Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 14 महाभारत की एक सांझ, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় Hindi Class 8 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 14 महाभारत की एक सांझ Class 8 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 14 महाभारत की एक सांझ Notes covers all the exercise questions in Assam Jatiya Bidyalay SEBA Textbooks. The Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 14 महाभारत की एक सांझ provided here ensures a smooth and easy understanding of all the concepts. Understand the concepts behind every chapter and score well in the board exams.
महाभारत की एक सांझ
Chapter – 14
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
EXERCISE QUESTION ANSWER
शब्दार्थ :
अहेरी | शिकारी |
दंभ | अहंकार |
निहत्या | हथियार विहीन |
बधारना | बखान करना |
थोथी | सारहीन, निरर्थक |
पामर | पापी, दुष्ट |
वधिक | वध करने वाला |
मरूस्थल | मरूभूमि |
उत्कट | अति, अत्यंत |
कर्णधार | माँझी, मल्लाह, जिसके संरक्षण में कोई कार्य होता हो |
खिल्ली | हँसी |
वीरोचित | वीर जैसे, वारों की भाँति |
अभ्यास माला
प्रश्न – १ : सम्पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो :
(क) ‘महाभारत की एक सांझ’ एकांकी के एकांकीकार कौन है ?
उत्तर : ‘महाभारत की एक सांझ’ एकांकी के एकांकीकार भारतभूषण अग्रवाल हैं।
(ख) धृतराष्ट्र को कौन युद्धवार्ता सुना रहे थे ?
उत्तर : संजय धृतराष्ट्र को युद्धवार्ता सुना रहे थे।
(ग) पंच पाण्डव कौन-कौन थे ?
उत्तर : युधिष्ठिर, भीम, अर्चुन, नकुल और सहदेव ये पाँच ‘पंच पाण्डव’ थे।
(घ) द्रोणाचार्य कौन थे ?
उत्तर : द्रोणाचार्य कौरव और पाण्डवों के गुरू थे।
(ङ) कौरवों और पाँडवों के पितामह कौन थे ?
उत्तर : पितामह भीष्म कौरवों और पाण्डवों के पितामह थे।
(च) दुर्योधन कहाँ छिपे हुए थे ?
उत्तर : दुर्योधन द्वैतवन के सरोवर में छिपे हुए थे।
(छ) प्रस्तुत एकांकी के पात्र कितने हैं ? यहाँ मुख्य पात्र कौन है ?
उत्तर : धृतराष्ट्र, संजय, युधिष्ठिर, भीम, दुर्योधन ये पाँच प्रस्तुत एकांकी के पात्र हैं। यहाँ दुर्योधन मुख्य पात्र है।
(ज) ‘केवल एक दुःख मेरे साथ जाएगा’। यहाँ दुर्योधन के साथ जानेवाला दुःख क्या है ?
उत्तर : ‘केवल एक दुःख मेरे साथ जाता। यहाँ दुर्योधन के साथ जानेवाला दुःख है उसके पिता अंधे क्यों हुए।
प्रश्न – २ : सही उत्तर चुनकर लिखो :
(क) धृतराष्ट्र के कितने बेटे थे ?
(अ) पाँच
(आ) दस
(इ) सौ
(ई) पचास
उत्तर : (इ) सौ l
(ख) पांडवों के पिता कौन थे ?
(अ) धृतराष्ट्र
(आ) पाण्डु
(इ) संजय
(ई) भीष्म
उत्तर : (आ) पाण्डु l
(ग) दुर्योधन की मृत्यु किसके हाथ हुई ?
(अ) युधिष्ठिर के हाथ में
(आ) अर्जुन के हाथ में
(इ) भीम के हाथ में
(ई) कर्ण के हाथ में
उत्तर : (इ) भीम के हाथ में l
(घ) कौरवों और पांडवों में से किसको धर्मराज कहा जाता है ?
(अ) युधिष्ठिर को
(आ) दुर्योधन को
(इ) दुःशासन को
(ई) सहदेव को
उत्तर : (अ) युधिष्ठिर को l
(ङ) श्रीकृष्ण किसके रथ के सारथी थे ?
(अ) दुर्योधन के
(आ) भीम के
(इ) धृतराष्ट्र के
(ई) अर्जुन के
उत्तर : (ई) अर्जुन के
(च) द्रौपदी को किस खेल में युधिष्ठिर ने दाँव पर लगाया था ?
(अ) क्रिकेट में
(आ) ताशा खेल में
(इ) पासा खेल में
(ई) जुए में
उत्तर : (इ) पासा खेल में l
प्रश्न- ३ : किसने किससे कहा था ?
(क) “मेरे इतने उत्कट स्नेह का ऐसा अन्त! ओह! मैं नहीं सह सकता मैं नहीं सह सकता…..”
उत्तर : धृतराष्ट्र ने संजय से कहा था।
(ख) “पहले वीरता का दंभ और अंत में करुणा की भीख। कायरों का यही नियम है।”
उत्तर : युधिष्ठिर ने दुर्योधन से कहा था।
(ग)” मेरे मन में कोई पश्चताप नहीं है। मैंने कोई भूल नहीं की। मैंने भय से तुम्हारी शरण नहीं माँगी।”
उत्तर : दुर्योधन ने युधिष्ठिर से कहा था।
(घ) “जो अपने भाइयों को जीवित जलवा देने में भी नहीं हिचकिचाता, जो अपनी भाभी को भी भरी सभा में अपमानित करने में आनन्द ले सकता है, उसका लज्जा से क्या परिचय!”
उत्तर : युधिष्ठिर ने भीम से कहा था।
प्रश्न- ४ सप्रसंग व्याख्या करो :
(क) “सच है कायर और पराजित ही अंत में धर्म का स्मरण कर लेते हैं।”
उत्तर : यह प्रसंग हमारी पाठ्य पुस्तक आओ हिन्दी सीखें के यौथा भाग से महाभारत की एक सांझ कहानी से ली गई है। यहाँ लेखक ने दुर्योधन द्वारा धर्म अधर्म के बात पर भीम द्वारा उत्तर देते हुए कहलाते हैं कि सच है कायर और पराजित हीअंत में धर्म का स्मरण कर लेते हैं।
(ख) “विफलता के इस मरुस्थल में अब एक बूंद आवेगी भी तो सूखकर खो जाएगी! यदि तुम्हें इसमें संतोष हो कि तुम्हारी महत्वाकांक्षा मेरी मृत देह पर ही अपना जय स्तम्भ उठाए तो फिर यही सही।”
उत्तर : यह प्रसंग हमारी पाठ्य पुस्तक आओ हिन्दी सीखें के यौथा भाग से महाभारत की एक सांझ कहानी से ली गई है। यहाँ लेखक यधिष्ठिर-दुर्योधन के वार्तालाप को दर्शाते हुए यह प्रसंग दुर्योधन द्वारा कहलाते हैं। दुर्योधन समझ गया था कि अब मेरा बचना सम्भव नहीं है। इसी पर कह रहा है विफलता के इस मरूस्थल में अब बूंद आवेगी भी तो सुखकर खो जाएगी। यदि तुन्हें इसमें संतोष हो कि तुम्हारी महत्वाकांक्षा मेरी मृत देह पर ही अपना जय स्तम्भ उठाए तो फिर यही सही।
(ग) “यही तो मुझे दुःख है युधिष्ठिर कि तथ्य तक पहुँचने की किसी ने भी चेष्टा नहीं की। एक अन्याय की प्रतिष्ठा के लिए इतना ध्वंस किया गया, और सब अंधों की भाँति उसे स्वीकार करते गए।”
उत्तर : प्रस्तुत प्रसंग हमारी पाठ्य पुस्तक आओ हिन्दी सीखें के यौथा भाग के महाभारत की एक सांझ कहानी से ली गई है। इस प्रसंग में कहानीकार का कहना है कि दुर्योधन युधिष्ठिर से कह रहा है। यही तो मुझे दुःख है युधिष्ठिर कि तभ्य तक पहुँचने की किसी ने भी चेष्टा नहीं की। एक अन्याय की प्रतिष्ठा के लिए इतना ध्वंस किया गया, और सब अंधों की भाँति उसे स्वीकार करते गए।”
प्रश्न – ५ : उत्तर लिखो :
(क) श्रीकृष्ण कौन थे ? उन्होंने पांडवों का पक्ष क्यों लिया ?
उत्तर : श्रीकृष्ण मथुरा के राजा थे, और पांडवों के फुफेरा भाई थे। वे पांडवों का पेक्ष इसलिए लिये क्योंकि पांडव धर्म पर थे।
(ख) दुर्योधन के पतन का क्या कारण था ? सम्यक उत्तर दो।
उत्तर : दुर्योधन के पतन का मुख्य कारण था अहंकार और राज्य का लोभ ।
( ग ) संजय ने धृतराष्ट्र के समक्ष दुर्योधन की मृत्यु का वर्णन किस तरह पेश किया ? संक्षेप में लिखो।
उत्तर : पांडवों ने विरक्त सुयोधन (दुर्योधन) को युद्ध के लिए विवश किया। भीम और सुयोधन का घमाशान युद्ध होने लगा। युयोधन का पराक्रम सबको चकित कर दिया। लगता था विजय श्री सुयोधन का होगा। तभी श्रीकृष्ण के संकेत पर भीम सुयोधन की जंघा में गदा का भीषण प्रहार किया। कुरु राज सुयोधन चीत्कार करते हुए गिर पड़े।
(घ) मृत्यु के समय युधिष्ठिर ने दुर्योधन को क्या सलाह दी ? वर्णन करो।
उत्तर : युधिष्ठिर ने दुर्योधन को धैर्य रखने को कहा और कहा कि तुम सत्य और मिथ्या में भेद करने में असमर्थ हो। तुम्हारे मस्तिष्क की यह दशा सचमुच दयनीय है।
(ङ) दुर्योधन ने युधिष्ठिर की सलाह का जवाब कैसे दिया ? संक्षेप में लिखो।
उत्तर : मैंने भय से तुम्हारी शरण नहीं माँगी। अन्त तक तुमसे टक्कर ली और अब वीर गति को पाकर स्वर्ग को जाता हूँ। समझे युधिष्ठिर! और मुझे कोइ ग्लानि नहीं कोई पश्चात्ताप नहीं है। केवल एक….केवल एक दुःख मेरे साथ जाएगा कि मेरे पिता अंधे क्यों हुए।
प्रश्न ६ : पर्यायवाची शब्द लिखो: (दो दो)
अग्नि | पंडित |
अश्व | गंगा |
हाथी | गणेश |
गाय | ईश्वर |
कमल | कृष्ण |
पितृ | चन्द्रमा |
मातृ | नौकर |
घर | अतिथि |
बेटा | पक्षी |
बेटी | बादल |
उत्तर :
अग्नि | अनल, आग | पंडित | ज्ञानी, पुजारी |
अश्व | घोड़ा, घोटक | गंगा | जाह्नवी, भागिरथी |
हाथी | गज, हस्ती | गणेश | गजानन, लम्बोदर |
गाय | गो, गऊ | ईश्वर | ईश, भगवान |
कमल | जलज, पंकज | कृष्ण | गोपाल, दामोदर |
पितृ | पिता, जनक | चन्द्रमा | शशि, निशाकर |
मातृ | माता, माँ | नौकर | चाकर, दास |
घर | गृह, भवन | अतिथि | अभ्यागत, मेहमान |
बेटा | पुत्र, लड़का | पक्षी | खग, नभचर |
बेटी | पुत्री, कन्या | बादल | मेघ, जलघर |
प्रश्न – ७ : एक शब्द में प्रकट करो :
(क) जिसे जाना न जा सके-
(ख) जिसका जन्म अभी-अभी हुआ हो-
(ग) जिसका अंत न हो –
(घ) जो कुछ भी न जानता हो-
(ङ) जो सब कुछ जनाता हो-
(च) जिसका कोई शत्रु न हो-
(छ) उपाजाऊ भूमि-
(ज) अनुपजाऊ भूमि-
(झ) जो उच्च कुल में पैदा हुआ है-
(ञ) जो बहुत बोलता हो-
उत्तर :
(क) जिसे जाना न जा सके | अनजान |
(ख) जिसका जन्म अभी-अभी हुआ हो | नवजातक |
(ग) जिसका अंत न हो | अनन्त |
(घ) जो कुछ भी न जानता हो | अनजान, अज्ञेय |
(ङ) जो सब कुछ जनाता हो | सर्वज्ञ |
(च) जिसका कोई शत्रु न हो | अजातशत्रु |
(छ) उपाजाऊ भूमि | ऊर्वरा |
(ज) अनुपजाऊ भूमि | ऊसर |
(झ) जो उच्च कुल में पैदा हुआ है | कुलीन |
(ञ) जो बहुत बोलता हो | बाचाल |
Hi, I’m Dev Kirtonia, Founder & CEO of Dev Library. A website that provides all SCERT, NCERT 3 to 12, and BA, B.com, B.Sc, and Computer Science with Post Graduate Notes & Suggestions, Novel, eBooks, Biography, Quotes, Study Materials, and more.
Thank you so much