरी के कारण उन्हें समाज और परिवार में वह मान-सम्मान नहीं मिलता जो उन्हें मिलना चाहिए।

3. संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़कों को किस वेदना और बिपत्ति को भोगना पड़ता है, अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर: संदेश ग्रहण करने और भेजने में असमर्थ होने पर एक अनपढ़ लड़की को असहनीय वेदना सहनी पड़ती है। एक अनपढ़ लड़की को अपने विचार व्यक्त करने में कठिनाई होती है। वह न तो पत्र पढ़ सकती है और न ही लिख सकती है, जिससे वह अपनों से संवाद नहीं कर पाती। इसके कारण वह सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर कई समस्याओं का सामना करती है और आत्मनिर्भर नहीं बन पाती। उसे अकेलेपन की पीड़ा सहनी पड़ती है। पति का पत्र दूसरे से पढ़वाने पर लोकलाज का डर होता है।

4. त्रिलोचन पर एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा बनाई गई फ़िल्म देखिए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करे।

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