NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले

NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले Solutions to each chapter is provided in the list so that you can easily browse through different chapters NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले and select need one. NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले Question Answers Download PDF. NCERT Class 7 Hindi Solutions.

NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले

Join Telegram channel

Also, you can read the NCERT book online in these sections Solutions by Expert Teachers as per Central Board of Secondary Education (CBSE) Book guidelines. CBSE Class 7 Hindi Solutions are part of All Subject Solutions. Here we have given NCERT Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले and Textbook for All Chapters, You can practice these here.

संघर्ष के कारण मैं तुनकमिजाज हो गया: धनराज पिल्ले

Chapter: 18

वसंत भाग – 2 

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्न

प्रश्न- 1. धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी कब खेली? उस समय उनका शरीर कैसा था?

उत्तर: धनराज ने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी 1985 में मणिपुर में खेली। उस समय उनका शरीर बहुत दुबला-पतला था और चेहरा छोटे बच्चे जैसा था। 

2. धनराज का व्यक्तित्व कैसा था?

उत्तर: धनराज का व्यक्तित्व लड़ाकू का था। वे मैदान पर भी और मैदान से बाहर भी लड़ते थे। उनका दबदबा बना रहता था।

3. 1986 में धनराज और उसके भाई ने क्या किया?

उत्तर: 1986 में धनराज और उनके बड़े भाई रमेश ने मुंबई लीग में श्रेष्ठ खेल खेला और खूब धूम मचाई।

4. धनराज को किस बात से मायूसी हुई? यह कैसे खत्म हुई?

उत्तर: धनराज को विश्वास था कि उन्हें 1988 के ओलंपिक कैप का बुलावा जरूर आएगा, पर 57 खिलाड़ियों की सूची में उनका नाम नहीं था। इससे उन्हें मायूसी हुई। यह मायूसी अगले साल ऑलविन एशिया कप के कैंप के चुनाव पर दूर हुई।

5. किस बात का सम्बन्ध किससे है?

उत्तर: विनीता पांडे ने पूछा था कि वे इतने तुनकमिज़ाज क्यों हैं तथा वे कभी-कभी हिंसक भी क्यों हो जाते हैं। इस बात का सम्बन्ध धनराज पिल्लै से है।

6. धनराज ने अपने स्वभाव के बारे में क्या सफाई दी?

उत्तर: धनराज ने अपने स्वभाव के बारे में यह सफाई दी कि वे बचपन से ही स्वयं को असुरक्षित महसूस करते रहे हैं। उन्होंने अपनी माँ को बहुत संघर्ष करते देखा है।

7. वे अपनी तुनकमिज़ाजी का क्या कारण बताते हैं?

उत्तर: उन्होंने अपनी तुनकमिजाजी का कारण यह बताया कि वे अपनी बात बिना लाग-लपेट के कहने वाले इंसान हैं। उनकी बुद्धि में जो आती है, उसे तुरंत कह डालते हैं। वे कई बार इसके लिए पछताते भी हैं।

8. उनके व्यक्तित्व की क्या विशेषता है?

उत्तर: उनके व्यक्तित्व की यह विशेषता है कि वे भावुक हैं और दूसरों की तकलीफ को नहीं देख सकते। वे अपने दोस्तों और परिवारजनों की बहुत इज़्ज़त करते हैं। वे गलती होने पर माफी भी माँग लेते हैं।

9. पहले खिलाड़ी को कितना इनाम मिलता था?

उत्तर: पहले खिलाड़ी को इनाम में बहुत थोड़े रुपये मिलते थे जबकि आज काफी मिलते हैं। 

10. धनराज किसे अपनी पहली जिम्मेदारी मानते थे?

उत्तर: धनराज अपनी पहली जिम्मेदारी अपने परिवार की आर्थिक तंगी को दूर करना मानते थे। वे परिवार को बेहतर जिंदगी देना चाहते थे।

11. 1994 में खरीदा फ्लैट कैसा है?

उत्तर: खेलों की कमाई से धनराज ने 1994 में पुणे के भाऊ पाटिल रोड पर दो बेडरूम का एक छोटा-सा फ्लैट खरीदा। यह छोटा जरूर था, पर उनके परिवार के लिए काफी था। 

12. बाद में उसे कहाँ और कैसा फ्लैट मिला?

उत्तर: बाद में महाराष्ट्र सरकार ने उसे पवई में एक अच्छा फ्लैट दिया। यह फ्लैट उनकी हैसियत से बढ़ कर है।

बहुविकल्पी प्रश्न

सही उत्तर चुनकर लिखिए- 

1. जब धनराज ने अपनी पहली जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली तब उनकी आयु कितनी थी?

(क) 14 वर्ष।

(ख) 15 वर्ष।

(ग) 16 वर्ष।

(घ) 18 वर्ष।

उत्तर: (ग) 16 वर्ष।

2. ‘लड़ाकू’ शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?

(क) लड्।

(ख) डाकू।

(ग) आकू।

(घ) कू।

उत्तर: (ग) आकू।

3. धनराज को किस बात से मायूसी हुई?

(क) 1988 के ओलंपिक के नेशनल कैंप से बुलावा न आने पर।

(ख) एशियन कप के कैंप से बुलावा न आने पर।

(ग) बेहतरीन न खेल पाने पर। 

(घ) 57 खिलाड़ियों की लिस्ट में नाम होने पर।

उत्तर: (क) 1988 के ओलंपिक के नेशनल कैंप से बुलावा न आने पर।

4. धनराज हमेशा से अपने आपको कैसा इंसान महसूस करते आए हैं?

(क) सुरक्षित।

(ख) असुरक्षित।

(ग) क्रोधी।

(घ) अच्छा।

उत्तर: (ख) असुरक्षित।

5. ‘जेहन’ शब्द कैसा है?

(क) तत्सम।

(ख) तद्भव।

(ग) देशज।

(घ) विदेशी।

उत्तर: (ख) तद्भव।

6. धनराज के स्वभाव में इनमें से क्या है?

(क) तुनकमिजाजी।

(ख) भावुकता।

(ग) चिड़चिड़ापन।

(घ) ये सभी बातें।

उत्तर: (क) तुनकमिजाजी।

4. धनराज किसकी कद्र करता है?

(क) परिवार की।

(ख) दोस्तों की।

(ग) माँ की।

(घ) इन सभी की।

उत्तर: (घ) इन सभी की।

5. धनराज की पहली जिम्मेवारी क्या थी? 

(क) परिवार की आर्थिक तंगी दूर करना। 

(ख) घर वालों को एक बेहतर जिंदगी देना। 

(ग) क-ख दोनों।

(घ) कुछ नहीं।

उत्तर: (क) परिवार की आर्थिक तंगी दूर करना।

6. धनराज ने अपना पहला फ्लैट कहाँ खरीदा?

(क) मुंबई में।

(ख) पवई में।

(ग) पुणे में।

(घ) दिल्ली में।

उत्तर: (ग) पुणे में।

7. बाद में किस सरकार ने धनराज को एक फ्लैट दिया?

(क) महाराष्ट्र सरकार ने। 

(ख) केन्द्र सरकार ने।

(ग) गुजरात सरकार ने।

(घ) केरल सरकार ने।

उत्तर: (क) महाराष्ट्र सरकार ने।

4. धनराज किस खेल का प्रसिद्ध खिलाड़ी है? 

(क) क्रिकेट।

(ख) हॉकी।

(ग) फुटबॉल।

(घ) कबड्डी।

उत्तर: (ख) हॉकी।

प्रश्न-अभ्यास 

>> भेंटवार्ता से

प्रश्न 1. साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।

उत्तर: साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की जो छवि उभरती है, वह इस प्रकार है- 

धनराज पिल्लै गरीबी में पला-बढ़ा एक स्वाभिमानी व्यक्ति है। उसने अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया है। वह स्वयं को बहुत असुरक्षित अनुभव करता रहा है अतः उसके स्वभाव में तुनकमिज़ाजी आ गई है। वह अपनी माँ तथा भाभी का बहुत सम्मान करता है। वह देश के लिए खेलने में गर्व का अनुभव करता है। पहले वह अपने रंग-रूप को लेकर हीन भावना का शिकार था, पर अब वह इससे उबर चुका है।

प्रश्न 2. धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक का सफर तय किया है। लगभग सौ शब्दों में इस सफर का वर्णन कीजिए।

उत्तर: धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक का सफर धैर्यपूर्वक संपन्न किया है। उनका जन्म पुणे की तंग गलियों में हुआ। उनका परिवार बहुत गरीब था अतः उनका बचपन मुश्किलों में बीता। उन्हें हॉकी खेलने का शौक तो था, पर हॉकी की स्टिक खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। वे दोस्तों से स्टिक माँगकर खेलते थे। उन्हें अपनी पहली स्टिक अपने भाई से मिली। वे पढ़ने में भी फिसड्डी थे, पर हॉकी के शौक ने उन्हें ज़मीन से उठाकर आसमान का सितारा बना दिया। इस सफर में उन्हें जूनियर-सीनियर टीमों में खेलना पड़ा। उन्हें पहली कार महिंद्रा ग्रुप ने दी थी जो सेकंड हैंड थी। अब तक हॉकी का यह सितारा मुंबई की लोकल ट्रेनों तथा बसों में ही सफर करता था। बाद में उसने अपनी कमाई और लोन से फोर्ड आइकॉन कार खरीदी।

हॉकी ने उन्हें काफी कुछ दिया। धन मिला, महाराष्ट्र सरकार ने पवई में एक फ्लैट दिया। वे लोगों में अत्यधिक लोकप्रिय हो गए। राष्ट्रपति से भी उन्हें मिलने का अवसर मिला। अनेक अभिनेताओं तथा अभिनेत्रियों ने उनके खेल की प्रशंसा की। इस प्रकार वे आसमान का सितारा बन गए।

प्रश्न 3. “मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है”-धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?

उत्तर: धनराज पिल्लै की इस बात का यह अर्थ है कि उनकी माँ ने उन्हें विनम्र बने रहने के संस्कार दिए हैं। प्रायः लोग प्रसिद्धि में पगला जाते हैं और इसे सहज भाव से स्वीकार नहीं कर पाते। धनराज पिल्लै के व्यक्तित्व के निर्माण में उनकी माँ का बहुत बड़ा योगदान है और माँ ने उन्हें विनम्रता का संस्कार दिया है। वे अपनी माँ के प्रति बहुत सम्मान का भाव रखते हैं।

>> साक्षात्कार से आगे

प्रश्न 1. ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।

उत्तर: ध्यानचंद हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी थे। उनकी स्टिक से हॉकी की बाल करिश्मा कर दिखाती थी। उनके समय में भारत ने हॉकी का स्वर्ण पदक कई बार जीता। सारा संसार उन्हें ‘हॉकी का जादूगर’ मानता था।

प्रश्न 2. किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?

उत्तर: हॉकी का खेल सारे भारत में खेला जाता है। यह सभी जगह अत्यंत लोकप्रिय है। भारत इस खेल में कई बार स्वर्ण पदक भी जीत चुका है। अतः इसे राष्ट्रीय खेल माना जाता है।

प्रश्न 3. आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें। उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।

उत्तर: विद्यार्थी समाचार-पत्रों में छपने वाले साक्षात्कार पढ़ें। अपनी रुचि का व्यक्ति चुनें तथा उनके जीवन एवं कार्यों से संबंधित प्रश्न तैयार करें।

>> अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1. “यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए” – क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।

उत्तर: हाँ, हम धनराज की इस बात से सहमत हैं। शोहरत के साथ पैसा भी आए, यह जरूरी नहीं है।

प्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्ला खाँ को देश-विदेश में शोहरत तो खूब मिली, पर उसके अनुरूप उन्हें पैसा नहीं मिला। वे अंत समय तक आर्थिक तंगी से जूझते रहे। गरीबी में ही उनकी मृत्यु हुई।

प्रश्न 2. (क) अपनी गलतियों के लिए माफी माँगना आसान होता है या मुश्किल?

उत्तर: अपनी गलतियों के लिए माफी माँगना आसान होता है, बशर्ते आप झूठे अहं के शिकार न हों।

(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं?

उत्तर: हाँ, मैं तो अपनी गलती के लिए माफी माँग लेता हूँ। मेरे एक-दो पड़ोसी भी माफी माँग लेते हैं। पर मेरा दाई ओर वाला पड़ोसी बड़ा तुनकमिजाज है, वह अपनी गलती के लिए माफी नहीं माँगता।

(ग) माफी माँगना मुश्किल होता है या माफ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए। 

उत्तर: माफ करना। जब कोई व्यक्ति छोटी सी गलती पर मुझसे माफी माँगता है तब मुझे उसे माफ करना कठिन लगता है। पर अंततः मैं उसे माफ कर ही देता हूँ। माफ करने से पहले मैं उसे उसकी गलती का अहसास अवश्य करा देता हूँ।

>> भाषा की बात

प्रश्न 1. नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-

प्रेरणाप्रेरकप्रेरित
संभवसंभावितसंभवत:
उत्साहउत्साहितउत्साहवर्धक

उत्तर: (के) प्रेरणा: मुझे माता जी से प्रेरणा मिली।

 प्रेरक: महात्माओं के वचन प्रेरक होते हैं।

प्रेरित: मैंने राम को परोपकार के लिए प्रेरित किया।

(ख) संभव: आज उसका आना संभव है।

संभावित: मेरी संभावित यात्रा सकुशल संपन्न होगी।

संभवत: वह संभवतः यह काम न कर सके।

(ग) उत्साह: मैदान में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बनता था। 

उत्साहित: मैं मुंबई जाने के लिए बहुत उत्साहित था। 

उत्साहवर्धक: यह समाचार उत्साहवर्धक है।

प्रश्न 2. तुनकमिज़ाज शब्द तुनक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे-बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।

उत्तर: चंद्रमा – चाँद, चंदा, चंद्र

मनुष्य – मानव, मानुस, मनुज

सूरज – सूर्य, सुर्ज, सूर्या

धरती – धरा, धरिणी, धरित्री 

प्रश्न 3. हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे-फुटबालके खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।

उत्तर: 1. क्रिकेट खेल में मेरी रुचि है। इससे संबंधित शब्द कुछ निम्न हैं:

विकेट: क्रिकेट की डंडियाँ।

रन आउट:  जो दौड़कर विकेट तक नहीं पहुँच पाता।

छक्का: छह रन बनाना (बिना टप्पा खाये गेंद बाउंड्री से पार हो जाए)।

चौका: चार रन (जब बॉल बाउंड्री से बाहर टप्पा खाकर जाए)। 

फॉलोऑन: दो पारियाँ एक साथ खेलना।

एंपायर: जौ मैच संचालन करता है।

विकेटकीपर: जो विकिट के पीछे बॉल पकड़ता है।

फील्डिंग: जो खिलाड़ी बॉल लपकते हैं। 

2. हॉकी – (अन्य खेल)

गोलकीपर: गोल की रक्षा करता है।

पेनल्टी शूट: पेनल्टी मिलने पर विपक्षी टीम के गोल करने का मौका।

हॉकी स्टिक: जिससे गेंद खेली जाती है।

हाफ लाइन: पूरे मैदान को दो हिस्सों में बराबर बाँटती है। 

रैफरी: मैच का संचालन करने वाला।

कुछ करने को:

• एक अलबम तैयार करो। 

इसमें 10 खिलाड़ियों के चित्र चिपकाकर उनके जीवन एवं खेल के बारे में लिखो।

 – क्रिकेट के पाँच खिलाड़ी – हॉकी के तीन खिलाड़ी – फुटबॉल का एक खिलाड़ी – एक महिला खिलाड़ी

परीक्षोपयोगी अन्य आवश्यक प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पी प्रश्न

1. संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिजाजी हो गया’ पाठ किस विधा पर आधारित है?

(क) एकांकी।

(ख) संस्मरण।

(ग) जीवनी।

(घ) साक्षात्कार।

उत्तर: (घ) साक्षात्कार।

2. धनराज का बचपन कहाँ बीता?

(क) “अमृतसर में। 

(ख) मुंबई में।

(ग) खिड़की नामक गाँव में।

(घ) दिल्ली में।

उत्तर: (ग) खिड़की नामक गाँव।

3. धनराज ने किस उम्र में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली?

(क) चौदह साल में।

(ख) पंद्रह साल में।

(ग) सोलह साल में। 

(घ) सत्रह साल में।

उत्तर: (ग) सोलह साल में।

4. ‘बैचलर ऑफ हॉकी’ कहने का अभिप्राय क्या है? 

(क) हॉकी में ग्रेजुएट।

(ख) वरिष्ठ खिलाड़ी।

(ग) हॉकी खेल में पारंगत।

(घ) हॉकी सिखानेवाला।

उत्तर: (ग) हॉकी खेल में पारंगत।

5. धनराज ने कहीं आने-जाने के लिए किस वाहन का प्रयोग करते थे?

(क) बस।

(ख) मोटर साइकिल।

(ग) कार।

(घ) लोकल ट्रेन।

उत्तर: (घ) लोकल ट्रेन।

6. धनराज को जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलों के लिए कब चयनित किया गया था?

(क) 1980

(ख) 1985

(ग) 1990

(घ) 1995

उत्तर: (ख) 1985

7. धनराज ने कितनी कक्षा तक पढ़ाई की?

(क) नौवीं।

(ख) दसवीं।

(ग) ग्यारहवीं।

(घ) बारहवीं।

उत्तर: (ख) दसवीं।

8. महाराष्ट्र सरकार ने धनराज को कैसे सम्मानित किया?

(क) कार भेंट कर।

(ख) फ़्लैट भेंट कर।

(ग) स्वर्ण पदक देकर।

(घ) मोटर साइकिल देकर।

उत्तर: (ख) फ़्लैट भेंट कर।

9. धनराज को हॉकी का शौक किसके कारण उत्पन्न हुआ?

(क) माता-पिता के प्रोत्साहन से। 

(ख) स्टार खिलाड़ियों को खेलते देखकर।

(ग) बड़े भाइयों को खेलते देखकर।

(घ) ध्यानचंद के बारे में पढ़कर।

उत्तर: (ग) बड़े भाइयों को खेलते देखकर।

10. धनराज में खिलाड़ियों का एक महत्त्वपूर्ण गुण  था। वह गुण था:

(क) उनकी ईमानदारी। 

(ख) उनकी सत्यता।

(ग) उनका साहस।

(घ) उनका जुझारूपन।

उत्तर: (घ) उनका जुझारूपन।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. धनराज पिल्लै किस खेल के प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं? 

उत्तर: धनराज पिल्लै हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी हैं।

प्रश्न 2. साक्षात्कार से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: साक्षात्कार में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के आमने-सामने बैठकर प्रश्नों द्वारा बातचीत करता है।

प्रश्न 3. धनराज पढ़ाई में कैसे थे? 

उत्तर: धनराज पढ़ने में एकदम फिसड्डी थे।

प्रश्न 4. धनराज ने कृत्रिम घास पर सबसे पहले हॉकी कब खेली? 

उत्तर: 1988 में जब वे राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने नई दिल्ली आए।

प्रश्न 5. धनराज की पहली कार कौन-सी थी?

उत्तर: धनराज की पहली कार एक सेंकेंड हैंड महेन्द्रा अरमाड़ा थी। 

प्रश्न 6. धनराज को सबसे अधिक प्रेरणा किससे मिली?

उत्तर: उन्हें सबसे अधिक प्रेरणा अपनी माँ से मिली। 

प्रश्न 7. साक्षात्कार का क्या अर्थ है?

उत्तर: साक्षात्कार का अर्थ है किसी से मिलकर आमने-सामने की बातचीत करना।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. धनराज का बचपन कैसा बीता?

उत्तर: धनराज का बचपन बहुत गरीबी में बीता। उनका बचपन मुश्किलों से भरा था। उन्हें तथा उनके भाइयों के पालन-पोषण में उनकी माँ को भारी संघर्ष करना पड़ा था। धनराज हॉकी खेलने के लिए एक स्टिक तक नहीं खरीद पाते थे। वे पढ़ाई में भी फिसड्डी थे।

प्रश्न 2. धनराज के व्यक्तित्व की क्या विशेषताएँ हैं? 

उत्तर: धनराज का व्यक्तित्व कुछ इस प्रकार का है कि वह कभी हमें हँसाता है तो कभी रुलाता है। वह कभी विस्मय से भर देता है तो कभी खीझ उत्पन्न करता है। उनके व्यक्तित्व में कई रंग और कई भाव हैं।

प्रश्न 3. धनराज ने विधिवत् रूप से हॉकी खेलना कब शुरू किया?

उत्तर: जब धनराज केवल 16 वर्ष के थे तभी उन्होंने 1985 में मणिपुर में जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेली। 1986 में उसे सीनियर टीम में डाल दिया गया। इसके एक साल बाद उन्हें ऑलविन एशिया कप के कैंप के लिए चुन लिया गया। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

प्रश्न 4. धनराज ने अपनी माँ के बारे में क्या कहा?

उत्तर: धनराज ने कहा कि उन्हें सबसे अधिक प्रेरणा अपनी माँ से ही मिली। उन्होंने हम सब भाई-बहनों में अच्छे संस्कार डालने की कोशिश की। मैं उनके सबसे अधिक निकट हूँ। मैं कहीं भी हूँ, रात सोने से पहले माँ से बात अवश्य कर लेता हूँ।

प्रश्न 5. धनराज को किस बात की मायूसी हुई? यह कैसे खत्म हुई?

उत्तर: धनराज का विश्वास था कि उन्हें 1988 के ओलंपिक कैंप का बुलावा जरूर आएगा, पर 57 खिलाड़ियों की सूची में उनका नाम नहीं था। इससे उन्हें मायूसी हुई। यह मायूसी अगले साल ऑलविन एशिया कप के कैंप के चुनाव पर दूर हुई।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. धनराज का हॉकी खेलने का सफ़र कैसे चला? 

उत्तर: धनराज का बचपन काफ़ी आर्थिक संघर्षों के बीच गुजरा। उनके पास बचपन में तो हॉकी खरीदने के भी पैसे न थे। जब उनके मित्र खेल चुके होते थे, तो उनसे हॉकी स्टिक माँगकर खेलने का अभ्यास करते थे। जब उनके बड़े भाई को भारतीय कैंप के लिए चुना गया तो उन्होंने इन्हें अपनी हॉकी स्टिक दी जो इनकी अपनी थी। उसी से अभ्यास करके पहली बार 16 वर्ष की आयु में सन् 1985 में इन्हें जूनियर राष्ट्रीय हॉकी खेलने का अवसर मणिपुर में प्राप्त हुआ। सन् 1986 में इन्हें सीनियर टीम में शामिल कर लिया गया। इसी वर्ष ऑलविन एशिया कप के कैंप में भी इन्हें चुना गया। इसके बाद वे निरंतर सफलता की सीढ़ियाँ ही चढ़ते रहे और लोगों के प्रिय ‘हॉकी’ खिलाड़ी बन गए।

प्रश्न 2. ‘धनराज पिल्लै कुशल खिलाड़ी होने के साथ-साथ अच्छे इंसान भी हैं।’ स्पष्ट कीजिए। 

उत्तर: धनराज पिल्लै बचपन से ही जुझारू प्रकृति के थे। उन्होंने अपने जीवन में केवल संघर्ष देखे। बचपन से ही उन्हें हॉकी का शौक था। किंतु दुर्भाग्य ऐसा कि हॉकी स्टिक खरीदने तक के पैसे नहीं थे। अपने बड़े भाई के संसर्ग से ही वे हॉकी में आए। सन् 1985 में उन्होंने अपनी जूनियर राष्ट्रीय हॉकी मणिपुर में खेली। उनका दबदबा ऐसा था कि कोई उनसे भिड़ना नहीं चाहता था। उन्हें सीनियर टीम में शामिल किया गया। उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ मुंबई लीग में इतना अच्छा खेला कि चारों ओर उनकी धूम मच गई। कहा जाता है कि धनराज पिल्लै कुशल खिलाड़ी हैं। वे दिल के बड़े साफ हैं और स्पष्टवादी भी उतने ही। मन में जो आता है, सीधे-सीधे कह डालते हैं। वे बड़े भावुक इंसान भी हैं। वे किसी को तकलीफ़ में नहीं देख सकते। वे अपने दोस्तों और अपने परिवार की काफी इज्जत करते हैं। उन्हें अपनी गलतियों के लिए माफी माँगने में कोई हिचकिचाहट नहीं होती। इस प्रकार धनराज पिल्लै कुशल खिलाड़ी होने के साथ-साथ एक बेहद सीधे, सरल और अच्छे इंसान हैं।

मूल्यपरक प्रश्न

प्रश्न: धनराज पिल्लै के जीवन से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर: धनराज पिल्लै के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि कभी भी गरीबी या धन की की कमी अपने लक्ष्य प्राप्ति में बाधा मत मानो। निरंतर अभ्यास सफलता दिलाता है। माँ और परिवार के सदस्यों का सदा आदर करो। कभी किसी भी प्रकार का अन्याय सहन मत करो। सफलता की बुलंदी के बाद भी पैर जमीन पर होने चाहिए।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top