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NCERT Class 7 Social Science Hamare Atit Chapter 5 जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
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जनजातियाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
Chapter: 5
हमारे अतीत-२
1. आपके विचार में मुग़लों ने अहोम प्रदेश को जीतने का प्रयास क्यों किया?
उत्तर: हमारे विचार में मुग़लों ने अहोम प्रदेश को जीतने का प्रयास निम्नलिखित कारणों से किया–
(i) उसकी भूमि उपजाऊ थी तथा उसमें अनेक प्रकार की फसलें पैदा होती थीं।
(ii) मुग़ल अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे।
(iii) चूंकि अहोम राज्य काफी विस्तृत था इसलिए यह राजस्व का भी अच्छा स्रोत था।
फिर से याद करें |
1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ:
गढ़ | खेल |
टांडा | चौरासी |
श्रमिक | कारवाँ |
कुल | गढ़ कटंगा |
सिब सिंह | अहोम राज्य |
दुर्गावती | पाइक |
उत्तर:
गढ़ | चौरासी |
टांडा | कारवाँ |
श्रमिक | पाइक |
कुल | खेल |
सिब सिंह | अहोम राज्य |
दुर्गावती | गढ़ कटंगा |
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
(क) वर्षों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ __________ कहलाती थीं।
उत्तर: वर्षों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ उपजातियाँ कहलाती थीं।
(ख) __________ अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
उत्तर: बुरंजी अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
(ग) ___________ ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
उत्तर: अकबरनामा ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने ___________ और ____________ को भूमि-अनुदान दिए।
उत्तर: बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने मंदिर बनवाए और ब्राह्मणों को भूमि-अनुदान दिए।
3. सही या गलत बताइएः
(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्ध वाचक परंपराएँ थीं।
उत्तर: सही।
(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाय नहीं था।
उत्तर: गलत।
(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिला कर चौरासी बनता था।
उत्तर: गलत।
(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।
उत्तर: गलत।
4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था?
उत्तर: खानाबदोश पशुचारकों और खेतिहरों के बीच वस्तु विनिमय होता था, जिसके तहत एक वस्तु को देकर दूसरे वस्तु को प्राप्त करना होता था। खानाबदोश पशुचारक अपने पशुओं से प्राप्त उत्पाद जैसे दूध, मांस, ऊन आदि को खेतिहरों को देते थे। बदले में, खेतिहर अपनी फसलों से प्राप्त अनाज, सब्जियाँ, फल आदि खानाबदोश पशुचारकों को देते थे। कुछ खानाबदोश रास्ते में पड़ने वाले गाँवों और नगरों में सामानों की खरीद-फरोख्त भी करते थे।
आइए समझें |
5. अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?
उत्तर: अहोम प्रशासन को संगठन निम्न प्रकार से संगठित था–
(i) सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक अहोम प्रशासन केंद्रीकृत हो चुका था।
(ii) अहोम समाज कुलों में विभाजित था जिन्हें खेल कहा जाता था।
(iii) एक किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बगैर राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था।
(iv) अहोम समाज कुलों में विभाजित था। बाद में कुलों में एकता भंग हो गई।
(v) अहोम राज्य में सभी वयस्क पुरुष युद्ध के दौरान सेना में अपनी सेवाएँ प्रदान करते थे। दूसरे समय में वे बाँध, सिंचाई व्यवस्था इत्यादि के निर्माण या सार्वजनिक कार्यों में जुटे रहते थे।
6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर: वर्ण आधारित समाज में आए परिवर्तन—
(i) वर्गों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं। उदाहरण के लिए, ब्राह्मणों के बीच नयी जातियाँ सामने आईं।
(ii) कई जनजातियों व सामाजिक समूहों को जातियों का दर्जा-कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जातीयसमाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें नई जातियों का दर्जा दिया गया।
(iii) शिल्पियों को जाति के रूप में मान्यता-विशेषज्ञता प्राप्त शिल्पियों, जैसे– सुनार, लोहार, बढई और राजमिस्त्रीको, भी ब्राह्मणों द्वारा जाति के रूप में मान्यता दे दी गई।
(iv) ब्राह्मणों द्वारा शिल्पियों, सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्री को जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई।
(v) जाति सामाजिक संगठन का आधार-अब वर्ण के स्थान पर सामाजिक संगठन का आधार जाति बन गयी थी।
7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?
उत्तर: एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में कई तरह से बदलाव आए। हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश परंपराओं में से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई कुल राजपूत मान लिए गए। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ, जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई लेकिन केवल प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो सके।
आइए विचार करें |
8. क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर: हाँ, बंजारे लोग अर्थव्यवस्था की दृष्टि से कई तरह से महत्त्वपूर्ण थेः
(i) बंजारे लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे।
(ii) वे एक स्थान पर उपलब्ध सस्ते सामान को खरीदकर दूसरे स्थान पर बेचते थे।
(iii) सल्तनत काल में बंजारे नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई किया करते थे।
(iv) कभी-कभी बंजारों को बड़े व्यापारियों द्वारा व्यापार के उद्देश्य से नियुक्त किया जाता था।
(v) बंजारे विभिन्न इलाकों से अपने बैलों पर अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे।
(vi) वे मुगल सेना के लिए भी अनाज की आपूर्ति करते थे।
9. गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
उत्तर: गोंड तथा अहोमों के इतिहास की भिन्नताएँ-
(i) गोंड गोंडवाना प्रदेश की प्रमुख जनजाति थी जबकि अहोम ब्रह्मपुत्र घाटी में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति थी।
(ii) गोंड यहाँ के मूल निवासी थे, जबकि अहोम म्यानमार से आकर बसे थे।
(iii) गोंड आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं जानते थे जबकि अहोम उच्च स्तरीय बारूद और तोपों के निर्माण में सक्षम थे।
(iv) गोंडों का राज्य अहोम राज्य से बड़ा था।
(v) गोंडों का राज्य अहोम राज्य से बड़ा था।
(vi) गोंड राज्य मुगल राज्य में मिला लिया गया, जबकि अहोम राज्य को मुगलों ने हराया लेकिन प्रत्यक्ष रूप से मुगलों ने वहाँ शासन नहीं किया।
आइए करके देखें |
10. एक मानचित्र पर इस अध्याय में उल्लिखित जनजातियों के इलाकों को चिह्नित करें। किन्हीं दो के संबंध में यह चर्चा करें कि क्या उनके जीविकोपार्जन का तरीका अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक विशेषताओं और पर्यावरण के अनुरूप था?
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।
11. जनजातीय समूहों के संबंध में मौजूदा सरकारी नीतियों का पता लगाएँ और उनके बारे में एक बहस का आयोजन करें।
उत्तर: आदिवासी आबादी के प्रति वर्तमान सरकार की नीतियां बहुत सकारात्मक हैं। जैसे—
(i) आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार हो रहा है।
(ii) सड़क, पानी, बिजली जैसी सुविधाएँ बढ़ाई गई हैं।
(iii) सरकार भी उनकी सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित है।
(iv) सरकार आदिवासी आबादी के समग्र उत्थान के लिए गतिविधियाँ कर रही है।
12. उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारी समूहों के बारे में और पता लगाएँ। वे कौन-से जानवर रखते हैं? वे प्रायः किन इलाकों में जाते रहते हैं?
उत्तर: उपमहाद्वीप में वर्तमान में खानाबदोश चरवाहे समूह हैं – पश्चिमी हिमालय में रहने वाले गद्दी चरवाहे, जम्मू और कश्मीर में रहने वाले गुर्जर बकरवाल, राजस्थान में रहने वाले बंजारा। ये खानाबदोश लोग भेड़, बकरी और ऊंट पालते हैं। वे अक्सर उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और राजस्थान के कुमाऊं क्षेत्र का दौरा करते हैं।