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NIOS Class 10 Hindi Chapter 10 पढ़ें कैसे
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पढ़ें कैसे
Chapter: 10
पाठगत प्रश्न – 10.1 |
सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर सही (✔) का निशान लगाइए:
1. पढ़ने का अभ्यास हो जाने पर हम।
(क) एक-एक अक्षर अलग-अलग पढ़ते हैं।
(ख) कई अक्षर एक साथ पढ़ते हैं।
(ग) कई शब्द प्रवाह के साथ पढ़ते हैं।
(घ) कई वाक्यांश एक साथ पढ़ते हैं।
उत्तर: (ग) कई शब्द प्रवाह के साथ पढ़ते हैं।
2. असली पढ़ना कहलाता है, सामग्री में दिए गए।
(क) शब्दों को समझना।
(ख) अक्षरों को पहचानना।
(ग) वाक्यांशों को पढ़ना।
(घ) दिए गए विचार को समझना।
उत्तर: (घ) दिए गए विचार को समझना।
3. पढ़ने के कौशल के इन चरणों को सही क्रम में लगाइए।
(क) शब्दों के अर्थ जानना।
(ख) कही गई बात पर विचार कर केंद्रीय भाव ग्रहण करना।
(ग) अक्षरों तथा उनसे बने शब्दों को पहचानना।
(घ) पाठ्य सामग्री को तीव्र गति से मन-ही-मन पढ़ना।
(ङ) पढ़ने के साथ-साथ उसका अर्थ भी समझते चलना।
उत्तर: (ग) अक्षरों तथा उनसे बने शब्दों को पहचानना।
(क) शब्दों के अर्थ जानना।
(ङ) पढ़ने के साथ-साथ उसका अर्थ भी समझते चलना।
(घ) पाठ्य सामग्री को तीव्र गति से मन-ही-मन पढ़ना।
(ख) कही गई बात पर विचार कर केंद्रीय भाव ग्रहण करना।
पाठगत प्रश्न – 10.2 |
दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. सामग्री पढ़ते समय निम्नलिखित में से क्या आवश्यक नहीं है-
(क) शब्दों से नए शब्द बनाना।
(ख) निष्कर्ष निकालना।
(ग) तथ्यों-घटनाओं का आपसी संबंध पहचानना।
(घ) वाक्यांशों को एक साथ पहचानना।
उत्तर: (क) शब्दों से नए शब्द बनाना।
2. निम्नलिखित कहानी को ध्यानपूर्वक पढ़िए और दिए गए कथनों के सामने सही (✔) और गलत (x) का निशान लगाइए।
दोपहर का खाना खाकर किसान ने अपने बर्तन धोए। वहाँ एक अजनबी घुड़सवार आया। वह उसके गाँव की ओर जा रहा था। उसने सोचा क्यों न ये बर्तन इस घुड़सवार के हाथों घर भेज दूँ। मुझे इन्हें ढोना नहीं पड़ेगा। उसने घुड़सवार से निवेदन किया, “आप मेरे गाँव से गुज़र रहे हैं। क्यों न आप ही ये बर्तन मेरे घर छोड़ दें।” घुड़सवार ने मना कर दिया। कहा- “मेरे पास घर ढूँढ़ने का समय नहीं है।” और आगे बढ़ गया। आधे मील की दूरी पर पहुँचकर वह सोचने लगा ‘गलती हो गई, मुझे तो मुफ्त में ही बर्तन मिल रहे थे। न मैं उसे जानता हूँ न वह मुझे। बर्तन अपने घर तो ले ही जा सकता हूँ।’ यह सोच कर वह वापस आया और किसान से बोला, “क्या फ़र्क पड़ता है, आपके गाँव से गुज़र तो रहा ही हूँ। आप मुझे बर्तन दे दीजिए।” किसान ने मुसकुराते हुए कहा, “जो तुमने सोचा वही मैंने भी सोचा।”
(क) एक किसान ने भोजन शाम को खाया था।
उत्तर: गलत।
(ख) घुड़सवार से उसकी अच्छी जान पहचान थी।
उत्तर: गलत।
(ग) किसान बर्तन अपने घर भिर्जचाना चाहता था।
उत्तर: सही।
(घ) घुड़सवार ने पहले मना कर दिया, क्योंकि वह किसान के घर का पता नहीं जानता था।
उत्तर: सही।
(ङ) आधे रास्ते पहुँचकर घुड़सवार ने सोचा कि सेवा करने में कोई हर्ज नहीं है, पता ढूँढ़ा जा सकता है।
उत्तर: गलत।
(च) घुड़सवार कुछ सोचकर अपने घर चला गया।
उत्तर: गलत।
(छ) किसान ने बर्तन अंततः घुड़सवार को दे दिए।
उत्तर: गलत।
(ज) किसान ने सोचा ऐसे अनजाने व्यक्ति को बर्तन नहीं देने चाहिए।
उत्तर: सही।
पाठगत प्रश्न – 10.3 |
निम्नलिखित अनुच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
जनसंख्या की वृद्धि भारत के लिए आज एक विकट समस्या बन गई है। यह समाज की सुख-संपन्नता के लिए एक भयंकर चुनौती है। महानगरों में कीड़े- मकोड़ों की भाँति अस्वास्थ्यकर घाँसलों में आदमी भरा पड़ा है- न धूप, न हवा, न पानी, न दवा, पीले-दुर्बल, निराश चेहरे। यह संकट अनायास नहीं आया है। संतान को ईश्वरीय विधान और वरदान माननेवाला भारतीय समाज ही इस रक्तबीजी संस्कृति के लिए जिम्मेदार है। चाहे खिलाने को रोटी और पहनाने को वस्त्र न हों, शिक्षा को शुल्क और रहने को छप्पर न हो, लेकिन अधभूखे, अधनंगे बच्चों की कतार खड़ी करना हर भारतीय अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझता है। यही कारण है कि प्रतिवर्ष एक ऑस्ट्रेलिया यहाँ की जनसंख्या में जुड़ता चला जा रहा है। यदि इस जनवृद्धि पर नियंत्रण न हो सका तो हमारे सारे प्रयोजन और आयोजन व्यर्थ हो जाएँगे। धरती पर पैर रखने की जगह नहीं बचेगी। भारत की जनसंख्या इसी गति से बढ़कर सन् 2000 में एक अरब तक जा पहुँची।
(क) जनसंख्या वृद्धि भारत के विकास के लिए चुनीती क्यों है?
उत्तर: विकास के साधन सीमित हैं, और जनसंख्या असीमित। अतः जनसंख्या वृद्धि विकास के लिए चुनौती बन गई है।
(ख) समाज की सुख संपन्नता जनसंख्या पर कैसे आश्रित है?
उत्तर: अच्छा भोजन, घर, पहनने के लिए वस्त्र, शिक्षा सुविधाएँ आदि सुख-संपन्नता के आधार हैं। ये सबको तभी मिल सकते हैं, जब जनसंख्या नियंत्रित हो।
(ग) भारतीय जनसंख्या की तुलना आस्ट्रेलिया से क्यों की गई?
उत्तर: भारत में प्रत्येक वर्ष उतनी जनसंख्या वृद्धि होती है, जितनी ऑस्ट्रेलिया देश की कुल जनसंख्या है। अतः भारत की जनसंख्या की वृद्धि की तीव्रता को बताने के लिए इसकी तुलना आस्ट्रेलिया से की गई है।
(घ) इस अनुच्छेद का सार एक तिहाई शब्दों में लिखिए।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
(ङ) इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर: ‘जनसंख्या वृद्धि’, ‘भारत देश की बढ़ती जनसंख्या’, ‘भारत की जनसंख्या-विकट समस्या’, ‘एक अरबः बस कर अब’ आदि जैसे उपयुक्त शीर्षक।
(च) निम्नलिखित शब्दों के अर्थ शब्दकोश से देखकर लिखिए- विकट, चुनौती, अनायास,अधिकार प्रयोजन।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
(छ) निम्नलिखित शब्दों से उचित उपसर्ग और प्रत्यय अलग कीजिए- अस्वास्थ्यकर, भारतीय, प्रतिवर्ष, प्रयोजन।
उत्तर: उपसर्ग – अ, प्रति, प्र
प्रत्यय – कर, ईय
पाठगत प्रश्न – 10.4 |
सही कथन पर (✔) का और गलत कथन पर (x) का निशान लगाइए:
1. यह कविता बादलों के बारे में है।
उत्तर: गलत।
2. यह कविता बूँद के बारे में है।
उत्तर: सही।
3. यह कविता बूँद के भयभीत होने के बारे में है।
उत्तर: सही।
4. यह कविता बूँद के भाग्य के बारे में है।
उत्तर: सही।
5. कवि कहना चाहता है कि हमें नई स्थितियों में ढलना चाहिए।
उत्तर: सही।
6. कवि कहना चाहता है कि हमें साहसी होना चाहिए।
उत्तर: सही।
7. कवि कहना चाहता है कि भाग्य के भरोसे नहीं रहना चाहिए।
उत्तर: सही।
8. यह कविता उद्यमी और साहसी लोगों के बारे में है।
उत्तर: गलत।
9. यह कविता डरपोक लोगों के बारे में है।
उत्तर: सही।
10. यह कविता भाग्यवादी लोगों के बारे में है।
उत्तर: सही।
पाठांत प्रश्न |
1. निम्नलिखित अनुच्छेदों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(क) भारत जैसा सुंदर और महान देश दूसरा कौन-सा है, जिसके उत्तर में हिमालय जैसा विश्व प्रसिद्ध विशाल पर्वत है। इस पर्वत को हम देवताओं का स्वर्ग कहें, ऋषियों का तपोवन कहें, प्राकृतिक सुषमा का भंडार कहें, पवित्र निर्मल जलाशयों का आगार कहें, हिम का मुकुट कहें, उत्तर का प्रहरी कहें या संसार का सौंदर्य कहें या जो कुछ भी कहें, वह पूर्ण रूप से सत्य होगा। इस पुण्यभूमि का भारत के इतिहास से गहरा संबंध है। भूगोल का यह मानदंड है। मंदिरों का यह क्षेत्र है। तीर्थ यात्रियों के लिए यह धर्म भूमि है और सैलानियों के लिए स्वर्ग।
विशाल हिमालय पर्वत की श्रेणियाँ कश्मीर से असम तक फैली हुई हैं। इन श्रेणियों में अमरनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्तरी, यमुनोत्तरी आदि अनेक तीर्थ स्थान हैं, जिनके दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों के निवासी लालायित रहते हैं। इसी पर्वत श्रेणी में कश्मीर है, जो पृथ्वी का स्वर्ग कहलाता है।
प्रश्न |
1. हिमालय को प्राकृतिक सुषमा का भंडार क्यों माना गया है?
उत्तर: हिमालय को प्राकृतिक सुषमा का भंडार इसलिए माना गया इस पर्वत को हम देवताओं का स्वर्ग कहते है और ऋषियों का तपोवन, प्राकृतिक सुषमा का भंडार है, पवित्र निर्मल जलाशयों का आगार है और हिम का मुकुट है।
2. कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग क्यों कहा गया है?
उत्तर: कश्मीर को पृथ्वी का स्वर्ग इसलिए कहा गया है क्योंकि कश्मीर से असम तक फैली हुई हैं। इन श्रेणियों में अमरनाथ, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्तरी, यमुनोत्तरी आदि अनेक तीर्थ स्थान हैं, जिनके दर्शन के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों के निवासी लालायित रहते हैं।
3. भारत की सुंदरता और महानता का श्रेय हिमालय को क्यों दिया गया है।
उत्तर:इस पुण्यभूमि का भारत के इतिहास से गहरा संबंध है। भूगोल का यह मानदंड है। मंदिरों का यह क्षेत्र है। तीर्थ यात्रियों के लिए यह धर्म भूमि है और सैलानियों के लिए स्वर्ग है।
4. इस अनुच्छेद का एक तिहाई शब्दों में सार लिखिए।
उत्तर: हिमालय और उनके तीर्थ स्थलों के सौंदर्य और धार्मिक महत्व की महिमा।
5. इस अनुच्छेद का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर: “हिमालय: भारतीय सभ्यता के आध्यात्मिक और प्राकृतिक केंद्र”।
2. निम्नलिखित कविता की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़िए। फूलों से नित हँसना सीखो, भौरों से नित गाना।
तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना।
सूरज की किरणों से सोखो, जगना और जगाना।
लता और पेड़ों से सोखो, सबको गले लगाना।
दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना।
पृथ्वी से सीखो जीवों की सच्ची सेवा करना।
जलधारा से सीखो आगे, जीवन पथ पर बढ़ना।
और धुएँ से सीखो हरदम, ऊँचे ही पर चढ़ना।
सत्पुरुषों के जीवन से सीखो चरित्र निज गढ़ना।
अपने गुरु से सीखो बच्चों, उत्तम विद्या पढ़ना।
अब निम्नलिखित प्रश्नों के एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए-
1. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ हमें क्या सिखाती हैं?
उत्तर: वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ हमें विनम्रता सिखाती हैं।
2. दीपक किसका प्रतीक है?
उत्तर: दीपक प्रकाश का प्रतीक है।
3. अंधेरा किसका प्रतीक है?
उत्तर: अंधेरा अज्ञान का प्रतीक है।
4. अपने गुरुओं से हमें क्या सीखना चाहिए?
उत्तर: अपने गुरुओं से हमें उत्तम विद्या पढ़ना चाहिए।
5. वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ, हमें क्या संदेश देती हैं और इस संदेश का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?
उत्तर: वृक्ष की झुकी हुई डालियाँ हमें विनम्रता का संदेश देती हैं और इस संदेश का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है।
6. जलधार हमें क्या संदेश देती है? इस संदेश को प्राप्त कर हम अपने जीवन में कैसे आगे बढ़ सकते हैं?
उत्तर: जलधारा हमें जीवन में आगे बढ़ने का संदेश देती है।
7. गुरु जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है। कैसे?
उत्तर: गुरु जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाता है, शिक्षा और मार्गदर्शन।
8. निम्नलिखित पक्ति का आशय स्पष्ट कोजिए-
(क) ‘दीपक से सीखो जितना हो सके अँधेरा हरना।’
उत्तर: हमे दिए से सीखना चाहिए कि बुरी बातो को अपने ही अंदर रखना चाहिए और अच्छे ज्ञान की रोशनी चारो तरफ फैलानी चाहिए।
(ख) ‘सत्पुरुषों के जीवन से सीखो निज चरित्र गढ़ना।
उत्तर: विश्व भर में, सत्पुरुषों के जीवन ने हमें अनेक मूल्यवान सिख दिए हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण उनमें से एक है निज चरित्र गढ़ने का उदाहरण। सत्पुरुषों के जीवन के अध्ययन से हमें यह सिखने को मिलता है कि निज चरित्र क्या होता है और कैसे हम अपने जीवन में इसे स्थापित कर सकते हैं।