Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 4 वही मनुष्य है

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वही मनुष्य है

Chapter – 4

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

EXERCISE QUESTION ANSWER

शब्दार्थ :

मर्त्यमरनेवाला, जहाँ मृत्यु आती है
वृथाबेकार
क्षुद्यार्थभूख मिटाने हेतु
करस्थहाथ में रखा हुआ
शरीर-चर्मकवच
अनित्यअस्थायी
वित्तअर्थ, धन सम्पति
अतीबबहुत ही

अभ्यास माला

प्रश्न – १ : सम्पूर्ण वाक्य में उत्तर लिखो :

(क) कवि ने मृत्यु से डरने को क्यों मना किया है ?

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उत्तर : कवि ने मृत्यु से डरने को मना किया है, क्योंकि मृत्यु तो निश्चित है, पर क्यों न किसी के काम आकर मरें जिसमे सभी याद करते रहें।

(ख) कवि ने किस तरह की मृत्यु का आह्वान करने को कहा है ? 

उत्तर : कवि ने कहा है कि वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिये मरे। जैसे दधीचि ने अपना अस्थि देकर और कर्ण अपना कवच देकर मनुष्य के लिए अपने मृत्यु को आह्वान किया था।

(ग) कवि ने किस स्थिति में जीने-मरने को बृथा कहा है ? 

उत्तर : कवि ने जीने-मरने को जिस स्थिति में वृथा कहा है वह है दूसरों के लिए मरना। कवि कहते हैं कि मरो! परन्तु ऐसे मरो कि याद सभी करते रहें।

(घ) पशु-प्रवृति क्या है ?

उत्तर : जो अपने आप के लिए जीता है यही पशु-प्रवृति कहलाता है।

(ङ) सरस्वती किसे बखानती है ? 

उत्तर : जो दूसरों के लिए जीता और मरता है, उसे सरस्वती भी सराहना करती है।

(च) कवि के अनुसार मनुष्य कहलाने का एक किसको है ?

उत्तर : कवि कहते हैं कि यह शरीर अनित्य है, इस अनित्य शरीर के लिए डरना कैसा। कुछ ऐसा करके मरो कि संसार में नाम रह जाय और दूसरों के लिए मर मिटने पर मनुष्य कहलाने के हकदार बन जाओ।

(छ) किसके हाथ विशाल हैं ?

उत्तर : दयालु दीनानाथ (दीनबन्धु) के हाथ विशाल हैं। 

(ज) गुप्त जी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ?

उत्तर : गुप्त जी का जन्म सन् 1886 ई. में झाँसी जिले के चिरगाँव में हुआ था।

(झ) कवि के मन में राष्ट्र प्रेम की भावनाएँ किससे अंकुरित हुई थी ?

उत्तर : बचपन में ही बुंदेलखण्ड में प्रचलित लोक महाकाव्य ‘आलहा खंड’ से उनके मन में राष्ट्र प्रेम और देशोद्वार की भावनाएँ अंकुरित हुई थी।

प्रश्न – २ : सही विकल्प चुनो :

(क) असली मनुष्य होने का हकदार वह है जो–

(अ) युद्ध में मरे 

(आ) खुद के लिए 

(इ) मार कर मरे

(ई) मनुष्य के लिए मरे

उत्तर : (ई) मनुष्य के लिए मरे l

(ख) दधीचि ने देवताओं की रक्षा हेतु दान किया था–

(अ) चक्षु 

(आ) रूपया पैसा

(इ) अस्थि

(ई) ब्रह्मास्त्र

उत्तर : (इ) अस्थि l

(ग) अपनी मृत्यु को निकट देखकर भी कर्ण ने दान स्वरूप दिया–

(अ) धनुष 

(आ) शरीर-चर्म 

(इ) घोड़ा

(ई) राज्य

उत्तर : (आ) शरीर-चर्म l

(घ) गुप्तजी द्वारा रचित महाकाव्य का नाम है–

(अ) महाभारत 

(आ) रामायण

(इ) साकेत

(ई) कामायनी

उत्तर : (इ) साकेत l

प्रश्न – ३ : 30/40 शब्दों में उत्तर लिखो :

(क) मैथिलीशरण गुप्तजी को राष्ट्रकवि क्यों कहा जाता है ? 

उत्तर : सामाजिक कुरीतियों के निराकरण को वे राष्ट्र-जागरण की भूमिका मानते थे। विश्व-बन्धुत्व, अछुतोद्धार, समाज सुधार, आस्तिकता, और पीड़ित अपेक्षित नारी के प्रति बड़े सहानुभूतिशील होने के कारण उन्हें राष्ट्रकवि माना जाता है।

(ख) पीड़ित और उपेक्षित नारी के प्रति गुप्तजी का विचार कैसा था ? 

उत्तर : पीड़ित और उपेक्षित नारी के प्रति गुप्तजी का विचार सहानुभूतिशील था। इस सब का परिचय उनके रचना से प्रगट होता है। उनके प्रमुख रचना में ऊर्मिला, यशोधरा, सैरन्ध्री, शकुंतला, और सीता के प्रति उनके दृष्टिकोण स्पष्ट करता है।

(ग) गुप्तजी के काव्य की विशेषताओं का उल्लेख करो। 

उत्तर : संक्षेप में गुप्तजी का काव्य राष्ट्रीयता, विश्व बन्धुत्व, अछुतोद्धार, समाज सुधार आस्तिकता आदि गुणों से पूर्ण है। ‘साकेत’ गुप्तजी द्वारा रचित महाकाव्य है। इसके अलावा ‘यशोधरा’, ‘जयद्रथ वध’, ‘काबा और कर्बला’, ‘पंचवटी’, ‘किसान’, शकुंतला आदि प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

(घ) अपने लिए जीने का क्या अभिप्राय है ? 

उत्तर : कवि कहते हैं कि अपने लिए जीना कौइ जीना हुआ। अपने लिए तो मात्र पशु ही जीते हैं। अपने लिए जीने का अर्थ है कि हम पशुत्व के प्राप्त हो गए हैं।

(ङ) पशु और मनुष्य में क्या अन्तर है ?

उत्तर : पशु और मनुष्य में यह अन्तर है कि पशु-पशु होता है, और मनुष्य मनुष्य। पशु मात्र अपने लिए कोई काम करता है, पर मनुष्य अपने अलावा दूसरों के लिए भी कुछ करने का सौभाग्य पाता है।

(च) समाज में कैसे व्यक्तियों का आदर होता है ? 

उत्तर : समाज में उस व्यक्ति विशेष का आदर होता है, जो निस्वार्थ भाव से अनेकानेक कष्ट सहते हुए सामाजिक कार्य में अपने को आत्मोसर्ग करता है। अपने निस्वार्थ सेवा से वे समाज में पूजनीय हो जाते हैं।

प्रश्न – ४ : 100 शब्दों के भीतर उत्तर लिखो : 

(क) रंतिदेव, दधीचि, शिवि और कर्ण की दानवीरता का वर्णन करो।

उत्तर : हमारे देश भारतवर्ष में दानवीरता की अनेक उदाहरण मिलता है। उन में रंतिदेव, दधीचि, शिवि और कर्ण का नाम अति प्रशिद्ध है। क्षुधा से व्याकुल रंतिदेव को कुछ खाने को मिला। वह खाना कई दिनों के बाद मिला था। प्राण निकलने को था। उसी समय रंतिदेव की परीक्षा लेने को भगवान आ गये। रंतिदेव ने सहर्ष भोजन उन्हें दे दिया। ऐसा दानी को सत्पत् प्रणाम दधीचि को कौन नहीं। जानते। देवासुर संग्राम में एक असुर वृत्रासुर था। उसे मारने के लिए ‘ईन्द्र’ को दधीचि मुनी की अस्थि चाहिए थी। ‘ईन्द्र’ दधीचि मुनी से प्रार्थना करके अपनी समस्या वतायी। दधीचि मुनी ने वे हिचक अपना अस्थि देने को तैयार हो गये। योग लगाये और अपने प्राण को छोड़ दिया। तब ईन्द्र ने अस्थि लेकर वज्र का निर्माण किया और वृत्रासुर का निधन हुआ। राजा शिवि ने तो उपने शरीर की माँस ही दान में दे दिए थे। कर्ण अपना कवच दे दिया था।

(ख) “जो दूसरों के लिए मरता है, वह अमर है।” प्रस्तुत कविता के आदार पर स्पष्ट करो।

उत्तर : मृत्यु तो स्वतः सिद्ध है। उसे आना ही है। विचार करो कि अगर मृत्यु नजदीक आ भी जाय तो डरना नहीं चाहिए। मरो पर ऐसे मरो कि सर्व तुम्हें जान सके। मतलब है कि ऐसा कर्म करो जिससे दूसरों का उपकार होता हो। निस्वार्थ भाव से कष्ट सहते जो दूसरों के लिए अपना जीवन त्यागता है, वह वास्तव में अमर है। ऐसे जीवन उत्सर्ग करने वाले का सरस्वती भी बखान करती हैं, और हमारी धरा भी कृतार्थ हो जाती हैं। रन्तिदेव अपना थाल देकर, दधीचि अपना अस्थि देकर शिवि अपने शरीर का माँस देकर और कर्ण अपना शरीर-चम (कवच) देकर अमर हो गये थे।

प्रश्न – ५ : निम्नलिखित मुहावरों से वाक्य बनाओ :

अंग-अंग मुस्कुराना, अँगूठा दिखाना, अक्ल का दुश्मन, अगर-मगर करना, अपनी खिचड़ी अलग पकाना, आँखें खुलना, आँखे फेर लेना, आस्तीन का साँप आकाश चुमना, आँधी के आम

उत्तर : अंग-अंग मुस्कुराना : राम के आने की खबर सुनकर भरत का अंग-अंग मुस्कुराने लगा। 

अँगूठा दिखाना : सहायता करने का आहवान देकर अब अँगूठा दिखा रहे हो।

अक्ल का दुश्मन : इसे क्या समझाते हो, यह तो अक्ल का दुश्मन है। 

अगर-मगर करना : अब अगर-मगर करने से कोई लाभ नहीं। 

अपनी खिचड़ी अलग पकाना : मोहन अपने भाई से अलग होकर अपनी खिचड़ी अलग पका रहा है।

आँखें खुलना : तुम्हारा सब कुछ नष्ट हो चूका अभी भी आँखे नहीं खुली है। 

आँखे फेर लेना : भाई आँखें मत फेर लेना, मैं तुम पर ही आश्रित हूँ। 

आस्तीन का साँप : पाक से सावधान रहो, वह आस्तीन का साँप है। 

आकाश चुमना : सोहन अपने क्लास में प्रथम आता है। शिक्षकों का कहना है, वह आकाश चूमेगा।

आँधी के आम : वंलादेशी आँधी के आम जैसे भारत में आ रहा है।

प्रश्न – ६ : पर्यायवाची शब्द लिखो : (दो-दो)

आँख
पाँव
हाथ
मन
शरीर
नाक
सिर
पानी
हवा
सागर
नदी
तालाव
पेड़
फूल
आकाश
पहाड़
सूर्य
वन
पृथ्वी

उत्तर : 

आँखनयन, चक्षुसिरकपाल, मस्तक
पाँवपाद, पैरपानीजल, नीर
हाथहस्त, दस्तहवापवन, वायु
मनअंतरात्मासागर वारिधि, जलधि 
शरीरतन, देहनदी सरिता, तटनी
नाकघ्राणतालावसर, तड़ाग
कानकर्न, श्रुतिपेड़ वृक्ष, तरूवर
फूलपुष्प, सुमनआकाश गगन, खे
पहाड़पर्वत, भूधरसूर्य दिवाकर, आदित्य
वनजंगल, काननपृथ्विीधरती, भू

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