NCERT Class 9 Social Science Loktantrik Rajniti Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

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NCERT Class 9 Social Science Loktantrik Rajniti Chapter 4 संस्थाओं का कामकाज

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Chapter: 4

लोकतांत्रिक राजनीति-१
प्रश्नावली:

1. अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फ़ैसला खुद कर सकते हैं?

(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं।

(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकते हैं।

(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनवचार के लिए कह सकते हैं।

(घ) मंत्रिपरिषद् में अपनी पसंद के नेताओं का चयन कर सकते हैं।

उत्तर: (ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनवचार के लिए कह सकते हैं।

2. निम्नलिखित में कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?

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(क) जिलाधीश।

(ख) गृह मंत्रालय का सचिव।

(ग) गृह मंत्री।

(घ) पुलिस महानिदेशक।

उत्तर: (ग) गृह मंत्री।

3. न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा बयान गलत है?

(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।

(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ़ है तो न्यायापालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।

(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है।

(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।

उत्तर: (क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरूरत होती है।

4. निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?

(क) सर्वोच्च न्यायालय।

(ख) राष्ट्रपति।

(ग) प्रधानमंत्री।

(घ) संसद।

उत्तर: (घ) संसद।

5. उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार ज़ारी किया होगाः

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।1. रक्षा मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी।2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी।3. स्वास्थ्य मंत्रालय
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा।4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे।3. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय

उत्तर: 

(क) देश से जूट का निर्यात बढ़ाने के लिए एक नई नीति बनाई जा रही है।4. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय
(ख) ग्रामीण इलाकों में टेलीफोन सेवाएँ सुलभ करायी जाएँगी।3. संचार और सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय
(ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले चावल और गेहूँ की कीमतें कम की जाएँगी।2. कृषि, खाद्यान्न और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय
(घ) पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा।3. स्वास्थ्य मंत्रालय
(ङ) ऊँची पहाड़ियों पर तैनात सैनिकों के भत्ते बढ़ाए जाएँगे।1. रक्षा मंत्रालय

6. देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनैतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती है।

(क) सड़क, ङक्षसचाई जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।

उत्तर: लोकसभा (वित्त मंत्रालय)।

(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने संबंधी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार-विमर्श करती है।

उत्तर: संसद।

(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।

उत्तर: सर्वोच्च न्यायालय।

(घ) भूकंप पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।

उत्तर: कार्यपालिका।

7. भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए:

(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है।

(ख) लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।

(ग) चूँकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत ही नहीं है।

(घ) प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज़्यादा खर्च आएगा।

उत्तर: (क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है।

कारण: भारत एक संसदीय लोकतंत्र है, जहाँ प्रधानमंत्री का चयन सीधे जनता द्वारा नहीं, बल्कि लोकसभा में बहुमत प्राप्त पार्टी या गठबंधन द्वारा किया जाता है। यह व्यवस्था सत्ता के बंटवारे और संसद के प्रति प्रधानमंत्री की जवाबदेही सुनिश्चित करती है।

8. तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज़ की ज़रूरत है। रिज़वान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला एक व्यक्ति का राज खतरनाक है। शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मंत्री एक दिन में कुछ भी नहीं कर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?

उत्तर: इमरान की बात सही है कि लोग अक्सर एक शक्तिशाली और निर्णायक नेता की कल्पना करते हैं जो तुरंत बदलाव ला सके। यह भावना समाज में बदलाव की तड़प को दर्शाती है। लेकिन रिज़वान का नजरिया भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बिना संस्थाओं और प्रक्रियाओं के, केवल एक व्यक्ति पर शासन निर्भर करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकता है। वहीं, शंकर यथार्थवादी दृष्टिकोण रखते हैं। असल में, शासन प्रक्रिया में समय और जटिलताएं होती हैं, जिनका समाधान एक दिन में संभव नहीं है।

इन फिल्मों की ताकत यह है कि वे दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं, चाहे वह समाज की समस्याओं पर हो या हमारे नेतृत्व के तरीके पर। हालांकि, हमें यह समझना चाहिए कि ये कहानियां कल्पना पर आधारित हैं, और असल जीवन में समस्याओं का हल लंबी और ठोस प्रक्रिया से ही संभव है।

9. एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं से अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्य सभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकतीं थी और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया गया तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?

उत्तर: अगर मुझे यह विकल्प दिया जाता, तो मैं लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता बनना चुनूंगा। 

इसके पीछे कुछ कारण हैं:

(क) लोकसभा की महत्वपूर्ण भूमिका: लोकसभा देश की जनता द्वारा सीधे चुनी जाती है और सरकार का गठन इसी सदन में बहुमत प्राप्त दल द्वारा किया जाता है। इसका मतलब है कि प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का नेतृत्व भी लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल से होता है। इसलिए, लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता बनना अधिक प्रभावशाली और शक्तिशाली भूमिका होगी।

(ख) नीतियां बनाने और क्रियान्वयन में प्रभाव: लोकसभा का मुख्य कार्य कानून बनाना और सरकार की नीतियों को लागू करना है। इस प्रकार, बहुमत प्राप्त दल के नेता के रूप में, मुझे नीतियां बनाने और देश को सीधे प्रभावित करने का अवसर मिलेगा।

(ग) जनता से सीधा संबंध: लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा चुने जाते हैं। बहुमत प्राप्त दल की नेता होने के नाते, मैं सीधे जनता की समस्याओं को समझकर उनके समाधान की दिशा में काम कर सकती/सकता हूं।

10. आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका की भूमिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इनमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?

(क) श्रीनिवास का तर्क है कि चूँकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतंत्र नहीं है।

(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ़ फ़ैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया। 

(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया।

आपकी राय में कौन-सा विचार सबसे सही है?

उत्तर: (ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ़ फ़ैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।

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