NCERT Class 11 Geography Bhugol Main Prayogatmak Karya Chapter 5 स्थलाकृतिक मानचित्र Solutions, CBSE Class 11 Geography Bhugol Main Prayogatmak Karya Question Answer in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter NCERT Class 11 Geography Bhugol Main Prayogatmak Karya Chapter 5 स्थलाकृतिक मानचित्र Notes and select needs one.
NCERT Class 11 Geography Bhugol Main Prayogatmak Karya Chapter 5 स्थलाकृतिक मानचित्र
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स्थलाकृतिक मानचित्र
Chapter – 5
भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य
अभ्यास
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(क) स्थलाकृतिक मानचित्र क्या होते हैं?
उत्तर: स्थलाकृतिक मानचित्र, जिसे सामान्य उपयोग वाले मानचित्रों के नाम से भी जाना जाता है, उसे आपेक्षिक बृहत मापनी पर बनाया जाता है। इन मानचित्रों में महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक लक्षणों, जैसे- उच्चावच, वनस्पति, जलाशय, कृषिगत भूमि, बस्तियों एवं परिवहन तंत्र आदि को प्रदर्शित किया जाता है, ऐसे मानचित्र स्थलाकृतिक मानचित्र कहलाते हैं।
(ख) भारत की स्थलाकृतिक मानचित्र बनाने वाली संस्था का नाम बताइए तथा इसके मानचित्रों में प्रयुक्त मापनियों के विषय में बताइए।
उत्तर: भारत की स्थलाकृतिक मानचित्र बनाने वाली संस्था का नाम ‘भारतीय सर्वेक्षण विभाग’ है। यह विभाग स्थलाकृतिक मानचित्रों को 1 : 10,00,000, 1: 2,50,000, 1: 1,25,000, 1:50,000 तथा 1 : 25,000 की मापनी पर तैयार करता है।
(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग हमारे देश के मानचित्रण में किन मापनियों का उपयोग करता है?
उत्तर: भारतीय सर्वेक्षण विभाग विभिन्न मापनियों पर मानचित्र- श्रृंखला के रूप में स्थलाकृतिक मानचित्र तैयार करता है। इसलिए दी हुई श्रृंखला के सभी मानचित्रों में एक ही प्रकार के संदर्भ बिंदु, मापनी, प्रक्षेप, रूढ़ चिह्नों तथा रंगों का प्रयोग किया जाता है।
(घ) समोच्च रेखाएँ क्या हैं?
उत्तर: समोच्च रेखाएँ माध्य समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले बिंदुओं को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा होती है। वह मानचित्र, जो भू-आकृति को समोच्च रेखाओं द्वारा दर्शाता है, ये रेखाएँ भूभाग की ऊँचाई और ढलान को दर्शाने में मदद करती हैं, समोच्च रेखा मानचित्र कहलाता है। उच्चावच लक्षणों को समोच्च रेखा के द्वारा दर्शाना अत्यधिक उपयोगी एवं लोकप्रिय विधि है। मानचित्र पर समोच्च रेखाएँ एक क्षेत्र की स्थलाकृति को समझने की सबसे उपयोगी विधि है।
(ङ) समोच्च रेखाओं के अंतराल क्या दर्शाते हैं?
उत्तर: समोच्च रेखाएँ माध्य समुद्र तल के ऊपर विभिन्न ऊर्ध्वाधर अंतरालों (VI), जैसे- 20, 50,100 मीटर पर खींची जाती हैं। इसे समोच्च रेखाओं का अंतराल कहा जाता है। दिए गए मानचित्र पर प्रायः यह नियत होता है। इसे सामान्यतः मीटर में व्यक्त किया जाता है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर ढाल की प्रकृति के अनुसार दो समोच्च रेखाओं के बीच की क्षैतिजीय दूरी में अंतर होता है, जबकि उनके बीच का ऊर्ध्वाधर अंतराल अचल होता है।
(च) रूढ़ चिह्न क्या हैं?
उत्तर: स्थलाकृतिक मानचित्र में भिन्न-भिन्न भौतिक और सांस्कृतिक लक्षणों को भिन्न-भिन्न संकेतों की सहायता से दिखाने वाले चिह्नों को रूढ़ चिह्न अथवा रूढ़ संकेत कहते हैं।
2. संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
(क) समोच्च रेखाएँ।
उत्तर: समोच्च रेखा माध्य समुद्र तल से समान ऊँचाई वाले बिंदुओं को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा होती है। वह मानचित्र, जो भू-आकृति को समोच्च रेखाओं द्वारा दर्शाता है। उच्चावच लक्षणों को समोच्च रेखा के द्वारा दर्शाना अत्यधिक उपयोगी एवं लोकप्रिय विधि है। मानचित्र पर समोच्च रेखाएँ एक क्षेत्र की स्थलाकृति को समझने की सबसे उपयोगी विधि है। समोच्च रेखाएँ ‘V’ या ‘U’ आकार में बहती नदियों और घाटियों को दर्शाती हैं, जिसमें ‘V’ का नुकीला सिरा जल प्रवाह की दिशा में होता है।
(ख) स्थलाकृतिक शीट में उपात सूचनाएँ।
उत्तर: मानचित्र की सीमाओं पर लिखी गई सूचनाओं को उपांत सूचनाएँ कहते हैं। इसमें स्थलाकृतिक शीट संख्या, इसकी स्थिति, डिग्री एवं मिनट में इसका विस्तार, मापनी एवं सम्मिलित जिले, आदि की सूचनाएँ होती हैं।
(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग।
उत्तर: भारतीय सर्वेक्षण विभाग की स्थापना 1767 में ब्रिटिश शासकों द्वारा की गई। भारत के स्थलाकृतिक पत्रकों का निर्माण भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जाता है। पूर्व में भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा दक्षिणी-पश्चिमी एवं दक्षिणी-पूर्वी एशिया का स्थलाकृतिक मानचित्रण किया गया था परन्तु 1947 में पाकिस्तान तथा इससे पूर्व श्रीलंका, म्यांमार में सर्वेक्षण विभागों की स्थापना हो जाने से यह केवल भारत, नेपाल, भूटान के मानचित्र बनाता है। वर्तमान समय में यह विभाग सेना के नियन्त्रण में मिनिस्ट्री ऑफ साइंटीफिक रिसर्च एण्ड कल्चरल अफेयर्स, गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया के अधीन कार्य करता है। इसका प्रधान कार्यालय देहरादून में तथा क्षेत्रीय कार्यालय कलकत्ता, बंगलौर और माउण्ट आबू में स्थित हैं
3. स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन का क्या अर्थ है तथा इसकी विधि क्या है, इसकी विवेचना कीजिए।
उत्तर: स्थलाकृतिक मानचित्र निर्वचन में उन कारकों का अध्ययन शामिल है, जो मानचित्र पर दिखाए गए अनेक लक्षणों के बीच संबंधों को समझने में सहायता करते हैं। उदाहरण के लिए, स्थलाकृतिक मानचित्रों पर प्राकृतिक वनस्पतियों के वितरण तथा कृषि के अंतर्गत क्षेत्रों को भू-आकृतियों एवं अपवाह तंत्र की पृष्ठ भूमि में ठीक से समझ सकते हैं। इसी प्रकार बस्तियों के वितरण को परिवहन के साधनों एवं स्थलाकृतियों के द्वारा पहचाना जा सकता है।
निम्नलिखित चरण मानचित्रों की व्याख्या में सहायता प्रदान करेंगे:
(i) स्थलाकृतिक मानचित्र में स्थलाकृतिक शीट सूचक संख्या के अनुसार भारत में इसकी अवस्थिति ज्ञात की जा सकती है। इससे बृहत एवं मध्यम स्तर वाले भू-आकृतिक विभागों की भी सामान्य विशेषताओं की जानकारी मिलती है। मानचित्र के मापनी तथा समोच्च अंतरालों को देखिए, जो आपको एक क्षेत्र की सामान्य स्थलाकृति एवं उसके विस्तार को बताता है।
(ii) ट्रेसिंग कागज पर निम्नलिखित लक्षणों को दर्शाना:
(क) मुख्य स्थलाकृतियाँ- समोच्च रेखाओं एवं भौगोलिक लक्षणों द्वारा दिखाए गए।
(ख) अपवाह एवं जलीय लक्षण- मुख्य नदी एवं उसकी महत्त्वपूर्ण सहायक नदियाँ।
(ग) भूमि उपयोग, जैसे – वन, कृषिगत् भूमि, बेकार भूमि, पशु विहार, पार्क, विद्यालय इत्यादि।
(घ) बस्तियाँ एवं परिवहन प्रतिरूप।
(iii) प्रत्येक लक्षण के वितरण प्रतिरूप का वर्णन सबसे महत्त्वपूर्ण पक्षों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए अलग-अलग कीजिए।
(iv) एक समय में मानचित्रों के एक जोड़े को अध्यारोपित करके, यदि किन्हीं दो प्रारूपों के बीच कोई संबंध है, तो उसे लिखिए। उदाहरण के लिए, अगर एक समोच्च मानचित्र भूमि उपयोग से मिल जाता है, तो ढाल के डिग्री एवं उपयोग में आने वाली भूमि के बीच संबंध को बताएगा।
एक ही क्षेत्र के हवाई चित्रों तथा उपग्रही प्रतिबिंबों की तुलना उस क्षेत्र के स्थलाकृतिक मानचित्र के द्वारा की जा सकती है।
4. यदि आप स्थलाकृतिक शीट के सांस्कृतिक लक्षणों की व्याख्या कर रहे हैं, तो आप किस प्रकार की सूचनाएँ लेना पसंद करेंगे तथा इन सूचनाओं को कैसे प्राप्त करेंगे? उपयुक्त उदाहरण की सहायता से विवेचना करें।
उत्तर: बस्तियाँ, भवन, रेलमार्ग एवं सड़क मार्ग रूढ़ चिन्हों, प्रतीकों एवं रंगों के द्वारा स्थलाकृतिक शीट पर दिखाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षण हैं। इन लक्षणों की अवस्थिति एवं उनका वितरण प्रारूप मानचित्र पर दर्शाए गए क्षेत्र को समझने में सहायता प्रदान करते हैं।
बस्तियों का वितरण:
इसके वितरण को मानचित्र पर इनकी स्थिति, अवस्थिति, प्रारूप, संरक्षण तथा घनत्व द्वारा देख सकते हैं। बस्ती मानचित्र एवं समोच्च मानचित्रों की परस्पर तुलना के द्वारा बस्तियों के विभिन्न प्रकारों की प्रकृति एवं कारण को समझा जा सकता है।
मानचित्र पर चार प्रकार की ग्रामीण बस्तियों को पहचाना जा सकता है:
(क) संहत।
(ख) प्रकीर्ण।
(ग) रैखिक।
(घ) वृत्ताकार।
इसी तरह नगर केंद्रों की भी पहचान की जा सकती है:
(क) चतुष्पथ नगर।
(ख) नोडीय बिंदु।
(ग) बाज़ार केंद्र।
(घ) पहाड़ी नगर।
(ङ) तटीय विश्राम स्थल केंद्र।
(च) पत्तन।
(छ) उपनगरीय गाँव अथवा अनुषंगी नगरों के साथ विनिर्माण केंद्र।
(ज) राजधानी नगर।
(झ) धार्मिक केंद्र।
बस्तियों के चुनाव को निर्धारित करने वाले अनेक कारक होते हैं, जैसे:
(क) जल के स्रोत।
(ख) भोजन की सुविधाएँ।
(ग) उच्चावच की प्रकृति।
(घ) व्यवसाय की प्रकृति एवं प्रकार।
(ङ) रक्षा।
मानव बस्तियों के स्थल का परीक्षण समोच्च रेखा एवं अपवाह तंत्र मानचित्र के संदर्भ में बहुत निकटता से करना चाहिए। बस्तियों का घनत्व खाद्य पदार्थों की पूर्ति से प्रत्यक्ष रूप से संबंधित होता है। कभी-कभी ग्रामीण बस्तियों का संरेखण होता है, यानी ये नदी घाटी, सड़क, तटबंध, तटरेखा के साथ वितरित होती हैं। इन्हें रैखिक प्रारूप कहते हैं।
नगरीय बस्तियों में, एक चतुष्पथ नगर पंखे की आकृति का स्वरूप ग्रहण करता है, जिसमें मकान सड़कों के किनारे व्यवस्थित होते हैं, तथा मुख्य बाज़ार एवं नगर के केंद्र में चौराहे होते हैं। एक नोडीय नगर में सड़कें केंद्र से सभी दिशाओं में जाती हैं।
यातायात एवं संचार का प्रतिरूप:
उपयोग में लाए जाने वाले यातायात के साधनों तथा परिवहन जाल के घनत्व का उच्चावच, जनसंख्या आकार तथा संसाधन विकास के प्रारूपों से घनिष्ठ संबंध होता है। ये रूढ़ि चिह्नों एवं प्रतीकों के द्वारा दर्शाए जाते हैं। मानचित्र पर दिखाए गए परिवहन तथा संचार के साधन हमें उस क्षेत्र के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
5. निम्नलिखित लक्षणों के लिए रूढ़ चिह्नों एवं संकेतों को बनाइए:
(क) अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएँ।
उत्तर:
(ख) तल चिह्न।
उत्तर: BM 63.3
(ग) गाँव।
उत्तर:
(घ) पक्की सड़क।
उत्तर:
(ङ) पुल सहित पगडंडी।
उत्तर:
(च) पूजा करने के स्थान।
उत्तर:
(छ) रेल लाइन।
उत्तर:
अभ्यास (क) |
समोच्च प्रणाली को देखें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
1. समोच्च रेखाओं से निर्मित स्थलाकृति का नाम लिखें।
उत्तर: पठार।
2. मानचित्र में समोच्च अंतराल का पता लगाएँ।
उत्तर: 100 मीटर।
3. मानचित्र पर के E एवं F के बीच की दूरी को धरातल पर की दूरी में बदलें।
उत्तर: E एवं F के बीच की दूरी 2 से.मी. है, जो धरातल पर की दूरी 4 किलोमीटर की दूरी को दर्शाता है।
4. A तथा B, C तथा D एवं E तथा F के बीच के दालों के प्रकार का नाम लिखें।
उत्तर: A तथा B मंद ढाल।
C तथा D तीव्र ढाल।
E तथा F मंद ढाल।
5. G से E, D तथा F के दिशाओं को बताएँ।
उत्तर: G से E पश्चिम दिशा, G से D उत्तर दिशा तथा G से F दक्षिण-पश्चिम दिशा।
अभ्यास (ख) |
स्थलाकृतिक शीट संख्या 63 K/12 जैसा कि पृष्ठ 62 पर चित्र में दिखाया गया है का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-
1. 1:50,000 को साधारण कथन में बदलें।
उत्तर: 1 सेंटीमीटर 0.5 कि.मी. को दर्शा रहा है।
2. क्षेत्र की मुख्य बस्तियों के नाम लिखें।
उत्तर: कछवा, बरैनी, बजाहन, भतौली, केवताबीर, सोतसार, मझवान।
3. गंगा नदी के बहाव की दिशा क्या है?
उत्तर: गंगा नदी का बहाव उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर है।
4. गंगा नदी के कौन-से किनारे पर भतौली स्थित है?
उत्तर: भतौली गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है।
5. गंगा नदी के किनारे ग्रामीण बस्तियाँ किस प्रकार अवस्थित हैं?
उत्तर: गंगा नदी के किनारे ग्रामीण बस्तियाँ संहत आकार से अवस्थित हैं।
6. उन गाँवों/बस्तियों के नाम लिखें, जहाँ डाकघर स्थित हैं?
उत्तर: भतौली, बरैनी तथा प्रेम का पुरा बस्ती में डाकघर तथा कछवा में डाक एवं तारघर स्थित है।
7. क्षेत्र में पीला रंग क्या दर्शाता है?
उत्तर: क्षेत्र में पीला रंग मैदानी क्षेत्र को दर्शाता है।
8. भतौली गाँव के लोगों के द्वारा नदी को पार करने के लिए परिवहन के किस साधन का उपयोग किया जाता है?
उत्तर: भतौली गाँव के लोगों द्वारा नदी पार करने के लिए परिवहन के साधन नौका का उपयोग किया जाता है।
अभ्यास (ग) |
पृष्ठ 64 पर दी गई स्थलाकृतिक शीट संख्या 63 K/12 का अध्ययन करें तथा निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-
1. मानचित्र के सबसे उच्च बिंदु की ऊँचाई ज्ञात करें।
उत्तर: 174 मीटर
2. जमटिहवा नदी मानचित्र के किस भाग से होकर बह रही है?
उत्तर: जमटिहवा नदी मानचित्र के दक्षिण-पूर्वी भाग से होकर बह रही है।
3. कुरदरी नाले के पूर्व में कौन-सी मुख्य बस्ती अवस्थित है?
उत्तर: कुरदरी नाले के पूर्व में कोटवा बस्ती अवस्थित है।
4. इस क्षेत्र में किस प्रकार की बस्ती है?
उत्तर: इस क्षेत्र में मुख्यतः रैखिक बस्ती है।
5. सिपू नदी के बीच के सफ़ेद धब्बे किस प्रकार की भौगोलिक स्थलाकृति को दर्शाते हैं?
उत्तर: मैदानी भाग।
6. स्थलाकृतिक शीट के इस भाग पर दर्शायी गई दो प्रकार की वनस्पतियों के नाम लिखें।
उत्तर: उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वनस्पति और दांती संरक्षित वनस्पति।
7. कुरदरी के बहाव की दिशा क्या है?
उत्तर: दक्षिण से उत्तर।
8. नीचला खजौरी डैम स्थलाकृतिक शीट के किस भाग में अवस्थित है?
उत्तर: नीचला खजौरी डैम स्थलाकृतिक शीट के उत्तरी भाग में अवस्थित है।

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