NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई

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NCERT Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई

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Chapter: 10

आरोह

काव्य-खंड

अभ्यास

1. मीरा कृष्ण की उपासना किस रूप में करती हैं? वह रूप कैसा है?

उत्तर: मीरा कृष्ण की उपासना पति के रूप में करती हैं। उनका स्वरूप अत्यंत मनमोहक है। वे पर्वत धारण करने वाले हैं और उनके सिर पर सुशोभित मोर मुकुट उनकी शोभा को और भी बढ़ा देता है। उनका मानना था कि कृष्ण उनके सर्वस्व हैं और वे खुद को उनकी दासी मानती थीं।

2. भाव व शिल्प सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

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(क) अंसुवन जल सींचि-सींचि, प्रेम-बेलि बोयी 

अब त बेलि फैलि गई, आणंद-फल होयी

उत्तर: भाव सौंदर्य: प्रस्तुत पंक्तियों में मीरा यह स्पष्ट करती हैं कि कृष्ण से प्रेम का मार्ग सहज नहीं है। इस प्रेम की बेल को सींचने, विकसित करने के लिए बहुत से कष्ट उठाने पड़ते हैं। वह कहती हैं कि इस बेल को उन्होंने आँसुओं से सींचा है। अब कृष्ण-प्रेम रूपी यह लता इतनी विकसित हो चुकी है कि उस पर आनंद के फल लग चुके हैं, अर्थात् वे भक्ति-भाव में पूर्णतः आनंदित हैं। सांसारिक दुख अब उन पर कोई प्रभाव नहीं डालते।

शिल्प सौंदर्य – इसमें राजस्थानी मिश्रित ब्रजभाषा की सुंदर अभिव्यक्ति है। साथ ही, इसमें सांगरूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है। जैसे-प्रेमबेलि, आणंद फल, अंसुवन जल। ‘सींचि-सचि’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। अनुप्रास अलंकार भी है-बेलि बोयी पंक्तियों में सुंदर लयात्मकता (गेयता) है, जिससे काव्य और अधिक प्रभावशाली बन गया है।

(ख) दूध की मथनियाँ बड़े प्रेम से विलोयी 

दधि मथि घृत काढ़ि लियो, डारि दयी छोयी

उत्तर: भाव सौंदर्य – प्रस्तुत पंक्तियों में मीराबाई ने दूध की मथनियों का उदाहरण देकर यह समझाने का प्रयास किया है कि जैसे दही को मथने पर घी ऊपर आ जाता है। उसी प्रकार जीवन का मंथन करने से कृष्ण प्रेम को ही मैंने सार-तत्व के रूप में अपना लिया है। शेष संसार छाछ की भांति सारहीन है। इन पंक्तियों में मीरा के मन के मंथन और उनके जीवन जीने की सुंदर शैली का चित्रण किया गया है। संसार के प्रति उनके मन में वैराग्य भाव प्रकट होता है।

शिल्प सौंदर्य – इन पंक्तियों में अन्योक्ति अलंकार है। यहाँ दही जीवन का प्रतीक है। घृत भक्ति का, छोयी असार संसार का प्रतीक है। ब्रजभाषा का प्रयोग किया गया है, जिससे रचना में भावात्मक सौंदर्य बढ़ जाता है। इसमें गेयता है, जो इसकी मधुरता को बढ़ाती है। साथ ही, इसमें अनुप्रास अलंकार भी है— बड़े प्रेम से विलोयी पंक्ति में ‘ब’ और ‘प’ ध्वनि का सुंदर प्रयोग हुआ है। इसमें कुछ तत्सम शब्दावली का भी प्रयोग किया गया है, जिससे काव्य की गरिमा और बढ़ जाती है।

3. मीरा जगत को देखकर रोती क्यों हैं?

उत्तर: मीरा को जगत के लोगों का व्यवहार उचित नहीं जान पड़ता है। जगत में व्याप्त लोगों को माया के बंधन में फँसा हुआ देखकर मीरा रोती है।

पद के आस-पास

1. कल्पना करें, प्रेम प्राप्ति के लिए मीरा को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा होगा।

उत्तर: मीरा को प्रेम प्राप्ति के लिए बहुत प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता होगा। उन्हें समाज तथा परिवार दोनों के तिरस्कार का सामना करना पड़ता होगा। सब उनका मज़ाक उड़ाते होगें। उनके प्रेम को पागलपन कहते होगें।

2. लोक लाज खोने का अभिप्राय क्या है?

उत्तर: उस समय पूरे राजस्थान में पर्दा प्रथा प्रचलित थी। मुगल शासकों की अय्याशी और अत्याचारों से बचने के लिए स्त्रियाँ घर से बाहर निकलने से भी परहेज करती थीं। वे ऐसे समाज में मीरा कृष्ण का भजन, सत्संग करती गली-गली घूमती थीं। इसे समाज की मर्यादा का उल्लंघन माना गया है, लोक-लाज खोने का अर्थ है—सामाजिक मर्यादाओं और लोकमत की परवाह किए बिना अपने मार्ग पर चलना।

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