NCERT Class 10 Science Chapter 13 हमारा पर्यावरण Solutions, CBSE Class 10 Science Question Answer in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NCERT Class 10 Science Chapter 13 हमारा पर्यावरण Notes in Hindi and select needs one.
NCERT Class 10 Science Chapter 13 हमारा पर्यावरण
Also, you can read the SCERT book online in these sections NCERT Class 10 Science Solutions in Hindi Medium by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. NCERT Class 10 Science Chapter 13 हमारा पर्यावरण Notes. These solutions are part of SCERT All Subject Solutions. Here we have given NCERT Solutions For Class 10 Science Question Answer in Hindi for All Subjects, You can practice these here.
हमारा पर्यावरण
Chapter – 13
GENERAL SCIENCE
Page no – 234 Question
1. पोषी स्तर क्या हैं? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।
उत्तर: आहार श्रृंखला का हर चरण या कड़ी एक पोषी स्तर बनाते है।
आहार श्रृंखला – हरे पौधे – हिरण – बाघ
उत्पादक (हरे पौधे) प्रथम पोषी स्तर है। शाकाहारी या प्राथमिक उपभोक्ता (हिरण) द्वितीय पोषी स्तर तथा छोटे मांसाहारी या द्वितीय उपभोक्ता (बाघ) तृतीय पोषी स्तर है।
2. पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भमिका है?
उत्तर: अपमार्जक पदार्थों के अपघटन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जटिल पदार्थों को सूक्ष्म अकार्बनिक यौगिको में तोड़ देते है जिसे मिट्टी अवशोषित कर लेती है और मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
Page no – 236 Question
1. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?
उत्तर: वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते है, जैव निम्नीकरणीय कहलाते है। जैसे कि धातु, काँच, प्लास्टिक आदि। वे पदार्थ जो जैविक प्रक्रम द्वारा लंबे समय तक अपघटित नहीं हो पाते है, अजैव निम्नीकरणीय कहलाते हैं। जैसे कागज, वनस्पति अपशिष्ट, आदि।
2. ऐसे दो तरीके सुझाइए, जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर: (i) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ जैसे कि पेड़ के पत्ते, रसोई के कचरे को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ेगी।
(ii) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों में मुख्य रूप से कार्बन होता है। अपघटन के बाद ये पदार्थ उस कार्बन को वायुमडल में वापस छोड़ देते हैं।
3. ऐसे दो तरीके बताइए, जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर: (i) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ आसानी से अपघटित नही होते इसलिए मिट्टी और जल संसाधनों को दूषित करते है।
(ii) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ जैसे प्लास्टिक या काँच जब गलती से जानवरो द्वारा खाए जाते हैं, तो उन्हे नुकसान पँहुचा सकते है।
Page no – 238 Question
1. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है।
उत्तर: ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना अणु होता है।
ओजोन एक घातक विष है, परंतु यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है। ओजोन का पारितंत्र पर प्रभाव वायुमंडल के उच्चतर स्तर पर ओजोन की एक पर्त पाई जाती है, परंतु कुछ रसायनों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (CFCs) ने ओजोन पर्त को नुकसान पहुँचाया है इन हानिकारक गैसों या रसायनों के कारण ओजोन पर्त में छिद्र हो गया है, जिस कारण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें (UV) अब सीधी पृथ्वी पर आती हैं, जबकि ओजोन पर्त सूर्य से आने वाली इन पराबैंगनी किरणों से सुरक्षा प्रदान करती हैं। परंतु इस पर्त के अपक्षय होने के कारण मनुष्य, पेड़-पौधों तथा पूरे पर्यावरण को भी नुकसान होता है। मनष्य में इन किरणों के कारण त्वचा संबंधी रोग या त्वचा का कैंसर आदि बीमारियाँ होने लगी हैं, इसी तरह पेड़-पौधे तथा पूरे पारितंत्र में रहने वाले अन्य जीव-जंतुओं पर ओजोन की परत के अपक्षय होने के अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं।
2. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: कचरा व्यक्ति और समाज दोनों के लिए बहुत हानिकारक है क्योंकि इससे केवल गंदगी ही नहीं फैलती बल्कि इसके कारण अनेक प्रकार की बीमारियां भी फैलती है। इसे निपटाने के लिए निम्नलिखित तरीकों को अपनाया जा सकता है।
(i) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों का कम से कम उपयोग।
(ii) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों जैसे प्लास्टिक का पुनः चक्रण।
(iii) अजैव निम्नीकरणीय और जैव निम्नीकरणीय पदार्थों को अलग-अलग कूड़ेदान में डालना।
(iv) कचरे की मात्रा भस्मक में जलाकर कम करना।
(v) खाद का उत्पादन, जैव निम्नीकरणीय कचरे से जैव गैस का उत्पादन।
अभ्यास |
1. निम्नलिखित में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं-
(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा।
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक।
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस।
(d) केक, लकड़ी एवं घास।
उत्तर: (a) घास, पुष्प तथा चमड़ा।
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस।
2. निम्नलिखित से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं-
(a) घास, गेहूँ तथा आम।
(b) घास, बकरी तथा मानव।
(c) बकरी, गाय तथा हाथी।
(d) घास, मछली तथा बकरी।
उत्तर: (b) घास, बकरी तथा मानव।
3. निम्नलिखित में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं-
(a) बाजार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना।
(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना।
(c) माँ द्वारा स्कूटर से विद्यालय छोड़ने के बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना।
(d) उपरोक्त सभी।
उत्तर: (d) उपरोक्त सभी।
4. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें)?
उत्तर: प्रकृति की सभी खाद्य श्रृंखलाएं एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें तो उसके अगले स्तर के जीव भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगेंगे, इसी प्रकार उन जीवों के एक पहले के स्तर के जीवों की संख्या बढ़ जाएगी और आहार श्रृंखला का संतुलन खराब हो जाएगा।
5. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?
उत्तर: नहीं, यह प्रभाव भिन्न भिन्न नहीं होगा। किसी भी एक पोषी स्तर के प्रभावित होने पर सभी स्तर एक समान रूप से प्रभावित होगे। इसके अतिरिक्त किसी भी पोषी स्तर के जीवों को हटाने पर परितंत्र होता है। प्रत्येक पोषी स्तर अपने से निचले एवं ऊपरी दोनों ही स्तरों को समान रूप से प्रभवित करता है।
6. जैविक आवर्धन (Biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?
उत्तर: आहार श्रृंखला में अजैविक रासायनिक पदार्थों का अत्यधिक मात्रा में संचित होना जैव आवर्धन कहलाता है। इसकी सर्वाधिक मात्रा मानव में पाई जाती है भित्र भित्र स्तरों का जैविक आवर्धन भित्र भिन्न है। यह मात्रा स्तरों में ऊपर की ओर बढ़ती है। जैविक आवर्धन का स्तर पोषी स्तर के साथ बढ़ता जाएगा।
7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर: अजैव निम्नीकरणीय कचरे से निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न होती है-
(i) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों को आसानी से अपघटित नहीं किया जा सकता, और इस प्रकार ये पर्यावरण को दूषित करते हैं।
(ii) मृदा प्रदूषण।
(iii) प्लास्टिक जैसे पदार्थों को निगल लेने से शाकाहारी जंतुओं की मृत्यु।
(iv) मानव शरीर में जैव आवर्धन।
(v) पारिस्थितिक संतुलन में अवरोध।
(vi) जल, वायु और मृदा प्रदूषण।
8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?
उत्तर: यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो इनका हमारे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा। जैव निम्नीकरणीय कचरा अपघटित तो हो जाता है लेकिन बहुत समय तक पड़े रहने के कारण बदबू और बीमारियाँ भी पैदा करता है। जो कचरा जल्दी अपघटित हो जाए उससे पर्यावरण को कोई नुकसान नही होता जैसे सब्जियों का कचरा, इसे खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी।
9. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर: ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय है, क्योंकि इसकी क्षति से हानिकारक पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक पहुँचने लगी हैं। ये किरणें त्वचा के कैंसर और अन्य त्वचा रोगों का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, ये किरणें वैश्विक तापमान वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) को भी बढ़ाती हैं।
ओजोन परत की क्षति का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCs) है, जो मुख्यतः रेफ्रीजिरेटर और अग्निशमन यंत्रों में उपयोग होता है। ओजोन की क्षति को रोकने के लिए, रेफ्रीजिरेटर को CFCs के बिना बनाने की कोशिश करनी चाहिए।