NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी

NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी Solutions, to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapters NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी and select need one. NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी Question Answers Download PDF. NIOS Study Material of Class 12 Hindi Notes Paper 301.

NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी

Join Telegram channel

Also, you can read the NIOS book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per National Institute of Open Schooling (NIOS) Book guidelines. These solutions are part of NIOS All Subject Solutions. Here we have given NIOS Class 12 Hindi Chapter 9 चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी, NIOS Senior Secondary Course Hindi Solutions for All Chapter, You can practice these here.

चीफ़ की दावत: भीष्म साहनी

Chapter: 9

HINDI

प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 बोध प्रश्न 9.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. चीफ़ के आने पर शामनाथ ने अपनी माँ को कहाँ छिपाया-

(क) कुर्सी के पीछे।

(ख) माँ की कोठरी में।

(ग) अलमारी के पीछे।

(घ) माँ की सहेली के घर।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Join Now

उत्तर: (ख) माँ की कोठरी में।

2. “शामनाथ और उसकी धर्मपत्नी को पसीना पोछने की फुर्सत न थी” – इसका अर्थ है-

(क) शामनाथ सिगरेट-पर-सिगरेट फूंक रहे थे।

(ख) वे बहुत चिंतित थे।

(ग) वे बहुत व्यस्त थे।

(घ) वे एक कमरे से दूसरे कमरे में आ-जा रहे थे।

उत्तर: (ग) वे बहुत व्यस्त थे।

3. माँ के द्वारा उसे हरिद्वार भेजने के अनुरोध पर शामनाथ क्रोधित हो जाता है, क्योंकि-

(क) वह माँ से अत्यत प्रेम करता है।

(ख) उसे लाक लाज का भय है।

(ग) उसे लगा कि वह माँ से फुलकारी न बनवा सकेगा।

(घ) माँ पर खर्च बढ़ जाएगा।

उत्तर: (ग) उसे लगा कि वह माँ से फुलकारी न बनवा सकेगा।

पाठगत प्रश्न 9.1

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. ‘चीफ़ की दावत’ की कथावस्तु का केंद्रीय बिंदु है-

(क) दावत का आयोजन।

(ख) चीफ़ द्वारा फुलकारी का अनुरोध।

(ग) माँ की करुण स्थिति।

(घ) शामनाथ की पदोन्नति की लालसा।

उत्तर: (ग) माँ की करुण स्थिति।

2. कहानी के अंत में माँ सुनकर प्रसन्न हो जाती है-

(क) बेटे की तरक्की की बात।

(ख) फुलकारी बनाने की बात से।

(ग) बेटे के गले लगाने से।

(घ) हरिद्वार जान की बात से।

उत्तर: (क) बेटे की तरक्की की बात।

पाठगत प्रश्न 9.2

सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. ‘चीफ़ की दावत’ कहानी में अभिव्यक्ति है-

(क) रूढ़िवादी मानसिकता की।

(ख) पराधीन मानसिकता की।

(ग) पारिवारिक मूल्यों की।

(घ) नगर की ओर पलायन की।

उत्तर: (ख) पराधीन मानसिकता की।

2. शामनाथ की मुख्य चिंता है-

(क) पड़ोस से संबंधित।

(ख) माँ से संबंधित।

(ग) पत्नी से संबंधित।

(घ) तरक़्क़ी से संबंधित।

उत्तर: (घ) तरक़्क़ी से संबंधित।

पाठगत प्रश्न 9.3

उपयुक्त विकल्प चुनकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

1. शामनाथ के व्यक्तित्व की विशेषता नहीं है-

(क) मध्यवर्गीय मानसिकता।

(ख) परंपरा के प्रति आदर भाव।

(ग) स्वार्थी होना।

(घ) प्रदर्शन करने वाला होना।

उत्तर: (ख) परंपरा के प्रति आदर भाव।

2. शामनाथ की माँ की मुख्य चिंता है-

(क) अपने गहनों का न मिलना।

(ख) शामनाथ की तरक्की।

(ग) फुलकारी बनाना न आना।

(घ) शामनाथ द्वारा अपमानित किया जाना।

उत्तर: (ख) शामनाथ की तरक्की।

9.6 पाठांत प्रश्न

1. घर पर दावत के दौरान शामनाथ अपनी माँ को चीफ से क्यों छुपाना चाहता था?

उत्तर: घर पर दावत के दौरान शामनाथ अपनी माँ को चीफ से इसलिए छुपाना चाहता था कि कही उसकी छवि खराब ना हो जाए। क्योंकि उसे माँ की वेशभूषा पसंद नहीं था, और ना ही माँ का बैठने का तरीका पसंद था। उसे यह चिंता थी कि अगर वह खर्राटे लेने लगेगी तो मेहमानों के सामने उसे शर्मिंदगी होगी। उसे मां के नंगे पांव घूमने से और खड़ाऊं पहनने से भी परेशानी थी। वह आधुनिक, सभ्य और शिष्ट होने का दिखावा करने के साथ-साथ अपनी संपन्नता का भी प्रदर्शन करता था। 

2. इस कहानी का कोई और अंत भी हो सकता है? संक्षेप में प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर: “चीफ की दावत” कहानी का एक अन्य अंत यह हो सकता है कि शामनाथ, जो अपनी माँ के संघर्ष और बलिदानों को नजरअंदाज करता आया था, चीफ के साथ दावत पर बैठकर अपनी आत्मग्लानि और कृतघ्नता का अहसास करता है। दावत के दौरान, उसे अपनी माँ की ममता और समर्पण का मूल्य समझ में आता है। वह चीफ से अपने संबंधों को बल देने की बजाय अपनी माँ से माफी मांगता है और उसे उसके संघर्ष और मेहनत के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता है। इस नए अंत में, शामनाथ अपनी माँ से मिलकर उसे सम्मान और स्नेह देता है, और उसकी शिक्षा को समझकर अपना जीवन सुधारने का संकल्प लेता है।

3. “माँ का क्या होगा?” यह संक्षिप्त संवाद पूरी कहानी के मर्म को उद्घाटित करता है। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: “माँ का क्या होगा?” यह संवाद पूरी कहानी के मर्म को उद्घाटित करता है क्योंकि यह माँ के जीवन की पीड़ा और उसकी उपेक्षा को दर्शाता है। माँ, जो धार्मिक और शुद्ध शाकाहारी है, समाज और परिवार में अपनी आदतों और विश्वासों के कारण उपेक्षित महसूस करती है। माँ शुद्ध शाकाहारी धार्मिक महिला है। माँ घरेलू कामों में हाथ नहीं बँटा पाती इसलिए उसे कोई नहीं पूछता। जब घर में माँस-मच्छी बनता है तब वह भोजन नहीं करती। उसकी इस आदत का सम्मान नहीं होता। दुर्भाग्यवश माला जपने वाली, खड़ाऊँ पहनने वाली माँ लज्जा का कारण बन जाती है।

4. शामनाथ चीफ को दावत पर क्यों आमंत्रित करता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: शामनाथ चीफ को दावत पर इसलिए आमंत्रित करता है क्योंकि वह अपनी सामाजिक स्थिति को ऊँचा दिखाना चाहता है और यह चाहता है कि चीफ के साथ उसका रिश्ता मजबूत हो। वह जानता है कि चीफ का साथ उसे आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से फायदेमंद हो सकता है। शामनाथ का उद्देश्य यह भी है कि वह चीफ के सामने अपनी सम्पन्नता और सामर्थ्य का प्रदर्शन कर सके, ताकि उसका सम्मान बढ़े और उसे समाज में एक उच्च स्थान प्राप्त हो। शामनाथ में आधुनिक बनने की अत्यधिक लालसा है। इसीलिए उसे श्री शामनाथ न कहकर मिस्टर शामनाथ कहा गया है। 

5. ‘अब घर का फालतू सामान आलमारियों के पीछे और पलंगों के नीचे छिपाया जाने लगा।’ यह कथन मध्यम वर्ग की किस प्रवृति की ओर इशारा करता है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘अब फालतू सामान अलमारीयों के पीछे और पलंगों के नीचे छुपाए जाने लगा। इसका संकेत यह है कि वे अपनी वास्तविक स्थिति को छिपाने की कोशिश करते हैं और समाज में एक अच्छा और व्यवस्थित छवि पेश करने का प्रयास करते हैं। इस प्रवृत्ति में, बाहरी दिखावट और स्थिति को अधिक महत्व दिया जाता है, जबकि वास्तविकता में परिवार की ज़रूरतें और उपयोगिता पर ध्यान नहीं दिया जाता। यह मध्यम वर्ग की दिखावे और सामाजिक दबाव से उत्पन्न होने वाली मानसिकता का परिणाम है।

6. माँ घर में सबसे बुजुर्ग होने के वाबजूद अपने बेटे के व्यवहार के प्रति निरंतर चिंतित क्यों रहती है?

उत्तर: माँ घर में सबसे बुजुर्ग होने के वाबजूद अपने बेटे के व्यवहार के प्रति निरंतर चिंतित इसलिए रहती है कि माँ ने शामनाथ को जन्म दिया, ममता से, स्नेह से उसे पाला, उसकी शिक्षा एवं रोजगार के लिए निरंतर प्रयत्न किए और अपना तन, मन, धन सब न्यौछावर कर दिया। अपने गहने तक बेच डाले ताकि शामनाथ का सामाजिक, आर्थिक स्तर बढ़ा सके। लेकिन उसे सब उपकारों के विपरीत पुत्र की कृतघ्नता (अहसान फरामोशी) ही मिलती है। बेटे के रूखे, अमानवीय व्यवहार से निरंतर दुखी रहने वाली माँ अपने पुत्र को चिरायु होने और तरक्की पाने की कामना करती है। पुत्र जब चीफ के लिए फुलकारी बनाने के लिए कहता है तो वह सब भूलकर फुलकारी बनाने के लिए तुरंत तैयार हो जाती है।

7. कहानी के बीच-बीच में शामनाथ पत्नी से अंग्रेज़ी में बात करता है। इससे शामनाथ की व्यक्तित्व के किस पक्ष का उद्घाटन होता है?

उत्तर: शामनाथ का अपनी पत्नी से बात करते समय कभी-कभी अंग्रेज़ी बोलना उसके दिखावटी और महत्वाकांक्षी व्यक्तित्व को दर्शाता है। वह अपनी पत्नी को अंग्रेज़ी के अपने ज्ञान का दिखावा करने की कोशिश करता है, अंग्रेज़ी का उसका उपयोग सामाजिक सीढ़ी पर चढ़ने और अभिजात वर्ग द्वारा स्वीकार किए जाने की उसकी इच्छा को भी उजागर करता है। इस विशेषता के माध्यम से, लेखक ने कुशलता से शामनाथ के दिखावटी स्वभाव को उजागर किया है।

8. ‘चीफ़ की दावत’ कहानी मध्यवर्गीय मानसिकता का जीवंत दस्तावेज है।’ सिद्ध कीजिए।

उत्तर: नवनिर्मित मध्यवर्ग उच्चवर्ग में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तत्पर था। स्वतंत्र होने के बाद बावजूद मानसिकता परतंत्र (आधीन) ही थी। नई पीढ़ी विदेशी जीवन-शैली को अपनाने लगी थी और अपने पारिवारिक मूल्यों को तिलांजलि देने लगी थी। विदेशी खान-पान, रहन-सहन, भाषा, शिष्टाचार ही मानो आधुनिकता के पर्याय बन चुके थे। कहानी में शामनाथ ने दावत का आयोजन किया था जिसमें अफसरों और उनकी पत्नियों को आमंत्रित किया गया था। 

9. ‘चीफ़ की दावत’ कहानी की मुख्य पात्र माँ हैं। उनके चरित्र की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: ‘चीफ़ की दावत’ कहानी की मुख्य पात्र माँ हैं। उनके चरित्र की किन्हीं दो विशेषताये है– 

(i) माँ अपने बेटे से प्रेम करती हैं, इसलिए बेटे द्वारा उपेक्षा पूर्ण व्यवहार करने के बावजूद चुपचाप सहती रहती हैं। 

(ii) माँ को हस्तशिल्प की कला का ज्ञान है और वे फुलकारी की कला में माहिर हैं।

10. ‘चीफ़ की दावत’ कहानी की भाषा और शैली की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: ‘चीफ़ की दावत’ कहानी की भाषा और शैली की किन्हीं दो विशेषताए है–

(i) यह भाषा पात्रों के शैक्षिक एवं सामाजिक स्तर के अनुकूल है।

(ii) इसमें मुख्य रूप से नगरीय बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है।

11. ‘चीफ़ की दावत’ कहानी का मुख्य उद्देश्य क्या है, स्पष्ट कीजिए।

उत्तर: ‘चीफ़ की दावत’ कहानी का मुख्य उद्देश्य यह है कि भीष्म साहनी भी इस कहानी के माध्यम से पाठकों को संदेश देना चाहते हैं कि मध्यवर्गीय लोग स्वार्थपरता, दिखावटीपन, अर्थलोलुपता को अपना रहे हैं। वे अपने माँ-बाप के बलिदानों के प्रति कृतघ्न हैं और जहाँ भी अवसर मिलता है। यह पीढ़ी पुरानी पीढ़ी का उपयोग करने में, शोषण करने में हिचकती नहीं है। पारिवारिक मूल्यों को दरकिनार करती हुई यह पीढ़ी आत्मप्रेम से ग्रस्त है। इसमें पुरानी पीढ़ी के प्रति कर्तव्यबोध लुप्त है। इसका लक्ष्य केवल निजी महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति है और उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार है। इस प्रकार ‘चीफ़ की दावत’ कहानी का मुख्य उद्देश्य पारिवारिक जीवन-मूल्यों के विघटन को स्पष्ट करना है। इस कहानी के एक महत्वपूर्ण संदेश की ओर भी आपका ध्यान जाना चाहिए। वह यह कि शामनाथ उसे छिपा रहा है जो दिखाया जाना चाहिए। माँ फुलकारी बनाना जानती है जो भारतीय कलाओं में एक है। इस तरह से वह भारतीयों की अस्मिता का रूप है। हीनता-बोध के कारण शामनाथ इसकी उपेक्षा करता है, जबकि इसे चीफ पहचान रहा है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top