NCERT Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 मैं क्यों लिखता हूँ?

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NCERT Class 10 Hindi Kritika Chapter 3 मैं क्यों लिखता हूँ?

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मैं क्यों लिखता हूँ?

Chapter – 3

कृतिका

1. लेखक के अनुसार प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति उनके लेखन में कहीं अधिक मदद करती है, क्यों?

उत्तर: मैं क्यों लिखता हूँ यह प्रश्न सुनने में सीधा-सादा लगता है, पर वास्तव में बहुत गहरा है। लेखक का मानना है कि इसके सही और वास्तविक उत्तर के लिए लेखक के अंतर्मन और अनुभव जगत में प्रवेश करना पड़ता है। लेखन का कारण केवल बाहरी परिस्थितियों या बुद्धि से नहीं समझा जा सकता। बल्कि इसके मूल में आंतरिक लाचारी, अनुभूति संवेदना और मनोवैज्ञानिक दबाव होते हैं। इस गहराई की कुछ वाक्यों में अभिव्यक्त करना कठिन है इसलिए यह प्रश्न सरल होकर भी अत्यंत कठिन है।

2. लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कब और किस तरह महसूस किया?

उत्तर: अपनी जापान यात्रा दौरान लेखक ने एक पत्थर में मानव की उजली छाया देखी। वे विज्ञान के विद्यार्थी थे इस कारण समझ गए की विस्फोट के समय पत्थर के पास कोई व्यक्ति खड़ा होगा। विस्फोट से विसर्जित रेडियोधर्मी पदार्थ ने उस व्यक्ति को भाप बना दिया और पत्थर को झुलसा दिया। इस प्रत्यक्ष अनुभूति ने लेखक के हृदय को झकझोर दिया। इस प्रकार लेखक ने अपने आपको हिरोशिमा के विस्फोट का भोक्ता कि तरह महसूस किया।

3. मैं क्यों लिखता हूँ? के आधार पर बताइए कि-

(क) लेखक को कौन सी बातें लिखने के लिए प्रेरित करती हैं?

उत्तर: लेखक की आंतरिक विवशता उसे लिखने के लिए प्रेरित करती है। लेखक विवशता को पहचान कर उसे लिख देता है और उससे मुक्त हो जाता है। ऐसा करने से वे अपनी विवशता को तटस्थ होकर देख और पहचान पाते हैं।

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(ख) किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत किसी दूसरे को कुछ भी रचने के लिए किस तरह उत्साहित कर सकते हैं?

उत्तर: किसी रचनाकार के प्रेरणा स्रोत दूसरे को कुछ भी रचने के लिए विभिन्न तरीकों से उत्साहित करते हैं। जैसे वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण से प्रेरणा लेकर अन्य लेखकों ने इसके बारे में लिखा। अन्य लेखकों के अपने सामजिक स्थिति और सुलभता से पात्रों को नए रूप में ढाला। महाभारत भी इसका एक प्रमुख उदाहरण है।

4. कुछ रचनाकारों के लिए आत्मानुभूति/स्वयं के अनुभव के साथ-साथ बाह्य दबाव भी महत्त्वपूर्ण होता है। ये बाह्य दबाव कौन कौन से हो सकते हैं?

उत्तर: कुछ रचनाकारों की रचनाएँ उनके अनुभव से होती है तो कुछ रचनाकारो की रचना उनकी कल्पना और अनुभूति से होती है। इनके साथ-साथ रचनाकारों के ऊपर बाह्य दबाव भी होता है जैसे की उनके संपादको और प्रकाशको का आग्रह या फिर उनकी आर्थिक जरुरत।

ये बाह्य दबाव विभिन्न रूपों में हो सकते हैं सामाजिक दबाव, राजनीतिक दबाव,आर्थिक दबाव, सांस्कृतिक दबाव, नैतिक दबाव वर्तमान घटनाएँ और संघर्ष।

5. क्या बाह्य दवाव केवल लेखन से रचनाकारों को ही प्रभावित करते हैं या अन्य क्षेत्रों से जुड़े कलाकारों को भी प्रभावित करते हैं, कैसे?

उत्तर: बाह्य दबाव सिर्फ लेखन से जुडे रचना-कारो को ही नहीं बल्कि हर तरह के रचना-कारो को प्रभावित करता है। जैसे- चित्रकार और मूर्ति कारो को उसके ग्राहको की तरफ से दबाव आता है और उसे ग्राहकों की इच्छा मुताबिक ही काम करनी होता है। बड़े-बड़े अभिनेता और गायको के ऊपर उनके निर्देशक और निर्माताओं का बहत दबाव होता है, और इन पर इस बात का भी दबाव होता है की क्या इनका काम इनके दर्शको को पसंद आएगा या नहीं।

6. हिरोशिमा पर लिखी कविता लेखक के अंतः व बाह्य दोनों दबाव का परिणाम है यह आप कैसे कह सकते हैं?

उत्तर: लेखक जब जापान यात्रा पर गया था तब वह हिरोशिमा विस्फोट के पीड़ितो को देखने गया। वहा पर वह जब उसने पीड़ितो को देखा तो उसको हृदय से बहत पीड़ा हई और उसको पीड़ितों के लिए सहानुभूति भी महसूस हुई। लेकिन इस पूरी घटना ने उसको लिखने के लिए प्रेरित नही किया था। लेखक को लिखने की प्रेरणी तबै मिलती है जब वह पत्थर पर बानी छाया को देखता है और उसे महसूस होता है की  इंसान ही इंसान को मार रहा है। उसने यह कविता सिर्फ उस छाया की वजह से लिखी थी इससे यह पता चलता है की यह कविता अतः और बाध्य दोनों दबावों का परिणाम है।

7. हिरोशिमा की घटना विज्ञान का भयानकतम दुरुपयोग है। आपकी दृष्टि में विज्ञान का दुरुपयोग कहाँ कहाँ और किस तरह से हो रहा है।

उत्तर: आजकल विज्ञान का दुरुपयोग अनेक जानलेवा कामों के लिए किया जा रहा है। आज आतंकवादी संसार-भर में मनचाहे विस्फोट कर रहे हैं। कहीं अमरीकी टावरों को गिराया जा रहा है। कहीं मुंबई बम-विस्फोट किए जा रहे हैं। कहीं गाड़ियों में आग लगाई जा रही है। कहीं शक्तिशाली देश दूसरे देशों को दबाने के लिए उन पर आक्रमण कर रहे हैं। जैसे, अमरीका ने इराक पर आक्रमण किया तथा वहाँ के जनजीवन को तहस-नहस कर डाला।

विज्ञान के दुरुपयोग से चिकित्सक बच्चों का गर्भ में भ्रूण-परीक्षण कर रहे हैं। इससे जनसंख्या का संतुलन बिगड़ रहा है। विज्ञान के दुरुपयोग से किसान कीटनाशक और जहरीले रसायन छिड़ककर अपनी फसलों को बढ़ा रहे हैं। इससे लोगों को स्वास्थ्य खराब हो रहा है। विज्ञान के उपकरणों के कारण ही वातावरण में गर्मी बढ़ रही है, प्रदूषण बढ़ रहा है, बर्फ पिघलने का खतरा बढ़ रहा है तथा रोज-रोज भयंकर दुर्घटनाएँ हो रही हैं।

8. एक संवेदनशील युवा नागरिक को हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग रोकने में आपकी क्या भूमिका है?

उत्तर: एक संवेदनशील युवा नागरिक की हैसियत से विज्ञान का दुरुपयोग होने से हमे रोकना चाहिए अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो यह गलत होगा।

हम निम्नलिखित तरीको से विज्ञान के दुरुपयोगो को रोक सकते है-

(i) लोगो को प्लास्टिक और उसके विनाशकारी लक्षणो के बारे में जागरूक करना। उनसे प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने का आग्रह करना और खुद भी उसका इस्तेमाल न करना।

(ii) लोगो को प्रदूषण के बारे में जागरूक करना, की प्रदूषण की वजह हमारे वातावरण में कितना नुकसान पहुंच रहा है और कई बीमारियाँ भी फैल रही है।

(iii) वैज्ञानिक हथियारो का अवैध रूप से हो रहे इस्तेमाल को लोगों की नजर में लाना ताकि यह बंद हो सके। और लोगो को यह भी समझाना की हथियार हमारी सुरक्षा के लिए बने थे हमारे विनाश के लिए नही।

(iv) सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल के बारे में लोगों को जानकारी देना क्योंकि आज के जमाने में सोशल मीडिया एक बहुत ही बड़ी चीज है। और हम इसको लोगो तक जानकारी पहुंचने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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