Assam Jatiya Bidyalay Class 8 Hindi Chapter 1 हिन्दी हमारी भाषा है

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हिन्दी हमारी भाषा है

Chapter – 1

অসম জাতীয় বিদ্যালয়

EXERCISE QUESTION ANSWER

शब्दार्थ एवं टिप्पणी :

पूर्वोत्तर : भारतीय गणराज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित आठ छोटे-छोटे प्रान्तों का समूह। कुछ वर्ष पहले तक इस समूह में सात प्रान्त हुआ करते थे। इन्हें असमीया में ‘सात भनी’ यानी सात बहनें कहा जाता रहा है। हाल ही के वर्षों मे आर्थिक विकास की दृष्टि से पूर्वोत्तर के अन्तर्गत सिक्किम को भी शामिल कर लिया गया है। इस सन्दर्भ में सात बहनें भाई एक की कल्पना की गयी है।

असम : पूर्वोत्तर में शामिल एक प्रमुख प्रान्त। पहले इसे ‘प्रागज्योतिषपुर’ ‘कामरूप’ जैसे नामों से जाना जाता था। तेरहवीं सदी में ‘टाइ’ जाति की ‘स्याम’ शाखा के लोगों ने यहाँ अपना शासन स्थापना किया था। स्थानीय लोग उनकी वीरता को स्वीकार करके उन्हें ‘असम’ (जिनके समान कोई नहीं) कहते थे। इसमे इस भू-भाग का नाम भी असम पड़ा ऐसा कुछ लोगों का मानना है।

अरूणाचल का पुण्य धाम : अरुणाचल प्रदेश नामक पुण्य स्थान तावांग आदि जगहों में बौद्ध मठ-मन्दिर इत्यादि स्थित होने के कारण अरूणाचल को पुण्य धमा कहा गया है। 

सरस : रस से भरा हुआ। नदी-नालों, झील-सरवरों से परिपूर्ण पूर्वोत्तर रसमय तो है ही, यहाँ के निवासियों की आनन्दमयता के कारण यह सरस भी है। 

सकाम : कामना सहित पूर्वोत्तर के निवासियों के मन में कामनाएँ होती है और उन कामनाओं को, इच्छाओं को पूर्णता मिलती है। 

मिनी भारत : छोटा भारत यानी भारतावर्ष का लघु संस्करण।

घरौंदे : छोटे-छोटे घर, आवास स्थल।

अजायबघर : वह स्थान या भवन जिस में संग्रह की हुई वस्तुएँ प्रदर्शनार्थ रखी रहती है, म्यूजियम प्राचीन सभ्यता वाले पूर्वोत्तर में अनेक बिस्मयकारी चीजें, मठ, मन्दिर, देवालय आदि हैं जिह्न देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इसलिए पूर्वोतर को ‘अजायबछर’ कहा गया है।

कोस : क्रोश, दो मील की बराबरी की दूरी का माप l

बानी : वाणी, भाषा 

वैर भाव : शत्रुता का भाव।

रम्य स्थली : सुन्दर एवं मनोरम स्थान। 

इन्द्रधनुषी : इन्द्रधनुष के सात रंगों से युक्त।

हिन्द : हिन्दुस्तान, भारतवर्ष भारतवर्ष को ‘हिन्द’ भी कहा जाता है। 

‘जयहिन्द’ : जैसे नारे में यह बात बिलकुल स्पष्ट है।

अभ्यास माला

प्रश्न – १ : पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :

(क) पूर्वोत्तर कितने भू- भागों में बँटा हुआ है ?

उत्तर : पूर्वोत्तर आठे भू-भागों में बँटा हुआ है। 

(ख) पूर्वोत्तर में किन मानव जातियों के लोग बसते हैं ?

उत्तर : पूर्वोत्तर में नेग्रिटो, द्रविड़, किरात- मंगोल, ऑस्ट्रिक, आर्य आदि मानव-जातियों के लोग बसते हैं।

(ग) पूर्वोत्तर के निवासियों को कौन-सी भाषा मिलाती है ?

उत्तर : पूर्वोत्तर के निवासियों को हिन्दी भाषा मिलाती है।

(घ) पूर्वोत्तर किसकी रम्यस्थली है ?

उत्तर : पूर्वोत्तर प्रकृति की रम्यस्थली है।

(ङ) पूर्वोत्तर की प्रकृति की छवि कैसी है ? 

उत्तर : पूर्वोत्तर की प्रकृति की छवि इन्द्रधनुषी है।

प्रश्न- २ : सही कथन के आगे (✓) चिह्न और गलत कठन के सामने (x) चिह्न लगाओ।

(क) पूर्वोत्तर के निवासी मिल-जुल कर रहते हैं I

(ख) भारतवर्ष के पूर्वोत्तर का भू-भाग बिल्कुल समान समतल है।

(ग) पूर्वोत्तर का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है।

(घ) पूर्वोत्तर के निवासी एक ही भाषा का प्रयोग करते हैं।

(ङ) पूर्वोत्तर के निवासी भारत को अपना देश और हिन्दी को अपनी भाषा मानते हैं –

उत्तर :

(क) पूर्वोत्तर के निवासी मिल-जूल कर रहते हैं  – ✓

(ख) भारतवर्ष के पूर्वोत्तर का भू-भाग बिल्कुल समान समतल है। – x

(ग) पूर्वोत्तर का इतिहास अत्यन्त प्राचीन है। – ✓ 

(घ) पूर्वोत्तर के निवासी एक ही भाषा का प्रयोग करते है। – x

(ङ) पूर्वोत्तर के निवासी भारत को अपना देश हिन्दी को अपनी भाषा मानते हैं l ✓ 

प्रश्न- ३ : अत्यंत संक्षेप में (लगभग बीस शब्दों में) उत्तर दो :

(क) ‘पूर्वोत्तर’ का आशय क्या है ?

उत्तर : भारतीय गणराज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित आठ छोटे-छोटे प्रान्तो का नाम ही पूर्वोत्तर है। इस सन्दर्भ में सात बहनें भाई एक की कल्पना की गई है। 

(ख) असम प्रान्त को यह नाम कैसे प्राप्त हुआ ?

उत्तर : असम प्रान्त को यह नाम तेरहवीं सदी में मिला था। जब ‘टाइ’ जाति की ‘स्याम’ शाखा के वीरों की वीरता देख उन्हें ‘असम’ (जिनके समान कोई नहीं) कहा गया।

(ग) पुर्वोत्तर के ‘सरस’ और ‘सकाम’ क्यों कहा गया है ?

उत्तर : नदी-नालों झील सरोवरों से परिपूर्ण पूर्वोत्तर रसमय तो है ही, यहाँ के निवासियों के मन में कामनाएँ होती हैं और पूर्णता भी मिलती है। इसलिए ‘सरस’ और ‘सकाम’ कहा गया है।

(घ) पूर्वोत्तर को ‘अजायबघर’ क्यों कहा जाता है ?

उत्तर : प्राचीन सभ्यता वाले पूर्वोत्तर में अनेक विस्मयकारी चीजें मठ, मंदिर, देवालय आदि हैं जिन्हें देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इसलिए पूर्वोत्तर को ‘अजायबघर’ कहा जाता है।

(ङ) लोग पूर्वोत्तर को ‘मिनी भारत’ क्यों कहते हैं ?

उत्तर : पूर्वोत्तर आठ राज्यों के मिलने से बना है। आठ राज्यों के अलावा यहाँ नैग्रिटो द्रविड़, किरात-मंगोल, ऑस्ट्रिक, आर्य आदि बसते हैं। सात बहने भाई एक है। जिसके चलते ‘मिनी भारत’ कहते हैं।

प्रश्न-४ संक्षिप्त (लगभग चालीस शब्दों में) उत्तर दो :

(क) लोगो के दृष्टि से पूर्वोत्तर की स्थिति कैसी है ? 

उत्तर : पूर्वोत्तर भारतवर्ष के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र को कहते हैं। इसमें छोटे-छोटे आठ राज्य मिले हुए हैं। यह पूर्वोत्तर चीन, म्यानमार और वंगलादेश के सीमा से मिला हुआ है। ये सीमा वाले देशों से पूर्वोत्तर में उग्रवाद को बढ़ावा देकर अशन्ति फैलाने की कोशिश की जाती है। हमारी भारत सरकार उग्रवाद को खत्म करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है।

(ख) पूर्वोत्तर की भाषिक स्थिति का वर्णन करो।

उत्तर : पूर्वोत्तर कहने के लिए एक है, किन्तु यह आठ छोटे-छोटे राज्यों में बँटा है। हर राज्य की अपनी भाषा है। किसी भी एक राज्य की भाषा दूसरे राज्य की भाषा से उलग है। किसी प्रकार की भाषिक मेल की गुंजाइस ही नहीं है। 

(ग) पूर्वोत्तर के प्राकृतिक सौन्दर्य पर प्रकाश डालो।

उत्तर : विशाल, भारतवर्ष के अन्दर यह पूर्वोत्तर आठ छोटे-छोटे राज्यों को मेल-स्थल हैं। पूर्वोत्तर को प्रकृति की लीला-भूमि कहा जाता है। इसका सौन्दर्य अपार है। यह चारों ओर से पर्वत पहाड़ों से घिरा हुआ है, मानो प्रकृति ने इसकी सुरक्षा के लिए ही अजेय प्राचीर-सा निर्माण कर दिया है।

प्रश्न – ५ : सप्रसंग व्याख्या करो :

(क) हम पूर्वोत्तर के निवासी, हिन्द हमारा देश है,

रहने सभी मिलजुल कर, हिन्दी हमारी भाषा है। 

उत्तर : यह कविता हमारी पुस्तक ‘आओ बिन्दी सीखें’ भाग चार से ‘हिन्दी हमारी भाषा है’ कविता से ली गयी है। इस कविता के लेखक डॉ. अच्युत शर्मा जी हैं। कवि कह रहे हैं कि हम सब पूर्वोत्तर के रहने वाले हैं। ‘हिन्द’ माने हिन्दुस्तान हमारा देश है। यहाँ पर हम सब मिलजुल कर रहते हैं। हमारी भाषा भी हिन्दी है।

(ख) चार कोस पर पानी बदले, आठ कोस पर बानी यहाँ, मिलाती सबको हिन्दी है, किसी में वैर-भाव कहाँ।

उत्तर : प्रस्तुत कविता हमारी पाठ्य पुस्तक ‘आओ हिन्दी सिखें’ भाग-चार के ‘हिन्दी हमारी भाषा है’ कविता से ली गयी है। इस कविता के लेखक डॉ. अच्युत शर्मा जी हैं। कविता के माध्यम से कवि हमें पूर्वोत्तर की एक झलक दिखा रहे हैं। चार कोस पर जैसे पानी बदल जाता है ठीक उसी प्रकार हमारे पूर्वोत्तर आठ छोटे-छोटे      राज्यों में बँटा हुआ है, जिनकी अपनी अपनी भाषा है। उलग अलग मातृ-भाषा रहते हुए भी सभी वैर-भाव को भूलाकर हिन्दी सबको मिलाती हैं। तब जागर पूर्वोत्तर की कल्पना की जाती है। 

प्रश्न- ६ : आशय स्पष्ट करो : 

इन्द्रधनुषी छवि प्रकृति की गहनों कपड़ो में चमक जाती है भारत की पूर्वोत्तर भूमि, रूप-रंग भरी निराली।

उत्तर : जिस प्रकार इन्द्रधनुष में सात रंग होता है। उसी प्रकार हमारी पूर्वोत्तर राज्यों में दिखाई देता है। यहाँ की विभिन्न भाषा विभिन्न वेश-भूषा और विभिन्न खान-पान का एक मिलन स्थल पूर्वोत्तर ही है। अलग-अलग वोली, अलग अलग पहनावा अलग-अलग गहनें, ये सब पूर्वोत्तर भूमि की रूप-रंग की भरी निराली है। प्रकृति की छवि ‘इन्द्रधनुषी’ हो जाती है।

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