NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 बड़े भाई साहब

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NCERT Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 बड़े भाई साहब

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Chapter – 8

स्पर्श
गद्य खंड

बोध-प्रश्न

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में बीजिए-

1. कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी?

उत्तर: कथा नायक की रुचि खेलकूद, गप्पबाजी, कागज की तितलियां बनाने, उड़ाने, उछल कूद करने, चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बनाकर मस्ती करने में थी।

2. बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे?

उत्तर: बड़े भाई साहब छोटे भाई से, हर समय यही सावल पूछते “कहाँ थे”?

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3. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?

उत्तर: दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई को लगने लगा की वह पढ़े या न पढ़े वह आसानी से अच्छे नंबरों से पास हो सकता है। इसलिए उसने पढ़ना बंद कर दिया और अपनी मौज मस्ती बढ़ा दी।

4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?

उत्तर: बड़े भाई साहब लेखक से उम्र में 5 साल बड़े थे। वे नवीं कक्षा में पढ़ते थे।

5. बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?

उत्तर: बड़े भाई साहब अपने दिमाग को आराम देने के लिए विभिन्न कलात्मक कार्य करते थे। जिनमें वे अपने पुस्तकों के हाशिए (किनारा) पर चिडियों कुत्ता बिल्ली आदि की तस्वीर बनाते कई बार एक ही शेर को बार-बार लिखते और कभी तो ऐसी तुकबंदी करते जिसका कोई अर्थ नहीं निकलता। 

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम टेबिल बनाते समयूँ क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

उत्तर: छोटे भाई ने खूब पढ़ाई करने के टाइम टेबिल बनाया था जिसमें खेल खुद का कोई स्थान नहीं था। टाइम टेबिल तो आशानी से बना लेता पर उसपर अमल नहीं कर पाता। पहले दीन  से उसकी अवहेलना शुरू हो जाती क्योकि वॉलीबॉल की फुर्ती, फुटबॉल की उछलकूद कबड्डी के दाँव-पेच मैदान की हरियाली, हवा के झोके उसे अपनी ओर खीच लेते और वह सब कुछ भूल जाता।

2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचे तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर: एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े साहब के सामने पहुँचे तो उनकी प्रतिक्रिया बहुत भयानक थी। वह बहुत क्रोधित थे। उन्होंने छोटे भाई को बहुत डाँटा। बड़े भाई साहब ने उसे कहा कि खेल-कूद को छोडकर पढ़ाई पर ध्यान दो। सिर्फ परीक्षा में पास हो जाना काफी नहीं, बु‌द्धि का विकास होना भी जरूरी है। 

3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दवानी पड़ती थी? 

उत्तर: बड़े भाई की उम्र छोटे भाई से पाँच वर्ष अधिक थी। वे होस्टल में छोटे भाई के अभिभावक के रूप में थे। उन्हें भी खेलने पतंग उड़ाने तमाशे देखने का शौक था परन्तु अगर वे ठीक रास्ते पर न चलते तो भाई के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाते। अपने नैतिक कर्त्तव्य का बोध होने के कारण उन्हें अपने मन की इच्छाएँ दबानी पड़ती थीं।

4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?

उत्तर: बड़े भाई साहव चाहते थे कि छोटा भाई हरदम पढ़ता रहे और अच्छे अंकों से पास होता रहे। इसलिए वे उसे हमेशा सलाह देते कि ज़्यादा समय खेलकूद में न बिताए, अपना ध्यान पढ़ाई में लगाए। वे कहते थे कि अंग्रेजी विषय को पढ़ने के लिए दिनरात मेहनत करनी पड़ती है। यदि मेहनत नहीं करोगे तो उसी दरजे में पड़े रहोगे।

5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवास का क्या फ़ायदा उठाया?

उत्तर: छोटे भाई ने बड़े भाई की नरमी का अनुचित लाभ उठाया। उसपर बड़े भाई का डर नहीं रहा, वह आज़ादी से खेलकूद में जाने लगा, वह अपना सारा समय मौज-मस्ती में बिताने लगा। उसे विश्वास हो गया कि वह पढ़े न पढ़े पास हो जाएगा। 

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

उत्तर: मेरे विचार में यह सच है कि अगर बड़े भाई की डाँट-फटकार छोटे भाई को न मिलती, तो वह कक्षा में कभी भी अव्वल नहीं आता। यद्यपि उसने बड़े भाई की नसीहत तथा लताड़ से कभी कोई सीख ग्रहण नहीं की, परंतु उसपर अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव गहरा पड़ता था, क्योंकि छोटा भाई तो खे-प्रवृत्ति का था। बड़े भाई की डाँट-फटकार की ही भूमिका ने उसे कक्षा में प्रथम आने में सहायता की तथा उसकी चंचलता पर नियंत्रण रखा। मेरे विचार से बड़े भाई की डाँट-फटकार के कारण ही छोटा भाई कक्षा में अव्वल अता था अर्थात् बड़े भाई की डाँट-फटकार उसके लिए वरदान सिद्ध हुई।

2. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत है?

उत्तर: बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य करते हुए कहा हैं की यहाँ पर अंग्रेजी भाषा पर अधिक बल दिया जाता है। बच्चा सीखे या न सीखे उसे किसी भी तरीके से उत्तीर्ण होना ही होता है। अपने देश के इतिहास के साथ-साथ दूसरे देश का भी इतिहास से पढ़ना होता है जो जरूरी नहीं है। प्रणाली बच्चों पर एक बोझ की तरह है और लाभदायक कम है।

3. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

उत्तर: बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ केवल किताबी ज्ञान से नहीं आती बल्कि अनुभव से आती है। इसके लिए उन्होंने अम्माँ, दादा व हेडमास्टर की माँ के उदाहरण भी दिए हैं कि वे पढ़े लिखे न होने पर भी हर समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेते हैं। अनुभवी व्यक्ति को जीवन की समझ होती है, वे हर परिस्थिति में अपने को ढालने की क्षमता रखते हैं।

4. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

उत्तर: छोटे भाई जब अब्बल आने पर वह यह सोचने लगता था की वह पढ़ या न पढ़ वह अच्छे अंको से पास हो ही जाएगा। इसी कारण से वह सारा दिन खेलता रहता था। उसके अंदर  से बड़े भाई का डर भी चला जा रहा था। एक दिन बड़े भाई ने उसे पतंग उड़ाते समय पकड़ लिया। उसे समझाया कि आगे कक्षा में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। उसे मन लगाकर पढ़ना चाहिए। उन्होंने उसे बताया कि कैसे उसके भविष्य के कारण वे अपने बचपन का गला घौट रहे हैं। अतः इस बात को सुनकर उसे आभास हो गया कि उसकी सफलता के पीछे उसके बड़े भाई की प्रेरणा है, और उसके मन में उनके प्रति श्रद्धा भाव जागृत हुआ।

5. बड़े भाई को स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?

उत्तर: बड़े भाई साहब की स्वभावगत विशेषताएँ बहुत ही रोचक और विस्तृत तरीके से प्रस्तुत की गई हैं। 

उनका स्वभाव कुछ इस प्रकार था:

(i) बड़े भाई हमेशा अध्ययन में व्यस्त रहते और परिश्रमी विद्यार्थी थे। 

(ii) वह पढ़ाई में लीन रहते थे इसलिए खेल-कूद, क्रिकेट मैच आदि में उसकी कोई रुचि नहीं थी।

(iii) अपने छोटे भाई को उपदेश देते हैं, क्योंकि वह अपने छोटे भाई को एक नेक इंसान बनाना चाहता है।

(iv) बड़ा भाई अपने छोटे भाई से पाँच साल बड़ा है इसलिए वह अपने अनुभव रूपी ज्ञान को छोटे भाई को भी देता है।

6. बड़ा भाई साहब ने ज़िंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्त्वपूर्ण कहा है?

उत्तर: बड़ा भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव को किताबी जान से अधिक महत्त्वपूर्ण माना हैं। जो ज्ञान हमें अनुभव से मिलता हैं वह किताब पढ़ने से नहीं मिलता हैं। ज़िंदगी के अनुभव उन्हें ठोस धरातल देते हैं जिससे हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। पुस्तकें व्यवहार की भूमि नहीं होती है। गलत-सही, उचित-अनुचित की जानकारी अनुभवों से ही आती है। अतः जीवन के अनुभव किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण हैं।

7. बताइए पाठ के किन अंसों में पता चलता है की–

(क) छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।

उत्तर: पतंगबाजी के समय बड़े भाई ने समझाया कि वह बड़े हैं यह उनका दायित्व है कि वह उसे समझाएं और इसके लिए वे अपने बचपन का भी गला घोट रहे हैं यह सुनकर छोटे भाई में बड़े भाई के प्रति आदर भर आया।

(ख) भाई साहब को ज़िंदगी का अच्छा अनुभव है।

उत्तर: बड़े भाई को बहुत अच्छा अनुभव है। वे जानते हैं कि अपनी इच्छाओं पर काबू कर किस तरह छोटे भाई को ठीक रख सकते हैं, और वे यह भी जानते हैं कि किस तरह उनके दादा ने अपने अनुभव से परिवार का पालन किया है।

(ग) भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।

उत्तर: बड़े भाई छोटे भाई को समझा रहे थे तभी दूर से एक पतंग उड़ती हुई आती है। छोटा भाई उसे लूटने दौड़ा परन्तु लम्बे होने के कारण बड़े भाई ने लूट ली। वे हॉस्टल की ओर दौड़े। ये उनके भीतर बच्चा होने का प्रमाण है।

(घ) भाई साहब छोटे भाई का भला चाहते हैं।

उत्तर: बड़े भाई साहब छोटे भाई को अधिक उधम करने के लिए डांटते, उसे ज्यादा खेलने के लिए मना करते और उसे कहते कि वह पढ़ाई में अच्छा करने के लिए मन लगाकर पढ़े। इससे पता चलता है कि वह उसका भला चाहते थे।

(ग) निम्नलिखित के आशव स्पष्ट कीजिए-

1. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज नहीं असल चीज है बुद्धि का विकास।

उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है की इम्तिहान पास कर लेना कोई बड़ी बात नहीं हैं क्योकि  इम्तिहान को तो रटकर भी पास किया जा सकता हैं पर इम्तिहान पास करने से जीवन का अनुभव नहीं होता है और बिना अनुभव के बुद्धि का विकास नहीं होता। वास्तविक ज्ञान तो बुद्धि का विकास होना हैं जिससे व्यक्ति जीवन को सार्थक बना सकता है।

2. फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुड़कियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।

उत्तर: लेखक हर समय अपने खेलकूद, सेर सपाटे में मस्त रहता था और बड़े भाई से डाँट खाता था परन्तु फिर भी खेलकूद नहीं छोड़ता था। जैसे संकटों में फँसकर भी मनुष्य अपनी मोहमाया नहीं छोड़ता है उसी प्रकार छोटा भाई खेलकूद को नहीं छोड़ता था। 

3. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने?

उत्तर: बड़े भाई साहब का विचार था कि यदि मकान की नीव ही कमज़ोर हो तो उसपर मंजिल खड़ी नहीं हो सकती हैं यानी अगर पढाई शरुआती मे ही ठोस नहीं हो तो आदमी आगे चलकर कुछ नही कर पाता। पढ़ाई के साथ साथ उसके लिए अनुभव भी बहुत जरुरी है।

4. आँखें आसमान की ओर थी और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतंग की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्या स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

उत्तर: एक दिन शाम में छोटा भाई पतंग पकड़ने के लिए दौड़ रहा था। उसकी आँखे निरतर आसमान में पतंग की ओर ही देख रही थी और उसके मन में उसको पकड़ने की जल्दी थी। पतंग अपनी मस्ती में झूमती धीरे-धीरे नीचे आ रही थी जैसे कोई आत्मा स्वर्ग से उतर रही हो।

भाषा अध्ययन

1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-

नसीहत, रोष, आज़ादी, राजा, ताज्जुब

उत्तर: नसीहत — शिक्षा, सीख।

रोष — क्रोध, गुस्सा।

आज़ादी — स्वतंत्रता, मुक्ति।

राजा — नरेश, नृप।

ताज्जुब — हैरानी, आश्चर्य। 

2. प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणतः इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए-

(i) मेरा जो पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड़ था

(ii) भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे। ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो जाते और हिम्मत टूट जाती।

(iii) वह जानलेवा टाइम टेबिल, वह आँखफोड़ पुस्तकें, किसी की याद न रहती और भाई साहच को नसीहत और फ़जीहत का अवसर मिल जाता।

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

(i) सिर पर नंगी तलवार लटकना।

उत्तर: सिर पर नंगी तलवार लटकना — छोटे भाई को बड़ा भाई हमेशा सिर पर नगी तलवार लटकता सा प्रतीत होता था।

(ii) आड़े हाथों लेना।

उत्तर: आड़े हाथों लेना — पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।

(iii) अंधे के हाथ बटेर लगना।

उत्तर: अंधे के हाथ बटेर लगना — कर्मचारी को जब रूपयों से भरा थैला मिला तो मानों अंधे के हाथबटेर लग गई।

(iv) लोहे के चने चबाना।

उत्तर: लोहे के चने चबाना — आज की युवा पीढी को सुधारना लोहे के चने चबाने के समान है।

(v) दाँतों पसीना आना।

उत्तर: दाँतों पसीना आना — राम की जिद्द के आगे उनके पिताजी के दाँतों पसीना आ गया।

(vi) ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।

उत्तर: ऐरा-गैरा नत्थू खैरा — हमें सिर्फ ज़रूरी लोगों को बुलाना है, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा नहीं।

3. निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।

तत्समतद्भवदेशजआगत (अंग्रेज़ी एवं उर्दू / अरवी फ़ारसी)
जन्मसिद्धआँखदाल-भातपोजीशन, फ़जीहत

तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ़, सूक्तिवाण, जानलेवा, आँखफोड़, मुड़कियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रातःकाल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबिल।

उत्तर: 

तत्समतद्भवदेशजआगतअरबी-फारसी
जन्मसिद्धआँखदाल-भातपोज़ीशनफजीहत
चेष्टा, निपुणघुड़‌कियाँजानलेवाजल्दबाज़ीहाशिया
सूक्तिबाण, विद्वानपन्नाआँखफोड़पुख्तातालीम
आधिपत्य, प्रातःकालमेला तमाशामसलनहर्फ़
अवहेलनाफटकार, भाई साहबस्पेशल, स्कीम, टाईम टेबिलजमात

4. क्रियाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती  हैं – सकर्मक और अकर्मक।

सकर्मक क्रिया – वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं; 

जैसे – शीला ने सेब खाया।

मोहन पानी पी रहा है।

अकर्मक क्रिया – वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते है;

जैसे – शीला हँसती है।

बच्चा रो रहा है।

नीचे दिए वाक्यों में कौन सी क्रिया है सकर्मक या अकर्मक? लिखिए-

(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया। __________

उत्तर: सकर्मक।

(ख) फिर थारों सा जीवन कटने लगा।  __________

उत्तर: अकर्मक।

(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा। _________

उत्तर: सकर्मक।

(घ) में या लताद सनकर आँस बहाने लगता। __________

उत्तर: सकर्मक।

(ङ) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो। __________

उत्तर: सकर्मक।

(च) मैं पीछे-पीछे दौड रहा था। __________

उत्तर: अकर्मक।

5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए-

विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार

उत्तर: विचार — वैचारिक।

इतिहास — ऐतिहासिक।

संसार — सांसारिक।

दिन — दैनिक।

नीति — नैतिक।

प्रयोग — प्रायोगिक।

अधिकार —- आधिकारिक।

योग्यता विस्तार

1. प्रेमचंद की कहानियाँ मानसरोवर के आठ भागों में संकलित हैं। इनमें से कहानियाँ पढ़िए और कक्षा में सुनाइए। कुछ कहानियों का मंचन भी कीजिए।

उत्तर: छात्र स्वयं करे।

2. शिक्षा रटंत विद्या नहीं है इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर: छात्र स्वयं करे।

3. क्या पढ़ाई और खेल कूद साथ-साथ चल सकते हैं – कक्षा में इस पर वाद-विवाद कार्यक्रम आयोजित कीजिए।

उत्तर: छात्र स्वयं करे।

4. क्या परीक्षा पास कर लेना ही योग्यता का आधार है? इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए। 

उत्तर: छात्र स्वयं करे।

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