NCERT Class 12 Psychology Chapter 6 अभिवृत्ति एवं सामाजिक संज्ञान

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NCERT Class 12 Psychology Chapter 6 अभिवृत्ति एवं सामाजिक संज्ञान

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Chapter: 6

समीक्षात्मक प्रश्न

1. अभिवृत्ति को परिभाषित कीजिए। अभिवृत्ति के घटकों की विवेचना कीजिए।

उत्तर: अभिवृत्ति (Attitude) एक मानसिक अवस्था है, जो किसी विषय-वस्तु के प्रति विचारों का एक समूह होती है, जिसमें मूल्यांकनात्मक विशेषता (सकारात्मक, नकारात्मक या तटस्थ) होती है।

अभिवृत्ति के तीन घटक (A-B-C मॉडल) होते हैं:

(i) संज्ञानात्मक घटक (Cognitive) – संबंधित विचार या विश्वास।

(ii) भावनात्मक घटक (Affective) – भावना या भावनात्मक प्रतिक्रिया।

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(iii) व्यवहारात्मक घटक (Behavioral) – व्यवहार करने की प्रवृत्ति या झुकाव।

2. क्या अभिवृत्तियाँ अधिगत होती हैं? वे किस प्रकार से अधिगत होती हैं, व्याख्या कीजिए?

उत्तर: हाँ, अभिवृत्तियाँ अधिगत होती हैं।

ये निम्न तरीकों से अधिग्रहीत होती हैं-

(i) शिक्षक या माता-पिता से अनुकरण द्वारा

(ii) पुरस्कार या दंड के द्वारा सीखना।

(iii) पर्यवेक्षण द्वारा।

(iv) सामाजिक मानदंडों और सांस्कृतिक मूल्यों से।

(v) मीडिया और संचार माध्यमों के प्रभाव से।

3. अभिवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?

उत्तर: अभिवृत्ति निर्माण को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैं-

(i) परिवार और विद्यालय का परिवेश: यह एक महत्वपूर्ण कारक है जो किसी व्यक्ति के विचारों, भावनाओं और सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करता है। परिवार का परिवेश बच्चों में नैतिकता, संस्कार और सामाजिक मूल्यों का विकास करता है।

(ii) सामाजिक समूह: सामाजिक समूह वे लोग होते हैं जो समान हित, उद्देश्य या पहचान साझा करते हैं। ये समूह परिवार, मित्र मंडली, सहकर्मी, या सामुदायिक संगठन हो सकते हैं। सामाजिक समूहों का व्यक्ति के व्यक्तित्व, विचार और व्यवहार पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

(iii) व्यक्तिगत अनुभव: व्यक्तिगत अनुभव एक व्यक्ति के जीवन में हुई घटनाओं और उससे मिले सबक को दर्शाते हैं। ये अनुभव सकारात्मक या नकारात्मक हो सकते हैं, और वे व्यक्ति के सोचने, समझने और निर्णय लेने के तरीके को प्रभावित करते हैं।

(iv) संचार माध्यम (मीडिया): संचार माध्यम जैसे टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट, समाचार पत्र आदि व्यक्ति की जानकारी और दृष्टिकोण पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। मीडिया समाज में विचारों का प्रसार करता है और जनमत को प्रभावित करता है।

(v) सूचना की प्रकृति: सूचना की प्रकृति यह निर्धारित करती है कि वह कितनी सटीक, प्रामाणिक और उद्देश्यपूर्ण है। सूचनाओं में तथ्यात्मकता, प्रासंगिकता और नवीनता होना आवश्यक है।

(vi) स्रोत की विश्वसनीयता और आकर्षण: सूचना का स्रोत विश्वसनीय होना चाहिए ताकि पाठक या दर्शक उस पर विश्वास कर सके। स्रोत की प्रामाणिकता, विशेषज्ञता और निष्पक्षता इसकी विश्वसनीयता को प्रभावित करती है।

4. क्या व्यवहार सदैव व्यक्ति की अभिवृत्ति को प्रतिबिंबित करता है? एक प्रासंगिक उदाहरण देते हुए व्याख्या कीजिए।

उत्तर: नहीं, कई बार व्यक्ति की सोच कुछ और होती है लेकिन व्यवहार अलग होता है। अर्थात जब कोई स्रोत (जैसे कोई प्रसिद्ध व्यक्ति या प्रेरक) स्वयं अपने व्यवहार में परिवर्तन करके किसी विषय के प्रति अपनी अभिवृत्ति को वास्तविक रूप में बदलता है, तो वह दूसरों के लिए प्रेरणा बन सकता है। स्रोत की बदली हुई अभिवृत्ति और व्यवहार देखकर श्रोता या दर्शक भी अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की संभावना दिखाते हैं। यही प्रक्रिया अनुकरण या प्रसेनमूलक अभिगम कहलाती है।

उदाहरण: प्रीति एक आचार संहिता में पढ़ती है कि एक विशिष्ट शीतल पेय, जिसे वह बहुत पसंद करती है, स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। लेकिन वह देखती है कि उसी शीतल पेय का विज्ञापन उसके पसंदीदा खिलाड़ी द्वारा किया जा रहा है। प्रीति ने उस खिलाड़ी के साथ आत्मसात (तादात्म्य) कर लिया है और वह उसका अनुकरण करना चाहती है।

अब कल्पना कीजिए कि वही खिलाड़ी स्वयं उस शीतल पेय को छोड़कर किसी स्वास्थ्यवर्धक पेय को अपनाता है और सार्वजनिक रूप से यह दर्शाता है कि उसने अपनी आदत बदली है क्योंकि वह अपने प्रशंसकों के स्वास्थ्य की परवाह करता है। यदि खिलाड़ी वास्तव में अपने व्यवहार में परिवर्तन कर लेता है, तो यह संभावना प्रबल है कि प्रीति भी उसकी तरह अपने व्यवहार और अभिवृत्ति में परिवर्तन कर लेगी और हानिकारक शीतल पेय का सेवन बंद कर देगी।

5. पूर्वाग्रह एवं रूढ़धारणा में विभेदन कीजिए।

उत्तर: पूर्वाग्रह (Prejudice) और रूढ़धारणा (Stereotype) दोनों ही सामाजिक दृष्टिकोण से संबंधित अवधारणाएँ हैं, लेकिन इन दोनों में स्पष्ट अंतर होता है।

नीचे पूर्वाग्रह एवं रूढ़धारणा में विभेदन किया गया हैं-

पूर्वाग्रहरूढ़धारणा
यह किसी व्यक्ति, जाति, धर्म, लिंग या समूह के प्रति पूर्व निर्धारित नकारात्मक भावना है।यह किसी विशेष समूह के प्रति सामान्यीकृत सोच या मान्यता है, जो सही या गलत हो सकती है।
यह भावनात्मक होता है और बिना किसी ठोस कारण के नफरत, घृणा, या अस्वीकृति की भावना पैदा करता है।यह संज्ञानात्मक यानी सोच आधारित प्रक्रिया है।
यह अक्सर भेदभावपूर्ण व्यवहार को जन्म देता है।यह किसी व्यक्ति के बारे में उसकी समूह-सदस्यता के आधार पर राय बना लेती है।
उदाहरण: “मैं दलितों के साथ नहीं बैठ सकता, वे गंदे होते हैं।”उदाहरण: “सभी पंजाबी लोग मजाकिया होते हैं।”

6. पूर्वाग्रह भेदभाव के बिना एवं भेदभाव पूर्वाग्रह के बिना रह सकता है। टिप्पणी कीजिए।

उत्तर: पूर्वाग्रह और भेदभाव अक्सर एक-दूसरे से जुड़े होते हैं, लेकिन दोनों में मौलिक अंतर है और ये अलग-अलग भी हो सकते हैं।

पूर्वाग्रह बिना भेदभाव के:

पूर्वाग्रह एक आंतरिक नकारात्मक भावना है, जो किसी व्यक्ति या समूह के प्रति होती है।

लेकिन व्यक्ति सामाजिक, नैतिक या कानूनी कारणों से उस भावना को व्यवहार में नहीं लाता।

उदाहरण: एक शिक्षक को किसी विशेष जाति के छात्रों के प्रति पसंद नापसंद (पूर्वाग्रह) है, लेकिन वह कक्षा में सबको बराबर अंक देता है (भेदभाव नहीं करता)।

भेदभाव बिना पूर्वाग्रह के:

कई बार व्यक्ति या संस्था किसी नियम, आदेश या दबाव के कारण भेदभाव करती है, भले ही उसके मन में कोई नकारात्मक भावना न हो।

उदाहरण: एक निजी कंपनी का नियम है कि केवल 25 वर्ष से कम उम्र के उम्मीदवार ही नौकरी पा सकते हैं। इस कारण एक योग्य 30 वर्षीय व्यक्ति को नौकरी नहीं मिलती। यहाँ भेदभाव है, लेकिन कोई व्यक्तिगत पूर्वाग्रह नहीं है।

7. आपका मित्र बहुत अधिक अस्वास्थ्यकर भोजन करता है, आप भोजन के प्रति उसकी अभिवृत्ति में किस प्रकार से परिवर्तन लाएँगे?

उत्तर: किसी व्यक्ति की अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के लिए उसके तीनों घटकों – संज्ञानात्मक (विचार), भावनात्मक (भावना), और व्यवहारात्मक (प्रवृत्ति) – पर काम करना आवश्यक होता है।

मित्र की अस्वास्थ्यकर भोजन की आदत को बदलने के लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं:

(i) संज्ञानात्मक स्तर: उसे यह समझाना कि अस्वास्थ्यकर भोजन से मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। डॉक्टरों के वीडियो, लेख और स्वास्थ्य संबंधी प्रमाण दिखाकर उसके विचारों को प्रभावित किया जा सकता है। उसे यह भी बताया जाए कि स्वस्थ भोजन से शरीर में ऊर्जा, ध्यान और मानसिक स्थिरता बढ़ती है।

(ii) भावनात्मक स्तर: ऐसे लोगों के प्रेरणादायक उदाहरण देना जिन्होंने स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर जीवन में बदलाव लाया। उसकी पसंद के फिट व्यक्ति या अभिनेता का उदाहरण देना जो हेल्दी डाइट फॉलो करता हो।

(iii) व्यवहारिक स्तर: साथ बैठकर हेल्दी खाना खाना और नया स्वादिष्ट लेकिन पौष्टिक खाना ट्राय कराना। अस्वास्थ्यकर विकल्पों की जगह हेल्दी विकल्प जैसे– जूस की जगह फल, पैकेज्ड स्नैक्स की जगह सूखे मेवे देना।

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