NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 संगतकार Solutions, CBSE Class 10 Hindi Kshitij Bhag 2 Question Answer in English Medium to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 संगतकार Notes and select needs one.
NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 संगतकार
Also, you can read the SCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter 6 संगतकार Question Answer. These solutions are part of SCERT All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 10 Hindi Kshitij 2 Solutions for All Chapter, You can practice these here.
संगतकार
Chapter – 6
क्षितिज-२ |
काव्य खंड |
प्रश्न-अभ्यास
1. संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
उत्तर: संगतकार के माध्यम से कवि उन लोगों के बारे में कहना चाह रहा है जो किसी सफल व्यक्ति का साथ पर्दे के पीछे रहकर देते हैं। यह सफलता में भागीदार तो होते हैं परंतु यह नजर नहीं आते। एक अच्छे गायक के साथ अच्छे वाले कलाकार संगीतकार अन्य लोग भी शामिल होते हैं परंतु उन्हें श्रेय कभी नहीं जाता है।
2. संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?
उत्तर: संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा बड़े बड़े नेताओं, अभिनेताओं, संतों-महात्माओं के साथ भी इसी प्रकार सहयोग करते हैं। वे इन व्यक्तियों के कार्यों को समर्थन और मार्गदर्शन देते हैं, जिससे उनका प्रभाव और प्रदर्शन और भी प्रभावशाली हो जाता है। संगतकार का काम किसी भी क्षेत्र में सहयोग और समन्वय स्थापित करना होता है।
3. संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक गायिकाओं की मदद करते हैं?
उत्तर: (i) गायन के समय यदि गायक-गायिका का स्वर भारी हो तो संगतकार अपनी आवाज़ से उसमें मधुरता भर देता हैं।
(ii) जब मुख्य गायक गायन की गहराई में चले जाते हैं तब वे स्थायी पंक्ति को पकड़कर मुख्य गायक को वापस मूल स्वर में लाते है।
(iii) जब गायन करते समय मुख्य गायक-गायिका अपनी लयाको लाँघकर भटक जाते हैं तो संगतकार उस भटकाव को सँभालता है।
(iv) तारसप्तक के गायन के समय गायक-गायिका का स्तर धीमा होने लगता है तो वह उसकी गायन में अपने स्तर को मिलाकर उसकी गति को सुर का साथ देता है।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
और उसकी आवाज में जो एक हिचक साफ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उदाने को जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
उत्तर: प्रस्तुत पंक्तियाँ ‘मंगलेश डबराल’ द्वारा रचित “संगतकार” कविता से ली गई है। इसमें कवि द्वारा गायन में मुख्य गायक का साथ देने वाले संगतकार की भूमिका के महत्व को दर्शाया गया है। कवि यह कहना चाहते हैं की संगतकार जब गाता है तब उसके आवाज़ एक स्पष्ट रूप से एक घबराहट सुनाई देता है। अपनी आवाज़ को मुख्य गायक की आवाज़ से कभी ऊँचा नहीं उठने देने का कवि के अनुसार इसे संगतकार की असफलता नहीं माननी चाहिए चूँकि संगतकार अगर चाहे तो ऐसा कर सकता है परन्तु मुख्य गायक की आवाज़ का महत्व बरकरार रखने के लिए वो ऐसा नहीं करता है। यह संगतकार की महानता का परिचय है।
5. किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर: किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से योगदान देते हैं। जैसे प्रसिद्ध गायक गायिका जब प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं तो उसमें एक संगीत निर्देशक, गीतकार, तकनीकी साउंड डालने वाले, वाद्य यंत्र बजाने वाले, संगतकार, निर्माता का महत्वपूर्ण हाथ होता है जब तक इन सब लोगों का सहयोग प्राप्त न हो तो एक गायक गायिका अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर सकते और इन्हीं सब के सहयोग द्वारा वह सफलता के शिखर तक पहुँच पाते हैं।
6. कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नजर आता है उस समय मगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार को विशेष भूमिका को स्पष्ट किजिए।
उत्तर: तार सप्तक में गायन करते समय मुख्य गायक या गाय का का स्वर जब ऊंचाई तक पहुंच जाता है जिसके कारण स्वर्ग के टूटने का आभास होने लगता है। उनकी आवाज बिखरने लगती है इसी कारण रण में अपने कंठ से धनी का विस्तार करने में कमजोर हो जाता है। तब संगतकार उसके पीछे मुख्य भूमिका उधर आता है उसके स्वर में स्वर मिलाकर गाता है जिससे में अपनी आवाज द्वारा मुख्य गायक के बिखराव को संभाल लेता है।
7. सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह संभालते हैं?
उत्तर: सफलता पर पहुँच कर यदि व्यक्ति लड़खड़ाने लग जाता है तो इसके सहयोगी अपने सुझावों द्वारा उसके कदमों को नई दिशा देते हैं, अपने मनोबल द्वारा इसके मनोबल को सँभालते हैं तथा उसका मार्गदर्शन करते हैं। उसकी खोई आत्मशक्ति को एकत्र कर और फिर से उठने की हिम्मत देते हैं वह उसकी प्रेरणा स्रोत बन उसके जीवन में नया संबल बनते हैं।
रचना और अभिव्यक्ति |
8. कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाएँ-
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: संगीत या नृत्य के कार्यक्रम में सहयोगी कलाकारों के न पहुँच पाने से मैं परेशान हो जाऊँगा। उनके न पहुँचने के कारणों का पता करूंगा। यथासंभव उन्हें बुलाने का प्रयास करूंगा। यदि वे नहीं आ सकेंगे तो मैं आयोजक को सारी बातें बताकर उनसे कहूँगा कि अपने स्तर से अन्य सहयोगी कलाकारों की व्यवस्था कराने का कष्ट करें ताकि में प्रस्तुति दे सकें।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
उत्तर: ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए में आयोजकों एवं श्रोताओं के सामने सारी बात साफ-साफ स्पष्ट कर दूंगा। और रिकार्डेड गीतों पर नृत्य प्रस्तुत करके बंधि रखने का प्रयास करूंगा।
9. आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर: सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सफलता में सहायक लोगों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। इनके सहयोग के बिना कार्यक्रम की सफलता की कल्पना करना भी बेमानी है। ये सहायक लोग ही कार्यक्रम के लिए आवश्यक वस्तुओं को एकत्र करते है, साज-सज्जा में विशेष योगदान देते हैं। वे अतिधियों के बैठने की व्यवस्था सँभालते हैं। मंच पर प्रकाश का उचित प्रबंध करते हैं। परदे के पीछे कुछ लोग रिकॉर्डिंग समय पर बजाकर कलाकारों की मदद करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करते हैं।
10. किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
उत्तर: किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर इसलिए नहीं पहुँच पाते है, क्योंकि-
(i) प्रतिभावान होकर भी वे मुख्य कलाकार से अलग होकर प्रस्तुति देने का हौंसला नहीं कर पाते हैं।
(ii) उन्हें शीर्ष स्थान पर पहुँचने तथा वहाँ बने रहने में संदेह रहता है।
(iii) आर्थिक समस्याएँ उनके मार्ग में बाधक बनती हैं।
(iv) उनमें से कुछ लोग स्वयं को भाग्य के हवाले कर देते हैं कि किस्मत में होगा तो शीर्ष स्थान हासिल कर लेंगे।
(v) ऐसे लोगों को उचित अवसर एवं सहयोग नहीं मिल पाता है।