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NCERT Class 8 Social Science Samajik Aur Rajnitik Jeevan Chapter 8 कानून और सामाजिक न्याय
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कानून और सामाजिक न्याय
Chapter: 8
सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-III
इकाई एक भारतीय संविधान और धर्मनिरपेक्षता
अभ्यास
1. दो मज़दूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मज़दूरों, खेत मज़दूरों, फ़ैक्ट्री मज़दूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मज़दूरों से बात कर सकते हैं।
उत्तर: दो मज़दूरों से बात करके मुझे यह पता चला कि उन्हें कानून द्वारा तय न्यूनतम वेतन नहीं मिल रही है। दोनों मज़दूर कम वेतन पर काम कर रहे हैं और कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।
2. विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फ़ायदा है?
उत्तर: विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से यह फ़ायदा है कि विदेशी कंपनियों के भारत आने का एक कारण यहाँ का सस्ता श्रम है। अगर ये कंपनियाँ अमेरिका या किसी और विकसित देश में काम करें तो उन्हें भारत जैसे गरीब देशों के मज़दूरों के मुकाबले वहाँ के मज़दूरों को ज़्यादा वेतन देना पड़ेगा। भारत में न केवल वे कम कीमत पर काम करवा सकती हैं, बल्कि यहाँ के मज़दूर ज्यादा घंटों तक भी काम कर सकते हैं। यहाँ मजदूरों के लिए आवास जैसी दूसरी चीज़ों पर भी खर्च की ज़्यादा ज़रूरत नहीं होती। इस तरह ये कंपनियाँ यहाँ कम लागत पर ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकती हैं।
3. क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।
उत्तर: नहीं, भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को कोई न्याय नहीं मिला। वे पीने के साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं और यूनियन कार्बाइड के जहर से ग्रस्त लोगों के लिए नौकरियों व उचित मुआवजे की माँग कर रहे हैं। इसके बाद शुरू हुई कानूनी लड़ाई में पीड़ितों की ओर से सरकार ने यूनियन कार्बाइड के खिलाफ़ दीवानी मुकदमा दायर कर दिया। 1985 में सरकार ने 3 अरब डॉलर का मुआवजा माँगा था, लेकिन 1989 में केवल 47 करोड़ डॉलर के मुआवजे पर अपनी सहमति दे दी। इस त्रासदी से जीवित बच निकलने वाले लोगों ने इस फ़ैसले के खिलाफ़ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की, मगर सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस फ़ैसले में कोई बदलाव नहीं किया।
4. जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की ज़िम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर: जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं, तो इसका मतलब यह होता है कि सरकार या संबंधित प्राधिकरण उन कानूनों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाते हैं, जैसे निरीक्षण, दंड और नियमों का पालन करना। कानूनों को लागू करने की ज़िम्मेदारी सरकार की है। जब कोई कानून ताकतवर लोगों से कमजोर लोगों की रक्षा के लिए बनाया जाता है तो उसको लागू करना और भी महत्त्वपूर्ण बन जाता है। उदाहरण के लिए, प्रत्येक मज़दूर को सही वेतन मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार को कार्यस्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए और अगर कोई कानून का उल्लंघन करता है तो उसको सजा देनी चाहिए।
5. कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।
उत्तर: कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए कुछ इस तरह प्रेरित किया जा सकता है–
(i) बाज़ार में अनुचित तरीकों पर अंकुश लगाना।
(ii) उपभोक्ता और उत्पादक के हितों की रक्षा करना।
6. मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मज़दूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी ज़िंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
7. इस इकाई में आपने सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर: सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में अनुच्छेद है–
(i) सरकार लोगों के संबंधित जन सुविधाओं का प्रबंध करती है।
(ii) सरकार लोगों के लिए साफ पानी उपलब्ध करवाती है।
(iii) सरकार स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है।
(iv) सरकार सफाई व्यवस्था का ध्यान रखती है।
8. आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत कौन से हैं? (क) हवा; (ख) पानी और (ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर: (i) हवा का प्रदूषण: हवा में प्रदूषण मुख्य रूप से कारखानों से निकलने वाली हानिकारक गैसों, वाहनों से निकलने वाले धुएं, निर्माण कार्यों से उड़ने वाली धूल और कृषि कार्यों के दौरान जलाए जाने वाले कृषि अवशेषों से होता है। वाहन प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए वाहनों का निरंतर उत्सर्जन मानक बढ़ाना। रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अति उपयोग पर नियंत्रण।
(ii) पानी का प्रदूषण: पानी में प्रदूषण नदियों, तालाबों और जलाशयों में औद्योगिक कचरे, सीवेज, रासायनिक खादों और कीटनाशकों के मिश्रण से होता है। यह प्रदूषण पीने के पानी को नुकसान पहुँचाता है। नदियों और जलाशयों के किनारे प्लास्टिक और अन्य कचरे को न फेंकने के लिए जागरूकता अभियान।
(iii) मिट्टी का प्रदूषण: मिट्टी में प्रदूषण रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों, प्लास्टिक कचरे और औद्योगिक अपशिष्टों के कारण होता है। यह न केवल मिट्टी की उर्वरता को कम करता है, बल्कि खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है, क्योंकि इन प्रदूषकों का संचय फसलों में हो सकता है।
9. पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।
उत्तर: पहले पर्यावरण को एक ‘मुफ़्त’ चीज़ माना जाता था। किसी भी उद्योग को हवा-पानी में प्रदूषण छोड़ने की खुली छूट मिली हुई थी। चाहे नदियाँ हों, हवा हो या भूमिगत पानी हो पर्यावरण दूषित हो रहा था और लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है जैसे लोग पर्यावरण की चिंता करने लगे हैं। न्यायालयों ने अपने फैसलों में स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना है। सरकार ने भी सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए कानून बनाए हैं।
10. प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के ज़रिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2016 में बनाए गए उस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 105 पर आपने पढ़ा था।
उत्तर: आर. के. लक्ष्मण का कार्टून के जरिए यह कहना चाह रहे हैं कि बाल श्रम की समस्या पर व्यंग्य करता है। वे यह दिखाना चाहते हैं कि जबकि बाल श्रम पर प्रतिबंध लगाने के लिए 2016 में कड़ा कानून लागू किया गया, फिर भी बच्चों के शोषण की समस्या जारी है। इस कानून के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सभी प्रकार के कामों में और 14-18 वर्ष के किशोरों को जोखिमपूर्ण कामों में काम करने से रोकने का प्रयास किया गया है, लेकिन समाज में वास्तविक बदलाव लाना अभी भी एक चुनौती है।
11. आपने भोपाल गैस त्रासदी और उसके बारे में चल रहे संघर्ष के बारे में पढ़ा है। दुनिया भर के विद्यार्थी न्याय के इस संघर्ष में अपना योगदान दे रहे हैं। वे जुलुस प्रदर्शनों से लेकर जागरूकता अभियान तक चला रहे हैं। उनकी गतिविधियों के बारे में आप Wikipedia से और जानकारी प्राप्त कर सकते है। इस वेबसाइट पर बहुत सारे चित्र, पोस्टर, वृतचित्र और पीड़ितों के बयान आदि उपलब्ध है।
इस वेबसाइट तथा अन्य संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए अपनी कक्षा में दिखाने के लिए भोपाल गैस त्रासदी पर एक दीवार पत्रिका (वॉल-पेपर)/प्रदर्शनी तैयार करें। पूरे स्कूल को अपनी रचनाएँ देखने और उन पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित करें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।