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NCERT Class 9 Social Science Loktantrik Rajniti Chapter 5 लोकतांत्रिक अधिकार
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लोकतांत्रिक अधिकार
Chapter: 5
लोकतांत्रिक राजनीति-१ |
प्रश्नावली: |
1. इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है?
(क) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना।
(ख) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना।
(ग) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना।
(घ) बच्चों द्वारा मां-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
उत्तर: (घ) बच्चों द्वारा मां-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
2. इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है?
(क) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता।
(ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता।
(ग) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता।
(घ) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता।
उत्तर: (ख) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता।
3. भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है?
(क) काम का अधिकार।
(ख) पर्याप्त जीविका का अधिकार।
(ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार।
(घ) निजता का अधिकार।
उत्तर: (ग) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार।
4. उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नलिखित स्वतंत्रताएँ आती हैं?
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता।
उत्तर: धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार।
(ख) जीवन का अधिकार।
उत्तर: स्वतंत्रता का अधिकार।
(ग) छुआछूत की समाप्ति।
उत्तर: समानता का अधिकार।
(घ) बेगार पर प्रतिबंध।
उत्तर: शोषण के खिलाफ अधिकार।
5. लोकतंत्र और अधिकारों के बीच संबंधों के बारे में इनमें से कौन-सा बयान ज़्यादा उचित है? अपनी पसंद के पक्ष में कारण बताएँ?
(क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
(ख) अपने नागरिकों को अधिकार देने वाला हर देश लोकतांत्रिक है।
(ग) अधिकार देना अच्छा है, पर यह लोकतंत्र के लिए ज़रूरी नहीं है।
उत्तर: (क) हर लोकतांत्रिक देश अपने नागरिकों को अधिकार देता है।
कारण: इसका कारण यह है कि लोकतंत्र का मतलब है कि सत्ता जनता के हाथों में हो और नागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने, चुनाव करने, और अपने जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में भाग लेने का अधिकार प्राप्त हो। लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जाती है, जैसे कि स्वतंत्रता, समानता, और न्याय।
6. स्वतंत्रता के अधिकार पर ये पाबंदियाँ क्या उचित हैं? अपने जवाब के पक्ष में कारण बताएँ।
(क) भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कारणों से कुछ सीमावर्ती इलाकों में जाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती है।
उत्तर: यह पाबंदी उचित है, क्योंकि यह नागरिकों की जीवन और संपत्ति की रक्षा के लिए लागू की जाती है। जब कोई इलाका सुरक्षा दृष्टि से संवेदनशील होता है, तो वहां कुछ पाबंदियाँ लगाना आवश्यक हो सकता है, ताकि नागरिकों को खतरे से बचाया जा सके।
(ख) स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा के लिए कुछ इलाकों में बाहरी लोगों को संपत्ति खरीदने की अनुमति नहीं है।
उत्तर: यह पाबंदी उचित नहीं है, क्योंकि यह नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करती है, विशेष रूप से आवास और व्यवसाय के अधिकार (अनुच्छेद 19) के तहत। हालांकि स्थानीय संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से पाबंदियाँ लगाने की वजह हो सकती है, लेकिन अगर यह किसी के अधिकारों का अत्यधिक उल्लंघन करती है, तो यह संविधान के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
(ग) शासक दल को अगले चुनाव में नुकसान पहुँचा सकने वाली किताब पर सरकार प्रतिबंध लगाती है।
उत्तर: यह पाबंदी उचित नहीं है, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(a)) का उल्लंघन करती है। नागरिकों को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है, और किसी किताब पर प्रतिबंध लगाना या उसे सेंसर करना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है।
7. मनोज एक सरकारी दफ़्तर में मैनेजर के पद के लिए आवेदन देने गया। वहाँ के किरानी ने उसका आवेदन लेने से मना कर दिया और कहा, ‘झाड़ू लगाने वाले का बेटा होकर तुम मैनेजर बनना चाहते हो। तुम्हारी जाति का कोई कभी इस पद पर आया है? नगरपालिका के दफ़्तर जाओ और सफ़ाई कर्मचारी के लिए अर्जी दो।’ इस मामले में मनोज के किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है? मनोज की तरफ़ से जिला अधिकारी के नाम लिखे एक पत्र में इसका उल्लेख करो।
उत्तर: मनोज के समानता के अधिकार का उल्लंघन क्लर्क द्वारा किया गया है।
समानता का अर्थ है कि सभी नागरिकों को उनकी क्षमताओं के आधार पर उपलब्धि प्राप्त करने का समान अवसर मिलना चाहिए। संविधान के अनुसार, अस्पृश्यता की प्रथा निषिद्ध है। संविधान ने सरकार को अस्पृश्यता की प्रथा को समाप्त करने के लिए निर्देश दिया है। संविधान के तहत, अस्पृश्यता का व्यवहार दंडनीय अपराध है। देश के कानून के तहत प्रत्येक नागरिक को समान सुरक्षा प्रदान की जाएगी। लोकतंत्र की नींव कानून का शासन है। व्यक्ति की स्थिति चाहे जो भी हो, कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है। आम नागरिकों, सरकारी अधिकारियों, और राजनीतिक नेताओं के लिए कानून एक समान हैं।
8. जब मधुरिमा संपत्ति के पंजीकरण वाले दफ़्तर में गई तो रजिस्ट्रार ने कहा, “आप अपना नाम मधुरिमा बनर्जी, बेटी ए.के. बनर्जी नहीं लिख सकतीं। आप शादीशुदा हैं और आपको अपने पति का ही नाम देना होगा। फ़िर आपके पति का उपनाम तो राव है। इसलिए आपका नाम भी बदलकर मधुरिमा राव हो जाना चाहिए।” मधुरिमा इस बात से सहमत नहीं हुई। उसने कहा, “अगर शादी के बाद मेरे पति का नाम नहीं बदला तो मेरा नाम क्यों बदलना चाहिए? अगर वह अपने नाम के साथ पिता का नाम लिखते रह सकते हैं तो मैं क्यों नहीं लिख सकती?” आपकी राय में इस विवाद में किसका पक्ष सही है? और क्यों?
उत्तर: इस विवाद में मधुरिमा का पक्ष सही है।
भारतीय संविधान में महिलाओं को समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14) और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 21) प्राप्त है। शादी के बाद किसी महिला को अपने नाम बदलने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। नाम का परिवर्तन एक व्यक्तिगत अधिकार है, और किसी महिला को अपने पिता का नाम, पति का नाम या किसी अन्य नाम का चयन करने का अधिकार है।
मधुरिमा का यह कहना कि यदि उसके पति ने अपना नाम नहीं बदला तो वह क्यों बदले, यह तर्क भी सही है। नाम बदलने का निर्णय व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है, और समाज या सरकारी अधिकारियों को किसी महिला को अपने नाम बदलने के लिए मजबूर करने का अधिकार नहीं है।
9. मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के पिपरिया में हज़ारों आदिवासी और जंगल में रहने वाले लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से अपने प्रस्तावित विस्थापन का विरोध करने के लिए जमा हुए। उनका कहना था कि यह विस्थापन उनकी जीविका और उनके विश्वासों पर हमला है। सरकार का दावा है कि इलाके के विकास और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उनका विस्थापन ज़रूरी है। जंगल पर आधारित जीवन जीने वाले की तरफ़ से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र, इस मसले पर सरकार द्वारा दिया जा सकने वाला संभावित जवाब और इस मामले पर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट तैयार करो।
उत्तर: सेवा में,
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
श्रीमान,
सविनय निवेदन है कि, हम बनवासी लोग सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य के क्षेत्रों में सदियों से निवास करते आ रहे हैं। हमारे पूर्वज भी इन जंगलों में रहते थे और ‘वन देवता’ तथा ‘पर्वत’ की पूजा करते थे। हमारी जीविका का प्रमुख स्रोत इन वनों से जुड़ा हुआ है, और इन वनों से हमारी परंपराएँ एवं सांस्कृतिक मान्यताएँ भी जुड़ी हुई हैं।
हमारे लिए यह वनों की सुरक्षा और हमारे पारंपरिक अधिकारों का संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण है। किंतु वर्तमान में इन क्षेत्रों में वन्यजीव संरक्षण एवं विकास के नाम पर विस्थापन की आवश्यकता जताई जा रही है। यह विस्थापन हमारे लिए जीवनयापन के साधनों के संकट का कारण बन सकता है।
अतः हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले की गंभीरता से जांच करें और हमारी समस्याओं का उचित समाधान निकालने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। हम सभी बनवासी इस कार्य के लिए आपके आभारी रहेंगे।
आपकी कृपा से हम अपने अधिकारों और जीविका के संरक्षण की उम्मीद करते हैं।
इस मामले पर सरकार और एनएचआरसी की रिपोर्ट का जवाब:
वन्यजीव क्षेत्र के संरक्षण या विकास के लिए सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क, बोरी वन्यजीव अभ्यारण्य और पंचमढ़ी वन्यजीव अभ्यारण्य से विस्थापन आवश्यक बताया जा रहा है।
10. इस अध्याय में पढ़े विभिन्न अधिकारों को आपस में जोड़ने वाला एक मकड़जाल बनाएँ। जैसे आने-जाने की स्वतंत्रता का अधिकार तथा पेशा चुनने की स्वतंत्रता का अधिकार आपस में एक-दूसरे से जुड़े हैं। इसका एक कारण है कि आने-जाने की स्वतंत्रता के चलते व्यक्ति अपने गाँव या शहर के अंदर ही नहीं, दूसरे गाँव, दूसरे शहर और दूसरे राज्य तक जाकर काम कर सकता है। इसी प्रकार इस अधिकार को तीर्थाटन से जोड़ा जा सकता है जो किसी व्यक्ति द्वारा अपने धर्म का अनुसरण करने की आज़ादी से जुड़ा है। आप इस मकड़जाल को बनाएँ और तीर के निशानों से बताएँ कि कौन-से अधिकार आपस में जुड़े हैं। हर तीर के साथ संबंध बताने वाला एक उदाहरण भी दें।
उत्तर: