NCERT Class 11 Geography Bhutiq Bhugol ke Mul Sidhant Chapter 12 महासागरीय जल

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Chapter – 12

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

इकाई V: जल (महासागर)

अभ्यास

1. बहुवैकल्पिक प्रश्न:

(i) उस तत्त्व की पहचान करें जो जलीय चक्र का भाग नहीं है।

(क) वाष्पीकरण।

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(ख) वर्षण।

(ग) जलयोजन।

(घ) संघनन।

उत्तर: (ग) जलयोजन।

(ii) महाद्वीपीय ढाल की औसत गहराई निम्नलिखित के बीच होती है।

(क) 2-20 मीटर।

(ख) 20-200 मीटर।

(ग) 200-2,000 मीटर।

(घ) 2,000-20,000 मीटर।

उत्तर: (ग) 200-2,000 मीटर।

(iii) निम्नलिखित में से कौन सी लघु उच्चावच आकृति महासागरों में नहीं पाई जाती है?

(क) समुद्री टीला।

(ख) महासागरीय गभीर।

(ग) प्रवाल द्वीप।

(घ) निमग्न द्वीप।

उत्तर: (ख) महासागरीय गभीर।

(iv) लवणता को प्रति समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम) की मात्रा से व्यक्त किया जाता है-

(क) 10 ग्राम।

(ख) 100 ग्राम।

(ग) 1,000 ग्राम।

(घ) 10,000 ग्राम।

उत्तर: (ग) 1,000 ग्राम।

(v) निम्न में से कौन सा सबसे छोटा महासागर है?

(क) हिंद महासागर।

(ख) अटलांटिक महासागर।

(ग) आर्कटिक महासागर।

(घ) प्रशांत महासागर।

उत्तर: (ग) आर्कटिक महासागर।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए:

(i) हम पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?

उत्तर: जल पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्रकार के जीवों के लिए आवश्यक घटक है। पृथ्वी के जीव सौभाग्यशाली हैं कि यह एक जलीय ग्रह है। अन्यथा, हम लोगों का अस्तित्व ही नहीं होता। जल हमारे सौर मंडल का दुर्लभ पदार्थ है। सूर्य अथवा सौरमंडल में अन्यत्र कहीं भी जल नहीं है। सौभाग्य से पृथ्वी के धरातल पर जल की प्रचुर आपूर्ति है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल का लगभग 71 प्रतिशत भाग महासागरों में पाया जाता है। हमारे ग्रह को ‘नीला ग्रह’ (Blue planet) भी कहा जाता है।

(ii) महाद्वीपीय सीमांत क्या होता है?

उत्तर: महाद्वीपीय सीमांत शेल्फ़, प्रत्येक महाद्वीप का विस्तृत सीमांत होता है, जो अपेक्षाकृत उथले समुद्रों तथा खाड़ियों से घिरा होता है। यह महासागर का सबसे उथला भाग होता है, जिसकी औसत प्रवणता 1 डिग्री या उससे भी कम होती है। यह अत्यंत तीव्र ढाल पर समाप्त होता है।

(iii) विभिन्न महासागरों के सबसे गहरे गर्तों की सूची बनाइये।

उत्तर: गर्त महासागरों के सबसे गहरे भाग होते हैं। ये गर्त अपेक्षाकृत खड़े किनारों वाले संकीर्ण बेसिन होते हैं। अपने चारों ओर की महासागरीय तली की अपेक्षा ये 3 से 5 कि.मी. तक गहरे होते हैं। ये महाद्वीपीय ढाल के आधार तथा द्वीपीय चापों के पास स्थित होते हैं एवं सक्रिय ज्वालामुखी तथा प्रबल भूकंप वाले क्षेत्रों से संबंधित होते हैं। यही कारण है कि ये प्लेटों के संचलन के अध्ययन के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हैं। अभी तक लगभग 57 गर्तों को खोजा गया है, जिनमें से 32 प्रशांत महासागर में, 19 अटलांटिक महासागर में एवं 6 हिंद महासागर में हैं।

(iv) तापप्रवणता क्या है?

उत्तर: समुद्र में तापमान गिरने का सिलसिला समुद्री सतह से लगभग 100 से 400 मीटर नीचे प्रारंभ होता है एवं कई सौ मीटर नीचे तक जाता है। वह सीमा क्षेत्र जहाँ तापमान में तीव्र गिरावट आती है, ताप प्रवणता (थर्मोक्लाईन) कहा जाता है। जल के कुल आयतन का लगभग 90 प्रतिशत गहरे महासागर में ताप प्रवणता (थर्मोक्लाईन) के नीचे पाया जाता है। इस क्षेत्र में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस पहुँच जाता है।

(v) समुद्र में नीचे जाने पर आप ताप की किन परतों का सामना करेंगे? गहराई के साथ तापमान में भिन्नता क्यों आती है?

उत्तर: मध्य एवं निम्न अक्षांशों में महासागरों के तापमान की संरचना को सतह से तली की ओर तीन परतों वाली प्रणाली के रूप में समझाया जा सकता है।

पहली परत गर्म महासागरीय जल की सबसे ऊपरी परत होती है जो लगभग 500 मीटर मोटी होती है और इसका तापमान 20 डिग्री से० से 25 डिग्री से० के बीच होता है। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में, यह परत पूरे वर्ष उपस्थित होती है, जबकि मध्य अक्षांशों में यह केवल ग्रीष्म ऋतु में विकसित होती है। दूसरी परत जिसे ताप प्रवणता (थर्मोक्लाईन) परत कहा जाता है, पहली परत के नीचे स्थित होती है। इसमें गहराई के बढ़ने के साथ तापमान में तीव्र गिरावट आती है। यहाँ थर्मोक्लाईन की मोटाई 500 से 1,000 मीटर तक होती है।

तीसरी परत बहुत अधिक ठंडी होती है तथा गहरे महासागरीय तली तक विस्तृत होती है। आर्कटिक एवं अंटार्कटिक वृत्तों में, सतही जल का तापमान 0 से० के निकट होता है, और इसलिए गहराई के साथ तापमान में बहुत कम परिवर्तन होता है। यहाँ ठंडे पानी की केवल एक ही परत पाई जाती है जो सतह से गभीर महासागरीय तली तक विस्तृत होती है।

(vi) समुद्री जल की लवणता क्या है?

उत्तर: वर्षा का जल हो या महासागरों का, प्रकृति में उपस्थित सभी जलों में खनिज लवण घुले हुए होते हैं। लवणता वह शब्द है जिसका उपयोग समुद्री जल में घुले हुए नमक की मात्रा को निर्धारित करने में किया जाता है। इसका परिकलन 1,000 ग्राम (एक किलोग्राम) समुद्री जल में घुले हुए नमक (ग्राम में) की मात्रा के द्वारा किया जाता है। इसे प्रायः प्रति 1,000 भाग (%0) या पीपीटी के रूप में व्यक्त किया जाता है। लवणता समुद्री जल का महत्वपूर्ण गुण है। 24.7% की लवणता को खारे जल को सीमांकित करने का उच्च सीमा माना गया है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए:

(i) जलीय चक्र के विभिन्न तत्व किस प्रकार अंतर-संबंधित हैं?

उत्तर: जल एक चक्रीय संसाधन है जिसका प्रयोग एवं पुनः प्रयोग किया जा सकता है। जल एक चक्र के रूप में महासागर से धरातल पर और धरातल से महासागर तक पहुँचता है। जलीय चक्र, पृथ्वी पर, इसके नीचे व पृथ्वी के ऊपर वायुमंडल में जल के संचलन की व्याख्या करता है। जलीय चक्र करोड़ों वर्षों से कार्यरत है और पृथ्वी पर सभी प्रकार का जीवन इसी पर निर्भर करता है। वायु के बाद, जल पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्त्व के लिए सबसे आवश्यक तत्त्व है। पृथ्वी पर जल का वितरण असमान है। बहुत से क्षेत्रों में, जल की प्रचुरता है, जबकि बहुत से क्षेत्रों में यह सीमित मात्रा में उपलब्ध है। जलीय चक्र पृथ्वी के जलमंडल में विभिन्न रूपों अर्थात् गैस, तरल व ठोस में जल का परिसंचरण है। इसका संबंध महासागरों, वायुमंडल, भूपृष्ठ, अधः स्तल और जीवों के बीच जल के सतत् आदान-प्रदान से भी है।

(ii) महासागरों के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों का परीक्षण कीजिए।

उत्तर: महासागरीय जल के तापमान वितरण को प्रभावित करने वाले कारक हैं-

(i) अक्षांश – ध्रुवों की ओर प्रवेशी सौर्य विकिरण की मात्रा घटने के कारण महासागरों के सतही जल का तापमान विषुवत् वृत्त से ध्रुवों की ओर घटता चला जाता है।

(ii) स्थल एवं जल का असमान वितरण – उत्तरी गोलार्ध के महासागर दक्षिणी गोलार्ध के महासागरों की अपेक्षा स्थल के बहुत बड़े भाग से जुड़े होने के कारण अधिक मात्रा में ऊष्मा प्राप्त करते हैं।

(iii) सनातन पवनें – स्थल से महासागरों की तरफ बहने वाली पवनें महासागरों के सतही गर्म जल को तट से दूर धकेल देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नीचे का ठंडा जल ऊपर की ओर आ जाता है। परिणामस्वरूप, तापमान में देशांतरीय अंतर आता है। इसके विपरीत, अभितटीय पवन गर्म जल को तट पर जमा कर देती हैं और इससे तापमान बढ़ जाता है।

(iv) महासागरीय धाराएँ – गर्म महासागरीय धाराएँ ठंडे क्षेत्रों में तापमान को बढ़ा देती हैं, जबकि ठंडी धाराएँ गर्म महासागरीय क्षेत्रों में तापमान को घटा देती हैं। गल्फ स्ट्रीम (गर्म धारा) उत्तर अमरीका के पूर्वी तट तथा यूरोप के पश्चिमी तट के तापमान को बढ़ा देती है, जबकि लेब्रेडोर धारा (ठंडी धारा) उत्तर अमरीका के उत्तर-पूर्वी तट के नज़दीक के तापमान को कम कर देती हैं।

परियोजना कार्य

(i) विश्व की एटलस की सहायता से महासागरीय नितल के उच्चावचों को विश्व के मानचित्र पर दर्शाइए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

(ii) एटलस की सहायता से हिंद महासागर में मध्य महासागरीय कटकों के क्षेत्रों को पहचानिए।

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।

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