NCERT Class 10 Science Chapter 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव Solutions, CBSE Class 10 Science Question Answer in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NCERT Class 10 Science Chapter 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव Notes in Hindi and select needs one.
NCERT Class 10 Science Chapter 12 विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
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विद्युत धारा के चुंबकीय प्रभाव
Chapter – 12
GENERAL SCIENCE
Page no – 217 Question
1. चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित क्यों हो जाती है?
उत्तर: चुंबक के निकट लाने पर दिक्सूचक की सुई विक्षेपित इसलिए हो जाती है क्योंकि दिक्सूचक की सुई की नोक चुम्बक के ध्रुव की भांति कार्य करता है। जब सुई को दंड चुंबक के पास लाया जाता है जो ये सुई को आकर्षित अथवा प्रतिकर्षित करता है जिससे विक्षेपित होता है।
Page no – 222 Question
1. किसी छड़-चुंबक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ खींचिए।
उत्तर:
S = दक्षिण ध्रुव।
N = उत्तर ध्रुव।
2. चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुणों की सूची बनाइए।
उत्तर: चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के निम्नलिखित गुण हैं-
(i) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से निकलकर दक्षिणी ध्रुव में समाहित हो जाती है।
(ii) परिपाटी के अनुसार चुबकीय क्षेत्र रेखाएँ चुम्बक के उत्तर ध्रुव से प्रकट होती है तथा दक्षिण ध्रुव पर विलीन होती है।
(iii) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ बंद वक्र होती हैं।
(iv) जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ घनी होती हैं वहाँ चुम्बकीय क्षेत्र मजबूत होता है।
(v) दो चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी एक दुसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती हैं।
3. दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद क्यों नहीं करतीं?
उत्तर: यदि दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ एक-दूसरे को प्रतिच्छेद करतीं, तो प्रतिच्छेदन बिंदु पर दिक्सूचक रखने पर उसकी सुई दो अलग-अलग दिशाओं की ओर संकेत करती। यह व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है।
Page no – 223 Question
1. मेज के तल में पड़े तार के वृत्ताकार पाश पर विचार कीजिए। मान लीजिए इस पाश में दक्षिणावर्त विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम को लागू करके पाश के भीतर तथा बाहर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात कीजिए।
उत्तर: मेज के तल पर रखे एक वृत्ताकार पाश में दक्षिणावर्त दिशा में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम के अनुसार, यदि अंगुष्ठ को विद्युत धारा की दिशा में रखा जाए, तो मुड़ी हुई अंगुलियाँ चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं की दिशा को दर्शाती हैं। इस नियम के आधार पर, पाश के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की दिशा मेज की सतह से बाहर की ओर होती है, जबकि पाश के बाहर चुंबकीय क्षेत्र मेज की सतह के अंदर की ओर प्रवेश करता है। परिणामस्वरूप, चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ पाश के अंदर से बाहर निकलती हैं और फिर बाहर से घूमते हुए वापस पाश के अंदर प्रवेश करती हैं।
2. किसी दिए गए क्षेत्र में चुंबकीय क्षेत्र एकसमान है। इसे निरूपित करने के लिए आरेख खींचिए।
उत्तर:
धारा प्रवाहित करने वाली लंबी सीधी परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ समानांतर होती हैं।
3. सही विकल्प चुनिए-
किसी विद्युत धारावाही सीधी लंबी परिनालिका के भीतर चुंबकीय क्षेत्र-
(a) शून्य होता है।
(b) इसके सिरे की ओर जाने पर घटता है।
(c) इसके सिरे की ओर जाने पर बढ़ता है।
(d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
उत्तर: (d) सभी बिंदुओं पर समान होता है।
Page No. 225 Question
1. किसी प्रोटॉन का निम्नलिखित में से कौन-सा गुण किसी चुंबकीय क्षेत्र में मुक्त गति करते समय परिवर्तित हो जाता है? (यहाँ एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं।)
(a) द्रउपरिमु।
(b) चाल।
(c) वेग।
(d) संवेग।
उत्तर: (c) वेग और (d) संवेग।
2. क्रियाकलाप 12.7 में हमारे विचार से छड़ AB का विस्थापन किस प्रकार प्रभावित होगा यदि-
(i) छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए।
उत्तर: यदि छड़ AB में प्रवाहित विद्युत धारा में वृद्धि हो जाए तो छड़ के विस्थापन में भी वृद्धि होती है।
(ii) अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए। और
उत्तर: यदि अधिक प्रबल नाल चुंबक प्रयोग किया जाए तो छड़ AB का विस्थापन भी बढेगा।
(iii) छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए?
उत्तर: यदि छड़ AB की लंबाई में वृद्धि कर दी जाए तो इस पर लगने वाला बल भी बढेगा क्योंकि विस्थापन बढ़ता है।
3. पश्चिम की ओर प्रक्षेपित कोई धनावेशित कण (अल्फा-कण) किसी चुंबकीय क्षेत्र द्वारा उत्तर की और विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
(a) दक्षिण की ओर।
(b) पूर्व की ओर।
(c) अधोमुखी।
(d) उपरिमुखी।
उत्तर: (d) उपरिमुखी।
Page no – 227 Question
1. विद्युत परिपथों तथा साधित्रों में सामान्यतः उपयोग होने वाले दो सुरक्षा उपायों के नाम लिखिए।
उत्तर: (i) विद्युत फ्यूज का उपयोग विद्युत परिपथ तथा विद्युत साधन को अवांछनीय उच्च विद्युत धारा के प्रवाह को समाप्त करके संभावित क्षति से बचाता है। फ्यूज में होने वाला जूल ताप फ्यूज को पिघला देता है, जिससे विद्युत परिपथ टूट जाता है।
(ii) धातु के आवरणों से भूसंपर्क तार जोड़ी जाती है। यह विद्युत धारा के लिए कम प्रतिरोध का प्रवाह मार्ग प्रदान करती है। भूसंपर्क तार यह सुनिश्चित करती है कि साधन के धात्विक आवरण में विद्युत धारा का कोई रिसाव होने पर साधन का विभव भूमि के बराबर हो जाएगा। इससे साधन का उपयोग करने वाला व्यक्ति तीव्र विद्युत आघात से सुरक्षित रहता है।
2. 2kW शक्ति अनुमतांक का एक विद्युत तंदूर किसी घरेलू विद्युत परिपथ (220 V) में प्रचालित किया जाता है जिसका विद्युत धारा अनुमतांक 5A है, इससे आप किस परिणाम की अपेक्षा करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: विद्युत तंदूर द्वारा ली गई धारा निम्नलिखित समीकरण से प्राप्त की जा सकती है:
P = VI
जहाँ
धारा = I
तंदूर की शक्ति, P = 2kW = 2000W
प्रचालित किया गया विद्युत परिपथ V = 220V
I = शक्ति/विद्युत परिपथ
2000/220
9.09 A
विद्युत तंदूर का विद्युत धारा हैं 9.09 A जो परिपथ का सूरश्रा सीमा से अधिक है। जूल तापन फ्यूज को पीघला देगी। जीससे विद्युत परिपथ टूट जाएगी।
3. घरेल विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में अतिभारण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए-
(i) एक अकेले शोकेट से एक से अधिक उपकरण नहीं जोड़ने चाहिए।
(ii) हमेशा परिपथ में विद्युत उपकरण पार्श्व क्रम में ही संयोजित करने चाहिए।
(ii) परिपथ में उपयुक्त फ्यूज का उपयोग करना चाहिए।
(iv) अतिभारण से बचाने के लिए एक ही समय में अधिक विद्युत उपकरणों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
अभ्यास |
1. निम्नलिखित में से कौन किसी लंबे विद्युत धारावाही तार के निकट चुंबकीय क्षेत्र का सही वर्णन करता है?
(a) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के लंबवत होती हैं।
(b) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ तार के समांतर होती हैं।
(c) चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाएँ अरीय होती हैं जिनका उद्भव तार से होता है।
(d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
उत्तर: (d) चुंबकीय क्षेत्र की संकेंद्री क्षेत्र रेखाओं का केंद्र तार होता है।
2. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान-
(a) बहुत कम हो जाता है।
(b) परिवर्तित नहीं होता।
(c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
(d) निरंतर परिवर्तित होता है।
उत्तर: (c) बहुत अधिक बढ़ जाता है।
3. निम्नलिखित प्रकथनों में कौन-सा सही है तथा कौन-सा गलत है? इसे प्रकथन के सामने अंकित कीजिए-
(a) किसी लंबी वृत्ताकर विद्युत धारावाही कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र समांतर सीधी क्षेत्र रेखाएँ होता है।
उत्तर: गलत।
(b) हरे विद्युतरोधन वाला तार प्रायः विद्युन्मय तार होता है।
उत्तर: सही।
4. चुंबकीय क्षेत्र को उत्पन्न करने के दो तरीकों की सूची बनाइए।
उत्तर: चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के कुछ और तरीके ये हैं:
(i) सीधे धारावाही चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित करके।
(ii) मूलभूत कणों में निहित चुम्बकीय आघूर्ण के द्वारा।
5. किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आरोपित बल कब अधिकतम होता है?
उत्तर: चुंबकीय क्षेत्र में धारावाही चालक पर आरोपित बल अधिकतम तब होता है जब धारा की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत होती है।
6. मान लीजिए आप किसी चैंबर में अपनी पीठ को किसी एक दीवार से लगाकर बैठे हैं। कोई इलेक्ट्रॉन पुंज आपके पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर क्षैतिजतः गमन करते हुए किसी प्रबल चुंबकीय क्षेत्र द्वारा आपके दाईं ओर विक्षेपित हो जाता है। चुंबकीय क्षेत्र की दिशा क्या है?
उत्तर: चुंबकीय क्षेत्र की दिशा फ्लेमिग के दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम के अनुसार निर्धारित किया जाता है।
इलेक्ट्रॉन पुंज पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर क्षैतिजतः गमन करने से उत्पन्न विद्युत धारा भी पीछे की दीवार से सामने वाली दीवार की ओर है। अतः फ्लेमिग के दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियमानुसार चुंबकीय क्षेत्र विद्युत धारा की क्षेत्र से लंबवत होगी, अर्थात चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा मेरे बाईं ओर से दाईं ओर में होने के कारण इलेक्ट्रॉन पुंज दाईं ओर विक्षेपित हो जाता है।
7. निम्नलिखित की दिशा को निर्धारित करने वाला नियम लिखिए-
(i) किसी विद्युत धारावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र।
उत्तर: किसी विद्युत धारावाही सीधे चालक के चारों ओर उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा निर्धारित करने के लिए “दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम का प्रयोग किया जाता है। जो इस प्रकार हे- किसी विद्युत धारावाही चालक को अपने दाहिने हाथ से पकड़ने पर अँगूठा विद्युत धारा की दिशा को संकेत करता है तथा उँगलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की क्षेत्र रेखाओं की दिशा में लिपटी होंगी। इसे मैक्सवेल का कार्कस्कू नियम भी कहते हैं।
(ii) किसी चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लंबवत स्थित, विद्युत धारावाही सीधे चालक पर आरोपित बल।
उत्तर: किसी चुंबकीय क्षेत्र में, क्षेत्र के लंबवत् स्थित विद्युत धारावाही सीधे चालक पर आरोपित बल की दिशा “फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा ज्ञात करते हैं फ्लेमिंग के वामहस्त नियम द्वारा किसी चुंबकीय क्षेत्र में स्थित विद्युत धारावाही चालक पर आरोपित बल अधिकतम होता है, जब चालक को चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत् रखा जाए। अर्थात् विद्युत धारा की दिशा तथा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा परस्पर लंबवत् हो।
8. किसी विद्युत परिपथ में लघुपथन कब होता है?
उत्तर: धातु के आवरणों से भूसंपर्क तार जोड़ी जाती है। यह विद्युत धारा के लिए कम प्रतिरोध का प्रवाह मार्ग प्रदान करती है। भूसंपर्क तार यह सुनिश्चित करती है कि साधन के धात्विक आवरण में विद्युत धारा का कोई रिसाव होने पर साधन का विभव भूमि के बराबर हो जाएगा। इससे साधन का उपयोग करने वाला व्यक्ति तीव्र विद्युत आघात से सुरक्षित रहता है।
9. भूसंपर्क तार का क्या कार्य है? धातु के आवरण वाले विद्युत साधित्रों को भूसंपर्कित करना क्यों आवश्यक है?
उत्तर: धातु के आवरणों से भूसंपर्क तार जोड़ी जाती है। यह विद्युत धारा के लिए कम प्रतिरोध का मार्ग प्रदान करती है। भूसंपर्क तार यह सुनिश्चित करती है कि साधन के धात्विक आवरण में विद्युत धारा का कोई रिसाव होने पर वह साधन का विभव भूमि के बराबर हो जाएगा, जिससे साधन का उपयोग करने वाला व्यक्ति तीव्र विद्युत आघात से सुरक्षित रहता है।