Assam Jatiya Bidyalay Class 7 Hindi Chapter 9 चलना हमारा काम है, Assam Jatiya Vidyalaya | অসম জাতীয় বিদ্যালয় হিন্দী Class 7 Question Answer to each chapter is provided in the list of SEBA so that you can easily browse through different chapters and select needs one. Assam Jatiya Bidyalay Chapter 9 चलना हमारा काम है Class 7 Hindi Question Answer can be of great value to excel in the examination.
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चलना हमारा काम है
Chapter – 9
অসম জাতীয় বিদ্যালয়
अभ्यास-माला
१ . खाली जगहो की पूर्ति करो :
(i) जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी, ……..,……
आशा-निराशा से घिरा
…….,……..रोता कभी ।
उत्तर: जीवन अपूर्ण लिए हुए
पाता कभी, खोता, कभी
आशा-निराशा से घिरा
हँसता कभी, रोता कभी ।
(ii) इस विशद विश्व-प्रवाह में
किसको नहीं…… ……
सुख-दुख हमारी ही तरह
किसको नहीं…… ……।
उत्तर: इस विशद विश्व-प्रवाह में
किसको नहीं बहना पड़ा
सुख-दुख हमारी ही तरह
किसको नहीं सहना पड़ा।
(iii) कुछ साथ में…… …….
कुछ बीच में ही…….. …….
पर गति न जीवन की रुकी,
जो गिर गये…….. …… …….
उत्तर: कुछ साथ में चलते रहे
कुछ बीच में ही रह गये
पर गति न जीवन की रुकी,
जो गिर गये सो गिर गये।
२. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :
(i) ‘चलना हमारा काम है’ कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर: ‘चलना हमारा काम है’ कविता के कवि शिवमंगल सिंह सुमन जी है।
(ii) कवि के अनुसार हमारे जीवन में एक मात्र काम क्या है?
उत्तर: कवि के अनुसार हमारे जीवन में एकमात्र काम हैं अपने राह पर चलते रहना।
(iii) आठों याम किस बात का ध्यान रहता है?
उत्तर: आठों याम इस बात का ध्यान रहता है कि हमारे चलने की गति अवरुद्ध (रुक) न हो जाय।
(iv) कवि दर-दर क्यों भटकता रहा?
उत्तरः कवि पूर्णता की खोज में दर-दर भटकता रहा।
(v) किसकी सफलता अभिराम है?
उत्तर: चलता रहे शाश्वत, उसी की सफलता अभिराम है।
(vi) कविता का मूल संदेश क्या है?
उत्तर: कविता का मूल संदेश यह है कि अपने जीवनपथ पर अनवरत चलते रहना चाहिए। कभी जीवन में निराश नहीं होना चाहिये। अनेक वाधाएँ आती हैं। अपने लक्ष्य पर ध्यान रखने से सफलता जरुर मिलती है।
३. प्रस्तुत कविता का सारांश लिखो :
उत्तर: चलना हमारा काम है कविता के कवि हैं शिवमंगल सिंह सुमन इस कविता के माध्यम से कवि हमें सदा चलते रहने का पाठ पढ़ाते हैं। जीवन में अनेक प्रकार के विघ्न वाधाएँ आते रहते हैं। पर अपने लक्ष्य से नहीं भटकना चाहिए। जीवन में कभी सुख, कभी दुख कभी आशा, कभी निराशा, कभी हँसना, कभी रोना आते ही रहता है। इस सबसे ऊब कर अपने मन को निराश नहीं करना चाहिए। कर्तव्य पथ पर सब परेशानियों को झेलते हुए पूर्णता की खोज में सर्वदा आगे बढ़ते रहना चाहिए।
४. गद्य भाषा में लिखो :
(i) चलना हमारा काम है।
गति प्रबल पैरों में भरी
फिर क्यों रहूँ, दर-पर खड़ा,
जब आज मेरे सामने
है रास्ता इतना पड़ा।
उत्तर: चलना हमारा काम है। मेरे पैरों में प्रबल गति है तो फिर द्वार पर ही क्यों खड़ा रहूँ। जब मेरे सामने आज इतना बड़ा रास्ता पड़ा हुआ है।
(ii) में पूर्णता की खोज में
दर-दर भटकता ही रहा प्रत्येक पग पर कुछ न कुछ
रोड़ा अटकता ही रहा
होवे निराशा क्यों मुझे? जीवन इसी का नाम है।
उत्तर: मैं पूर्णता की खोज में द्वार-द्वार भटक रहा था। प्रत्येक जगह कुछ न कुछ वाधायें आते ही रहा, पर मैं निराश कभी नहीं हुआ। क्योंकि जीवन इसी का नाम है। चलना हमारा काम है।
५. सही विकल्प को चुनकर लिखो :
(i) ‘चलना हमारा काम है’ कविता के कवि का नाम है…….।
(क) मैथिलीशरण गुप्त।
(ख) कबीर दास।
(ग) शिवमंगल सिंह सुमन।
(घ) सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला।
उत्तर: ‘चलना हमारा काम है’ कविता के कवि का नाम।
(ग) शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।
(ii) कवि के अनुसार जीवन में हमें सिर्फ।
(क) खेलते रहना है।
(ख) पड़ते रहना है।
(ग) खाते रहना है।
(घ) चलते रहना है।
उत्तर: कवि के अनुसार जीवन में हमें सिर्फ
(घ) चलते रहना है।
(iii) कवि के अनुसार हमारा नाम।
(क) मधु है।
(ख) राही है।
(ग) सुमन है।
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर: कवि के अनुसार हमारा नाम
(ख) राही है।
(iv) कवि के अनुसार जीवन…..
(क) आशा और निराशा से भरा है।
(ख) सुख-शान्ति से भरा है।
(ग) आनन्द और उल्लास से भरा है।
(घ) सिर्फ दुःखों से भरा है।
उत्तर: कवि के अनुसार जीवन
(क) आशा और निराशा से भरा है।
६. कविता के आस-पास :
(क) तुम गरीबों के पास जाकर क्या उपदेश देना चाहोगे?
उत्तर: हम गरीबों के पास जाकर यह उपदेश देना चाहेंगे कि यह जीवन आशा और निराशा से भरा है। अपने जीवन में आगे बढ़ते रहो।
(ख) जिसका जीवन प्रायः असफलताओं से भरा है, उसे तुम किस तरह फिर से आगे बढ़ने को कहोगे।
उत्तरः जिसका जीवन प्रायः असफलताओं से भरा है, उसे हम निराश होने से रोकेंगे। आशा और निराशा को छोड़ अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
(ग) यह सिद्ध करो कि सफलता और असफलता एक दुसरे के पूरक है।
उत्तर: सफलता और असफलता में अन्योन्याश्रय संबन्ध है। जैसे जीवन के बाद मृत्यु- मृत्यु के बाद जीवन सुख के बाद दुःख-दुःख के बाद सुख अनिवार्य है उसी तरह सफलता के बाद असफलता और असफलता के बाद सफलता भी अनिवार्य है केवल अपने राह पर चलते रहना है। पल
७. भाषा अध्ययन :
1. निम्नलिखित शब्दों से वाक्यों बनाओ :
उत्तरः प्रबल – राम का प्रबल ईच्छा है ताजमहल देखने का।
विराम – मास्टर जी गत वर्ष अपने कार्य से विराम ले लिए।
शाश्वत – कर्म करने पर फल शाश्वत सत्य है।
मंजिल – विद्यार्थी को अन्य कार्यों को छोड़ अपने मंजिल पर ध्यान देना चाहिए।
अभिराम – अपने कर्म पथ पर चलते रहो सफलता अभिराम है।
भेद-भाव – किसी के प्रति मन में भेद-भाव नहीं रखनी चाहिए।
2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम रूप लिखो :
उत्तर: आज – कल।
मिलना – विछरना।
जीवन – मृत्यु, मरण।
पूर्ण – अपूर्ण।
आशा – निराशा।
पाना – खोना।
सुख – दुःख।
सफलता – असफलता, विफलता।
पठित – अपठित।
संयोग – वियोग।
उत्तीर्ण – अनुत्तीर्ण।
कटू – मधुर।
3. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखो :
(i) जीसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु।
(ii) अतिथि का सत्कार – आतिथ्य।
(iii) उपजाऊ भूमि – उर्वरा, उपजाऊ।
(iv) अनुपजाऊ भूमि – ऊसर, बंजर।
(v) किए गए उपकार को माननेवाला – कृतज्ञ।
(vi) किए गए उपकार को न माननेवाला – कृतघ्न।
(vii) सदा-सदा के लिए रहना – जीवन पर्यन्त।
(viii) जो बहुत बोलता हो – बाचाल।
(ix) जो कम बोलता हो – मितभाषी।
(x) मत देने का अधिकार – मताधिकार।