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NIOS Class 12 Geography Chapter 1 भूगोल की प्रकृति और विषय वस्तु
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भूगोल की प्रकृति और विषय वस्तु
Chapter: 1
TEXTUAL QUESTION ANSWER |
पाठगत प्रश्न 1.1
1. भूगोल क्या है?
उत्तर: भूगोल मुख्य रूप से मानवीय और भौतिक परिघटनाओं के बीच अन्योन्यक्रियाओं द्वारा निर्मित परिदृश्यों की अन्योन्यक्रियाओं का अध्ययन है।
2. पृथ्वी का धरातल क्यों बदल रहा है?
उत्तर: पृथ्वी की सतह उसके और वातावरण के बीच निरंतर अंतः क्रिया के कारण बदल रही है जिसमें हम रहते हैं और जिस प्रकार से हम इसका उपयोग करते हैं।
3. ‘भूगोल’ शब्द सर्वप्रथम किसने दिया?
उत्तर: ‘भूगोल’ शब्द सर्वप्रथम इरेटोस्थनीस ने दिया।
4. यूनानियों द्वारा भूगोल के अध्ययन के लिए प्रयोग की जाने वाली दो परम्पराएं कौन-सी थी?
उत्तर: यूनानियों द्वारा भूगोल के अध्ययन के लिए प्रयोग की जाने वाली दो परम्पराएं निम्नलिखित हैं:
(i) गणितीय परम्पराएँ।
(ii) यात्रा और क्षेत्रीय कार्य के माध्यम से भौगोलिक जानकारी।
पाठगत प्रश्न 1.2
1. क्रमबद्ध भूगोल की मुख्य शाखाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: क्रमबद्ध भूगोल की मुख्य शाखाएँ निम्नलिखित हैं:
(i) भौतिक भूगोल: भौतिक भूगोल पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं और प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है,
जैसे कि:
- पर्वत, पहाड़, मैदान, और समुद्रतल जैसी स्थलाकृतियाँ।
- जलवायु और मौसम पैटर्न।
- नदियों, झीलों, और महासागरों जैसे जल संसाधन।
- भूकंप, ज्वालामुखी, और अन्य प्राकृतिक आपदाएँ।
(ii) मानव भूगोल: मानव भूगोल मानव समाजों और उनकी गतिविधियों का अध्ययन करता है, जैसे कि:
- जनसंख्या वितरण और घनत्व।
- नगर और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास।
- आर्थिक गतिविधियाँ जैसे कि कृषि, उद्योग, और सेवा क्षेत्र।
- सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता।
(iii) जैव भूगोल: जैव भूगोल पौधों और जानवरों के वितरण और विविधता का अध्ययन करता है, जैसे कि:
- पौधों और जानवरों की प्रजातियों का वितरण।
- पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता।
- जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधियों का प्रभाव पौधों और जानवरों पर।
2. क्षेत्रीय भूगोल की मुख्य शाखाओं के नाम लिखिए।
उत्तर: क्षेत्रीय भूगोल की चार मुख्य शाखाएँ हैं जो क्षेत्रों के अध्ययन, विश्लेषण, विकास, और योजना पर केंद्रित हैं:
(i) क्षेत्रीय अध्ययन: क्षेत्रीय अध्ययन में किसी विशिष्ट क्षेत्र का गहन अध्ययन किया जाता है, जैसे कि एक देश, राज्य, या शहर। इसमें उस क्षेत्र की भौतिक विशेषताएँ, जैसे कि जलवायु, भूगर्भ, और प्राकृतिक संसाधन, और मानव विशेषताएँ, जैसे कि जनसंख्या, संस्कृति, और अर्थव्यवस्था, का अध्ययन किया जाता है।
(ii) क्षेत्रीय विश्लेषण: क्षेत्रीय विश्लेषण में विभिन्न क्षेत्रों की तुलना की जाती है और उनके बीच के अंतरों का विश्लेषण किया जाता है। इसमें आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन किया जाता है और क्षेत्रों के बीच के संबंधों का विश्लेषण किया जाता है।
(iii) क्षेत्रीय विकास: क्षेत्रीय विकास में क्षेत्रों के विकास और प्रगति के लिए रणनीतियाँ और योजनाएँ बनाई जाती हैं। इसमें आर्थिक विकास, बुनियादी ढांचे का विकास, और सामाजिक और सांस्कृतिक विकास शामिल हैं।
(iv) क्षेत्रीय योजना: क्षेत्रीय योजना में क्षेत्रों के विकास के लिए योजनाएँ और नीतियाँ बनाई जाती हैं। इसमें भूमि उपयोग, शहरी नियोजन, और पर्यावरण संरक्षण जैसे पहलुओं का ध्यान रखा जाता है। क्षेत्रीय योजना का उद्देश्य क्षेत्रों के सतत विकास और प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।
पाठगत प्रश्न 1.3
1. भूगोल की दो शाखाएँ कौन-सी है?
उत्तर: भूगोल की दो शाखाएँ निम्नलिखित:
(i) भौतिक भूगोल: भौतिक भूगोल प्राकृतिक वातावरण का अध्ययन करता है, जैसे कि वायुमंडल, जलमंडल, जीवमंडल और
(ii) मानव भूगोल: इसमें मानव समाज, उसकी गतिविधियाँ, जनसंख्या, संस्कृति, आर्थिक और राजनीतिक क्रियाएँ तथा मनुष्य और पर्यावरण के संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
2. भौगोलिक अध्ययन के उपकरणों और तकनीकों के नाम लिखिए?
उत्तर: भौगोलिक अध्ययन के उपकरणों और तकनीकों के नाम निम्नलिखित है:
(i) कार्टोग्राफी।
(ii) मात्रात्मक विधियां।
(iii) रिमोट सेसिंग जीआईएस जीपीएस।
(iv) क्षेत्र सर्वेक्षण विधियां।
3. नृविज्ञान से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: नृविज्ञान मानव, उसके जैविक और सांस्कृतिक विकास का अध्ययन है, जिसमें मानव समाज के अतीत और वर्तमान के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।
4. सामाजिक और सांस्कृतिक भूगोल में क्या अंतर है?
उत्तर: सामाजिक भूगोल और सांस्कृतिक भूगोल में अंतर निम्नलिखित है:
अंतर | सामाजिक भूगोल | सांस्कृतिक भूगोल |
अध्ययन का केंद्र: | सामाजिक भूगोल मानव समाज और उनकी स्थानिक, सामाजिक संरचनाओं, और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं पर ध्यान केंद्रित करता है। | सांस्कृतिक भूगोल, दूसरी ओर, संस्कृति, रीति-रिवाजों, विश्वासों, और कलाकृतियों के स्थानिक वितरण और उनके मानव समाज पर प्रभाव का अध्ययन करता है। |
मानव समाजों की संरचना | सामाजिक भूगोल मानव समाजों की संरचना और उनके बीच के संबंधों का अध्ययन करता है। | सांस्कृतिक भूगोल मानव संस्कृतियों की विविधता और उनके भौगोलिक प्रसार का अध्ययन करता है। |
संस्कृति और शक्ति का संबंध | सामाजिक भूगोल में मानव समाजों के बीच अंतर का अध्ययन किया जाता है और यह देखा जाता है कि कैसे ये अंतर स्थान को आकार देते हैं। | इसमें संस्कृति और स्थान के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है और यह देखा जाता है कि कैसे संस्कृति स्थान को आकार देती है और स्थान संस्कृति को प्रभावित करता है। |
संस्कृति और स्थान का संबंध | इसमें जनसंख्या वितरण, सामाजिक वर्ग, और सामाजिक संस्थाओं का अध्ययन किया जाता है। | इसमें संस्कृति और स्थान के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है और यह देखा जाता है कि कैसे संस्कृति स्थान को आकार देती है और स्थान संस्कृति को प्रभावित करता है। |
5. भूगोल को एक एकीकृत विषय क्यों माना जाता है?
उत्तर: भूगोल को एक एकीकृत विषय माना जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक और सामाजिक विज्ञानों के बीच एक सेतु का काम करता है, विभिन्न विषयों से ज्ञान को एक साथ लाता है और स्थानिक दृष्टिकोण से दुनिया को समझने में मदद करता है. यह न केवल भौतिक विशेषताओं का अध्ययन करता है, बल्कि मानव गतिविधियों, आर्थिक प्रणालियों, और सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों को भी शामिल करता है, जिससे यह एक व्यापक और समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
पाठांत प्रश्न |
1. भूगोल’ शब्द को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: भूगोल पृथ्वी की सतह का अध्ययन करने वाला विज्ञान है, जिसमें हम पृथ्वी के भौतिक और मानव पहलुओं का अध्ययन करते हैं। इसमें पृथ्वी की सतह पर स्थित विभिन्न स्थानों, क्षेत्रों, और देशों के बीच के संबंधों और अंतरों का विश्लेषण किया जाता है।
भूगोल के अंतर्गत हम इन बातों का अध्ययन करते हैं:
- पृथ्वी की प्राकृतिक विशेषताएँ, जैसे पहाड़, नदियाँ, समुद्र आदि।
- मानव गतिविधियाँ, जैसे जनसंख्या, आर्थिक कार्यकलाप, संस्कृति आदि।
- विभिन्न स्थानों, क्षेत्रों और देशों के बीच संबंध और भिन्नताएँ।
2. भूगोल को सभी विज्ञानों की जननी क्यों कहा जाता है?
उत्तर: भूगोल को “सभी विज्ञानों की जननी” कहा जाता है क्योंकि यह पृथ्वी, उसके स्वरूप, और उस पर रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जो अन्य सभी विज्ञानों के लिए एक आधार प्रदान करता है। भूगोल का अध्ययन, प्राकृतिक और मानव दोनों पहलुओं को शामिल करता है, और यह अन्य विषयों जैसे कि भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, इतिहास, अर्थशास्त्र, और सामाजिक विज्ञान से संबंधित है।
भूगोल को “सभी विज्ञानों की जननी” कहने के कुछ मुख्य कारण हैं:
(i) पृथ्वी का अध्ययन: भूगोल पृथ्वी की सतह, जलवायु, भूभाग, और प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन करता है, जो अन्य सभी विज्ञानों के लिए एक आधार प्रदान करता है।
(ii) मानव और पर्यावरण के बीच संबंध: भूगोल मानव समाज और पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन करता है, जो मानविकी, सामाजिक विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है।
(iii) अंतरविषयक दृष्टिकोण: भूगोल में विभिन्न विषयों के ज्ञान को एकीकृत किया जाता है, जैसे कि भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, इतिहास, और अर्थशास्त्र, जो इसे एक व्यापक और अंतःविषयक क्षेत्र बनाता है।
(iv) स्थानिक विश्लेषण: भूगोल पृथ्वी की सतह पर घटनाओं के स्थानिक वितरण और पैटर्न का अध्ययन करता है, जो अन्य विज्ञानों के लिए स्थानिक संदर्भ प्रदान करता है।
(v) विकास और परिवर्तन का अध्ययन: भूगोल पृथ्वी और मानव समाज के विकास और परिवर्तन का अध्ययन करता है, जो इतिहास और सामाजिक विज्ञान के लिए प्रासंगिक है।
3. भूगोल के दो आधारभूत उपागम कौन-से हैं ?
उत्तर: भूगोल के दो आधारभूत उपागम हैं:
(i) व्यवस्थित उपागम:
इस उपागम में भूगोल के विभिन्न पहलुओं का अलग-अलग अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए:
- भौतिक भूगोल (जैसे—पृथ्वी की सतह, जलवायु, भूगर्भ आदि)।
- मानव भूगोल (जैसे जनसंख्या, आर्थिक गतिविधियाँ, सांस्कृतिक विविधता आदि) इस पद्धति में विषयवार गहराई से अध्ययन और उनके आपसी संबंधों का विश्लेषण किया जाता है।
(ii) क्षेत्रीय उपागम: इस उपागम के अंतर्गत किसी विशेष क्षेत्र या स्थान (जैसे देश, राज्य, शहर या कोई अन्य भौगोलिक इकाई) का समग्र रूप से अध्ययन किया जाता है। यहाँ उस क्षेत्र की भौतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विशेषताओं के साथ-साथ, विभिन्न क्षेत्रों के बीच संबंधों और अंतरों का भी अध्ययन किया जाता है।
4. भूगोल के विकास के चार चरण कौन-से हैं?
उत्तर: भूगोल के विकास के चार प्रमुख चरण हैं:
(i) पर्यावरणीय नियतिवाद: इस चरण में, भूगोलवेत्ताओं ने माना कि मानव गतिविधियों और जीवन शैली को पर्यावरण द्वारा निर्धारित किया जाता है। उनका मानना था कि प्राकृतिक वातावरण मानव जीवन के सभी पहलुओं को आकार देता है.
(ii) क्षेत्रीय भूगोल: इस चरण में, भूगोलवेत्ताओं ने दुनिया को विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित करना शुरू किया और प्रत्येक क्षेत्र की विशिष्ट विशेषताओं का अध्ययन किया। इसमें भौतिक, मानव और सांस्कृतिक पहलुओं का विश्लेषण शामिल था.
(iii) मात्रात्मक क्रांति: 1950 के दशक में, भूगोल में मात्रात्मक विधियों का उपयोग बढ़ने लगा। इस चरण में, भूगोलवेत्ताओं ने सांख्यिकीय और गणितीय मॉडल का उपयोग करके भौगोलिक घटनाओं का विश्लेषण करना शुरू किया.
(iv) महत्वपूर्ण भूगोल: 1970 के दशक में, महत्वपूर्ण भूगोल का उदय हुआ। इस चरण में, भूगोलवेत्ताओं ने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक शक्तियों के प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया, जो भौगोलिक स्थानिक पैटर्न को आकार देते हैं। इसमें शक्ति, असमानता और न्याय जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया.
5. भौतिक भूगोल और मानव भूगोल शब्दों को परिभाषित करें।
उत्तर: भौतिक भूगोल: भौतिक भूगोल भू-पृष्ठ, वायु, जल, जलवायु, पर्वत, नदी, झील, ग्लेशियर, ज्वालामुखी, भूकंप आदि जैसी पृथ्वी की प्राकृतिक (प्राकृतिक भौतिक) विशेषताओं और उनकी प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है।
मानव भूगोल: मानव भूगोल मनुष्य तथा उसके सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्रियाकलापों का अध्ययन करता है, साथ ही यह देखता है कि मनुष्य अपने पर्यावरण के साथ किस प्रकार अंतःक्रिया करता है।
6. मानव भूगोल, भूगोल का एक महत्वपूर्ण अंग क्यों है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ समझाइए।
उत्तर: मानव भूगोल भूगोल का एक महत्वपूर्ण अंग है क्योंकि यह मानव समाजों और उनकी गतिविधियों का अध्ययन करता है, जो पृथ्वी के विकास और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मानव भूगोल के महत्व को निम्नलिखित है:
(i) नगर और ग्रामीण क्षेत्रों का विकास: मानव भूगोल नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के पैटर्न और प्रवृत्तियों का अध्ययन करता है, जिससे शहरी नियोजन और विकास के लिए रणनीतियाँ बनाई जा सकती हैं।
(ii) आर्थिक गतिविधियों का विश्लेषण: मानव भूगोल आर्थिक गतिविधियों जैसे कि कृषि, उद्योग, और सेवा क्षेत्र का अध्ययन करता है, जिससे आर्थिक विकास और निवेश के अवसरों की पहचान की जा सकती है।
(iii) सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता: मानव भूगोल सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता का अध्ययन करता है, जिससे विभिन्न समुदायों के बीच के संबंधों और अंतरों को समझा जा सकता है।
(iv) प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन: मानव भूगोल प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और संरक्षण के लिए रणनीतियाँ बनाता है, जिससे पृथ्वी के संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित किया जा सकता है।
7. भौगोलिक अध्ययन की तकनीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भौगोलिक अध्ययन की तकनीकें निम्नलिखित हैं:
(i) मानचित्रण: मानचित्रण भौगोलिक आंकड़ों को दृश्य रूप में प्रस्तुत करने की तकनीक है। इसमें मानचित्रों का निर्माण किया जाता है जो पृथ्वी की सतह के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं।
(ii) दूर संवेदन: दूर संवेदन एक तकनीक है जिसमें पृथ्वी की सतह के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उपग्रहों या विमानों से सेंसरों का उपयोग किया जाता है। इससे पृथ्वी की सतह के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जा सकता है।
(iii) भौगोलिक सूचना प्रणाली: भौगोलिक सूचना प्रणाली एक कंप्यूटर-आधारित प्रणाली है जो भौगोलिक आंकड़ों को संग्रहीत, विश्लेषित और प्रदर्शित करने में मदद करती है। इससे पृथ्वी की सतह के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन और विश्लेषण किया जा सकता है।
(iv) स्थानिक विश्लेषण: स्थानिक विश्लेषण एक तकनीक है जिसमें पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों के बीच के संबंधों और अंतरों का अध्ययन किया जाता है। इससे पृथ्वी की सतह के विभिन्न पहलुओं के बीच के संबंधों को समझा जा सकता है।
(v) क्षेत्र अनुसंधान: क्षेत्र अनुसंधान एक तकनीक है जिसमें पृथ्वी की सतह पर विभिन्न स्थानों पर जाकर आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। इससे पृथ्वी की सतह के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत अध्ययन किया जा सकता है।

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