Class 10 Hindi Ambar Bhag 2 Chapter 14 इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव

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Class 10 Hindi Ambar Bhag 2 Chapter 14 इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव

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इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव

पाठ – 14

पाठ्यपुस्तक संबंधित प्रश्न एवं उत्तर

बोध एवं विचार

1. सही विकल्प का चयन कीजिए-

(क) नीहारिका का मन आज खुशी से फूला न समा रहा था क्योंकि- 

(i) वह नौवीं से दसवीं कक्षा में अव्वल आई थी।

(ii) उसे सिनेमा देखने जाना था।

(iii) उसे उपहार में एक मोबाइल मिला था। 

(iv) उसे हिंदी विषय में सर्वोच्च अंक मिला था।

उत्तर: (i) वह नौवीं से दसवीं कक्षा में अव्वल आई थी।

(ख) पिताजी ने नीहारिका को कंप्यूटर इसलिए दिया था-

(i) ताकि वह घर में बैठ फिल्म देख सके।

(ii) ताकि उसका ज्ञान बढ़े।

(iii) ताकि दोस्तों के साथ उसका मेल-मिलाप बढ़े।

(iv) ताकि वह चिट्ठी न लिखकर ई-मेल कर सके।

उत्तरः (ii) ताकि उसका ज्ञान बढ़े।

(ग) नीहारिका ने पहला ई-मेल किसे भेजने का निश्चय किया?

(i) शांता को।

(ii) शाबाना दीदी को।

(iii) शबनम को।

(iv) मामाजी को।

उत्तर: (iii) शबनम को।

(घ) कंप्यूटर न खुलने पर नीहारिका को संदेह हुआ कि-

(i) शायद कंप्यूटर में वायरस घुस गया। 

(ii) शायद कंप्यूटर खराब हो गया।

(iii) शायद कंप्यूटर का पासवर्ड गलत हो गया।

(iv) शायद कंप्यूटर ने काम करना बंद कर दिया।

उत्तर: (i) शायद कंप्यूटर में वायरस घुस गया।

(ङ) नीहारिका के मन में यही आशा रही कि सभी लोग इंटरनेट की मीठी सुविधाओं से लाभान्वित हों और- 

(i) वे सभी उसमें गेम खेलने से दूर रहें।

(ii) वे सभी उसमें ई-मेल करने से दूर रहें। 

(iii) वे सभी उसका उपयोग कम-से-कम करें।

(iv) वे सभी उसके खट्टे अनुभवों से दूर रहें।

उत्तर: (iv) वे सभी उसके खट्टे अनुभवों से दूर रहें। 

2. उपयुक्त शब्दों का चयन कर वाक्यों को फिर से लिखिए-

(क) नीहारिका को लगा कि आज पूरे संसार के सभी तथ्य _________  मौजूद है। ( इंटरनेट में, कंप्यूटर में, मोबाइल में, पुस्तकालय में)

उत्तर: इंटरनेट में।

(ख) नीहारिका की सहेली शबनम _________ रहती थी। (दिल्ली में, मुंबई में, न्यूयार्क में, मॉस्को में) 

उत्तर: मॉस्को में।

(ग) ई-मेल का स्वाद चखने के बाद नीहारिका का _________ स्वाद लेने के लिए उतावला हो रही थी। (कार्टून फिल्म का, कंप्यूटर गेम्स का, वीडियो कॉलिंग का, यू-ट्यूब में फिल्म का)

उत्तर: वीडियो कॉलिंग का।

(घ) नीहारिका के पिताजी और माँ सपरिवार __________ सैर करने की योजना बना रहे थे। (राजस्थान के, दक्षिण भारत के, उड़िसा के, नेपाल के) 

उत्तरः दक्षिण भारत के।

(ङ) शाबाना दीदी ने नीहारिका को समझाया कि संसार की हर वस्तु के __________ दो पहलू होते हैं। (ठोस और तरल, कठिन और कोमल, अच्छे और बुरे, तेज और धीमा)

उत्तरः अच्छे और बुरे।

3. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए-

(क) नीहारिका कौन-सी कक्षा में पढ़ रही थी जब उसे कंप्यूटर मिला था? 

उत्तरः नीहारिका को जब कंम्पूटर मिला तब वह दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी।

(ख) नीहारिका के कंप्यूटर में कौन-सी चीज के लगे होने के कारण वह ज्यादा खुश थी?

उत्तरः नीहारिका के कंप्यूटर में इंटरनेट की सुविधा संलग्न होने के कारण वह ज्यादा खुश थी।

(ग) कंप्यूटर का उपयोग करते समय नीहारिका ने सबसे पहले कौन-सी सुविधा का उपयोग किया?

उत्तर: कंप्यूटर का उपयोग करते समय नीहारिका ने सबसे पहले ई-मेल भेजने की सुविधा का उपयोग किया।

(घ) शाबाना दीदी ने नीहारिका का कंप्यूटर खराब होने से कैसे बचा लिया? 

उत्तर: शाबाना दीदी ने नीहारिका के कंप्यूटर को ठीक करके भविष्य में भी विपत्ति से बचाने के लिए उसमें एण्टीवायरस सॉफ्टवेयर संलग्न करके उसे खराब होने से बचा लिया।

(ङ) नीहारिका ने किस सहेली के जरिए विदेश में भी अनेक सहेलियाँ बना ली? 

उत्तरः नीहारिका ने अपनी सहेली शबनम के जरिए विदेश में भी अनेक सहेलियाँ बना ली।

4. संक्षिप्त उत्तर दीजिए:

(क) नीहारिका ने दक्षिण भारत की सौर की तैयारी में अपने कंप्यूटर से किस प्रकार मदद ली?

उत्तरः नीहारिका ने अपने कंप्यूटर की मदद से रेल का टिकट बुक कर लिया। कंप्यूटर की मदद से होटल ढूँढ़ा और पसंद आने पर होटल के कमरे भी बुक कर लिए। फिर ई-कॉमर्स की सुविधा से उसने घर में बैठकर ही भ्रमण के लिए जरूरी कपड़े, सामान आदि भी खरीद लिए। इससे उनका बहुत सारा समय भी बच गया।

(ख) नीहारिका को कंप्यूटर के दुष्प्रभाव का अनुभव कैसे हुआ?

उत्तरः नीहारिका की सहेली का भाई पॉल पहले पढ़ने में बहुत आगे था। लेकिन इंटरनेट पर गेम खेलने का उसका शौक इतना बढ़ गया कि उसका पढ़ाई से मन उचट गया। इसका नतीजा यह हुआ कि छमाही परीक्षा में ही वह कई विषयों में फेल हो गया। यह सुनकर नीहारिका को बहुत बुरा लगा। उसे ऐसा लगने लगा मानो वह भी धीरे-धीरे अपने परिवार, सगे-संबंधियों और पड़ोसियों से दूर चली जा रही है। इस प्रकार उसे कंप्यूटर के दुष्प्रभाव के बारे में पता चला।

(ग) शाबाना दीदी ने नीहारिका को कंप्यूटर का इस्तेमाल कैसे करने का उपदेश दिया? 

उत्तर: शाबाना दीदी ने नीहारिका को कंप्यूटर का सही उपयोग करने की सलाह दी। शाबाना दीदी ने उसे यह उपदेश दिया कि उसे किसी भी चीज के दुष्प्रयोग अथवा उसके दुर्गुणों से बचे रहने का संकल्प लेना होगा और उस संकल्प का दृढ़ता से पालन करना होगा।

(घ) नीहारिका ने कंप्यूटर में किन सुविधाओं का उपयोग किया? 

उत्तरः नीहारिका ने कंप्यूटर में इंटरनेट के जरिए ई-मेल के द्वारा समाचार का आदान- प्रदान किया। फिर वीडियो कॉलिंग के द्वारा दूर स्थित अपनी विदेशी सहेलियों से बातचीत शुरू कर दी। इसके अतिरिक्त विभिन्न वेबसाइट खोलकर अनेक वैज्ञानिक परीक्षणों की जानकारी हासिल की। फिल्म देखना, प्रसिद्ध गायक- गायिकाओं के मनमोहक गीत सुनने तथा खेल-कूद की प्रतियोगिताओं को देखने जैसी बहुत-सी सुविधाओं का लाभ उठाया। उसके अलावे उसने रेल के टिकट बुक करना, होटेल के कमरे बुक करना तथा वस्तुओं की खरीदारी करने जैसी सुविधाओं का भी लाभ उठाया।

(ङ) अपनी गलती का अनुभव होने पर नीहारिका ने क्या निश्चय किया? 

उत्तर: अपनी गलती का अनुभव होने पर नीहारिका ने यह निश्चय किया कि अब से वह इंटरनेट का इस्तेमाल केवल जरूरत के अनुसार ही करेगी। पढ़ाई, खेल- कूद, तथा घरेलू काम-काज आदि के बाद जब उसे समय मिलेगा तभी वह कंप्यूटर के सामने बैठेगी। माँ और पिताजी की इजाजत के बगैर वह इंटरनेट का उपयोग अपने मनोरंजन के लिए नहीं करेगी। वह अपने अनुभवों को अपने सभी दोस्तों एवं सहेलियों को बताएगी।

5. आशय स्पष्ट कीजिए:

(क) ‘नीहारिका के ज्ञान की सीमा लगातार बढ़ती रहे इसी आशा से मैंने उसे यह तोहफा देने का निर्णय लिया है।”

उत्तर: यह पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। यह वाक्य नीहारिका के पिताजी का है, जो नीहारिका को कंप्यूटर देने की बात कर रहे थे।

इन पंक्तियों का आशय यह है कि कंप्यूटर से ज्ञान की सीमा बढ़ जाती है और उसमें इंटरनेट लगा दिया जाए तो फिर इस ज्ञान का दायरा बहुत ही व्यापक हो जाता है। नीहारिका के पिताजी नीहारिका को पढ़ाई में मदद के लिए कंप्यूटर देने की बात कह रहे थे क्योंकि आजकल बिना कंप्यूटर के ज्ञान प्राप्त करना अधूरा माना जाता है। 

(ख) ‘उसके मन में यही आशा रही कि सभी लोग इंटरनेट की मीठी सुविधाओं से लाभान्वित हों और वे सभी उसके खट्टे अनुभवों से दूर रहें।’ 

उत्तरः यह पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। यह वाक्य लेखिका के हैं, जो नीहारिका के प्रति कहे गए है।

इसका आशय यह है कि इंटरनेट के दुरुपयोग से नीहारिका के दैनिक जीवन एवं स्वभाव में बदलाव आया। उससे उनका बहुत नुकसान हो गया। दिन-रात कंप्यूटर पर बैठे रहने से उसकी सेहत भी बिगड़ने लगी। तब उसने शाबाना दीदी को अपनी समस्या बताई। शाबाना दीदी उसकी समस्या हल कर दी। तब नीहारिका ने संकल्प लिया कि अब से वह इंटरनेट का दुरुपयोग नहीं करेगी और उसने यह भी निर्णय लिया कि वह अपना अनुभव अपने सभी दोस्तों को बताएगी और उन्हें भी गलत रास्ते पर जाने से रोकेगी। उस पूर्ण विश्वास था कि उसके दोस्त भी उसके अनुभवों से लाभान्वित होंगे। इसलिए उसने अपने अनुभवों को अपने दोस्तों को ई-मेल कर दिया।

6. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

(क) जिस प्रकार वायरस से होने वाली बीमारी से बचाने के लिए डॉक्टर मरीज को एण्टीबायोटिक देते हैं वैसे ही कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए भी कंप्यूटर विशेषज्ञों ने कुछ विशेष व्यवस्था कर रखी है।

उत्तरः प्रसंग: ये पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टे-मीठे अनुभव’ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। लेखिका पढ़ाई-लिखाई में हमेशा अव्वल रही है और प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उनके कई शोधपरक लेख भी प्रकाशित हुए हैं तथा इन्होंने कई देशों के राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लिया है। 

संदर्भ: इन पंक्तियों में कंप्यूटर वायरस की तुलना मानव बीमारी से की गई है तथा इसे दूर करने के लिए एण्टीवायरस अर्थात् एण्टीवायोटिक देने की बात की गई है।

व्याख्या: जिस प्रकार वायरस मनुष्य के शरीर में कई प्रकार की भयंकर बीमारियाँ फैलाते हैं, उसी प्रकार कंप्यूटर नेटवर्क को ध्वस्त करके मूल प्रोग्राम को बर्बाद कर देते हैं। बीमारी के वायरस इतने शक्तिशाली होते हैं कि उन्हें परास्त करने के लिए उससे भी तगड़ा एण्टीवायरस दिया जाता है तब बीमारी ठीक होती है। ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में जब वायरस घुस जाता है तो वह बंद हो जाता है और उसे ठीक करने के लिए कंप्यूटर विशेषज्ञों ने विशेष व्यवस्था की है तथा एण्टीवायरस सॉफ्टवयेर बनाया है। इस एण्टीवायरस सॉफ्टवेयर को कंप्यूटर में लगा देने से उसमें वायरस घुसने का डर नहीं रहता। 

(ख) दिन-ब-दिन इंटरनेट के प्रति उसकी बढ़ रही अभिरुचि तथा मानसिक परिवर्तन के बारे में दिल खोलकर बात करने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई।

उत्तरः प्रसंग: ये पंक्तियाँ ‘इंटरनेट के खट्टी-मीठे अनुभव’ नामक पाठ से ली गई हैं। इसकी लेखिका डॉ. प्रणयी दत्त हैं। डॉ. दत्त गौहाटी विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विभाग में अध्यक्ष पद पर कार्य किया। उन्होंने कई देशों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भी भाग लिया।

संदर्भ: इन पंक्तियों में यह बताया गया है कि इंटरनेट के अधिक प्रयोग से नीहारिका की दिनचर्या में परिवर्तन आया तथा उसका स्वभाव भी असामान्य हो गया। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई। 

व्याख्या: नीहारिका ने जब से विभिन्न देशों में रहने वाली अपनी सहेलियों से ई-मेल या वीडियो कॉलिंग पर बात की, उसके बाद कंप्यूटर से उसका लगाव बहुत बढ़ गया। अब वह जब भी समय मिलता इंटरनेट खोलकर कंप्यूटर के सामने बैठ जाती। ऐसा करने से पढ़ाई से उसका मन उचटने लगा। वह अब पार्टियों में भी नहीं जाती। बड़े-बुजुर्गों से ठीक से बात भी नहीं करती। उसकी दिनचर्या बहुत बदल गई थी। घरेलू काम-काज में भी वह उदासीनता दिखाने लगी। मीडिया में अफवाह की बातें सुनकर उसका मन खराब हो गया। उसकी मानसिक अवस्था खराब हो गई। इस समस्या का समाधान पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई और उनसे दिल खोलकर बाते की। शाबाना दीदी ने उसकी बातें सुनी और उसकी समस्या का हल बता दिया।

7. सम्यक् उत्तर दीजिए:

(क) कंप्यूटर घर में आने के दिन से लेकर शाबाना दीदी के पास जाकर पश्चाताप करने के दिन तक नीहारिका के कंप्यूटर के अनुभव के बारे में अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तरः नीहारिका के पापा ने उसे एक कंप्यूटर उपहार में दिया। घर में कंप्यूटर आया और उसमें इंटरनेट की सुविधा भी ले ली गई। अब इंटरनेट के जरिए नीहारिका अपनी सहेलियों को ई-मेल भेजने लगी। जल्द ही वह वीडियो कॉलिंग के द्वारा बातचीत भी करने लगी। रेल के टिकट बुक करने से लेकर ऑनलाइन खरीदारी भी करने लगी। जब भी उसे समय मिलता, वह इंटरनेट खोलकर कंप्यूटर के सामने बैठ जाती। इससे उसकी दिनचर्या और स्वभाव में बहुत परिवर्तन आने लगा। वह घरेलू कार्यों में उदासीनता दिखाने लगी। वह बड़े-बुजुर्गों के साथ शिष्टाचार भी भूल गई। इंटरनेट का दुरुपयोग बहुत हानिकारक होता है। मीडिया में अफवाह फैलने की बातें सुनकर उसका मन एकदम खराब हो गया। इन सब समस्याओं से निजात पाने के लिए वह शाबाना दीदी के पास गई। वह शाबाना दीदी से स्पष्ट शब्दों में अपने मन की बात बताई। शाबाना दीदी ने उसे उचित सलाह दिया। उसकी बातें सुनकर नीहारिका का मन हल्का हो गया। उसने अपने अनुभवों को अपने सभी दोस्तों को बताया ताकि वे लोग भी उसके अनुभवों से लाभ उठा सकें।

(ख) कंप्यूटर के अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के उपयोग की एक तालिका बनाइए।

उत्तर: कंप्यूटर के अच्छे उपयोग:

(i) टाइप करना।

(ii) पढ़ाई करना।

(iii) डाटा बनाना।

(iv) ज्ञान की बातें सीखना।

(v) टिकट बुक करना।

(vi) समाचार-पत्र पढ़ना। 

(vii) अन्य जानकारियाँ प्राप्त करना।

(viii) ई-मेल या संदेश पढ़ना-भेजना। 

(ix) वीडियो कॉलिंग करना।

कंप्यूटर के बुरे उपयोग:

(i) गेम खेलना।

(ii) मैच देखना।

(iii) कार्टून देखना।

(iv) अश्लील वीडियो देखना। 

(v) चैटिंग करना।

(vi) इंटरनेट का दुरुपयोग करना।

(ग) कंप्यूटर के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए? नीहारिका के अनुभव के आधार पर लिखिए।

उत्तर: कंप्यूटर के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हमें कुछ ठोस उपाय करना चाहिए। इंटरनेट का अनावश्यक उपयोग नहीं करना चाहिए। जरूरत के अनुसार ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। कंप्यूटर में गेम्स नहीं खेलना चाहिए या बगैर मारा-पिता की अनुमति से इसमें फिल्म या खेल नहीं देखना चाहिए। यदि किसी चीज के बारे में जानकारी न हो तो उसका उपयोग नहीं करना चाहिए। यात्रा करते समय, स्कूल में या गाड़ी में सफर करने हुए कंप्यूटर नहीं चलाना चाहिए। जरूरत के अनुसार ही ई-मेल या सूचना का आदान-प्रदान करना चाहिए।

(घ) कंप्यूटर के उपयोग से नीहारिका को क्या-क्या लाभ हुआ? 

उत्तर: कंप्यूटर के उपयोग से नीहारिका को अनेक लाभ हुए। सबसे पहले उसे ई- मेल पर संदेश का आदान-प्रदान करना आ गया। वह वीडियो कॉलिंग के जरिए दूर-दराज के दोस्तों से बातें करने लगी। रेल टिकट, हवाई जहाज के टिकट, होटल के कमरे बुक करने से लेकर ऑनलाइन खरीदारी भी करने लगी। इंटरनेट पर आवश्यक ज्ञान एवं वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने लगी। इसके अतिरिक्त वह गेम्स खेलना, गीत सुनना एवं फिल्म देखने का काम भी कंप्यूटर पर करने लगी।

(ङ) कंप्यूटर हमारे लिए वरदान है या अभिशाप, सोच-समझकर एक लेख प्रस्तुत कीजिए। 

उत्तरः कंप्यूटर का सदुपयोग निश्चय ही हमारे लिए वरदान साबित हुआ है। आजकल की इस सूचना क्रांति के युग में हम कंप्यूटर के द्वारा उस चीज की जानकारियाँ हासिल कर पा रहे हैं, जो हमने कभी सोचा भी न था। आज इंटरनेट पर हर प्रकार का ज्ञान उपलब्ध है। पढ़ाई, मनोरंजन, खोज और सूचनाओं के आदान- प्रदान में हमें बड़ी सफलता मिली है।

दूसरी ओर कंप्यूटर हमारे लिए अभिशाप बनकर भी हमारे सामने आया है। एक कंप्यूटर आज हजारों लोगों का काम एक साथ कर देता है। इससे बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो गए हैं। कंप्यूटर हमें बहुत सारी गुप्त सूचनाएँ भी मुहैया कराता है। इसकी हमें कोई आवश्यकता नहीं होती। आज की युवा पीढ़ी कंप्यूटर-इंटरनेट पर इतना व्यस्त हो गई है कि वह अपने आस-पास के माहौल से भी एकदम कट-सी गई है।

भाषा एवं व्याकरण:

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए:

उत्तरः खुशी –  प्रफुल्लित, हर्ष, आनंद, प्रसन्नता

पोशाक –  परिधान, पहनावा

प्रगति –  उन्नति, विकास, उत्कर्ष, उत्थान 

सूरज – रवि, दिनकर, दिवाकर, सूर्य, आदित्य

दोस्त – मित्र, सखा, बंधु, साथी

संसार – जग, विश्व, भुवन, जहान

2. निम्नलिखित समोच्चरित शब्दों का अर्थ लिखिए:

उत्तर: अन्न  – अनाज

अन्य – दूसरा 

असित – काला

अशित – जूठा

कल – मशीन, आने वाला दिन

काल – अलि मृत्यु, समय

अलि – भ्रमर

अली – सखी

कलि – कलियुग,

कली – अनखिला फूल

कुट – गृह, घर, किल

कूट – पहाड़, चोटी

अणु – कण

अनु – पीछे

अपेक्षा – आशा करना

उपेक्षा – अवहेलना, निरादर

ओर – उस तरफ

और – अधिक, अन्य

कुल – सभी, वंश

कूल – किनारा

कृति – रचना

कृती – कुशल

परुष – कठोर

पुरुष – मर्द 

3. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए:

(क) पेड़ों पर तोता बैठा है।

– पेड़ पर तोता बैठा है। 

(ख) प्रेमचंद ने अनेकों उपन्यास लिखे।

– प्रेमचंद ने अनेक उपन्यास लिखे।

(ग) राम और सीता वन को गई। 

– राम और सीता वन को गए।

(घ) अंजु ने जोर से हँस दिया।

– अंजु जोर से हँस दी 

(ङ) मैं पुस्तक को पढ़ता हूँ।

– मैं पुस्तक पढ़ता हूँ।

(च) दस बजने को दस मिनट हैं।

– दस बजने में दस मिनट बाकी है।

(छ) नीहारिका आई और कहा

– नीहारिका आई और बोली।

(ज) वह रमेश पर बरस गया।

– वह रमेश पर बरस पड़ा।

(झ) उसे भारी दुःख हुआ।

– उसे बहुत दुःख हुआ। 

(ञ) मैं रविवार के दिन तुम्हारे घर आऊँगा। 

– मैं रविवार को तुम्हारे घर आऊँगा।

लेखिका सम्बन्धित प्रश्न उत्तर

(1) इंटरनेट के खट्टे मीठे अनुभव के लेखिका का नाम क्या हैं?

उत्तर: डॉ प्रणयी दत्त।

(2) वर्तमान लेखिका कहा है और क्या कर रही है?

उत्तर: वर्तमान लेखिका गुवाहाटी विश्वविद्यालय के इलॉक्ट्रोनिक और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी विभाग की अध्यापिका है।

(3) उनका जीवन परिचय दीजिए?

उत्तर: बचपन से ही प्रतिभा का परिचय देने वाली प्रणयी दत्त सन् 1970 में गुवाहाटी के तरिणीचरण चौधरी उच्च माध्यमिक बहुमूखी बालिका विद्यालय से उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में विज्ञान शाखा में व्दितीय स्थान प्राप्त करके उत्तीर्ण हूई। सन् 1973 में कॉटन कॉलेज से भौतिक विज्ञान में ऑनर्स सहित प्रथम श्रेणी में तृतीय स्थान प्राप्त करके बी. एस. सी. परीक्षा पास की तथा इसके बाद उसी कॉलेज से ही  सन् 1975 में प्रथम श्रेणी में व्दितीय स्थान प्राप्त कर एम. सी. सी. परीक्षा पास की। पहले गुवाहाटी के पाण्डु महाविश्वविद्यालय और बाद में कॉटन कॉलेज के प्रधायिपिका के रूप में दायित्व का निर्वहन करके सन् 1977 में उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान में भी योगदान दिया।

Additional Questions Answers

(1) निहारिका को कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान कहा से प्राप्त था?

उत्तर: निहारिका के स्कूल में कंप्यूटर -सीखने की व्यवस्था है, इसीलिए उसे कंप्यूटर का थोड़ा बहुत वाव्यहारिक ज्ञान प्राप्त था।

(2) निहारिका प्रांभ में इंटरनेट के बारे में क्या जानती थी?

उत्तर: निहारिका को केवल इतना ही जानती थी की interconnection of Networks सब्दो से पहले भागों को संयोजित करके internet शब्द बना लिया गया है।

(3) निहारिका को कंप्यूटर के साथ इंटरनेट मिलने वाली बात किससे मालूम हुआ था?

उत्तर: निहारिका ने अपने पिता की बाते सुन ली थी जो वह निहारिका के मां से कह रहे थे की निहारिका के ज्ञान की सीमा लगातार बढ़ती रहे इसी आशा में मैने उसे तोहफा देने का निर्णय लिया है, उन्होंने निहारिका को इंटरनेट की सुविधा वाला कंप्यूटर देने का निर्णय किया था।

(4) “Net” किसे कहते हैं?

उत्तर: Interconnection of Networks शब्दों  के पहले भागों को संयोजित करने “internet’ शब्द बनाया गया है जिसे “Net’ कहते है। 

(5) यह पूरे संसार में फैली हुई कंप्यूटर – व्यवस्था एक जाल है। लेखक ने ऐसा क्यों कहा है?

उत्तर: क्योंकि आसानी से समझने के लिए ऐसा कहा जा सकता है की नगर कंप्यूटर – व्यवस्था के एक जाल में हजारों कंप्यूटर होते है तो विभिन्न आकार और प्रकार के ऐसे हजारों कंप्यूटर – व्यवस्था के ऐसे जाल आपस में मिलकर इंटरनेट व्यवस्था का निर्माण करते है।

(6) घर में कंप्यूटर आने के बाद निहारिका की मनोदशा क्या थी?

उत्तर: घर में कंप्यूटर आने के बाद निहारिका खुशी से उछल रही थी, अब वह इंटरनेट का व्यवहार करने के लिए उतावली हो रही थी, उसे कितनी बाते जननी थी कौन सी पहले जाने, कौन सी बाद में निहारिका को ऐसा लग रहा था मानो चांदनी रात में आंगन में चटाई बिछाकर दादी मां की गोद में सिर रखकर सुनी हुई कहानी कि राजकुमारी का वह जादुई आइना मिल गया हो जिसके सामने खड़ी होकर जो सवाल पूछो उसका जवाब तुरंत मिल जाता हो।

(7) निहारिका में प्रथम इंटरनेट में क्या खोज की ओर उसका जवाब उसे क्या मिला?

उत्तर: निहारिका में प्रथम इंटरनेट में अधिक व्यवहार होने वाला W.W.W. क्या है यह जानने के लिए उसने गूगल में खोज की निहारिका को पता चला की वर्ल्ड वाइड वेब की अवधारणा का बीज सन् 1989 में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित भौतिक कणों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक अनुसंधान के क्षेत्र में प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र European organisation of nuclear research संक्षेप में CERN में अंकुरित हुआ था।

(8) वर्तमान युग में वेब की लोकप्रियता का कारण क्या है?

उत्तर: कारण यह है की WWW में मौजूद सूचना, विवरण, ग्राफिक, वीडियो और ऑडियो के रूप में उपलब्ध होता है और जरूरत के मुताबिक जब चाहे हमे मिल सकता है। 

(9) निहारिका की सहेली को मॉस्को क्यों जाना पड़ा था?

उत्तर: निहारिका की सहेली सबनम के पिताजी को नौकरी के सिलसिले में मॉस्को जाना पड़ा था।

(10) सबनम ने निहारिका के ई -मेल के जवाब में क्या लिखा था?

उत्तर: ई -मेल में सबनम ने वहा के अनुभव का वर्णन भी किया था। इसके साथ उसने निहारिका को छुट्टी के दिनों में मां और पिताजी के साथ घूमने जाते समय खींची गई कुछ फोटो, सेंट पीटर्सबर्ग में मां के साथ खींची गई उसकी फोटो भी भेज दी थी।

(11) निहारिका की नाई सहेली कहा और किसके साथ रहती थी तथा उनके विषय में जान के निहारिका को कैसा लगा था?

उत्तर: निहारिका की नाई सहेली शान्ता आनन्द डरबन में रहती थी वहा वे अपनी मां, भाई नरेन्द्र तथा दो बेटियों के साथ रहती थी। वे अबतक भारत नही आयी, परंतु वे वहां भारतीय रीति – रिवाज का पालन करती हैं तथा पर्व – त्योंहार के अवसर पर भारत की पारंपरिक पोशाक पहनी है। निहारिका को यह जानकर बहुत खुशी हुई की सुदूर डरबन में भी भारतीय परंपरा के निर्वाह करनेवाले लोग है।

(12) निहारिका को वीडियो कॉल पर कैसा अनुभव हुआ?

उत्तर: जब उसमे वीडियो कॉल करके देखा तो ऐसा अनुभव हुआ मानो सचमुच वह किसी के साथ आमने सामने बैठकर बाते कर रही है।

सही विकल्प का चयन कीजिए

(1) निहारिका कौन सी कक्षा में अव्वल आई थी?

(i) दसवीं।

(ii) नौवीं।

(iii) आठवीं।

(iv) सातवीं।

उत्तर: नौवीं।

(2) निहारिका की सहेली सबनम कहा रहती थी?

(i) मॉस्को।

(ii) कनाडा।

(iii) स्विट्जरलैंड।

(iv) भारत।

उत्तर: मॉस्को।

(3) नाश्ता आनन्द के भाई का नाम क्या था?

(i) सुरेंद्र।

(ii) नरेंद्र।

(iii) राजेंद्र।

(iv) विरेंदे।

उत्तर: नरेंद्र।

(4) कहा रहने वाली सहेली ने निहारिका से पूछा था कि क्या तुम अंग्रेजी माध्यम से पढ़ी हो?

(i) मॉस्को।

(ii) कनाडा।

(iii) डरबन।

(iv) स्विट्जरलैंड।

उत्तर: कनाडा।

(5) निहारिका के भाई का नाम क्या था?

(i) धीरज।

(ii) सूरज।

(iii) नीरज।

(iv) नरेंद्र।

उत्तर: नीरज।

(6) कंप्यूटर में वायरस घूमने के बाद निहारिका किसके पास गई थीं?

(i) सबनम।

(ii) शाबना।

(iii) डरोथी।

(iv) मीरा।

उत्तर: शाबना।

(7) निहारिका कंप्यूटर में वायरस घूमने के बाद उसे शाबना दी के पास क्यों ले जाती है _________?

(i) क्यूंकि उनके भाई को कंप्यूटर ठीक करने आता था।

(ii) उनके पास मैकेनिक का नंबर था।

(iii) क्योंकि शाबना दी विश्वविधालय के भौतिक विज्ञान विषय में शोध कर रही थी।

(iv) क्योंकि उनकी कंप्यूटर की दुकान थी।

उत्तर: क्योंकि शाबना दी विश्वविधालय के भौतिक विज्ञान विषय में शोध कर रही थी।

(8) निहारिका के मामा का नाम क्या था?

(i) राजू।

(ii) तरुण।

(iii) अतुल।

(iv) विराट।

उत्तर: अतुल।

(9) दक्षिण अफ्रीका के डरबन में रहने वाली निहारिका की सहेली का नाम की था?

(i) डरोथी।

(ii) रोज।

(iii) मिली।

(iv) मेरी।

उत्तर:डरोथी।

(10) आज पूरे संसार की सभी सूचना कहा मौजूद है?

(i) किताबो में।

(ii) समाचार पत्र में।

(iii) इंटरनेट में।

(iv) उपरोक्त सभी।

उत्तर: इंटरनेट में।

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