NCERT Class 10 Science Chapter 11 विद्युत Solutions, CBSE Class 10 Science Question Answer in Hindi Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NCERT Class 10 Science Chapter 11 विद्युत Notes in Hindi and select needs one.
NCERT Class 10 Science Chapter 11 विद्युत
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विद्युत
Chapter – 11
GENERAL SCIENCE
Page no – 191 Question
1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है?
उत्तर: विद्युत परिपथ का अर्थ है, विद्युत धारा का एक सतत और निश्चित मार्ग, जिसके माध्यम से विद्युत ऊर्जा का संचरण होता है।
2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए।
उत्तर: विद्युत धारा का मात्रक ऐम्पियर (A) है। एक ऐम्पियर विद्युत धारा की रचना प्रति सेकंड एक कूलॉम आवेश के प्रवाह से होती है।
1A = 1C/1s
3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए।
उत्तर: हम जानते है कि इलेक्ट्रॉन पर आवेश-
1.6 × 10- 19C
माना 1 कूलॉम की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या = n
n × 1.6 × 10⁻¹⁹ C = 1C
n = 1 / 1.6 × 10⁻¹⁹
n = 10¹⁹/1.6
n = 10 × 10 ¹⁹ /1.6 = 0.625 × 10¹⁹
n = 6.25 × 10¹⁸
अतः 1 कूलॉम = 6.25 × 1018 इलेक्ट्रॉन
Page no – 193 Question
1. उस युक्ति का नाम लिखिए, जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती है।
उत्तर: बिजली के स्रोत जैसे सेल, बैटरी, विद्युत् धारा, आदि चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करते हैं।
2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर IV है?
उत्तर: किसी विद्युत् परिपथ के दो बिंदुओं के बीच विभवांतर,1V का तात्पर्य यह है कि एक कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में 1 जूल कार्य किया जाता है।
1 वोल्ट = 1 जुल/ 1 कूलाॅम
3. 6V बैटरी से गुज़रने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर: V = 6 वोल्ट
Q = 1कूलाॅम
हम जनते हैं कि
कार्य = विभ्यांतर × आवेश
W = VQ = 6V × 1C = 6 जुल
चूँकि आवेश के प्रत्येक कूलाॅम पर 6 जूल कार्य होता है अतः आवेश के प्रत्येक कूलाॅम को 6 जूल ऊर्जा दी जाती है।
Page no – 210 Question
1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर: किसी चालक का प्रतिरोध निम्न कारकों पर निर्भर करता है:
1. चालक की लम्बाई (I)।
2. चालाक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (A)।
3. चालक के पदार्थ की प्रकृति।
4. चालक का तापमान।
2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी, जबकि उन्हें समान विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता है? क्यों?
उत्तर: मोटे तार में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी क्योंकि चालक का प्रतिरोध चालक के अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
R = p × l/A
R ∝ 1/A
3. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की तुलना में घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है। तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में क्या परिवर्तन होगा ?
उत्तर: नियत प्रतिरोध पर किसी वैद्युत अवयव के दो सिरो के बीच विभवांतर उसमें प्रवाहित होनेवाली विद्युत धारा के अनुक्रमानुपाती होता है। इसलिए विभवांतर को घटाकर आधा कर देने पर, विद्युत धारा भी आधी हो जाएगी।
V ∝ l
4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर: विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरीयो के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के बनाए जाते हैं क्योंकि मिश्र धातुओं का साक्षारण जल्दी नहीं होता, मिश्र धातुओं की प्रतिरोधकता, अवयवी धातुओ की अपेक्षा उच्च होती है। उच्च तापमान पर, मिश्र धातु आसानी से नही पिघलती है।
5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 11.2 में दिए गए आंकड़ों के आधार पर दीजिए-
(a) आग्रन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
उत्तर: आयरन (Fe) का प्रतिरोध = 10.0 × 10⁻⁸
मर्करी (Hg) का प्रतिरोध = 94.0 × 10⁻⁸
आयरन का प्रतिरोध मर्करी के प्रतिरोध से कम है जिसके कारण आयरन में विद्युत धारा मर्करी की तुलना में अधिक आसानी से प्रवाहित होगी। इसीलिए आयरन अच्छा विद्युत चालक है।
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है।
उत्तर: सिल्वर का प्रतिरोध कम होने के कारण सिल्वर सर्वश्रेष्ठ चालक है।
Page no – 205 Question
1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खीचिए, जिसमें 2V के तीन सेलों की बैटरी, एक 5 Ω प्रतिरोधक, एक 8 Ω प्रतिरोधक, एक 12 Ω प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों।
उत्तर: श्रेणीक्रम में जुड़े 2V के तीन सेलों की बैटरी = 6V
2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 12 Ω के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए। ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर:
12 Ω प्रतिरोध के लिए:
विद्युत धारा I = 0.24 A
R = 12 Ω
ओम के नियम के अनुसार:
V = I × R
V = 0.24 × 12
V = 2.88 V
पाठ्यांक:
ऐमीटर का पाठ्यांक = 0.24 A
वोल्टमीटर का पाठ्यांक = 2.88 V
Page no – 208 Question
1. जब (a) 1 Ω तथा 10⁶ Ω (b) 1Ω, 103 Ω तथा 10⁶ Ω के प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं तो इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निर्णय करेंगे।
उत्तर: (a) 12 तथा 10⁶ तुल्य प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर:
1/R = 1/R₁ + 1/R₂
R₁ = 1Ω [दिया है (प्रश्न में)]
R₂ = 10⁶Ω
1/R = 1/1 + 1/10⁶
1/R = 10⁶ + 1/10⁶
R = 10⁶/10⁶ + 1 ≈1Ω
R = 1Ω
(b) 1Ω, 10³ Ω तथा 10⁶ Ω तुल्य प्रतिरोध, पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर:
1/R 1/R₁ + 1 /R₂ + 1/R₃
R₁ = 1Ω [दिया है (प्रश्न में)]
R₂ = 10³Ω
R₃ = 10⁶ Ω
1/R = 1/1 + 1/10³ + 1/10⁶
1/R = 10⁶ + 10³ + 1 / 10⁶
1/R = 1001001/100000
R = 1000000/1001001 ≈ 0.999Ω ≈ 1Ω
R = 1Ω
2. 100Ω का एक विद्युत लैम्प, 50Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक जल फिल्टर 220 V के विद्युत स्रोत से पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। उस विद्युत इस्तरी का प्रतिरोध क्या है, जिसे यदि समान स्रोत के साथ संयोजित कर दें तो वह उतनी ही विद्युत धारा लेती है जितनी तीनों युक्तियाँ लेती हैं। यह भी ज्ञात कीजिए कि इस विद्युत इस्तरी से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होती है?
उत्तर: विद्युत लैंप का प्रतिरोध = 100Ω
विद्युत टोस्टर का प्रतिरोध = 50Ω
विद्युत जल फ़िल्टर का प्रतिरोध = 500Ω
तुल्य प्रतिरोध पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर,
1/R = 1/R₁ + 1/R₂ + 1/R₃
R₁ = 100 Ω [दिया है (प्रश्न मे )]
R₂ = 50Ω
R₃ = 500Ω
1/R = 1/100 + 1/50 + 1/500
1/R = 5 + 10 + 1 /500
1/R 16/500
R = 500/16 = 31.25 Ω
V = IR (ओम के नियम के अनुसार)
V = 220
R = 31.25
I = 7.04 A
विद्युत इस्त्री से 7.04 A विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
3. श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर: श्रेणीक्रम में संयोजित करने के स्थान पर वैद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के लाभ – पार्श्वक्रम में जुड़े होने पर उपकरणों के बीच वोल्टेज का कोई विभाजन नही होता है। पार्श्वक्रम में विद्युत उपकरणों को जोड़कर परिपथ के कुल प्रभावी प्रतिरोध को कम किया जा सकता है।
4. 2 Ω, 3 Ω तथा 6Ω के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन का कुल प्रतिरोध-
(a) 4 Ω?
उत्तर: 3Ω, तथा 6Ω के प्रतिरोध का संयोजन पार्श्वक्रम में है तो –
R₁ = 3Ω, R₂ = 6Ω
1/R₁₂ = 1/R₁ + 1/R₂
1/R₁₂ = ⅓ + ⅙
1/R₁₂ = 2 + 1 /6 = 3/6 = ½
R₁₂ = 2Ω
R₁₂ और y = 4x²/x- 3 प्रतिरोध का संयोजन श्रेणीक्रम में किया जाए तो:
R = R₁₂ + 2Ω
R = 2Ω + 2Ω
R = 4Ω
(b) 1Ω हो?
उत्तर: कुल प्रतिरोध 1Ω प्राप्त करने के लिए 2Ω.3Ω, और 6Ω के प्रतिरोध का संयोजन पार्श्वक्रम में करना होगा।
5. 4Ω, 8Ω, 12Ω तथा 24Ω प्रतिरोध की चार कुंडलियों को किस प्रकार संयोजित करें कि संयोजन से-
(a) अधिकतम?
उत्तर: यदि प्रतिरोध का संयोजन श्रेणीक्रम में किया जाए तो प्रतिरोध अधिकतम प्राप्त किया जा सकता है-
R₁ = 4Ω
R₂ = 8Ω
R₃ = 12Ω
R₄ = 24Ω
R = R₁ + R₂ + R₃ + R₄
R = 4 + 8 + 12 + 24
R = 48 Ω
(b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर: यदि प्रतिरोध का संयोजन पार्श्वक्रम में किया जाए तो प्रतिरोध निम्नतम प्राप्त किया जा सकता है-
R₁ = 4Ω, R₂ = 8Ω, R₃ = 12Ω, R₄ = 24Ω
Page no – 211 Question
1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती, जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?
उत्तर: विद्युत हीटर की डोरी का प्रतिरोध कम होता है इसलिए यह उत्तप्त नहीं होती। जबकि उसके तापन अवयव का प्रतिरोध अधिक होता है इसलिए यह उत्तप्त हो जाता है।
2. एक घंटे में 50 W विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर: दिया गया आवेश
Q = 96000C
समय t = 1 घंटा = 60 × 60 = 3600s
विभवांतर V = 50 वोल्ट
हम कैसा जान सकते हैं की है = vlt
इसलिए हमें पहले (I) धारा की गणना करनी होगी।
I = Q/t
I = 96000/3600
I = 80/3A
H = V × l × t
मूल्यों की प्रतिस्थापित करके:
50 × 80/3 × 60 × 60
4.8 × 10⁶ J
इसलिय उतपन्न ऊष्मा 4.8 × 10⁶J
3. 20Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इस्तरी 5A विद्युत धारा लेती है। 30s में उत्पन्न ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर: उत्पन्न ऊष्मा H = Vlt (जूल के नियम के अनूसार)
V = IR (ओम के नियम के अनुसार)
V = 5A × 20Ω
V = 100V
I = 5A
t = 30s
H = 100 × 5 × 30
H = 15000J
H = 1.5 × 10⁴ J
विद्युत इस्तरी में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा 1.5 × 10⁴ J
Page no – 213 Question
1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर: विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर को ‘पावर’ कहा जाता है। पावर का निर्धारण निम्नलिखित सूत्र से किया जाता है: P = V × I, जहाँ P पावर (वाट में), V वोल्टेज (वोल्ट में), और I करंट (एम्पियर में) है। जब हमें वोल्टेज और करंट का मान ज्ञात होता है, तब हम ऊर्जा की दर का निर्धारण कर सकते हैं।
2. कोई विद्युत मोटर 220 V के विद्युत स्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता है। मोटर की शक्ति निर्धारित कीजिए तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए।
उत्तर: मोटर की शक्ति (P):
शक्ति P का सूत्र है:
P = V × I
जहां,
V = 220 V (विभवांतर)
I = 5.0 A (विद्युत धारा)
P = 220 × 5 = 1100 W = 1.1 kW
2 घंटे में उपभुक्त ऊर्जा (E):
ऊर्जा का सूत्र है:
E = P × t
जहां,
P = 1.1 kWP
t = 2 घंटे = 2 h
E = 1.1 × 2 = 2.2 kWh
अभ्यास |
1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता है। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम में संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ है तो R/R’ अनुपात का मान क्या है-
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25
उत्तर: (d) 25
2. निम्नलिखित में से कौन-सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) I²R
(b) IR²
(c) VI
(d) V²/R
उत्तर: (b) IR²
3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 V; 100 W है। जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100 W
(b) 75 W
(c) 50 W
(d) 25 W
उत्तर: (d) 25 W
4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लंबाई तथा व्यास समान हैं, किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किए जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1
उत्तर: (c) 1:4
5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर: विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को दो बिंदुओं के बीच पार्श्वक्रम में संयोजित किया जाता है।
6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5 mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 × 10-8Ωm है। 10 Ω प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लंबे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार लें तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर: तार का व्यास d = 0.5mm
तार की त्रिज्या r = 0.5/2 = (5/2) × 10⁻⁴ m
प्रतिरोधकता ρ = 1.6 × 10⁻⁸Ω m
प्रतिरोध R = 10Ω
R = ρl/ A = ρl/(πr²)
l = Rπr² / p = 10 × π × {(5/2) × 10⁻⁴}²/(1.6 ×10⁻⁸)
l = 122.7m
चुॅंकि R ∝ 1/A
i.e. R₁/R₂ = A₂/A₁
10/R₂ = π(2d/2)² / π(d/2)²
= 4/1
R₂ = (¼) ×10 = 2.5Ω
अतः तार का नया प्रतिरोध = 2.5Ω
यदि तार का व्यास दुगुना कर दिया जाए तो प्रतिरोध का मान घटकर एक चौथाई हो जाएगा।
7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओ/के संगत मान आगे दिए गए हैं-
1 (ऐम्पियर) | 0.5 | 1.0 | 2.0 | 3.0 | 4.0 |
V (वोल्ट) | 1.6 | 3.4 | 6.7 | 10.2 | 13.2 |
V तथा / के बीच ग्राफ खींचकर इस प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
उत्तर: V तथा। के बीच ग्राफ-
V/l = AC/BC
R = 6.8 /2 = 3.4 Ω
प्रतिरोधक का प्रतिरोध, R = 3.4Ω
8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12 V की बैटरी को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5 mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर: बैटरी की वोल्टता V = 12V
परिपथ में प्रवाहित धारा l = 2.5mA = 2.5 × 10⁻³A
प्रतिरोध R = V / I = 12/(2.5 × 10⁻³)
R = (12 × 10³) / 25
R = 4800Ω
R = 4800/1000 KΩ
R = 4.8 KΩ
9. 9 V की किसी बैटरी को 0.2 Ω, 0.3 Ω, 0.4 Ω, 0.5 Ω तथा 12 Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया गया है। 12 के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर: दिया है: बैटरी की वोल्टता (V) = 9V
R₁ = 0.2Ω, R₂ = 0.3Ω
R₃ = 0.4Ω, R₄ = 0.5Ω
R₅ = 12Ω
चुॅंकि R₁, R₂ , R₃ , R₄ तथा R₅ श्रेणीक्रम में संयोजित हैं-
तुल्य प्रतिरोध R = R₁ + R₂ + R₃ + R₄ + R₅
= (0.2 + 0.3 + 0.4 + 0.5 + 12) Ω
= 13.4Ω
परिपथ में प्रवाहित धारा (1) = V / R
= 9/13.4 = 0.67A
हम जानते हैं कि श्रेणीक्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधकों से समान धारा प्रवाहित होती है।
12Ω के प्रतिरोधक से प्रवाहित धारा (I) = 0.67 होगी।
10. 176 Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220 V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो?
उत्तर: माना कि 176 Ω प्रतिरोध वाले प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किए गए हैं।
अतः तुल्य प्रतिरोध (Rp) का मान होगा-
1/Rp = 1/176 + 1/176 + ………… = n बार
1/Rp = n(1/176)
Rp = 176/n Ω ……… (1)
V = 220 V तथा । = 5 A
ओम के नियम द्वारा Rp = V/I – 220/5 = 44 Ω
समीकरण (1) में Rp का मान प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है-
44 = 176/n
n = 176/44
n = 4
अतः प्रतिरोधकों की संख्या (n) = 4
11. यह दर्शाइए कि आप 6Ω प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध:
(i) 9 Ω
उत्तर: दिया है R₁ = R₂ = R₃ = 62
9Ω तुल्य प्रतिरोध प्राप्त करे के लिए निम्न आकृति के अनुसार संयोजन करते हैं।
6Ω वाले दो प्रतिरोधकों को पार्वक्रम में जोड़ा गया है। इसलिए इकके तुल्य प्रतरोरोध (Rp) का मान होगा।
1/Rp = ⅙ + ⅙
1/Rp = 2/6 = ⅓Rp = 3Ω
(Rp) तथा 6Ω के प्रतरोध श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। अतः कुल प्रतिरोध 3Ω-6Ω = 9Ω
(ii) 4 Ω हो।
उत्तर: दिया है R₁ = R₂ = R₃ = 6Ω
4Ω कुल प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए निम्न आकृति के अनुसार।
6Ω के तीन प्रतिरोधकों को संयोजित करेंगे।
6Ω वाले दो प्रतिरोधों को श्रेणीक्रम में तथा शेष बचे एक प्रतिरोध को पार्श्वक्रम में।
Rs = 6 + 6 = 12Ω [6Ω वाले दो प्रतिरोधक श्रेणी क्रम में हैं। 12Ω और शेष बचे 6Ω का तुल्य प्रतिरोध-
1/Rp 1/12 + 1/6 = (1+2)/12 = 3/12
1/Rp = ¼
Rp = 4Ω
12. 220 V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10 W है। यदि 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत धारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पार्श्वक्रम में संयोजित किए जा सकते है?
उत्तर: दिया है – प्रत्येक बल्ब की शक्ति P = 10W और वोल्टता V = 220V है।
अतः प्रत्येक बल्ब द्वारा उपभुक्त विद्युत धारा- I = P/V (∴ P = V)
= (10W)/(220V) – 1/22A
चूँक 220V लाइन से अनुमत अधिकतम विद्युत्त धारा Iₘₐₓ = 5A है।
∴ पार्वक्रम में संयोजित बल्बों की संख्या = 5A 1/22A 5 x 22 1 = 110 बल्ब
13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियों A तथा B की बनी हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24 Ω है तथा इन्हें पृथक-पृथक, श्रेणीक्रम में अथवा पार्श्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जा सकता है। यदि यह भट्टी 220 V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?
उत्तर: दिया है विद्युत स्रोत की वोल्टता V = 220V
कुंडली A का प्रतिरोध R₁ – 24Ω
कुंडली B का प्रतिरोध R₂ = 24Ω
(a) पहले प्रक्ररण में जब इन कुंडलियाँ को पृथक-पृथक विद्युत स्रोत से संयोजित किया जाता हैं, तब:
प्रवाहित धारा 1 = V/R₁ = V/R₂ = 220/24 = 9.2A
अतः प्रत्येक कुंडली से प्रवाहित धारा = 9.2A
(b) दूसरे प्रकरण में जब इन्हें श्रेणीक्रम में संयोजित किया जाता है। तब कुल प्रतिरोध- R = R₁ + R₂ = 48Ω
इसलिए, प्रवाहित विद्युत धारा । = V/R = 220V/48Ω = 4.58A = 4.6A
(c) तीसरे प्रकरण में-जब कुंडलियों को पाव्वक्रम में संयोजित किया जाता है, तब कुल प्रतिरोध होगा-
या R 24/2 = 12Ω
अतः प्रवाहित विद्युत धारा:
Ι = 220V/12Ω = 18.33A = 18.3A
14. निम्ललिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए-
(i) 6 V की बैटरी से संयोजित 12 तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन।
उत्तर: बैट्री की वोल्टता V = 6V श्रेणीक्रम में 1Ω तथा 2Ω के संयोजन से प्राप्त कुल प्रतिरोध
R = R₁ + R₂ = 1+ 2 = 3Ω
परिपथ से प्रवाहित धारा = V/R = 6/3 = 2A
चूंकि श्रेणीक्रम में संयोजित सभी प्रतिरोधों से समान विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
इसलिए, 2Ω के प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्ति P₁ = (1₁)² R = (2)² × 2 = 8W
(ii) 4 V बैटरी से संयोजित 12 Ω तथा 2 Ω का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर: यहाँ
V = 4V, R₁ = 12Ω
तथा
R₂ = 2Ω
∴ पार्श्वक्रम में अलग-अलग प्रतिरोधों से प्रवाहित धारा भिन्न-भिन्न परंतु सिरों के बीच विभवांतर समान रहती है।
∴ 2Ω के प्रतिरोध द्वारा उपभुक्त शक्ति (P₂) = V²/R = (4V)² /2Ω = 8W
अतः दोनों प्रकरणों में 2Ω प्रतिरोधक समान विद्युत शक्ति उपभुक्त करेगी। i.e.. P₁ = P₂
15. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है, विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर: अनुमतांक 100W, 220V वाले लैम्प द्वारा ली गई विद्युत धारा-
P₁ = VI₂ = I₂ = P₂ /V = 100/220 = 5/11A
इसी प्रकार, अनुमतांक 60W 220V वाले विद्युत लैम्प द्वारा ली गई विद्युत धारा का मान-
P₂ = Vl₂ = I₂ = P₂/V = 60/220 = 3/11 A
∴ विद्युत मेन्स द्वारा ली गई कुल धारा
I = I₁ + I₂ = 5/11 + 3/11 = 8/11 A = 0.73A
16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है – 250 W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120 W का विद्युत हीटर, जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?
उत्तर: दिया है-
T.V. सेट की शक्ति (P₁) – 250W
समय (t₁) = 1 घंटा
∴ T.V. सेट द्वारा उपभुक्त ऊर्जा
E₁ = P₁ × t₁ = 250 × 1 = 250wh
इसी प्रकार, विद्युत हीटर के लिए-
P₂ = 120W, t₂ = 10 मिनट = 10/60h
∴ E₂ = P₂ × t₂ = 120 × 10/60 = 20wh
स्पष्टतः इसलिए T.V. सेट द्वारा अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती है।
17. 8Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेंस से 2 घंटे तक 15A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर: हीटर का प्रतिरोध R = 8Ω
हीटर द्वारा ली गई विद्युत धारा । = 15 A
समय (t) = 2 घंटे (2 x 60 x 60) सेकंड – 7200 सेकंड
∴ हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर = H/t = I²Rt/t = I²R
= (15 A)² x (8) = 255 x 8
= 1800 W
18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए-
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर: विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग किया जाता है क्योंकि टंगस्टन की प्रतिरोधकता अधिक होती है और यह उच्च तापमान पर भी नहीं पिघलता है।
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर: विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्त्री के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्रातुओं के बनाये जाते हैं क्योंकि मिश्रातुओं की प्रतिरोधकता अधिक होती है जिसके कारण उच्च ताप पर भी इनका दहन आसानी से नही होता।
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर: घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग निम्नलिखित कारणों से नहीं किया जाता है-
(i) विभिन्न उपकरणों (युक्तियों) के साथ अलग-अलग स्विच ऑन/ऑफ के लिए नहीं लगा सकते। एक उपकरण खराब होने पर दूसरा भी कार्य करना बंद कर देता है।
(ii) श्रेणीक्रम संयोजन में सभी युक्तियों या उपकरणों से समान धारा प्रवाहित होती है, जिसकी हमें आवश्यकता नहीं है।
(iii) परिपथ का कुल प्रतिरोध R1 + R2 + अधिक होने के कारण धारा का मान अत्यंत कम हो जाता है।
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर: किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
R ∝ 1/A
जैसे-जैसे तार की मोटाई बढ़ेगी (अर्थात् तार का व्यास बढ़ेगा) अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल भी बढ़ेगा और तार के प्रतिरोध का मान कम हो जाएगा।
(e) विद्युत संचारण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर: विद्युत संचरण के लिए प्रायः कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग करते हैं क्योंकि-
(i) ये विद्युत के बहुत अच्छे चालक हैं।
(ii) इनकी प्रतिरोधकता बहुत कम है, जिसके कारण तार जल्द गर्म नहीं होते हैं।
(iii) इनसे सुगमतापूर्वक तार बनाए जा सकते हैं।