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NIOS Class 12 Hindi Chapter 23 हिंदी के विविध प्रयुक्ति-क्षेत्र
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हिंदी के विविध प्रयुक्ति-क्षेत्र
Chapter: 23
HINDI
प्रथम पृष्ठ – पुस्तक – 1 पाठगत प्रश्न 23.1
1. किसी विशेष प्रयोजन के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा कहलाती है?
(क) लाक्षणिक भाषा।
(ख) अलंकारिक भाषा।
(ग) प्रयोजनमूलक भाषा।
(घ) सांकेतिक भाषा।
उत्तर: (ग) प्रयोजनमूलक भाषा।
2. निम्नलिखित में सत्य-असत्य का चयन कीजिए।
(क) शब्दावली और भाषागत संरचना प्रयुक्ति का मुख्य आधार है। (सत्य/असत्य)
उत्तर: सत्य।
(ख) प्रयुक्ति की संकल्पना के साथ सामाजिक भूमिका की संकल्पना जुड़ी होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर: सत्य।
(ग) भाषा का विकास सामाजिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नहीं होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर: असत्य।
(घ) लिखित सम्प्रेषण को अपेक्षा मौखिक सम्प्रेषण में औपचारिकता और सतर्कता दोनों ही अधिक होती है। (सत्य/असत्य)
उत्तर: असत्य।
पाठगत प्रश्न 23.2 |
1. ‘जल के महत्व’ विषय पर अपने क्षेत्र की भाषा बोली में पाँच वाक्य लिखिए।
उत्तर: (i) पानी बिना ज़िंदगी का चलना मुश्किल है।
(ii) जल ही जीवन है, बिना पानी के कोई भी जीव जीवित नहीं रह सकता।
(iii) आजकल पानी की कमी बहुत बढ़ गई है, हमें इसे बचाने की जरूरत है।
(iv) अगर जल का सही इस्तेमाल न किया जाए, तो आने वाली पीढ़ी के लिए मुश्किल हो जाएगी।
(v) नदियाँ और तालाब अगर सूख गए तो खेती भी नहीं हो पाएगी, इसलिए पानी का महत्व समझना चाहिए।
2. नीचे दिए वाक्यों में सही गलत का चयन कीजिए।
(क) बंबड्या हिंदी बोलचाल की हिंदी का एक रूप है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
(ख) दिल्ली की हिंदी पर कश्मीरी का प्रभाव है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
(ग) कोलकाता की हिंदी पर बंगला का प्रभाव है। (सही/गलत)
उत्तर: सही।
(घ) विभिन्न बोलियों से मिश्रित हिंदी वैज्ञानिक भाषाा कहलाती है। (सही/गलत)
उत्तर: गलत।
पाठगत प्रश्न 23.3 |
1. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए।
(क) सरकारी पत्र की भाषा होती है। | (i) विधि संबंधी भाषा। |
(ख) संविधान के अनुच्छेदों की भाषा है। | (ii) कार्यालयी भाषा। |
(ग) भौतिकी, रसायनशास्त्र आदि से संबंधित भाषा है। | (iii) वैज्ञानिक भाषा। |
उत्तर:
(क) सरकारी पत्र की भाषा होती है। | (ii) कार्यालयी भाषा। |
(ख) संविधान के अनुच्छेदों की भाषा है। | (i) विधि संबंधी भाषा। |
(ग) भौतिकी, रसायनशास्त्र आदि से संबंधित भाषा है। | (iii) वैज्ञानिक भाषा। |
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(क) ____________ को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया।
उत्तर: 14 सितंबर 1949 ई।
(ख) मुझे आपसे अनुरोध करने का ____________ हुआ है।
उत्तर: निर्देश।
(ग) प्राचीन काल से ही भारत व्यापार के क्षेत्र में ____________ रहा है।
उत्तर: अग्रणी।
(घ) ____________ प्रणाली द्वारा सभी वित्तीय कार्य व्यापार लेखा बहियों में रिकार्ड कन लिए जाते हैं।
उत्तर: लेखाकरण।
23.7 पाठांत प्रश्न |
1. प्रयोजनमूलक हिंदी से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: प्रयोजनमूलक हिंदी से हमारा तात्पर्य उस भाषा से है, जिसे किसी विशेष उद्देश्य या कार्य की सिद्धि के लिए प्रयोग में लाया जाता है। इसे अंग्रेजी में Functional Language या Language for Specific Purpose कहा जाता है, जिसका अर्थ है ऐसी भाषा जो किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिए प्रयोग की जाती है। यह हिंदी का वह रूप है जो संचार, प्रशासन, शिक्षा, व्यवसाय, तकनीकी क्षेत्रों, और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में प्रयोजन विशेष को पूरा करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। यह रोजमर्रा के जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयोग की जाती है।
प्रयोजनमूलक हिंदी का मुख्य उद्देश्य जीवन के विभिन्न कार्यक्षेत्रों में संवाद स्थापित करना और कार्य को सुचारू रूप से चलाना होता है। यह प्रशासन, विधि, बैंकिंग, पत्रकारिता, वाणिज्य और अन्य औपचारिक क्षेत्रों में प्रयुक्त होती है। इन क्षेत्रों में भाषा का प्रयोग कार्य की गति और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
2. प्रयुक्ति की संकल्पना पर विचार कीजिए।
उत्तर: प्रयुक्ति की संकल्पना भाषा के विविध प्रयोजनों और उनके प्रयोग से संबंधित है। इसका तात्पर्य है कि भाषा का प्रयोग किसी विशिष्ट परिस्थिति, संदर्भ, या सामाजिक स्थिति के अनुसार बदलता है। यह संकल्पना यह बताती है कि विभिन्न सामाजिक स्थितियों और विभिन्न भूमिकाओं में किसी व्यक्ति का भाषिक व्यवहार किस प्रकार परिवर्तित होता है। प्रयुक्ति का अर्थ है, वह रूप जो किसी विशेष संदर्भ या उद्देश्य के लिए उपयुक्त होता है और भाषा का जो रूप बार-बार किसी विशेष क्षेत्र में प्रयोग होता है, वह उस क्षेत्र की भाषिक विशिष्टता बन जाता है।
3. प्रयुक्ति के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: प्रयुक्ति के आधार भाषा के विभिन्न संदर्भों और स्थितियों में उसके उपयोग के तरीके को दर्शाते हैं। हिंदी के प्रयोजनमूलक स्वरूप में, भाषा का उपयोग विशेष उद्देश्य की सिद्धि के लिए किया जाता है, और यह प्रयोग विभिन्न आधारों पर निर्भर करता है। मुख्य रूप से प्रयुक्ति के तीन आधार होते हैं—विषयगत, भूमिकागत, और संदर्भगत। इन आधारों को समझना हिंदी के प्रयोजनमूलक उपयोग को सही तरीके से जानने में मदद करता है।
(i) विषयगत आधार: यह आधार उस विषय या क्षेत्र से संबंधित होता है जिसके लिए भाषा का उपयोग किया जाता है। जैसे, डॉक्टर, वकील, वैज्ञानिक, व्यापारी आदि अपने-अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट भाषा का उपयोग करते हैं।
(ii) भूमिकागत आधार: यह आधार उस भूमिका पर निर्भर करता है जो व्यक्ति भाषा के प्रयोग में निभाता है। उदाहरण के लिए, एक वकील की भूमिका में उसे कानूनी भाषा का प्रयोग करना होता है, जबकि एक पत्रकार को समाचार लिखने या संवाद स्थापित करते समय विशेष प्रकार की पत्रकारिता भाषा का इस्तेमाल करना होता है।
(iii) संदर्भगत आधार: संदर्भ के आधार पर भाषा का प्रयोग उस स्थिति या परिस्थिति से संबंधित होता है जिसमें संवाद हो रहा होता है। उदाहरण के रूप में, एक औपचारिक बैठक में प्रयुक्त भाषा और एक अनौपचारिक बातचीत में प्रयुक्त भाषा में अंतर होता है।
4. बोलचाल या सामान्य व्यवहार की हिंदी का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: बोलचाल या सामान्य व्यवहार की हिंदी वह भाषा है, जो हम अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में आमतौर पर बातचीत करते समय प्रयोग करते हैं। यह भाषा आम जनता के बीच सहजता से संवाद करने के लिए होती है और इसका प्रयोग बिना किसी औपचारिकता के किया जाता है। इसमें किसी विशेष प्रकार के शब्दों या व्याकरणिक नियमों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि यह अधिकतर संवाद की सरलता, स्पष्टता और अनौपचारिकता पर आधारित होती है।
बोलचाल की हिंदी का उपयोग परिवार, मित्रों, सहकर्मियों, और अन्य जान-पहचान वालों से बातचीत में होता है। इसमें किसी भी क्षेत्रीय या सांस्कृतिक प्रभाव से उत्पन्न शब्दों और मुहावरों का भी समावेश हो सकता है, जो भाषा को और भी जीवंत और समझने में आसान बनाते हैं। सामान्य व्यवहार की हिंदी में कोई कठोर व्याकरणिक संरचना नहीं होती, यह दैनिक जीवन की गतिविधियों, भावनाओं और विचारों के आदान-प्रदान के लिए इस्तेमाल की जाती है।
5. उदाहरण देते हुए साहित्यिक हिंदी के विषय में लिखिए।
उत्तर: साहित्यिक हिंदी में अभिधा, लक्षणा और व्यंजना शब्द शक्तियों का प्रयोग साहित्यिक अभिव्यक्ति को सशक्त और प्रभावपूर्ण बनाता है। साहित्यिक हिंदी न केवल सुंदर और ललित होती है, बल्कि यह भावनाओं, संवेदनाओं और मानवीय अनुभवों को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह मनुष्य के आंतरिक जगत को छूकर उसे समृद्ध और जागरूक बनाती है। साहित्य में प्रयुक्त भाषा अपनी विशिष्टता, संगीतात्मकता और रसात्मकता के कारण पाठक या श्रोता के मन को प्रभावित करती है। साहित्य सौंदर्य की अनुभूति उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उदाहरण:
हो गई है पीर पर्वत-सी, पिघलनी चाहिए।
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी।
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
6. अखबार में प्रकाशित किसी समाचार का उदाहरण देते हुए व्यापार एवं वाणिज्य की हिंदी का परिचय दीजिए।
उत्तर: व्यापार और वाणिज्य दोनों एक दूसरे से संबंधित हैं लेकिन अलग-अलग चीजें हैं। व्यापार तब होता है जब कोई व्यक्ति या कंपनी एक वस्तु को दूसरे के बदले बेचती है। वाणिज्य एक व्यापक शब्द है जिसमें लोगों के लेन-देन करने और एक-दूसरे से संवाद करने का तरीका शामिल है।
व्यापार और वाणिज्य की हिंदी को समझने के लिए, हम एक अखबार में प्रकाशित एक समाचार का उदाहरण ले सकते हैं। मान लीजिए, एक समाचार है: “भारत में डिजिटल भुगतान में वृद्धि, 2025 में 30% की बढ़ोतरी।”
इस समाचार में व्यापार और वाणिज्य से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावलियाँ और उनके स्पष्ट अर्थ हैं:
(i) व्यापार: यह वस्त्र, सेवाएं या माल का आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया है। उदाहरण के लिए, “डिजिटल भुगतान” शब्द से यह संकेत मिलता है कि लोग अपने व्यापारिक लेन-देन को इलेक्ट्रॉनिक रूप से कर रहे हैं।
(ii) वाणिज्य: यह व्यापार से संबंधित सभी गतिविधियों, जैसे विपणन, वितरण, निर्यात और आयात, की समग्र प्रक्रिया है। “डिजिटल भुगतान” के माध्यम से व्यापार में वृद्धि का मतलब है कि वाणिज्यिक गतिविधियाँ अधिक हो रही हैं, और इसका प्रभाव बाजार में माल और सेवाओं की उपलब्धता पर पड़ रहा है।
7. बैंकिंग के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न श्रेणियों की शब्दावली लिखिए।
उत्तर: बैंकिंग के क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न श्रेणियों की शब्दावली है–
(i) अंग्रेजी और अरबी-फारसी के शब्द बकाया, सौदा, अदायगी, बैंकर, ट्रेड यूनियन, कूपन, बजट, पार्सल, खपत अमानत नुकसान, बेदखली, दलाल आदि।
(ii) संस्कृतनिष्ठ तत्सम शब्द और बोलचाल के प्रचलित शब्द क्षतिपूर्ति-मुआवजा, व्यवसाय-कारोबार, प्रतिष्ठा हैसियत सांविधिक-कानूनी, आवेदन-अर्जी, शेष-बाकी, मूल्य-कीमत, आदि।
(iii) परम्परागत देशी बैंकिंग प्रणाली सम्बन्धी शब्द-फुटकर, बट्टा, घाटा, पट्टा, साहूकार, हुँडी, गिरवी, बेबाकी पत्र आदि।
(iv) संकर शब्द-रद्द नोट, नकदी प्रमाण पत्र, वसूली प्रभार, शेयरधारक, संशोधित बजट आदि।
(v) निर्मित शब्दावली या अभिव्यक्तियाँ शीर्ष (एपेक्स), निविदा (टेंडर), देयता (लाइबिलिटी) आदि।
(vi) संस्कृतनिष्ठ शब्द निधि, धारक, उद्यम, अतिदेय, स्वामित्व, अनुबंध, अवमूल्यन, आवंटन आदि।