Class 7 Hindi Chapter 12 असोक का शस्त्र त्याग

Class 7 Hindi Chapter 12 असोक का शस्त्र त्याग answer to each chapter is provided in the list so that you can easily browse throughout different chapter Assam Board Class 7 Hindi Chapter 12 असोक का शस्त्र त्याग and select needs one.

Class 7 Hindi Chapter 12 असोक का शस्त्र त्याग

Join Telegram channel

Also, you can read the SCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per SCERT (CBSE) Book guidelines. These solutions are part of SCERT All Subject Solutions. Here we have given Assam Board Class 7 Hindi Chapter 12 असोक का शस्त्र त्याग Solutions for All Subject, You can practice these here.

असोक का शस्त्र त्याग

पाठ – 12

अभ्यास–माला

1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:

(क) मगध और कलिंग के बीच कितने सालों से युद्ध हो रहा था?

उत्तर: मगध और कलिंग के बीच चार सालों से युद्ध हो रहा है।

(ख) कलिंग के महाराज को युद्धभूमि में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात युद्ध का भार किसने संभाला?

उत्तर: कलिंग के महाराज को युद्धभूमि में वीरगति प्राप्त होने के पश्चात युद्ध का भार राजकुमारी पद्मावती ने संभाला।

(ग) राजकुमारी पद्मा ने अपने सेना से कौन – सा प्रण करने को कहा?

उत्तर: राजकुमारी पद्मा ने अपनी सेना से यह प्रतिज्ञा करने को कहा कि जननी जन्मभूमि को पराधीन होते हुए देखने से पहले वे लोग सदा के लिए अपनी आखें बंद कर लेंगी।

(घ) राजा अशोक ने किस्से अहिंसा की दीक्षा ली?

उत्तर: राजा अशोक ने एक बौद्ध भिक्षु से अहिंसा की दीक्षा ली थी।

2. उत्तर लिखो:

(क) सम्राट अशोक की चिंता का मूल कारण क्या था?

उत्तर: कलिंग में पराजय ही सम्राट अशोक की चिंता का मूल कारण था। चार सालों तक युद्ध करने की पश्चात भी वेलोग कलिंग पर अपना विजय नही कर पाया।

(ख) दुर्ग के फाटक खुलने पर अशोक और उसकी सेना चकित होने का क्या कारण था?

उत्तर: दुर्ग के फाटक खुलने पर अशोक और उसकी सेन ने देखा कि फाटक के बाहर से शस्त्र-सज्जित स्त्रियों की विशाल सेना उनकी ओर बढ़ने लगती हैं। विशाल सेना के आगे पुरुष भेष में एक वीरांगना को देख वे चकित रह जाते हैं।

(ग) युषभूमि में पद्मा को सामने देखकर अशोक के मन में क्या–क्या विचार उठे?

उत्तर: युद्ध भूमि में पद्मा को सामने देखकर अशोक को ऐसा लगा कि साक्षात दुर्गा बनकर पद्मा कलिंग की रक्षा करने के लिए युद्ध भूमि में उतर आई है। अशोक ने सोचा कि विजय के लिए वह किसी स्त्रियों का वध नहीं कर सकता। इसीलिए उसने युद्ध न करते हुए तलवार नीचे फेंक दी।

(घ) बौद्ध भिक्षु ने अशोक से क्या–क्या प्रतिज्ञाएं करवाई थीं?

उत्तर: बौद्ध भिक्षु ने कुछ इस तरह प्रतिज्ञाएं करवाते हुए कहा कि – अहिंसा ही मेरा धर्म होगा। में सबसे प्रेम करूंगा और मेरी करुणा का सदाव्रत आप सबको मिलेगा। प्रतिज्ञा करो जब तक जीवित रहूंगा, अपनी प्रजा की भलाई करूंगा। सब प्राणियों को सुख और शांति पहुंचने का प्रयत्न करूंगा सब धर्मों को समान दृष्टि से देखूंगा।

(ङ) बौद्ध धर्म की किन्हीं दो वानियाँ लिखो।

उत्तर: बौद्ध धर्म की दो वानियाँ है –

(i) सभी प्राणियों से सुख और शांति पहुंचने का प्रयत्न करो।

(ii) सभी धर्म को समान दृष्टि से देखो।

पाठ के आस–पास

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दों में दो:

(क) राजकुमारी पद्मा की तरह हमारे देश में अनेक वीरांगनाएँ अपनी आजादी के लिए युद्धभूमि में उतरी थीं। ऐसी किन्हीं पाँच वीरांगनाओं के नाम बताओ।

उत्तर: राजकुमारी पद्मा की तरह हमारे देश में अनेक वीरांगनाएँ है – 

(i) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई।

(ii) कनकलता।

(iii) मुलागाभूरु।

(ख) “युद्धभूमि में सैनिक सैनिक होता है – स्त्री या पुरुष नहीं?” इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करो।

उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।

3. आओ, समूह में बैठकर चर्चा करें:

सम्राट अशोक के बारे में बहुत-सी सुंदर-सुंदर पुस्तकें उपलब्ध हैं। तुमलोग पुस्तकालय में जाकर उन पुस्तकों को अवश्य पढ़ो और आपस में चर्चा करो।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

भाषा–अध्ययन

1. नीचे दी गईं बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ो:

हम जब लिखते हैं तो कुछ चिन्हों का प्रयोग करते हैं जैसे- (1), (?), (,), (;), (!), (” ” ) आदि। ऐसे चिह्नों को विराम चिह्न कहा जाता है। इन चिह्नों के प्रयोग से लिखी हुई बातों को पढ़ना और उनका सही अर्थ समझना आसान हो जाता है। कुछ विराम चिह्नों के नाम निम्नलिखित हैं-

पूर्ण विराम = I

निदेशक = –

अर्ध विरामं = ;

संयोजक = –

अल्प विराम = , 

उद्धरण =’ ‘ “ “

प्रश्नसूचक = ? 

कोष्ठक = (), [ ], { }

विस्मयादिबोधक = !

2. आओ, अब नीचे लिखे वाक्यों में विराम चिह्नों का प्रयोग करके लिखें:

(क) शाबाश सुबोध ने सुंदर अभिनय किया।

उत्तर: शाबाश! सुबोध ने सुंदर अभिनय किया।

(ख) गुरुजी ने कहा तुम लय के साथ कविता पढ़।

उत्तर: गुरुजी ने कहा, “तुम लय के साथ कविता पढ़ो।”

(ग) पिताजी बाजार से सेब केले आम और अन्नास लाए मिठाई नहीं लाएं।

उत्तर: पिताजी बाजार से सेब, केले, आम और अन्नास लाए; मिठाई नहीं लाए।

(घ) करीम के दोस्त कब आए।

उत्तर: कहीम के दोस्त कब आए? 

(ङ) अरे वह अभी तक नहीं पहुँचा।

उत्तर: अरे वह अभी तक नहीं पहुँचा।

3. इन वाक्यों को भूतकाल में बदलकर फिर से लिखो:

(क) चार साल से युद्ध हो रहा है।

उत्तर: चार शाल से युद्ध हो रहा था।

(ख) संवाददाता आना चाहता है।

उत्तर: संवाददाता आना चाहता था।

(ग) कलिंग के फाटक खुल जाएँगे। 

उत्तर: कलिंग के फाटक खुल गया था।

4. इन वाक्यों को अपनी माध्यम भाषा में अनुवाद करके शिक्षक को दिखाओ:

(क) मैं कलिंग महाराज की कन्या हूँ।

(ख) कलिंग की स्त्रियाँ तुमसे कुछ नहीं चाहतीं, केवल युद्ध चाहती हैं।

(ग) मैं स्वयं सेना का संचालन करूँगा।

(घ) मैं हथियार नहीं उठाऊँगा।

(ङ) अहिंसा ही मेरा धर्म होगा।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

5. शब्दों के क्रम, लिंग, वचन, कारक आदि की त्रुटियों के कारण वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः वाक्य-रचना के लिए क्रम, लिंग, वचन, कारक आदि का होना आवश्यक है।

आओ, कुछ अशुद्ध वाक्यों को पढ़े और उनके शुद्ध रूप भी लिखें:

(क) मैं दही को खाया। 

उत्तर : मैंने दही खाया।

(ख) मेरा घर में मेहमान आए हैं।

उत्तर : मेरे घर में मेहमान आए हैं।

(ग) मेरे आँख में एक तिनका पड़ गई।

उत्तर: मेरी आँख में एक तिनका पड़ गया।

(घ) गुरूजी हमारे घर से वापस लौट गए।

उत्तर: गुरुजी हमारे घर से लौट गए। अथवा गुरुजी हमारे घर से वापस गए।

6. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़ो:

(क) सैनिको ! आज चार साल से युद्ध हो रहा है, फिर भी हम कलिंग को जीत नहीं पाए हैं।

(ख) बहनो ! तुम वीर-कन्या, वीर-भगिनी और वीर-पत्नी हो। उपर्युक्त रेखांकित शब्द संबोधन कारक के हैं। यहाँ सैनिकों तथा बहनों के स्थान पर सैनिको ! और बहनो ! लिखे गए हैं। याद रहे कि बहुवचन होने पर भी संबोधन कारक में अनुनासिकता (बिंदी) का प्रयोग कदापि नहीं होता। जैसे- अरे बच्चो !, मेरे भाइयो!, अरे मित्रो! आदि।

योग्यता–विस्तार

1. प्रस्तुत एकांकी का कक्षा में अभिनय करो।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

2. सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रसार-प्रचार के लिए क्या-क्या बीड़ा उठाया ? उनके विषय में जानकारी हासिल करो।

उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।

परियोजना–कार्य

सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म ग्रहण करने के बाद प्रजा की भलाई के लिए क्या-क्या कार्य किए थे? इतिहास की पुस्तकों से ज्ञात कर सचित्र परियोजना प्रस्तुत करो और अपने शिक्षक/शिक्षिका को दिखाओ।

आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:

शब्दअर्थ 
फाटक
संचालन
फहराना
सहसा
लोहा लेना
वार
सदाव्रत
गोद सूनी कर देना
मांग का सिंदूर पोंछ देना
बुद्धं शरणं गच्छामि 
धर्म शरणं गच्छामि
संघ शरणं गच्छामि
पटाक्षेप

उत्तर: 

शब्दअर्थ 
फाटकदरवाजा 
संचालनपरिचालन नेतृत्व
फहरानालहराना 
सहसाएकाएक
लोहा लेनामुकाबला करना
वारआक्रमण
सदाव्रतप्रसाद दान 
गोद सूनी कर देनाकिसी की बच्चे की हत्या कर देना
मांग का सिंदूर पोंछ देनाकिसी  के पति को मार डालना
बुद्धं शरणं गच्छामि बुद्ध की शरण में जाता हूं 
धर्म शरणं गच्छामिधर्म की शरण में जाता हूं 
संघ शरणं गच्छामिसंघ (बौद्ध संघ) की शरण में जाता हु 
पटाक्षेपपरदा गिरना, समाप्ति

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top