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NCERT Class 10 Hindi Kshitij Chapter 4 उत्साह और अट नहीं रही
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उत्साह और अट नहीं रही
Chapter – 4
क्षितिज-२ |
काव्य खंड |
प्रश्न-अभ्यास
उत्साह
1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर: कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है, क्योंकि ‘गरजना’ विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है। ‘गरजना’ शक्ति, संघर्ष और बदलाव का संकेत देता है। इसके माध्यम से कवि समाज में नई चेतना और क्रांति का आह्वान करता है, ताकि लोग अन्याय और शोषण के खिलाफ खड़े हो सकें।
2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर: कवि ने कविता का शीर्षक उत्साह इसलिए रखा है, क्योंकि कवि बादलों के माध्यम से क्रांति और बदलाव लाना चाहता है। वह बादलों से गरजने के लिए कहता है। एक ओर बादलों के गर्जन में उत्साह समाया है तो दूसरी ओर लोगों में उत्साह का संचार करके क्रांति के लिए तैयार करना है।
3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर: कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है:
(i) समाज में हो रहे शोषण से, विकास के लिए प्यासी जनता की प्यास बुझाने वाली शक्ति की ओर।
(ii) समाज में उत्साह उत्पन्न करने वाले एक नेता की ओर।
(iii) लोगों के हृदय में छिपी, बिजली की तरह प्रकाशमान शोषण रहित समाज की कल्पना की ओर।
4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद सौदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर: कविता की इन पंक्तियों में नाद-सौंदर्य है।
“घेर धेर घोर गगन, धाराधर ओ”
“ललित ललित काले घुंघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
“विद्युत छवि उर में, कवि नवजीवन वाले!
रचना और अभिव्यक्ति |
5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कांच के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़ घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भात्रों को कविता में उतारिए।
उत्तर: ऊपर देखो आसमान में,
किसने रंग बिखेरा काला।
सूरज जाने कहाँ छिप गया,
खो गया उसका कहीं उजाला॥
देख गगन का काला चेहरा
बिजली कुछ मुसकाई।
लगा बहाने गगन बनाने,
ज्यों बिजली ने आँख दिखाई॥
कुछ वसुधा में आन समाया॥
वह लाई एक थाल में पानी,
उसका मुँह धुलवाया।
थोड़ा पानी आसमान में,
बाकी सब धरती पर आया॥
कुछ टपका फूलों पर जाकर
कुछ ने चातक की प्यास बुझाया।
कुछ तालों कुछ फसलों तक
अट नहीं रही
1. छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है? लिखिए।
उत्तर: कविता की निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर पह धारणा पुष्ट होती है:
कहीं सांस लेते हो
घर घर भर देते हो
उड़ने को नभ में तुम
पर पर कर देते हो
2. कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर: कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है, क्योंकि फागुन मास में प्रकृति अपने चरम सौंदर्य पर है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली है। पेड़ों की डालियां पत्तों से लदी हैं, पेड़ों पर पुष्प आ जाने से पेड़ कहीं हरे और कहीं लाल दिखाई दे रहे हैं। पुष्पों की महक भी पूरे वातावरण में फैल गई है। अतः कवि प्राकृतिक सुंदरता को अनदेखा करने में असक्षम है।
3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति को व्यापकता का वर्णन किन रूपों में किया है?
उत्तर: प्रस्तुत कविता ‘अट नहीं रही है’ में कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला जी ने फागुन के सर्वव्यापक सौन्दर्य और मादक रूप के प्रभाव को दर्शाया है। फागुन के सौंदर्य को असीम दिखाया है। उसे हर जगह छतकता (चमकदार होना) हुआ दिखाया है। घर-घर में फैला हुआ दिखाया है। यहाँ घर घर भर देते हो’ में फूलों की शोभा कीओर संकेत है और मन में उठी खुशी की और भी। उड़ने को पर पर करना भी ऐसा सांकेतिक प्रयोग है। यह पक्षियों की उड़ान पर भी लागू होता है और मन की उमंग पर भी। सौंदर्य से आँख न हटा पाना भी उसके विस्तार की झलक देता है।
4. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?
उत्तर: फागुन में प्रकृति की शोभा अपने चरम पर होती है। पेड़-पौधे नए पत्तों, फल और फूलों से लद जाते हैं, हवा सुगन्धित हो उठती है। मौसम सुहावना होता है। इस मौसम में पक्षी भी आसमान में स्वच्छंद विचरण करते हैं और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हैं। लोगों में खुशी का माहौल होता है। इन सभी मायनों में फागुन का सौंदर्य अन्य ऋतुओं से भिन्न है।
5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प कडे विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: निराला छायावादी युग के प्रमुख कवि रहे हैं।
इनकी काव्यगत विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(i) निराला ने छंद मुक्त होकर अपने काव्य की रचना की है।
(ii) इनके काव्य में प्रकृति चित्रण के माध्यम से मानव हृदय की भावना व्यक्त की गई है।
(iii) भावों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति इनके काव्य की मुख्य विशेषता रही है।
(iv) प्रस्तुत काव्य में तुकबंदी (लय बद्धता) के माध्यम से कविता को गीत के रुप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
(v) कविता में सुंदर शब्दों का प्रयोग कर कविता को सुंदर रुप प्रदान किया गया है।
रचना और अभिव्यक्ति |
6. होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं, उन्हें लिखिए।
उत्तर: होली का त्यौहार फागुन मास में आता है। इस समय चारों ओर मादक हवाएँ चलती है। पेड़-पौधे नए पत्तों और फूलों से लद जाते हैं। पेड़-पौधों में नई कोपलें और रंग-बिरंगे फूल खिलते हैं, जो प्रकृति को और भी खूबसूरत बना देते हैं।
खेतों में गेहूं और सरसों की फसलें सुनहरे रंग में बदल जाती हैं, जिससे खेतों में मानो सोना बिखरा हुआ लगता है। मौसम में गर्माहट बढ़ जाती है, ठंडी हवाओं की जगह गर्म और सुहानी बयार चलने लगती है। हवा में फूलों की खुशबू फैल जाती है और मधुमक्खियों और तितलियाँ पराग के लिए फूलों पर मंडराने लगती है।